Tag: विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए लगाया गया विशेष शिविर

  • विशेष पिछड़ी जनजातियों की बदलेगी तस्वीर

    विशेष पिछड़ी जनजातियों की बदलेगी तस्वीर

    रायपुर, 16 फरवरी 2024 /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में तैयार किये गये बजट में विशेष पिछड़ी जनजाति के सदस्यों के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट प्रावधान से छत्तीसगढ़ में रह रहे बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, बैगा, कमार और अबूझमाड़िया लोगों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। घास-फूस के घरों की जगह वे पक्के घरों में रह सकेंगे। पेयजल की अच्छी सुविधा होगी। अभी अधिकांश विशेष पिछड़ी जनजाति की बस्तियों में पानी दूर से लाना होता है। कई बार इस जनजातीय समुदाय के लोग झिरिया आदि से पानी पीते हैं। अशुद्ध पेयजल की वजह से बीमारियां पनपती हैं।देश में पहली बार इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना बनाई गई। यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु से शुरू की थी। छत्तीसगढ़ में इस योजना पर तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस पर सीधी नजर रख रहे हैं। बीते माह मुख्यमंत्री ने रायगढ़ जिले में बिरहोर बस्तियों का दौरा भी किया। उन्होंने यहां प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की स्थिति देखी। मुख्यमंत्री ने इन बस्तियों में रहने वाले लोगों से संवाद भी किया। इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को योजनाओं का लाभ मिलते रहे, इसके लिए लगातार कैंप लगाये जा रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध हो जाने से अब इन इलाकों में तेजी से विकास हो सकेगा। यह योजना इसलिए भी आवश्यक थी क्योंकि इन जनजातियों का भौगोलिक परिवेश बहुत कठिन है। जहां पर बस्तियां बसी हैं वहां तक पेयजल की सुविधा उपलब्ध करा पाना तथा अन्य बुनियादी सुविधाएं दे पाना चुनौती होती थी लेकिन मुख्यमंत्री श्री साय के दृढ़ संकल्प के आगे रास्ता आसान हो गया है।जनमन योजना के माध्यम से न केवल बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं अपितु इनके लिए रोजगार के अवसर भी इसके माध्यम से सृजित किये जा रहे हैं। सरगुजा और बस्तर की ओर फोकस की सरकार की नीति भी इन अवसरों को बढ़ाने की दिशा में काफी उपयोगी होगी। स्थानीय उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर इन जनजातियों के लिए रोजगार सृजन हो सकेगा। इन योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने के लिए जनमन मित्र तथा सखी विशेष रूप से उपयोगी साबित हुए हैं। वे घर-घर जाते हैं पीवीटीजी से उनकी भाषा में बात करते हैं। सरकार की योजनाओं की जानकारी देते हैं और फार्म भी भरवाते हैं। इसके बाद वे प्रशासनिक अधिकारियों के समन्वय से इन योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को देना सुनिश्चित कराते हैं।

     

  • विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण का कार्य जोरों पर

    विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण का कार्य जोरों पर

    रायपुर, 07 फरवरी 2024 /महल हो या झोपड़ी अपना घर अपना होता है, हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि छांव के लिए उसका एक खुद का घर हो। स्वयं का घर होने से कई सारे फायदे हैं, अपना घर व्यक्ति को वित्तीय सुरक्षा देता है। एक घर को अपना घर कहने में जो गौरव की अनुभूति होती है इसी सपने को सरकार द्वारा साकार किया जा रहा है। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की भलाई के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की सहायता से ग्रामीणों द्वारा स्वयं का आवास बनाया जा रहा है।ग्रामीणों को आवास निर्माण में सहायता के लिए कबीरधाम जिले के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभी तकनीकी सहायक एवं ग्राम रोजगार सहायक लगातार अपने क्षेत्रो में मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन लाभार्थियों से संपर्क कर निर्माण की बारीकियां देखते हुए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किए जा रहे हैं कि निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करें। उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्र के लिए विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तरह शेष ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से आवास की स्वीकृति दी गई थी। वर्तमान में उक्त दोनों मद से निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं। इन योजनाओं से राशि जारी होने पर ग्रामीणों को अपने आवास बनाने के लिए आर्थिक मदद मिल रहा है, जिससे उनके पक्के मकान का सपना पूरा हो रहा है।आवास पूर्णता के मामले में कबीरधाम जिला पूरे राज्य में पांचवे स्थान पर है जिला पंचायत कवर्धा के सीईओ श्री संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि वनांचल क्षेत्र में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान जनमन योजना से आवास की स्वीकृत किया गया है। उक्त आवास 2 लाख रुपए की लागत से स्वीकृत है और इसके अतिरिक्त 12 हजार रुपए शौचालय निर्माण के लिए साथ में अपना आवास बनाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से 95 दिवस का रोजगार और इसकी मजदूरी अलग से प्राप्त होगा। इसी तरह अन्य ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवास निर्माण के लिए एक लाख 30 हजार रुपए लाभार्थियों को दिया जा रहा है। राशि का आवंटन चार किस्तों में हो रहा है जैसे-जैसे आवास निर्माण की प्रगति होती जा रही है राशि हितग्राहियों के खाते में जारी किया जाता है।सीईओ ने बताया कि विभाग के तकनीकी कर्मचारी लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए सहयोग प्रदान कर रहे हैं एवं इसके लिए लगातार अपने कार्यक्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आवास निर्माण में कबीरधाम जिला पूरे राज्य में तीसरे स्थान पर है। उन्होंने लाभार्थियों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने आवास का निर्माण स्वयं करें किसी के बहकावे में नहीं आते हुए गुणवत्ता के साथ आवास निर्माण का कार्य समय पर पूर्ण करें।
    जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे आवास निर्माण पर एक नजर…….
    प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान, जनमन योजना अंतर्गत अभी तक कुल 7 हजार 981 परिवारों का सर्वे किया गया है। सर्वेक्षण उपरांत 3 हजार 554 परिवारों के आवास की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसमें जनपद पंचायत बोड़ला क्षेत्र के 2 हजार 81 एवं जनपद पंचायत पंडरिया क्षेत्र के 1473 आवास शामिल है। स्वीकृत आवास में से 2996 आवास के लिए प्रथम क़िस्त की राशि जारी की गयी है, जिसमें जनपद पंचायत बोड़ला क्षेत्र के 1 हजार 699 एवं जनपद पंचायत पंडरिया क्षेत्र के 1 हजार 297 आवास शामिल है। लाभार्थियों द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर अपना आवास बनाए जा रहे हैं।
    प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत कुल 48 हजार 657 आवास स्वीकृत किया गया जिसके विरुद्ध 48 हजार 623 हितग्राहियों को प्रथम किश्त, 47 हजार 146 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त, 45 हजार 631 हितग्राहियों को तृतीय क़िश्त एवं 21 हजार 240 हितग्राहियों को चतुर्थ किस्त की राशि उनके खाते में ऑनलाइन डीबीटी के माध्यम से जारी की गयी है। इनमें से 43 हजार 881 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, जो की लक्ष्य का 90.18 प्रतिशत है। कबीरधाम जिला आवास निर्माण की पूर्णता के मामले में राज्य में पांचवे स्थान पर है।

  • विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए लगाया गया विशेष शिविर

    विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए लगाया गया विशेष शिविर

    रायपुर, 10 जनवरी 2024 /विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए निरंतर शिविर लगाएं जा रहे हैं। योजना के तहत जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन) योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। गांव की बस्ती तक अधिकारियों का अमला पहुंचकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। भारत सरकार की लगभग 22 योजनाओं का लाभ सभी लोगों तक पहुंचाना है। इनमें आम नागरिकों को पक्का घर, हर घर में नल, घर तक बिजली, शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, आजीविका सहित अन्य महत्वाकांक्षी योजनाएं शामिल हैं।महासमुंद जिले के तीन विकासखण्ड महासमुंद, बागबाहरा और पिथौरा में कमार जनजाति के लोग निवास करते है। इनमें महासमुंद के 41 ग्रामों में 461 परिवार जिनकी कुल जनसंख्या 1687 है। इसी तरह बागबाहरा विकासखंड के 32 गांवों में 390 परिवार निवास करते है, जिनकी संख्या 1385 है। पिथौरा विकासखंड के दो ग्राम पंचायतों में 44 परिवार 168 सदस्यों के साथ निवासरत है। योजना के प्रचार-प्रसार के लिए 275 पारा-टोला में हिन्दी सहित छत्तीसगढ़ी बोली में दीवार लेखन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।जिला प्रशासन के द्वारा चिन्हांकित सभी विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के लोगों को लाभ दिलाने हेतु अभी तक 26 शिविर लगाया है। विशेष पिछड़ी जनजाति के 2682 हितग्राही शामिल हुए। 26 शिविरों में 301 लोगों का आधार कार्ड, 602 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 72 किसानों का पंजीयन, 15 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी एवं प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत 168 लोगों का नया खाता खोला गया। वहीं पीएम मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 10 महिलाओं का पंजीयन एवं 304 कमार परिवारों में राशन कार्ड वितरित किया गया।