Tag: गिरदावरी में खेत के मेड़ की कटौती किसानों के साथ धोखा है। तेजराम विद्रोही

  • गिरदावरी में खेत के मेड़ की कटौती किसानों के साथ धोखा है:- तेजराम विद्रोही

    गिरदावरी में खेत के मेड़ की कटौती किसानों के साथ धोखा है:- तेजराम विद्रोही

    रायपुर। खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य में किसानों से धान खरीदी के लिए गिरदावरी की जा रही है जिसमें बोए गए फसल की रकबा का इंद्राज किया जाना है। राजस्व विभाग द्वारा रकबे में खेत की मेड़ की कटौती किये जाने का फरमान किसानों के साथ धोखा है सरकार को यह फरमान वापस लेना चाहिए।

    उक्त आशय की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ के महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि खेती की जमीन पर मकान या सड़क निर्माण की हिस्से को गिरदावरी की रकबे से काटना उचित है परंतु मेड़ की कटौती करना सही नहीं है क्योंकि मेड़ के बिना किसानों का खेती हो नहीं सकता है। रकबे से मेड़ को काटने का मतलब है किसी व्यक्ति का वजन करने के पहले उसे वस्त्र हीन कर देना। इसलिए मेड़ का हिस्सा काटने की फरमान साय सरकार को वापस लेना चाहिए साथ ही इस वर्ष को उनके धान का समर्थन मूल्य 3217 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगी इसकी घोषणा शीघ्र करना चाहिए क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार धान का 31000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है और और केंद्र सरकार ने धान पर 117 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि किया है जिसे जोड़कर देना चाहिए तथा पिछले कांग्रेस सरकार का एक साल का बकाया बोनस किसानों को देना चाहिए।

  • गिरदावरी में खेत के मेड़ की कटौती किसानों के साथ धोखा है। तेजराम विद्रोही

    गिरदावरी में खेत के मेड़ की कटौती किसानों के साथ धोखा है। तेजराम विद्रोही

    रायपुर।

    खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य में किसानों से धान खरीदी के लिए गिरदावरी की जा रही है जिसमें बोए गए फसल की रकबा का इंद्राज किया जाना है। राजस्व विभाग द्वारा रकबे में खेत की मेड़ की कटौती किये जाने का फरमान किसानों के साथ धोखा है सरकार को यह फरमान वापस लेना चाहिए।

    उक्त आशय की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ के महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि खेती की जमीन पर मकान या सड़क निर्माण की हिस्से को गिरदावरी की रकबे से काटना उचित है परंतु मेड़ की कटौती करना सही नहीं है क्योंकि मेड़ के बिना किसानों का खेती हो नहीं सकता है। रकबे से मेड़ को काटने का मतलब है किसी व्यक्ति का वजन करने के पहले उसे वस्त्र हीन कर देना। इसलिए मेड़ का हिस्सा काटने की फरमान साय सरकार को वापस लेना चाहिए साथ ही इस वर्ष को उनके धान का समर्थन मूल्य 3217 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगी इसकी घोषणा शीघ्र करना चाहिए क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार धान का 31000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है और और केंद्र सरकार ने धान पर 117 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि किया है जिसे जोड़कर देना चाहिए तथा पिछले कांग्रेस सरकार का एक साल का बकाया बोनस किसानों को देना चाहिए।