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  • शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र: मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय

    शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

    रायपुर, 25 जनवरी 2024 /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर प्रवास पर जगदलपुर के धरमपुरा में 25 लाख रुपए लागत से निर्मित ज्ञानगुड़ी तथा 45 लाख रुपए से नवनिर्मित विज्ञान शाला का लोकार्पण करने के पश्चात ज्ञानगुड़ी के स्मार्ट क्लास रूम एवं विज्ञान शाला का अवलोकन किया। इस दौरान वे ज्ञानगुड़ी में अध्ययनरत बच्चों से रूबरू हुए। उन्होंने बच्चों को छेरछेरा पुन्नी और गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई देते हुए उन्हें पूरी लगन एवं मेहनत के साथ पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया।  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ज्ञानगुड़ी के बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास का मूल मंत्र है। शिक्षा केवल डिग्री लेकर नौकरी पाना नहीं है बल्कि अच्छा समाजसेवक बनने, अच्छा व्यवसाय करने, अच्छी खेती-किसानी करने सभी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा की अहम भूमिका है।

     

    मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने का आश्वासन

    ऐश्वर्या नायर के पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी डॉ. रमन सिंह की सरकार ने सुदूर ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के लिए बहुत काम किया था, बस्तर संभाग में एजुकेशन हब बनाये, जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी देखकर सराहना की। अब चौथी बार फिर से हमारी सरकार बनी है तो इस दिशा में और अच्छा प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने अंकिता ठाकुर के सुझाव पर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने के लिए विचार करने आश्वस्त किया।

     तनाव मुक्त होकर करें परीक्षा की तैयारी

    मुख्यमंत्री ने कंचन यादव के छत्तीसगढ़ी में पूछे सवाल परीक्षा के भय को कम करने के बारे में कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो छात्र-छात्राओं से निरन्तर चर्चा कर उन्हें पढ़ाई और परीक्षा के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इसी कड़ी में आगामी 29 जनवरी को फिर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी छात्र-छात्राओं से रूबरू होकर परीक्षा पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने तनावमुक्त होकर बिना डर या भय के अपने लक्ष्य को पाने के लिए परीक्षा की तैयारी करने बच्चों को प्रेरित किया।

    नई शिक्षा नीति से आएगा बदलाव

    मुख्यमंत्री ने ज्ञानगुड़ी के बच्चों से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि अब तक लार्ड मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा नीति लागू थी, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नई शिक्षा नीति से शिक्षा में बहुत बदलाव आएगा। इससे बच्चों को डिजिटल शिक्षा सहित व्यवहारिक और व्यवसायिक शिक्षा मिलेगी और बच्चे भविष्य में स्व-रोजगार एवं उद्यम की ओर अग्रसर होंगे। वहीं नई शिक्षा नीति में खेलकूद सहित योग और शारीरिक शिक्षा की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस नवीन शिक्षा नीति से बच्चों के पालकों पर दबाव कम होगा।

    छात्र बीमा योजना की मिली राशि

    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छात्र बीमा योजनान्तर्गत 17 प्रकरणों में एक-एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया। कार्यक्रम में उन्होंने ज्ञानगुड़ी के शिक्षकों के लिखित दसवीं विज्ञान एवं बारहवीं कृषि विज्ञान, बारहवीं जीव विज्ञान, बारहवीं कक्षा के केमेस्ट्री एवं बारहवीं फिजिक्स विषय के प्रश्नों एवं उत्तरों के संकलन पुस्तकों का विमोचन किया गया।

    मुख्यमंत्री को उनका पोट्रेट किया गया भेंट

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय को छात्र राधाकृष्ण ने उनका पोट्रेट भेंट किया। मुख्यमंत्री ने छात्र के हुनर की तारीफ की और धन्यवाद दिया। इस मौके पर पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप, विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल, पूर्व विधायक श्री संतोष बाफना सहित अनेक जनप्रतिनिधि और शिक्षक शिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

    ज्ञान को बढ़ाने के लिए बनी है गुड़ी

    बस्तर के स्थानीय बोली में ज्ञानार्जन का आशय सीखने-समझने और गुड़ी को पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। यही वजह है कि यहां पर देव स्थलों को गुड़ी के तौर पर मान्यता है। बस्तर के लोगों की इसी पावन विचार के मद्देनजर इसे ज्ञान का मंदिर अर्थात ज्ञानगुड़ी के नाम से बच्चों के लिए बनाया गया है।

    ज्ञानगुड़ी बस्तर जिले और संभाग के जरूरतमंद व प्रतिभावान स्कूली बच्चों को नीट, जेईई, सीयूटी, आईसीएआर, पीएटी, पीपीएचटी, बीएसी नर्सिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के उद्देश्य को लेकर ज्ञानगुड़ी अकादमी संचालित की जा रही है। इस ज्ञानगुड़ी संस्था के लिए प्रशासन द्वारा पृथक से शिक्षा विभाग के भवन को जीर्णाेद्धार कर नया रूप दिया गया है। नए भवन में दो स्मार्ट क्लास, एक छोटा ऑडिटोरियम और लाइब्रेरी की सुविधा दी जा रही है।

    ज्ञानगुड़ी के समीप ही विज्ञान शाला बनाया गया है, जिसमें विज्ञान के विभिन्न मॉडल तथा प्रादर्श रखे गए हैं। जिससे ज्ञानगुड़ी में अध्ययनरत बच्चों को विज्ञान की पढ़ाई हेतु बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही बच्चे प्रयोगशाला के माध्यम से छोटे-छोटे प्रयोग कर विज्ञान की समझ को बढ़ा सकेंगे।