नई दिल्ली,18 नवम्बर 2022\ दिल्ली में आयोजित ‘नो मनी फॉर टेरर’ समिट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है. आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण विषय पर आयोजित ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ देश आतंकियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह देते हैं. किसी आतंकवादी को संरक्षण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के समान है. हमें ऐसे दशों को उनके इरादों में सफल होने से रोकना होगा.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद नि:संदेह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है लेकिन आतंकवाद का वित्त पोषण, आतंकवाद से कहीं ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि आतंकवाद के मेथड को इसी फंड से पोषित किया जाता है. भारत, आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की घोर निंदा करता है. हमारा मानना है कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे कृत्य को उचित ठहराने का कोई भी कारण स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद के खतरे को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता और न ही जोड़ा जाना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेशनल कम्युनिटी का एक कलेक्टिव अप्रोच है कि आतंक के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए. लेकिन तकनीकी क्रांति से आतंकवाद के रूप और प्रकार निरंतर बदल रहे हैं, ये हमारे लिए चुनौती है. भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है. भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को निरंतर सीमा पार से प्रायोजित गंभीर आतंकी हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए हमारे सामूहिक प्रयास को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं. कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं. आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश, अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें.