नई दिल्ली,09 फरवरी 2023/ उच्च न्यायालय ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को कर्मचारियों के अवैध फोन टैपिंग से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में जमानत दे दी. ईडी ने पिछले साल सितंबर में 2009 और 2017 के बीच एनएसई कर्मचारियों के फोन टैपिंग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी.
चार्जशीट एनएसई के रामकृष्ण और रवि नारायण और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ दायर की गई थी.
रामकृष्ण, जो पहले से ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में जमानत पर हैं, को न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने जमानत दे दी.
पिछले साल अगस्त में राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.
हाई कोर्ट ने 8 दिसंबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख संजय पांडेय को भी जमानत दे दी थी.
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा था कि व्यक्ति की अनुमति के बिना फोन टैपिंग या रिकॉडिर्ंग कॉल गोपनीयता का उल्लंघन है.
न्यायमूर्ति सिंह ने उल्लेख किया कि बिना सहमति के फोन कॉल को टैप करना या कॉल रिकॉर्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है.
बता दें, ईडी के अनुसार, फोन टैपिंग का मामला 2009 से 2017 की अवधि से संबंधित है, जब एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और प्रमुख (परिसर) महेश हल्दीपुर और अन्य ने एनएसई और उसके कर्मचारियों को धोखा देने की साजिश रची थी. और इस उद्देश्य के लिए, एनएसई की साइबर कमजोरियों का आवधिक अध्ययन करने की आड़ में एनएसई के कर्मचारियों के फोन कॉल्स को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को लगाया.
गौरतलब है कि इससे पहले सितंबर में, उन्हें सीबीआई द्वारा जांच की जा रही सह-स्थान घोटाला मामले में चित्रा रामकृष्ण और पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन को जमानत दी गई थी. दिसंबर 2022 में, उन्हें एनएसई कर्मचारियों के कथित अवैध फोन टैपिंग से संबंधित एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी थी. रामकृष्ण को विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर जमानत दी.