Tag: जयपुर में निर्भया कांड बस में अगवा कर महिला से दरिंदगी बेहोशी की हालत में फेंका

  • जयपुर में निर्भया कांड बस में अगवा कर महिला से दरिंदगी बेहोशी की हालत में फेंका

    जयपुर में निर्भया कांड बस में अगवा कर महिला से दरिंदगी बेहोशी की हालत में फेंका

    जयपुर/ 18 नवंबर 2023/16 दिसंबर 2012 की उस काली रात को कोई भूल नहीं सकता, जब दिल्ली में 6 दरिंदों ने चलती बस में एक लड़की के साथ गैंगरेप किया था. दिल्ली का निर्भया कांड आज भी याद करने पर दिल दहल जाता है.कुछ उसी तरह की वारदात राजस्थान की राजधानी जयपुर में सामने आई है. यहां बीते गुरुवार एक मिनी बस के ड्राइवर ने दिनदहाड़े एक महिला का अपहरण कर लिया. वारदात के वक्त महिला की सास उसके साथ में मौजूद थी. उसने लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई सामने नहीं आया. दूसरी तरफ पीड़िता का पति जब थाने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा, तो पुलिस ने डांट कर वहां से भगा दिया. देर रात महिला बेहोशी की हालत में सड़क किनारे पड़ी हुई मिली.इस वारदात की जानकारी होते ही एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता जब थाने पहुंचे, तब कहीं जाकर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया. पीड़िता के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी बस ड्राइवर को तत्काल गिरफ्तार कर लिया. पीड़िता ने जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर हर कोई सन्न है. किसी को सहज विश्वास नहीं हो रहा है कि कोई इतना बड़ा हैवान कैसे हो सकता है कि एक महिला के साथ रेप करने के बाद उसे मारने की नीयत से चलती बस से नीचे फेंक दे. उससे भी बड़ी बात पुलिस की भूमिका की है. यदि समय रहते इस मामले में पुलिस ने एक्शन लिया होता, तो शायद पीड़िता की इज्जत बच जाती. लेकिन पुलिस ने 24 घंटे आने की बात कहकर मामले को टाल दिया.

    मदद के लिए पुकारने पर भी लोगों ने की अनदेखी

    जानकारी के मुताबिक, पीड़िता का पति किसी काम से दूसरे शहर गया हुआ था. दोपहर का वक्त था. पीड़िता अपनी सास के साथ सब्जी लेने बाजार गई थी. उसी समय एक मिनी बस के ड्राइवर ने जबरन उसे बस के अंदर लिया. पीड़िता की सास मदद के लिए लोगों को आवाज देने लगी, लेकिन इसी बीच मौका देखकर बस लेकर भाग गया. सास ने उसके पति को सूचना दी. पीड़िता का पति शाम के समय हरमाड़ा थाने पहुंचा. उसने पुलिसवालों से अपनी पत्नी को बचाने की गुहार लगाई तो उन्होंने धमकाते हुए कहा कि वो खुद भागकर गई है. शाम तक वापस आ जाएगी. यदि 24 घंटे तक नहीं आती है, तब जाकर इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. निराश पति खुद अपनी पत्नी की तलाश करने लगा.

    शराब पिलाकर पीड़िता से रेप, घर के पास फेंका

    पीड़िता के पति के मुताबिक, आधी रात को उसकी पत्नी बेहोशी की हालत में घर से कुछ दूरी पर मिली. उसके चेहरे और शरीर पर चोट के निशान थे. उसके पास जाने पर पता चला कि आरोपी ने उसे जबरन शराब पिलाकर रेप किया है. राजस्थान में इस वक्त चुनाव चल रहा है. यही वजह है कि इस घटना की जानकारी होते एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए. उन्होंने पीड़िता के परिवार के साथ पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी. मामला बढ़ता देख पुलिस ने तुरंत केस दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू कर दी. मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपी बस ड्राइवर राजेन्द्र को हिरासत में ले लिया गया. आरोपी से इस मामले के बारे में पूछताछ की जा रही है.

    रेप के मामलों में टॉप पर राजस्थान, दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश

    नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर गौर करें तो राजस्थान में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं. साल 2020 के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप केस सामने आए थे. इस साल यहां 5 हजार 310 केस दर्ज हुए थे. राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का स्थान है, जहां 2 हजार 796 मामले आए थे. एनसीआरबी के मुताबिक, साल 2020 में देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3 लाख 71 हजार 503 केस दर्ज किए गए. हालांकि, ये आंकड़ा साल 2019 के तुलना में कम है. साल 2019 में 4 लाख 5 हजार 326 केस दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 में देशभर में रेप के 28 हजार 46 केस दर्ज किए गए थे. यानी, हर दिन औसतन रेप के 77 केस दर्ज किए गए थे.

    दिल्ली के निर्भया कांड से दहल उठा था देश

    साल 2012 में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को दहला दिया था. वसंत विहार में पैरा मेडिकल की छात्रा को उसके एक दोस्त के साथ बस में बंधक बना लिया गया. बस के ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर सहित छह लोगों ने पहले उन्हें जमकर मारापीटा. उसके बाद पीड़िता के दोस्त के सामने ही उसके साथ गैंगरेप किया गया था. इतना ही नहीं एक नाबालिग आरोपी ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड तक डाल दी थी. उसके बाद उसे निर्वस्त्र अवस्था में बस से बाहर फेंककर आरोपी फरार हो गए थे. इस जघन्य वारदात ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इस वारदात के बाद निर्भया के गुनहगारों को फांसी दिलाने में सात साल का समय लग गया. 20 मार्च, 2020 को चार दोषियों फांसी पर लटकाया गया.