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  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जारी केरगा 10,000 करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड, जानें

    स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जारी केरगा 10,000 करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड, जानें

    नई दिल्ली, 08 अगस्त, 2023 /
    बेसिक इन्फ्रा बॉन्ड(Basic Infra Bond) प्रमुख डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की फंडिंग और देश की इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रमुख पब्लिक (Public Sector Banks in india) सेक्टर के बैंकों में से एक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के 10,000 करोड़ रुपये वैल्यू के बेसिक इन्फ्रा बॉन्ड (Basic Infra Bond) जारी करना बड़ा महत्व रखता है. ये बॉन्ड, एक प्रकार का लोन साधन, महत्वपूर्ण बेसिक इन्फ्रा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे जुटाने के लिए बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस द्वारा जारी किए जाते हैं |
    फंडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (Funding Infrastructure Projects)
    इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड(Infrastructure Bond) (Infrastructure Bond)बड़े पैमाने पर बेसिक इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स का सपोर्ट करने के लिए पैसे जुटाने के लिए एक महत्वपूर्ण टूल के तौर पर काम करते हैं. हाइवेज, ब्रिजेज, पोर्ट्स और एनर्जी सुविधाओं जैसी प्रोजेक्ट्स के लिए पर्याप्त इन्वेस्टमेंट की जरूरत होती है जो अक्सर सरकारों के बजटीय एलोकेशन से अधिक होता है. बेसिक इन्फ्रा बॉन्ड(Basic Infra Bond) जारी करके, SBI व्यक्तियों, संस्थागत इन्वेस्टर्स और भारत के बेसिक इन्फ्रा के विकास में भाग लेने में रुचि रखने वाली अन्य संस्थाओं से इन्वेस्टेमेंट जुटा सकता है.

    फंडिंग सोर्सेज का डायवर्सिफिकेशन
    दूसरे बैंकों की तरह, SBI भी लगातार अपने फंडिंग के स्रोर्सेज में डायवर्सिफिकेशन लाने के तरीके खोजता रहता है. बेसिक इन्फ्रा बॉन्ड (Basic Infra Bond) जारी करके, बैंक ट्रेडिशनल डिपॉजिट लेने वाली एक्टिविटीज की तुलना में पैसे के एक अलग पूल का इस्तेमाल कर सकता है. यह डायवर्सिफाइड रिस्क को कम करने और एक स्टेबल फंडिंग आधार सुनिश्चित करने में मदद करता है, जिससे SBI किसी एक फंडिंग सोर्स पर अधिक निर्भरता के बिना बेसिक इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को लगातार हेल्प प्रदान करने में सक्षम होता है.

    लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट करना (Long Term Investment)
    इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड(Infrastructure Bond) आम तौर पर लॉन्ग टर्म के साथ आते हैं, जो उन्हें स्थिर, लॉन्ग टर्म रिटर्न (Long Term Return) की तलाश करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए आकर्षक बनाते हैं. यह बेसिक इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स की प्रकृति के मुताबिक है, जिनका अक्सर रेवेन्यू क्रिएशन से पहले टेन्योर बढ़ा दिया जाता है. SBI द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड (Infrastructure Bond) जारी करने से इन प्रोजेक्ट्स की टेन्योर के लिए फंड देने के इच्छुक इन्वेस्टर्स से कैपिटल अट्रैक्ट हो सकती है.

    सरकारी पहलों का सपोर्ट
    सरकारें अक्सर बैंकों को अपने कांप्रीहेंसिव इकोनॉमिक और डेवलपमेंट एजेंडे के हिस्से के रूप में बेसिक इन्फ्रा बॉन्ड (Basic Infra Bond) जारी करने के लिए इंकरेज करती हैं. SBI का इस तरह के बॉन्ड जारी करना बेसिक इन्फ्रा के खर्च को बढ़ावा देने और इकोनॉमिक डेवलपमेंट को इंकरेज करने के भारत सरकार के प्रयासों के अनुरूप हो सकता है. इस पहल में भाग लेकर, SBI देश के डेवलपमेंट टार्गेट्स में कांट्रीब्यूट करता है.

    मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाना
    इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड (Infrastructure Bond) का सेकेंडरी मार्केट में कारोबार किया जा सकता है, जिससे मार्केट की लिक्विडिटी बढ़ती है. जिन इन्वेस्टर्स के पास ये बॉन्ड हैं उनके पास मैच्योरिटी से पहले इन्हें बेचने का विकल्प है, जिससे उनका आकर्षण बढ़ जाता है. SBI द्वारा बेसिक इन्फ्रा बांड (Basic Infra Bond) जारी करने से इन व्यापार योग्य टूल्स की उपलब्धता में योगदान होता है, जिससे मार्केट में एक्टिविटी को बढ़ावा मिलता है.

    रिस्क और रिटर्न को बैलेंस करना
    इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड (Infrastructure Bond), हालांकि इक्विटी इन्वेस्टमेंट की तुलना में अधिक सेक्योर्ड हैं, फिर भी उनमें एक निश्चित स्तर का रिस्क होता है. SBI इन बांडों को जारी करते समय रिस्क-रिवॉर्ड प्रोफ़ाइल का मूल्यांकन और बैलेंस करता है. ऐसे निर्गमों की सफलता के लिए SBI की क्रेडिट और इसके बेसिक इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्टर्स का ट्र्स्ट महत्वपूर्ण है.

    गौरतलब है कि SBI का 10,000 करोड़ रुपये के बेसिक इन्फ्रा बॉन्ड (Basic Infra Bond) जारी करने का फैसला भारत के बेसिक इन्फ्रा के डेवलपमेंट का सपोर्ट करने के लिए उसके कमिटमेंट पर फोकस करता है. ये बॉन्ड न केवल SBI को महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए पैसे जुटाने का साधन प्रदान करते हैं, बल्कि ट्रेड इकोनॉमिक आर्थिक और सरकारी पहलों के साथ भी जुड़ते हैं |

  • अबरार अहमद ने डेब्यू मैच में ही किया बड़ा धमाका…अश्विन-शमी को पीछे छोड़ा, जानें

    अबरार अहमद ने डेब्यू मैच में ही किया बड़ा धमाका…अश्विन-शमी को पीछे छोड़ा, जानें

    नई दिल्ली, 11 दिसम्बर 2022\ पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच मुल्तान में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में स्पिनर अबरार अहमद ने कमाल की गेंदबाजी की। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही 11 विकेट लेकर गदर मचा दिया है। Abrar Ahmed के सामने इंग्लिश बल्लेबाज घुटने टेकते नजर आए। अबरार ने पहली पारी में 7 विके, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 4 विकेट झटके।

    टेस्ट डेब्यू मैच में पाकिस्तान के स्पिनर अबरार अहमद ने 11 विकेट लेकर टीम इंडिया के दो दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है। भारत के लिए ऑफ स्पिनर अश्विन ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में कुल 9 विकेट लिए थे, जबकि मोहम्मद शमी ने भी डेब्यू टेस्ट में 9 विकेट चटकाए थे, लेकिन अबरार ने 11 विकेट अपने डेब्यू टेस्ट में लेकर यकीनन इन दोनों भारतीय गेंदबाजों को पीछे छोड़ दिया है।

    डेब्यू टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट किस गेंदबाज ने लिए हैं?

    डेब्यू टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं टीम इंडिया के स्पिनर नरेंद्र हिरवानी हैं। उन्होंने साल 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच में डेब्यू करते हुए कुल 16 विकेट हासिल किए थे। ये रिकॉर्ड आज तक कायम है।

    पाकिस्तान बनाम इंग्लैंड दूसरा टेस्ट मैच रिपोर्ट

    मुल्तान टेस्ट का तीसरा दिन चल रहा है। इंग्लैंड दूसरी इंनिग में 275 रन बनाकर आल आउट हो चुकी है। इंग्लैंड ने इस मैच में 354 रनों की लीड ले रखी है। इंग्लैंड की दूसरी पारी में बैन डकैत ने 79, जबकि हैरी ब्रूक ने 108 रनों की अहम पारी खेली। इसके अलावा कप्तान बेन स्टोक्स ने 41 रन बनाए और जो रूट ने 21 रनों का योगदान दिया। इन चार बल्लेबजों के अलावा दूसरी कोई भी खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया।

  • MCD चुनाव के रुझानों, नतीजों में क्या है कांग्रेस का हाल, जानें…

    MCD चुनाव के रुझानों, नतीजों में क्या है कांग्रेस का हाल, जानें…

    नई दिल्ली,07 दिसम्बर 2022\ के वोटों की गिनती शुरू हो गई है. शुरुआती रुझानों में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. रुझानों में बीजेपी (BJP) 111 सीटों और आप (AAP) 110 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि कांग्रेस अभी 9 सीटों पर है. ‘आप’ और भाजपा ने जीत दर्ज करने का विश्वास जताया है. वहीं कांग्रेस खोई हुई जमीन हासिल करना चाहती है. चुनाव पूर्व अधिकांश सर्वेक्षण में ‘आप’ की जीत का पूर्वानुमान लगाया गया है. इसमें भाजपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर है.

    दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 सालों से बीजेपी का शासन है. साल 2017 के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 पर जीत दर्ज की थी.‘आप’ ने 48 वार्ड और कांग्रेस ने 27 वार्ड जीते थे. उस साल करीब 53 प्रतिशत मतदान हुआ था.

    दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 250 वार्ड के लिए चार दिसंबर को मतदान हुआ था. जिसमें 1,349 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है. चुनाव में इस बार 50.48 प्रतिशत मतदान हुआ है. पूरी दिल्ली में कुल 42 काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं. सभी केंद्रों पर सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं. आप’ ने इस चुनाव में 138 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, वहीं भाजपा और कांग्रेस ने क्रमश: 136 और 129 को उम्मीदवार बनाया था.

    मतगणना केंद्र शास्त्री पार्क, यमुना विहार, मयूर विहार, नंद नगरी, द्वारका, ओखला, मंगोलपुरी, पीतमपुरा, अलीपुर और मॉडल टाउन जैसे क्षेत्रों में बनाए गए हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार सभी केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 20 टुकड़ियां और 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.