नई दिल्ली,16 जनवरी 2023 /
हिंदुस्तान वालो, अब तो मान लो। बेचारे आडवाणी जी तो कब से कह रहे थे कि असली सेकुलर तो उनके संघ परिवार वाले ही हैं। बाकी सब तो नकली पंथनिरपेक्ष यानी स्यूडो सेकुलर हैं। बाबरी मस्जिद को, जो बाबर की तो छोड़ो, मस्जिद तक नहीं थी, बल्कि ढांचा भर थी और वह भी विवादित, जब मंदिर वहीं बनाएंगे का रामलला से, संघ-बंधुओं का जो गैर-चुनावी प्रामिस था, उसे पूरा करने के लिए टुकड़ा-टुकड़ा कर के हटाया गया था, उसके बाद तो अडवाणी जी ने हजारों बार यह बात कही थी। और तो और पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर फूल चढ़ाकर उन्हें भी अपना जैसा असली सेकुलर बताने के बाद भी, बार-बार अडवाणी जी ने यही बात कही थी। हाय! आडवाणी जी भगवाइयों के ‘‘मुख’’ से ‘‘आशीर्वाद-मंडल’’ हो गए, पर तुमने उनकी बात मानकर नहीं दी तो नहीं ही दी। पर अब तो जाग्रत हिंदुओं के भगवान नंबर तीन, भागवत जी ने भी कह दी है कि मुसलमान भी चाहें तो हिंदुस्तान में रह सकते हैं। बस जरा सी नजर नीची रखें, फिर तो चाहे घर वापसी किए बिना, मुसलमान बनकर भी हिंदुस्तान में रह सकते हैं! अब उनके असली सेकुलर होने का तुम्हें और क्या सबूत चाहिए, हिंदुस्तान वालो? बेचारे भगवाइयों की और कितनी परीक्षा लोगे! जाग्रत हिंदुओं धीरज की यूं परीक्षा पर परीक्षा और कब तक; अब तो अडवाणी युग खत्म होकर, अडानी युग भी आ गया!
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