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    दो कानून कैसे, एक की सदस्यता रद्द, विक्रम को छोड़ दिया

    मेरठ,04 अक्टूबर 2022 /
    पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता आजम खान की विधायकी जाने के बाद रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सबसे पहले सवाल उठाए। जयंत ने विधानसभाध्य़क्ष को पत्र लिखकर कहा कि विक्रम सैनी के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
    पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता आजम खान की विधायकी जाने के बाद रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सबसे पहले सवाल उठाए। जयंत ने विधानसभाध्य़क्ष को पत्र लिखकर कहा कि आजम की तरह विक्रम सैनी के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। जब एक मामले में सदस्यता रद्द की गई तो दूसरे मामले में क्यों बचाव किया जा रहा है। जयंत ने कहा है कि न्याय की लेखनी का रंग एक-सा होता है, भिन्न-भिन्न नहीं।उन्होंने कहा है कि स्पेशल एमपीएमएलए कोर्ट में हेट स्पीच मामले में सपा नेता मो. आजम खां की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी। जबकि एक अन्य मामले में इसी कोर्ट ने 11 अक्तूबर को विक्रम सैनी को भी दो साल की सजा सुनाई लेकिन उनके खिलाफ कोई निर्णय नहीं लिया गया। इस पत्र पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा था कि हमारा काम सदस्यता रद्द करना नहीं बल्कि सीट रिक्त घोषित करना है। प्रश्नगत मामले में वह जानकारी लेंगे। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के इस पत्र के बाद सियासत गर्मा गई थी। चूंकि विक्रम सैनी को दो साल की सजा हुई थी और इस मामले में जमानत भी हो गई, इसलिए विक्रम सैनी को “सेफ” कहा जा रहा था। लेकिन शुक्रवार को उनकी सदस्यता रद्द हो गई।
    आजम खान के बाद BJP के विक्रम सैनी की विधायकी गई, सजा मिलने के बाद सदस्यता रद्द

    विक्रम सैनी और जयंत में वार-पलटवार

    11 अक्तूबर 2022 को दो साल की सजा सुनाये जाने और जयंत चौधरी के पत्र के जवाब में विधायक विक्रम सैनी ने कहा था कि तीन साल की सजा पर विधायकी जाती है, दो पर नहीं।

    जयंत ने किया ट्वीट

    सैनी की सदस्यता जाने पर जयंत चौधरी ने ट्विट करके कहा-“ उत्तर प्रदेश विधानसभाध्यक्ष को मेरे पत्र के बाद कुछ लोग कह रहे थे कि मुझे जनप्रतिनिधित्व कानून की जानकारी नहीं है।

    खतौली विधायक विक्रम सैनी को 24 दिन पहले ही हुई थी सजा

    विधायक विक्रम सैनी को अदालत ने 24 दिन पहले ही कवाल के बवाल में दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। पुलिस ने बवाल में उन्हें बलकटी के साथ गिरफ्तार दिखाया गया था। मुजफ्फरनगर में 2013 में दंगे के दौरान 29 अगस्त को कवाल में दो पक्षों में मारपीट और तोडफोड़ हुई थी। इस मामले में खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सैनी सहित 12 आरोपियों को अदालत ने 11 अक्टूबर को ही दोषी ठहराते हुए 2-2 साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, सभी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस मुकदमे की सुनवाई एमपीएमएल कोर्ट अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-4 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई थी।