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    सूर्यग्रहण को लेकर अंधविश्वास में न पड़े, इससे लोगों को नहीं होती कोई हानि

    रायपुर 28 अक्टूबर 2022/

    रायपुर। 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण होने वाला है. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय में सूर्य ग्रहण होगा। एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (एएसओ) के अध्यक्ष मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार ने लोगों से अपील की है कि सूर्यग्रहण को लेकर अंधविश्वास में न पड़े, इससे लोगों को हानि नहीं होती कोई है।

    टिकेश कुमार ने कहा कि विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रह नहीं एक तारा (star) है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को एक ग्रह माना है, जो पूरी तरह से गलत है। हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण को राहु-केतु नामक दो दैत्यों की कहानी से जोड़ा जाता है। देव काल में जब देवताओं को अमृत और दैत्यों को विष पिलाया जा रहा था, उस समय राहु ने छुपकर देवताओं की लाइन में बैठकर अमृत पी लिया था और यह सब सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया। इसलिए राहु ने सूर्य और चंद्रमा को निगल लिया। यह कपोल कल्पित कहानी ग्रहण को लेकर बताई जाती है। कोई भी दैत्य सूर्य और चंद्रमा को नहीं निगल सकता और निगल भी गया तो सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण एक साथ होना चाहिए था।

    ऐसा होता है ग्रहण

    एएसओ के अध्यक्ष ने कहा कि वैज्ञानिक सिद्धान्त के अनुसार पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाते हुए इस स्थिति पर आ जाती है कि पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक लाइन में आ जाते हैं, तब सूर्यग्रहण होता है और जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक लाइन में आते हैं तो चंद्रग्रहण होता है। वैज्ञानिक युग में भी लोग ग्रहण के नाम से ऐसे डरते हैं कि वह ज्योतिष, पाखण्डी, तांत्रिक और लुटरे बाबाओं के जाल में फंस जाते हैं।

    ग्रहण को लेकर कई प्रकार के अंधविश्वास

    हिंदू धर्म के अनुसार, ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए, धार्मिक पुराणों में यह भी माना जाता है कि ग्रहण काल के दौरान जो व्यक्ति जितना भोजन करेगा उतने वर्षो तक नरक के कष्ट झेलेगा। ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्यग्रहण के समय खाना खाने से खाना हजम नहीं होता, पेट में दर्द होता है और पेट में रोग हो जाता है। ग्रहण के समय खाना भी नहीं बनाना चाहिए, अगर भोजन पकाकर रख देते है तो भोजन विषैला हो जाता है। ग्रहण के समय व्यक्ति को घर से बाहर नहीं किकलना चाहिए। यह भी कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का साया नहीं पड़ना चाहिए। ग्रहण का साया गर्भवती महिला पर पड़ने से बच्चा अपंग या मरा हुआ पैदा होता है। विज्ञान की माने तो ग्रहण के समय भी कई बच्चें पैदा होते हैं और वे बच्चे स्वस्थ भी होते हैं। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार चलना चाहिए, ज्योतिष और तांत्रिक के अनुसार नहीं।

    कोई शुभ-अशुभ नहीं

    ज्योतिष लोग कहते हैं कि इस राशि वाले को लाभ, उस राशियों को हानि, इस रंग के अंगूठी पहनने से अशुभ घटनाओं से मुक्ति पाई जा सकती हैं। आपके ऊपर ग्रहण के प्रभाव न हो इसलिए ये रंग का कपड़े न पहनें, हो सके तो लाल रंग के वस्त्र धारण ही न करें। ये राशि वाले ये रंग के पत्थर की अंगूठी पहनें, कैसे पूजा करें, क्या चढ़ाए? ऐसे बताकर आपको ग्रहण के नाम पर पाखंडी लूट लेते हैं।

    ग्रहण एक खगोलीय घटना से ज्यादा कुछ नहीं

    टिकेश कुमार ने कहा कि वैज्ञानिकों के नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। आप ही सोचिए कि अगर ग्रहण का प्रभाव मावन जीवन पर पड़ता है तो पूरी दुनिया (जहां ग्रहण है) में पड़ेगा तो हमारे देश में इतना चोचल क्यों? अगर ग्रहण का शुभ-अशुभ या खतरनाक प्रभाव होगा तो सभी व्यक्तियों में होगा, कोई एक-दो राशि वाले या व्यक्ति में नहीं। पाखण्डी ग्रहण को अशुभ, खतरनाक और जानलेवा बताकर अपना व्यापार चला रहा है और लोग व्यर्थ ही उस बाजार में जाकर लाखों करोड़ों का नुकसान कर रहें हैं।