Tag: छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के नये आयाम

  • छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए हुए अनुकरणीय कार्य प्रियंका गांधी

    छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए हुए अनुकरणीय कार्य प्रियंका गांधी

    रायपुर,21 सितंबर 2023 /महिला समृद्धि सम्मेलन कार्यक्रम में शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों से संबंधित लगाई गई प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रीमती प्रियंका गांधी ने अवलोकन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के समग्र विकास के लिए चलाई जा रही नवाचारी योजनाओं की सराहना की और इसे अनुकरणीय बताया। दुर्ग जिले के भिलाई नगर स्थित जयंती स्टेडियम में 11 विभागों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान श्रीमती गांधी महिलाओं के साथ सुआ नृत्य में शामिल होकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। जयंती स्टेडियम में विभागीय प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान श्रीमती प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में चलाए जा रहे हाट-बाजार क्लीनिक और सुपोषण अभियान की तारीफ की। उन्होंने हाट बाजार क्लीनिक योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रारंभिक रूप से ही बीमारियों को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की यह पहल बहुत अच्छी है। इसी प्रकार उन्होंने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, जमीनी स्तर पर योजनाओं के बेहतर और प्रभावी क्रियान्वयन से कुपोषण दूर हो रहा है।

     


    श्रीमती गांधी ने महिलाओं के लिए छत्तीसगढ़ में रोजगार के नए-नए अवसरों सी-मार्ट, गोधन न्याय योजना जैसी नवाचारी योजनाओं की भी प्रशंसा की। प्रदर्शनी में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चलाई जा रही योजनाएं गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क, सी-मार्ट के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे हमर लैब, दाई-दीदी क्लीनिक, स्वामी आत्मानंद स्कूल, धन्वंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर्स और छत्तीसगढ़िया संस्कृति तथा छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से संबंधित स्टॉल लगाए गए थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं श्रीमती प्रियंका गांधी ने डेनेक्स और बी.पी.ओ. के स्टॉल में भी महिलाओं से चर्चा की। डेनेक्स द्वारा उत्पादित गारमेंट्स की विस्तार से जानकारी महिलाओं ने दी। बीपीओ में कार्यरत महिलाओं ने बताया कि 10 करोड़ रुपए की लागत से खुर्सीपार में बीपीओ तैयार किया गया है। इससेे बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिला है। उल्लेखनीय है कि युवाओं के लिए अपने शहर में ही रहकर देश-दुनिया के अवसरों से जोड़ने बीपीओ की पहल की गई है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। खासकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ी पहल है।

    गोधन न्याय योजना की स्टॉल में श्रीमती गांधी ने महिलाओं से गौठान, रीपा और गोधन न्याय योजना से मिल रहे फायदों के बारे में चर्चा की। महिलाओं ने बताया कि रीपा के माध्यम से उद्यम के नये अवसरों को बढ़ावा मिला है और ग्रामीण क्षेत्रों में लघु और कुटीर उद्योग की गतिविधियां बढ़ रही हैं। गोधन न्याय योजना से जहां पशुपालन को बढ़ावा मिल रहा है वहीं गोबर से वर्मी खाद बनाने के कार्य में बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। महिलाओं ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, समृद्धि योजना, पोषण बाड़ी सहित अन्य योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कुपोषण दूर करने के उपाय के संबंध में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।



    सी-मार्ट को सराहा

    स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित की गई वस्तुओं की बिक्री के लिए शुरू किए गए सी-मार्ट के बारे में महिलाओं ने श्रीमती गांधी को बताया कि छत्तीसगढ़ के यूनिक उत्पाद यहां मिलते हैं। दंतेवाड़ा के जैविक चावल से लेकर जशपुर की चाय तक सब कुछ छत्तीसगढ़ के स्पेशल प्रोडक्ट यहां उपलब्ध है। श्रीमती गांधी ने इस पर खुशी जाहिर की और कहा कि स्थानीय उत्पादों की इस तरह से मार्केंटिंग कर इन्हें बाजार में अच्छी जगह दिलाने की पहल से निश्चित ही आर्थिक समृद्धि महिलाओं तक पहुँच रही है। मिलेट कैफे के अवलोकन के दौरान महिलाओं ने कैफे में मिलेट से तैयार होने वाले तरह-तरह के व्यंजनों के बारे में बताया। समूह की महिलाओं ने श्रीमती गांधी को बताया कि मिलेट कैफे में कोदो, कुटकी, रागी जैसे पोषक आहार से पारंपरिक व्यंजनों के साथ ही तरह तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं। यह व्यंजन पौष्टिक होने के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहे है। श्रीमती गांधी ने हमर लैब, हाट बाजार क्लीनिक के स्टाल को भी देखा। हमर लैब के माध्यम से 55 टेस्ट निःशुल्क किये जा रहे हैं। इसमें से ऐसे बहुत से टेस्ट हैं जिनकी सुविधा केवल महानगरों में उपलब्ध होती है। इससे समय भी बच रहा है और पैसे भी। श्रीमती गांधी ने राज्य सरकार के इस पहल की प्रशंसा की है।

    सुआ नृत्य में शामिल हुई प्रियंका गांधी

    जयंती स्टेडियम में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक सुआ नृत्य करती महिलाओं को देखकर श्रीमती प्रियंका गांधी अपने आप को नहीं रोक सकी और महिलाओं के साथ नृत्य में शामिल हुई। श्रीमती गांधी को अपने बीच पाकर खुशी से महिलाओं का उत्साह और बढ़ गया। महिलाओं ने श्रीमती गांधी के साथ सेल्फी भी ली। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सुआ नाच बेहद लोकप्रिय है। दीपावली के आसपास सुवा को एक टोकरी में रखकर महिलाएं यह नृत्य करती हैं। इसके माध्यम से वे अपने सुखदुख साझा करती हैं। सुआ गीत के माध्यम से वे अपनी आवाज की भी अभिव्यक्ति करती हैं और अपने समय के समाज के बारे में भी बताती हैं। तोते के जैसे हरे वस्त्रों में समूह के साथ किया गया यह नृत्य बेहद आकर्षक होता है।

    भौंरा खेलने वाली बात सुनकर मुस्कुराई श्रीमती गांधी
    महिला समृद्धि सम्मेलन में शामिल हुई श्रीमती प्रियंका गांधी ने उत्साह से महिलाओं के साथ भौंरा चलाया। श्रीमती गांधी को भौंरा चलाते देख महिलाएं भी उनकी खुशी में शामिल हुई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य मंच से अपने संबोधन के दौरान श्रीमती प्रियंका गांधी के भौंरा चलाने की कुशलता की जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगा वे ठीक तरीके से भौंरा नहीं चला पाएंगी लेकिन उन्होंने बहुत बढ़िया तरीके से भौंरा चलाया, मैं खुद हैरान रह गया। इस बात को सुनकर श्रीमती प्रियंका गांधी ने भी मुस्कुराकर अपनी प्रतिक्रिया दी।

  • छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के नये आयाम

    छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के नये आयाम

    रायपुर 1 मई 2023/

    महिलाओं को सशक्त बनाना है तो स्वास्थ्य-शिक्षा के साथ-साथ उन्हें अधिकार और आगे बढ़ने के सुरक्षित अवसर देने होंगे। उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए नये रास्ते बनाना भी जरूरी हैे। इसी सोच के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने के साथ उनके स्वावलंबन की नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर महिलाओं की रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने के साथ उनकी सृजन क्षमता को स्थानीय संसाधनों के साथ जोड़ा गया है। महिलाओं की व्यक्तिगत, सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ा यह दृष्टिकोण उनके लिए विकास के नये आयाम खोलता है।

    नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2020-21 की इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार लैंगिक समानता में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है। राज्य शासन द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने के कारण वर्ष 2016 से 2018 के बीच 159 एमएमआर वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुंच गया है। कुपोषण और एनीमिया से लड़ाई में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 से शुरू हुए मुख्यमंत्री सुपाषण अभियान से अब तक 2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त तथा एक लाख 50 लाख महिलाएं एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बच्चों, किशोरों, गर्भवती तथा शिशुवती महिलाओं को आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) सप्लीमेंटेशन उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है।

    *बिहान से जुड़ी है ढाई लाख महिला समूह -* छत्तीसगढ़ में महिलाओं की प्रगति के लिए अपनाई गई नीतियों और उनके संरक्षण का ही परिणाम है, कि यहां वनोपज के कारोबार से 50 हजार से अधिक महिलाएं जुड़कर छत्तीसगढ़ की आर्थिक उन्नति में अपना योगदान दे रहींे हैं, वहीं जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड में ग्रामीण महिलाएं, ग्राम सभा सदस्यों के रूप में खुद के लिए नीतियां भी तैयार कर रही हैं। प्रदेश में करीब 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क शुरू किए जा चुके हैं, जहां महिलाओं को अच्छा रोजगार और अच्छी आय मिल रही है। महिलाओं को बैंकिंग प्रक्रिया से जोड़ने लगभग चार हजार बहनें बीसी सखी के रूप में चलते-फिरते बैंक के रूप में बैंकिंग सुविधाएं दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचा रही हैं। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से करीब 27 लाख गरीब परिवारों की महिलाएं 02 लाख 54 हजार स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं।

    *महिलाओं के श्रम से चमका डेनेक्स -* बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों से साहस के साथ मोर्चा ले रहीं बस्तर की दंतेश्वरी फाइटर्स अपने पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। गोधन न्याय योजना के तहत गांव-गांव में बनाए गए गौठानों में लगभग 45 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है। ये महिलाएं गौठानों में आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से न सिर्फ सशक्त बन रही हैं, बल्कि अपने परिवारों के लिए भी संबल बन गई हैं। गोठानों बनाए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और सी-मार्ट स्टोर जैसी नई अवधारणा से महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा हैं। महिलाओं द्वारा तैयार सामाग्री को बाजार मिल रहा हैं। बस्तर के आदिवासी जिले दंतेवाड़ा की डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी में काम कर रही महिलाओं ने देश-विदेश में डेनेक्स ब्रांड को लोकप्रिय बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश की है। बीजापुर की महिलाओं का महुआ लड्ड, कोंडागांव का तिखुर शेक, सुकमा की ईमली-कैंडी और नारायणपुर का फूल झाडू भी प्रसिद्ध हो चुका है।

    *महिला कोष का बजट 25 करोड़-* महिला कोष से ऋण लेकर आर्थिक गतिविधि जुड़ी महिला समूहों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से समूह द्वारा लिए गए पुराने 12 करोड़ रूपये के ऋण माफ कर दिये हैं। साथ ही ऋण लेने की सीमा को भी दो से चार गुना तक बढ़ा दिया है। महिला कोष द्वारा दिए जाने वाले ऋण सीमा में भी दोगुनी वृद्धि की गई है। महिला कोष के बजट में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। पूर्व वर्षों में महिला कोष को एक या दो करोड़ वार्षिक आबंटन उपलब्ध होता था मगर वर्ष 2023-24 में 25 करोड़ रूपए का वार्षिक बजट उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ महिला कोष के द्वारा 10 हजार 500 से अधिक महिलाओं के लिए पिछले 5 सालों में सर्वाधिक 10 करोड़ 70 लाख रुपए से अधिक ऋण राशि स्वीकृत की गई है। नई कौशल्या समृद्धि योजना शुरू करने की योजना है, इसमें महिलाओं को व्यवसाय के लिए आसान शर्तों पर 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। इसके लिए 25 करोड़ रूपए का बजट अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किया है।

    *महिला उद्यमिता नीति -* महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, राज्य का विकास उतनी ही तेजी से होगा, इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में महिलाओं की क्षमता को एक नई ऊंचाई देने के लिए महिला उद्यमिता नीति 2023-28 लागू कर दी गई है। इसमें महिलाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता देने के साथ कई प्रकार की छूट का प्रवाधान किया गया है। राज्य की महिला उद्यमी को विनिर्माण उद्यम परियोजना के लिए 10 से 50 लाख रूपए ऋण के साथ विद्युत शुल्क, अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क से छूट, परिवहन अनुदान, मण्डी शुल्क से छूट, किराया अनुदान जैसे कई प्रावधान किये गए हैं। महिला स्व-सहायता समूहों और महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप उद्यमों के लिए भी 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान एवं एक वर्ष अतिरिक्त छूट का प्रावधान किया गया है, इससे उद्योग एवं व्यापार में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी।

    *राशन कार्ड और मकान महिलाओं के नाम पर -* छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए भूमि और संपत्ति पंजीयन पर एक प्रतिशत की छूट दी जा रही है। राशन कार्ड और आवास आबंटन महिलाओं के नाम पर किए जा रहे है। सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन के कार्यों के लिए बनाई गई समितियों में एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रखने की व्यवस्था बनाई गई है। लैंगिक अपराध को रोकने के लिए प्रत्येक कार्यालय में एक समिति बनाई गई है, जो इस मामले की जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्यवाही करने वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिवेदन प्रस्तुत करती हैं।

    *कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल -* हर संभाग में कामकाजी हॉस्टल के साथ जिला मुख्यालयों में महिला हॉस्टल बनाए जाने की शुरूआत की गई है। थानों में महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क संचालित हैं, जिससे महिलाएं मजबूती से अपने कदम आगे बढ़ा सकें। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सहायता के लिए अभिव्यक्ति एप बनाया गया है। महिला हेल्पलाईन नम्बर 181 और सखी सेंटर के माध्यम से पीड़ित महिलाओं को तुरंत सहायता और आश्रय भी प्रदान किया जा रहा है। अब तक 37 हजार 158 पीड़ित महिलाओं को सहायता और 13 हजार 750 महिलाओं को आश्रय दिया गया है। नवा बिहान योजना के माध्यम से घरेलू हिंसा के प्रकरणों में 4331 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है।

    *बढ़ा मान और बढ़ा मानदेय -* राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों की सेहत और स्वास्थ्य की देखभाल कर रहीं महिला कर्मियों के मानदेय में वृद्धि कर उनका सम्मान भी बढ़ाया है। इस साल बजट में प्रदेश के 46 हजार 660 आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मासिक मानदेय में वृद्धि करते हुए अब इसे 06 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है। आंगनवाड़ी साहियकाओं का मानदेय 03 हजार 250 रुपए से बढ़ाकर 05 हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 04 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 07 हजार 500 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। मितानिन बहनों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त राज्य मद से 22 सौ रुपए प्रति माह की दर से मानदेय देने का प्रावधान भी बजट में किया गया है, इससे प्रदेश की 72 हजार मितानिनों की पुरानी मांग पूरी हुई है। इसके साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोईयों के मानदेय को भी बढ़ाया गया है, जिससे बहुत सी ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित होंगी।

    *कन्या विवाह के लिए अब 50 हजार -* मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सामाजिक पृष्टिभूमि में महिलाओं और उनके परिवारोें के मान-सम्मान का भी ध्यान रखते हुए कई निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को भी अपने कार्यकाल में दो बार बढ़ाकर बेटियों के विवाह के लिए बड़ी राहत दी है। 2019 में यह राशि 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए की गई और अब बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। निराश्रितों, बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है।

    *9 नए महिला महाविद्यालय -* महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उन तक उनके अधिकारों की जानकारी पहुंचाकर जागरूकता लाना भी आवश्यक है। इसे देखते हुए पिछले साल 2239 विधिक व महिला जागृति शिविरों का आयोजन किया गया। इस वर्ष महिला जागृति शिविर मद के बजट में दोगुनी वृद्धि कर 4.85 करोड़ से बढ़ाकर 9.33 करोड़ किया गया। इसके साथ ही राज्य महिला आयोग के द्वारा मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से गांव-गांव पहुंचकर महिलाओं को उनके अधिकारियों और कानूनों की जानकारी भी दी जा रही हैं। राज्य की 9 जिला मुख्यालयों में नए महिला महाविद्यालय की शुरूआत के साथ महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा के रास्ते खोले गए हैं।