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  • हिंदी को लेकर जब टकराए बॉलीवुड-साउथ, किच्चा सुदीप को ‘सिंघम’ ने दिया था राष्ट्रभाषा का सबक, खूब हुए थे चर्चे

    हिंदी को लेकर जब टकराए बॉलीवुड-साउथ, किच्चा सुदीप को ‘सिंघम’ ने दिया था राष्ट्रभाषा का सबक, खूब हुए थे चर्चे

    मुंबई, 14 सितम्बर , 2023 /
    देशभर में आज हिंदी दिवस को उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हिंदी की महत्ता बताई जा रही है और इससे जुड़े कई कार्यक्रमों का आयोजन भी हो रहा है. हिंदी भाषा को लेकर कई बार विवाद भी गहराए हैं. ऐसा ही एक विवाद बॉलीवुड और साउथ के बीच हुआ था और यह इतना बढ़ गया था कि सोशल मीडिया पर सिर्फ इसी के चर्चे थे. दरअसल, साउथ के सितारे किच्चा सुदीप ने एक बयान दिया था, जिसमें हिंदी भाषा पर कटाक्ष किया गया था. इस बयान से अजय देवगन खासे नाराज हुए थे और उन्होंने साउथ के बड़े सितारे को करारा जवाब दिया था कन्नड़ कलाकार किच्चा सुदीप साउथ सिनेमा में काफी प्रसिद्ध हैं और बॉलीवुड में भी कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं. साउथ के सितारे यश की फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ ने जब सफलता के नए रिकॉर्ड बनाए थे तो एक इंटरव्यू के दौरान सुदीप ने अपनी बात रखी थी. सुदीप ने कहा था, ‘हर कोई कहता है कि एक कन्नड़ फिल्म पैन इंडिया बनी थी, लेकिन एक छोटा सुधार यह है कि हिंदी अब राष्ट्रीय भाषा नहीं है.’ बस, किच्चा की इसी बात पर विवाद खड़ा हो गया था |
    हिंदी राष्ट्रभाषा थी और रहेगी…
    अजय देवगन को किच्चा का यह बयान बिलकुल पसंद नहीं आया था और उन्होंने ट्विटर के जरिए अपनी बात रखी थी. ‘सिंघम’ स्टार अजय ने लिखा था, ‘किच्चा सुदीप मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यों रिलीज करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी. जन गण मन.’ अजय देवगन के गुस्से और मामले की नजाकत को देखते हुए किच्चा ने भी अजय को जवाब दिया था. सुदीप ने लिखा था, ‘सर, जिस संदर्भ में मैंने वह लाइन लिखी की वह बिलकुल अलग थी और आपके पास बेहद अलग अंदाज में पहुंची है. यह चोट पहुंचाने, उकसाने या कोई बहस शुरू करने के लिए नहीं था. मैं ऐसा क्यों करूंगा सर यह भाषा विवाद इतना गहराया था कि कर्नाटक सीए सिद्धारमैया भी इसमें कूद पड़े थे. उन्होंने लिखा था, ‘हिंदी कभी भी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं थी, न होगी. हमारे देश की भाषाई विविधता का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है. प्रत्येक भाषा का अपना समृद्ध इतिहास होता है, जिस पर लोगों को गर्व होता है. मुझे कन्नड़ होने पर गर्व है |