नई दिल्ली ,16 मई 2023 /
मुंबई: पिछले साल भर से शेयर बाजार लगभग स्थिर रिटर्न दे रहा है। हालांकि, बीएसई सेंसेक्स 60 हजार के आसपास ही घूम रहा है। तब भी काफी निवेशक ऐसे हैं जो शेयर बाजार से दूर भागते हैं। उनका अभी भी भरोसा निवेश के पुराने साधनों में ही है। यदि आप भी एक रूढ़िवादी या पुरानी पद्धति का अनुसरण करने वाले निवेशक हैं। और एक डेट प्रोडक्ट में पैसा लॉक-इन नहीं करना चाहते हैं। तो इक्विटी सेविंग फंड इसका एक बेहतरीन विकल्प है। यह पेशकश एक प्रकार का हाइब्रिड फंड है जिसमें पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और इक्विटी आर्बिट्राज (मध्यस्थता) के अवसर मिलेंगे। नियमों के अनुसार, एक इक्विटी सेविंग स्कीम को इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट में कम से कम 65% निवेश करना चाहिए जबकि डेट में न्यूनतम आवंटन 10% से कम नहीं होना चाहिए।
सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों का है एक्सपोजर
इक्विटी सेविंग फंड में लगभग सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों का एक्सपोजर है। इसमें एचडीएफसी, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल, टाटा, महिंद्रा मेनुलाइफ, एसबीआई, निप्पोन इंडिया समेत तमाम कंपनियां शामिल हैं। लेकिन इनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इक्विटी सेविंग्स फंड का असेट अंडर मैनेजमेंट या एयूएम इस कटेगरी में सबसे बड़ा है। इस समय इसका इक्विटी सेविंग फंड का एयूएम 4,916.95 करोड़ रुपये का है। इस फंड का शुद्ध इक्विटी स्तर आमतौर पर 15-20% के साथ-साथ स्टॉक आर्बिट्रेज 50-55% तक होता है। इस तरह, ग्रॉस इक्विटी लेवल लगभग 70% पर बना रहता है। शेष 30% डेट के लिए आवंटित किया जाता है। इस अप्रोच के चलते यह फंड बढ़ते या गिरते इक्विटी बाजार को नेविगेट करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
जोखिम को रोकने के लिए बेहतर स्थिति
इस फंड की प्रकृति को देखते हुए कह सकते हैं कि यह फंड नियमित इक्विटी फंड या एग्रेसिव हाइब्रिड फंड कैटेगरी की तुलना में नकारात्मक जोखिम को रोकने के लिए बेहतर स्थिति में है। साथ ही, फंड में नियमित डेट फंड या पारंपरिक वित्तीय निवेश के रास्ते की तुलना में अधिक रिटर्न देने की क्षमता है। और, साथ ही साथ यह टैक्स बचाने की क्षमता भी रखता है। यह देखते हुए कि कुल इक्विटी आवंटन हमेशा 65% या उससे अधिक पर बनाए रखा जाता है। उल्लेखनीय है कि एक इक्विटी सेविंग फंड को टैक्स उद्देश्यों के लिए एक इक्विटी फंड की तरह माना जाता है।