नई दिल्ली,24 नवम्बर 2022\ टी20 प्रारूप में पुराना रवैया अपनाने के कारण आलोचना झेल रही भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की श्रृंखला से अगले साल होने वाले 50 ओवरों के विश्वकप की तैयारियों की भी शुरुआत करेगी. भारत को 2020 में विराट कोहली (Virat Kohli) की अगुवाई में न्यूजीलैंड के हाथों श्रृंखला में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था और टीम अतीत की इस हार को भूलकर नए सिरे से शुरुआत करना चाहेगी. भारत में होने वाले वनडे विश्वकप (Oneday World Cup) के शुरू होने में अब केवल 11 महीने का समय बचा है तथा शुक्रवार से शुरू होने वाली श्रृंखला से भारत के मध्यक्रम और गेंदबाजी आक्रमण को लेकर हर किसी को शुरुआती ‘आइडिया’ मिल जाएगा. भारत के पांच सीनियर खिलाड़ी कप्तान रोहित शर्मा, करिश्माई बल्लेबाज विराट कोहली, टीम प्रबंधन के प्रिय केएल राहुल, तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और वनडे में नंबर एक ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा इस श्रृंखला में नहीं खेल रहे हैं और ऐसे में कुछ हद तक यह पता चल जाएगा टीम किस दिशा में आगे बढ़ रही है. इन सभी सीनियर खिलाड़ियों को अब अधिक से अधिक वनडे क्रिकेट खेलना होगा जिसकी शुरुआत बांग्लादेश श्रृंखला से होगी उनकी वापसी के बाद टीम संयोजन में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. इन सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में शिखर धवन टीम की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दो वर्षों में वनडे में लगभग 1000 रन बनाए हैं.
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अस्थायी कप्तान धवन की अगुवाई में वनडे विश्व कप की तैयारियों की शुरुआत करेगा भारत
पिछले दो वर्षों में वह केवल इसी प्रारूप में खेले हैं. अगर इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो कोहली और रोहित दोनों ने धवन के मुकाबले में एक तिहाई वनडे ही खेले हैं क्योंकि उन्होंने टेस्ट और टी20 पर अधिक ध्यान दिया. इस बीच शुभमन गिल ने वनडे में सलामी बल्लेबाज के रूप में खुद को साबित किया। उन्होंने अभी तक जितने भी वनडे मैच खेले हैं उनमें उनका औसत 57 रन प्रति पारी से अधिक और स्ट्राइक रेट 100 से अधिक है. ऐसी स्थिति में भारत के पास सलामी बल्लेबाज के रूप में रोहित, धवन और गिल तीन खिलाड़ी होंगे. राहुल वनडे में मध्यक्रम में खेलते रहे हैं. मध्यक्रम में भारत के पास श्रेयस अय्यर भी हैं जिन्होंने शार्ट पिच गेंदों को खेलने में परेशानी होने के बावजूद लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. सूर्यकुमार यादव इस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं और यदि वह फिट रहते हैं तो फिर उन्हें बाहर नहीं किया जा सकता है. संजू सैमसन को भी लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है जबकि अपने ऑलराउंड खेल के कारण दीपक हुड्डा को भी बाहर करना सही नहीं होगा. अगर श्रृंखला की बात करें तो पांच दिन के अंदर तीन वनडे मैच खेले जाएंगे और ऐसे में तेज गेंदबाजों को जल्द से जल्द थकान से उबरना होगा.