रायपुर. 21 दिसंबर 2022.डाॅ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में सर्जरी विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. प्रो. मंजू सिंह ने यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया से प्रिंसिपल्स ऑफ ब्रेस्ट आंकोप्लास्टी में तीन वर्षीय डिग्री कोर्स एमसीएच पूरा किया। डाॅ. मंजू सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन साल पहले जब मैंने इस कोर्स की शुरूआत की थी तब ब्रेस्ट की गंभीर बीमारियों में एमआरएम (मोडिफाइड रेडिकल मेस्टेक्टोमी – स्तनों को हटाने की एक सर्जिकल प्रक्रिया) ही किया जाता था। आंकोप्लास्टी की अवधारणा हमारे लिए नई थी। फिर मैंने आंकोप्लास्टी से संबंधित कई सम्मेलनों में भाग लेना शुरू किया और यह महसूस किया कि आंकोप्लास्टी स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित होगा लेकिन सर्जरी विभाग की प्रोफेसर होने के नाते आंकोप्लास्टी के फायदों के बारे में लोगों को समझाना थोड़ा मुश्किल था। अतः मैंने अपनी योग्यता के प्रमाणन के लिए इस क्षेत्र में अपनी डिग्री को और आगे बढ़ाने का फैसला लिया और प्रिंसिपल्स ऑफ ब्रेस्ट आंकोप्लास्टी में तीन वर्षीय डिग्री कोर्स एमसीएच, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया (यूके) से पूरा किया और अब छत्तीसगढ़ में ब्रेस्ट आंकोप्लास्टी में मास्टर डिग्री करने वाली एकमात्र सर्जन हूं।
डाॅ. मंजू सिंह ने बताया कि स्तन कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के दौरान पूरे स्तनों को न हटाकर स्तन संरक्षण सर्जरी के माध्यम से स्तनों के आकार और समरूपता को बनाये रखना ब्रेस्ट आंकोप्लास्टी की विशेषता है। इसके साथ ब्रेस्ट आंकोप्लास्टी के जरिये असामान्य आकार के दोनों स्तनों के आकार को ठीक किया जा सकता है। डॉ. मंजू सिंह की इस उपलब्धि से पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं इससे सम्बद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में संचालित ब्रेस्ट क्लिनिक में आने वाले महिला मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।