नई दिल्ली,01 दिसम्बर 2022\ रवीश कुमार एनडीटीवी से इस्तीफा दे चुके हैं। अब वह अपने यूट्यूब चैनल पर ही दिखेंगे। हालिया उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा, “आज की शाम एक ऐसी शाम है, जहां चिड़िया को उसका घोंसला नहीं दिख रहा क्योंकि उसे कोई दूसरा ले गया है। लेकिन उस चिड़िया के पास खुला आसमान जरूर है। मैंने यहां 26 साल गुजारे हैं। अब ये यादें दोस्तों के बीच सुनने-सुनाने के काम आएंगी।
बता दें कि रवीश कुमार साल 1996 में एनडीटीवी से जुड़े थे और तभी से चैनल के साथ थे। पिछले ढाई दशकों में के दौरान रवीश कुमार के तमाम प्रोग्राम, मसलन- ‘रवीश की रिपोर्ट’, ‘हम लोग’, ‘देश की बात’ और ‘प्राइम टाइम’ जैसे खासा चर्चित रहे।
NDTV से जाने के बाद नहीं हुई अर्णब गोस्वामी से बात
आपको बता दें कि कभी अर्णब गोस्वामी भी एनडीटीवी का हिस्सा थे। बाद में वे अलग हो गए। रवीश कुमार बताते हैं एनडीटीवी छोड़ने के कुछ दिन बाद तक अर्णब से बात हो जाया करती थी, हाय…हैलो जैसी। लेकिन उसके बाद बात नहीं हुई। अर्णब, ऑक्सफोर्ड से पढ़े हैं। शायद, ऑक्सफोर्ड के इतिहास में वह सबसे खराब स्टूडेंट होंगे। सात-आठ सौ साल के इतिहास में किसी ने इतना खराब न्यूज प्रजेंटर नहीं देखा।
धमकी की वजह से रास्ता बदलकर चलना पड़ा था
रवीश कुमार कहते हैं कि मुझे लगातार धमकियां मिलती रही हैं। पहले अपनी जिंदगी खुलकर जीता था, लेकिन बंदूक के साये में जीना किसे पसंद है? मुझे धमकियां एक खास वर्ग और विचारधारा के लोगों से मिलीं, जो अब बहुत पावरफुल हो गए हैं। कई बार ऐसा हुआ कि मुझे बार-बार रास्ता बदलना पड़ा। बताया गया कि इस रास्ते से मत जाइये, खतरा है। रवीश कहते हैं कि मुझसे ज्यादा मेरे परिवार ने इसकी कीमत चुकाई, खासकर बच्चे। लॉकडाउन के दौरान मैंने इस बात को और करीब से समझा। कहीं जाता हूं तो लोग छिपकर बच्चों की तस्वीरें लेने लगते हैं। बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ता है।
10वीं क्लास में हटा दिया था सरनेम
रवीश कुमार जब दसवीं में थे, उन्हीं दिनों अपने नाम से सरनेम हटा दिया था। बाद में सरनेम पांडेय की जगह सिर्फ रवीश कुमार लिखने लगे। रवीश कुमार अपने कई इंटरव्यू में इसकी वजह बताते हुए कहते हैं कि उन्होंने अपने गांव में जातिगत भेदभाव को बहुत करीब से देखा-महसूस किया था। इसी वजह से सरनेम हटाने का फैसला ले लिया था।