रायपुर 24 मई 2023/ राज्य सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही सौर-सुजला योजना सार्थक सिद्ध हो रही है। जिस कारण किसानों को सशक्त बनाने में सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है। जिले में वर्तमान समय में बढ़ते तापमान एवं परम्परागत संसाधनों के कमियों को दूर करने के लिए किसानों को सौर सुजला योजना का लाभ उपलब्ध कराते हुए उनके खेतों में सिंचाई व्यवस्था के लिए पंपों को स्थापित किया जा रहा है इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों द्वारा किसानों को जानकारी देकर सोलर पैनल से सिंचाई करने की विधि बताई जा रही है। सोलर पंप स्थापित होने से सब्जी सहित अन्य फसल का लाभ किसान ले रहे हैं, जिससे इनकी आमदनी के स्त्रोत में वृद्धि हो रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को रियायती दर पर सिंचाई पंप प्रदान कर कृषि और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत बना रही है। योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण(क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।
सौर सुजला योजना के तहत नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम खैरा (घुटिया) निवासी श्री संतोष कुमार साहू और उनके पुत्र राजेश कुमार साहू द्वारा सोलर पंप स्थापित कर अपने खेतों में सब्जी बाड़ी का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे लगभग 3 एकड़ में सब्जी बाड़ी का काम कर रहे हैं। जब उन्हें सौर सुजला योजना के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने योजना का लाभ प्राप्त करते हुए अपने जमीन पर 05 हार्स पावर के सोलर पंप स्थापित कर लिया। जिससे वे अपने खेतों में सिंचाई कर टमाटर, भिंडी, बैंगन, मिर्च, लौकी, पत्ता गोभी, बरबट्टी, कलेरा, धनियां एवं अन्य सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि वे पिछले वर्ष उन्हें सब्जी उत्पादन कर 7 लाख की आमदनी प्राप्त हुई है। इस वर्ष अभी तक 2 लाख की सब्जी बेच चुके हैं। जिला क्रेडा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सौर सुजला योजना के तहत किसानों को 3 हार्स पावर के सोलर पंप पात्रतानुसार क्रमशः अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग हेतु 7 हजार रुपये,अ.पि.व. के लिए 12 हजार रुपये एवं सामान्य वर्ग हेतु 18 हजार रूपये में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी प्रकार 05 हॉर्स पावर के सोलर पंप अ.जा., अ.ज.जा. वर्ग हेतु 10 हजार रुपये,अ.पि.व. के लिए 15 हजार रुपये एवं सामान्य वर्ग हेतु 20 हजार रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है। शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार द्वारा वहन की जा रही है।