Tag: कृषि विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों हेतु 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

  • कृषि विश्वविद्यालय में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की रणनीति का मसौदा तैयार

    कृषि विश्वविद्यालय में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की रणनीति का मसौदा तैयार

    रायपुर, दिनांक 21 फरवरी 2024। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र से नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन हेतु रणनीति तैयार करने के लिए आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि कृषि विश्वविद्यालय बेंगलुरु के पूर्व कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे और अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल ने की। कार्यशाला के दौरान कृषि विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करने के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया तथा इसके क्रियान्वयन हेतु रणनीति का मसौदा तैयार किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञों के रूप में डॉ. एस. सुधाकर, प्राध्यापक तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. के. गायकवाड़ प्राध्यापक, एन.आई.पी.बी., नई दिल्ली, डॉ. एस.के. दास, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, भुवनेश्वर, डॉ. एम. यासीन, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय सीहोर तथा डॉ. प्रमोद के. पाण्डेय, प्राध्यापक, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (संयुक्त राज्य अमेरिका) शामिल हुए। कार्यशाला में कुलपति डॉ. चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणि वर्ष से नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने हेतु हर संभव प्रयास किये जाएंगे।
    कार्यशाला में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में निहित प्रावधानों को कृषि विश्वविद्यालय में लागू करने के संबंध में सुझाव दिये गये। इसके तहत कृषि महाविद्यालयों में मल्टिपल एन्ट्री एवं मल्टिपल एक्जिट के प्रावधान लागू करने का सुझाव दिया गया। इसके तहत कृषि महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को बीच में पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा दिये जाने का प्रावधान रखा गया है। स्नातक पाठ्यक्रम में केवल एक वर्ष पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को कृषि में सर्टिफिकेट, दो वर्ष बाद पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों को डिप्लोमा तथा चार वर्ष अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को स्नातक उपाधि (डिग्री) प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही कृषि शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए कौशल तथा उद्यमिता विकास एवं बाजार मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम शामिल करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा सक्षम मानव संसाधन विकास हेतु विद्यार्थियों में सृजनात्मक सोच तथा समस्या समाधान प्रवृत्ति विकसित करने पर भी बल दिया गया।उल्लेखनीय है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा देश के कृषि विश्वविद्यालय में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं तथा कृषि विश्वविद्यालय में नवीन शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परषिद द्वारा देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने हेतु एक 11 सदस्यी उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जो शीघ्र ही इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी राज्य के विश्वविद्यालयों में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने पर बल दिया जा रहा है। कार्यशाला में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. दवे, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक विस्तार डॉ. अजय वर्मा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम संयोजक द्वय डॉ. एम.पी. ठाकुर एवं डॉ. एस.बी. वेरूलकर ने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन की कार्ययोजना प्रस्तुत की।

  • कृषि विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों हेतु 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

    कृषि विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों हेतु 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

    रायपुर, दिनांक 08 फरवरी 2023। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों हेतु नवचयनित 56 सहायक प्राध्यापकों एवं 18 विषय वस्तु विशेषज्ञों के लिए आयोजित 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम आज सम्पन्न हुआ। प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने प्रशिक्षार्थियों से कहा कि वे इस दस दिवसीय प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान का अपने कार्य क्षेत्र में भली-भांति उपयोग करें तथा विश्वविद्यालय के विकास में योगदान दें। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने तीन अलग-अलग सत्रों में प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय द्वारा आगामी 25 वर्षां के लिए निर्धारित संकल्पना के बारे में जानकारी देते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने का आव्हान किया। डॉ. चंदेल ने प्रतिभागियों से कहा कि वे अपने विषय से संबंधित अनुसंधान कार्यां को प्राथमिकता दें। मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये।
    कृषि महाविद्यालय रायपुर में संचालित इस 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नवचयनित प्रशिक्षुओं को शिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें उनकी सेवा संबंधी नियमों, आचरण संहिता, कार्य व्यवहार आदि से संबंधित विभिन्न विषयों के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया गया। यह प्रशिक्षण देश के जाने-माने प्रशिक्षकों – डॉ. के. हनुमंत राव, डॉ. वी.के.जे. राव, डॉ. एम.एम. अनवर आदि द्वारा दिया गया। इसके साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, विभागाध्यक्षां तथा प्राध्यापकों द्वारा भी विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभागियों द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण का मूल्यांकन किया गया इसके साथ ही प्रतिभागियों से अनुसंधान प्रस्ताव भी तैयार करवाये गये। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में फीड बैक भी दिया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के कार्यक्रम निदेशक डॉ. हुलास पाठक, डॉ. जी.के. दास. तथा डॉ. एस.बी. वेरूलकर थे। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. रामामोहन सावू तथा डॉ. नितीश तिवारी थे। प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शुभा बैनर्जी ने किया।

  • कृषि विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों हेतु 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

    कृषि विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों हेतु 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ

    रायपुर, दिनांक 30 जनवरी 2024। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों हेतु नवचयनित 56 सहायक प्राध्यापकों एवं 18 विषय वस्तु विशेषज्ञों के लिए आज से 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) डॉ. एस.के. चौधरी ने नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए कहा कि वे पूरी निष्ठा, लगन एवं समर्पण के साथ अपनी कर्तव्यों का पालन करें। दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय स्वयं के साथ प्रतिस्पर्धा करें तथा प्रतिदिन अपने आप को बेहतर बनायें। उन्होंने कहा कि हमारे पौराणिक आख्यानों में व्यक्त सूत्र वाक्य ‘‘अप्प दीपो भवः’’ को अपने जीवन में चरितार्थ करते हुए स्वयं दीप की भांति प्रकाशित हों तथा अपने विद्यार्थियों के जीवन को भी आलोकित करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों से आव्हान किया कि वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु अपना श्रेष्ठतम योगदान दें।
    स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय में संचालित इस 10 दिवसीय प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान नवचयनित प्रशिक्षुओं को शिक्षण, अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें उनकी सेवा संबंधी नियमों, आचरण संहिता, कार्य व्यवहार आदि से संबंधित विभिन्न विषयों के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण देश के जाने-माने प्रशिक्षकों – डॉ. के. हनुमंत राव, डॉ. वी.के.जे. राव, डॉ. एम.एम. अनवर आदि द्वारा दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, विभागाध्यक्षां तथा प्राध्यापकों द्वारा भी विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के कार्यक्रम निदेशक डॉ. हुलास पाठक, डॉ. जी.के. दास. तथा डॉ. एस.बी. वेरूलकर हैं। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. रामामोहन सावू तथा डॉ. नितीश तिवारी हैं। प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक विस्तार डॉ. अजय वर्मा, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शुभा बैनर्जी ने किया।