Tag: जब डिजाइनर अफोर्ड करने के भी नहीं थे पैसे

  • जब डिजाइनर अफोर्ड करने के भी नहीं थे पैसे, गौरी ने शाहरुख के कहने पर डिजाइन किया था ‘मन्नत

    जब डिजाइनर अफोर्ड करने के भी नहीं थे पैसे, गौरी ने शाहरुख के कहने पर डिजाइन किया था ‘मन्नत

    नई दिल्ली ,16 मई 2023 /
    शाहरुख खान और गौरी खान को बॉलीवुड का सबसे आदर्श कपल माना जाता है। शाहरुख और गौरी ने हर फैसले और हर मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का हाथ थामे रखा। दोनों ने जिंदगी के हर ऊंचे-नीचे पड़ाव पर एक-दूसरे को सपोर्ट किया। शाहरुख ने 15 मई को गौरी खान की कॉफी टेबल बुक लॉन्च की और इस दौरान अपनी जिंदगी से जुड़े कुछ खुलासे किए। शाहरुख ने गौरी खान की वो खूबियां भी बताईं, जिन पर फिदा हैं। साथ ही Shah Rukh Khan ने अपने करियर की शुरुआती दिनों के बारे में भी बताया। शाहरुख ने कहा कि जब उनके पास घर को डिजाइन करने के लिए डिजाइनर अफोर्ड करने के पैसे नहीं थे, तो Gauri Khan ने ‘मन्नत’ डिजाइन किया था। गौरी खान, सिर्फ शाहरुख की पत्नी ही नहीं, बल्कि एक मशहूर इंटीरियर डिजाइनर भी हैं। उनकी इंटीरियर डिजाइनिंग की अपनी कंपनी है। अब गौरी खान ने My Life In Design के नाम से कॉफी टेबल बुक लॉन्च की है। इस किताब में गौरी खान ने एक इंटीरियर डिजाइनर के तौर पर अपनी जर्नी को दिखाया है।
    गौरी ने डिजाइन किया था ‘मन्नत’
    लॉन्च इवेंट पर शाहरुख ने बताया कि गौरी खान की इंटीरियर डिजाइनर के रूप में शुरुआत उनके घर ‘मन्नत’ से हुई थी। शाहरुख बोले, ‘जब हमने घर खरीदा तो हमें बहुत पसंद आया। लेकिन यह हमारी पहुंच से दूर था। लेकिन दिल्ली से था तो सोचा नहीं था कि मुंबई में अपार्टमेंट्स तो बंगले से भी महंगे होते हैं। इस बंगले से पहले हम ताज लेंड्स एंड पर एक घर में रहते थे। वह मेरे डायरेक्टर का घर था। उन्होंने हमें वह घर रहने के लिए दिया और कहा कि जब तक हम फिल्म बना रहे हैं, तुम इसमें रह सकते हो। हमारे पास ज्यादा पैसे नहीं थे और जब पैसे आए तो हमने बंगला खरीद लिया।
    इतनी सैलरी नहीं थी डिजाइन करवा सकें’
    शाहरुख ने आगे कहा, ‘लेकिन खरीदने के बाद भी बंगला हमारी पहुंच से दूर था। खरीदना एक अलग बात है, लेकिन यह टूटी हालत में था कि इसमें लगाने के लिए और पैसों की जरूरत थी। हमारे पास पैसे नहीं थे कि इसे फर्निश करवा सकें। फिर हमने डिजाइनर बुलाया, लेकिन उसने इतना खर्चा बता दिया कि तब मेरी सैलरी भी इतनी नहीं थी। तब मैंने गौरी की हेल्प ली। मैंने गौरी से कहा कि तुम्हारे अंदर कलाकारी है तो तुम क्यों नहीं डिजाइनर बन जातीं? तो इस तरह मन्नत की डिजाइनिंग शुरू हुई। हम जो भी पैसे कमाते वो मन्नत के लिए सामान खरीदने में लगा देते।