मक्का की खेती देश में पूरे साल की जाती है. पानी की उपलब्धता होने पर अलग-अलग क्षेत्रों में किसान पूरे साल इसकी खेती करते हैं. अगर किसान धान के बजाए खरीफ सीजन में मक्का उगाएं तो उन्हें ज्यादा लाभ मिल सकता है. आइए जानते हैं धान के मुकाबले मक्का की खेती किसानों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकती है.
मक्का के खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर 68 हजार रुपये तक शुद्ध आय कमा सकते हैं. जबकि धान की खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर मात्र 35 हजार रुपये का ही शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं. इसलिए इस खबर में हम आपको बताएंगे कि खरीफ सीजन में मकई की खेती करना क्यों अधिक लाभदायक होता है. अधिक से अधिक किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और अपनी आय को बढ़ा सकते हैं.
खरीफ में मक्का की खेती के फायदे
कम पानी की आवश्यकत्ता: मक्का की फसल में बहुत कम पानी की आवश्यकत्ता होती है. जहां एक ओर मक्का के उपज में 627-628 मिमी/हेक्टेयर पानी की आवश्यकता है जबकि धान को उपजाने में औसतन 1000- 1200 मिमी/हेक्टेयर पानी की आवश्यकता होती है.
कम अवधि: मक्के का विकास चक्र धान की तुलना में छोटा होता है. जिससे किसानों को अपनी फसल तेजी से काटने एवं बेचने में सुविधा मिलती है.
उच्च उपज क्षमता: खरीफ मक्का का औसत उपज 50-55 क्विंटल/हेक्टेयर है. जबकि धान का औसत उपज 35-40 क्विंटल/हेक्टेयर है.
कीट और रोग का दबाव कम: मक्का में धान के मुकाबले कीट का प्रकोप कम होता है और कीट प्रबंधन की लागत भी कम आती है.
उच्च बाजार मांग और कीमतें: खरीफ मक्के की कटाई आम तौर पर रबी मक्के से पहले की जाती है और यह बाजार में तब उपलब्ध होता है जब आपूर्ति अपेक्षाकृत कम होती है. जिससे किसानों को काफी अच्छा दाम मिलता है.
फसल चक्र के लाभ: खरीफ मक्का को गेहूं या दालों जैसी अन्य फसलों के साथ चक्र में उगाया जा सकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार हो सकता है और कीटों और बीमारियों का जमाव कम हो सकता है.
विविधीकरण का अवसर: खरीफ मक्का फसल विविधीकरण का अवसर प्रदान करता है, जिससे एक ही फसल (जैसे धान) उगाने से जुड़े जोखिम कम हो जाते हैं.