नई दिल्ली,14 नवम्बर 2022\ अक्टूबर महीने के थोक महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई घटकर 8.39 प्रतिशत पर आ गई, जो सितंबर में 10.7 प्रतिशत पर थी। ये आंकड़े रिजर्व बैंक की तय लिमिट से ज्यादा हैं।
डेढ़ साल बाद बड़ी राहत: यह 19 माह में पहला मौका है जबकि थोक महंगाई एक अंक में रह गई है। इससे पहले मार्च, 2021 में यह 7.89 प्रतिशत पर थी। अप्रैल, 2021 से थोक मुद्रास्फीति लगातार 18 माह तक दो अंक में यानी 10 प्रतिशत से अधिक रही थी। सितंबर में यह 10.79 प्रतिशत पर थी। अक्टूबर, 2021 में थोक मुद्रास्फीति 13.83 प्रतिशत थी।
क्या सस्ता, क्या महंगा: ईंधन और मैन्युफैक्चरर उत्पाद के दाम घटने से थोक मुद्रास्फीति नीचे आई है। खनिज तेल, मूल धातु, फ्रैबिकेटेड धातु उत्पाद, अन्य गैर-धातु खनिज उत्पाद, खनिजों के दाम घटने से अक्टूबर, 2022 में थोक मुद्रास्फीति घटी है। महीने में सब्जियों की मुद्रास्फीति 17.61 प्रतिशत रही। पिछले महीने यह 39.66 प्रतिशत पर थी। ईंधन और बिजली सेग्मेंट की मुद्रास्फीति 23.17 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरर उत्पादों की 4.42 प्रतिशत पर रही।
हाल ही में एचटी लीडरशिप समिट के दौरान रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई थी कि अक्टूबर में मुद्रास्फीति की दर सात प्रतिशत से कम रहेगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने क्या कहा था: शक्तिकांत दास ने समिट के दौरान कहा था कि मुद्रास्फीति चिंता का विषय है जिससे हम अब प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले छह या सात महीनों में आरबीआई और सरकार दोनों ने ही मुद्रास्फीति को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आरबीआई गवर्नर के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने अपनी ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की है जबकि सरकार की तरफ से आपूर्ति पक्ष से जुड़े कई कदम उठाए गए हैं।
रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए मई से सितंबर के बीच प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है। अब रेपो दर 5.90 प्रतिशत पर है।
खुदरा महंगाई के आंकड़े का इंतजार: थोक के बाद अब खुदरा महंगाई के आंकड़ों का इंतजार है। ऐसी उम्मीद है कि आज ही शाम को आने वाले खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर भी राहत मिलेगी। अब देखना अहम है कि ये राहत कितनी बड़ी होती है।