पिछले हफ्ते हुए डीएसी चुनावों में बीजेपी और उसकी सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) ने 22 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी और बहुमत हासिल किया था। 7 सीटों वाली जेपीपी प्रमुख विपक्ष के रूप में उभरी थी। दो सीटों पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार ने कब्जा किया था।
सरमा ने बैठक के बाद कहा, “जेपीपी ने भाजपा विरोधी और कांग्रेस विरोधी मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। मेरे साथ बैठक के बाद, पार्टी के नेताओं ने देवरी समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए भाजपा को समर्थन देने की इच्छा व्यक्त की है।”
उन्होंने कहा, “यह निर्णय लिया गया है कि DAC का मुख्य कार्यकारी भाजपा से होगा क्योंकि हाल के चुनावों में इसने बहुमत हासिल किया है। सरमा ने कहा कि गठबंधन के अन्य ब्योरे को बाद में दोनों पार्टियों के नेता तय करेंगे।”
गौरतलब है कि जेपीपी पहले कांग्रेस की सहयोगी थी। लेकिन परिणामों की घोषणा के तुरंत बाद जेपीपी अध्यक्ष महेश देवरी ने पुरानी पार्टी पर छोटे संगठन को “पटरी से उतारने” का प्रयास करने का आरोप लगाया और बीजेपी के साथ गठबंधन करने की कोशिश करने के लिए गुवाहाटी पहुंच गए।
जेपीपी अध्यक्ष महेश देवरी ने पत्रकारों से कहा, “हमने डीएसी में अगली सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। जेपीपी ने देवरी के लोगों की भलाई के लिए बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया है।”
डीएसी के एकमात्र निर्दलीय सदस्य देबकांत देवरी ने भी रविवार को सीएम सरमा के साथ बैठक के बाद भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया।10 चीची बोरगांव सीट से जीतने वाले देवरी ने कहा, “मैंने भी बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है। अगर मुझे डीएसी में कोई पद मिलता है तो यह निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा.”