रायपुर 09 फरवरी 2023/
प्रेम और करुणा के स्रोत, जो हमारे पास स्वाभाविक रूप से होते हैं, कभी-कभी हमसे छिपे होते हैं, और यह भी हो सकता है कि हम उन तक पहुँचने के लिए तैयार न हों।
लेकिन सामाजिक-राजनीतिक मुक्ति के कुछ उच्च विचार हमें बिना एहसास के, योगदान के माध्यम से प्रेम और करुणा व्यक्त करने का अवसर देते हैं।
अगर हम दूसरों की मदद करते हैं – भले ही हम सिर्फ दूसरों की मदद करना चाहते हों – तो हम जल्दी और सहजता से सफल हो जाएंगे।
इसलिए मैंने कई जगह कहा है… बिना स्व-सहयोग के कोई भी आंदोलन स्वाभिमान का आंदोलन नहीं हो सकता। इसलिए किसी न किसी रूप में हमें सामाजिक-राजनीतिक मुक्ति के आंदोलन में अपना योगदान देने का प्रयास करना चाहिए।
“यदि कोई दूसरों के अंधेरे को दूर करने की कोशिश करता है, तो इसका मतलब है कि वह अपने रास्ते को रोशन कर रहा है।
दूसरों की पीड़ा को लेकर व्यक्ति स्वार्थी प्रवृत्ति का मुकाबला कर सकता है। इसी तरह ज्ञान और ज्ञान के स्रोत को बढ़ाया जा सकता है।
इस आधार पर लोग स्वेच्छा से अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने वाले को अपना योगदान देंगे। इसीलिए यह ‘बेगमपुरा भारत – भाईचारा यात्रा’ संचालित की जा रही है।
आपका योगदान बहुजन द्रविड जनता की सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक मुक्ति के लिए आशापूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
यदि हम अभी भी अपनी भूमि के संतों-गुरुओं के संदेश को नहीं अपनाते हैं और इसे पूरे भारत में नहीं ले जाते हैं, तो आगे का रास्ता कभी नहीं खुलेगा”; यही कारण है कि हमने यह यात्रा पूरे भारत में शुरू की है। ये जो बीज हमने बोये हैं वो व्यर्थ नहीं जायेंगे, ये बीज बहुत जल्द फल देंगे। अगर मैं अभी रास्ता खोलता हूं, तो अंततः अन्य लोग गर्व से इसका अनुसरण करेंगे।
निश्चित ही आपके योगदान की बहुत सराहना की जाएगी।
आपका योगदान आपके ज्ञान की अभिव्यक्ति है। आपका योगदान अच्छे संबंध स्थापित करेगा।
इसलिए मैं आपसे कहता हूं कि यदि आपके पास स्व-भागीदारी और स्वाभिमान है, तो हमारे अपने द्रविड भूमि में स्वशासन की स्थापना को कोई नहीं रोक सकता है।