Tag: राजनीतिक दलों को चुनावी घोषणापत्र में वादे करने का अधिकार: CEC राजीव कुमार

  • मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में वादे करने का अधिकार

    मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में वादे करने का अधिकार

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) अलग-अलग राज्य का दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. शनिवार को उन्होंने चेन्नई में पीसी कर चुनाव से जुड़ी अहम जानकारी दी.

    मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनावी घोषणापत्र में वादे करने का अधिकार है. वहीं, मतदाताओं को राजनीतिक दलों द्वारा किये गये वादों के पूरा होने के बारे में जानने का अधिकार है. निर्वाचन आयोग ने पार्टियों के वादों पर खुलासा करने के लिए प्रपत्र तैयार किया है, मामला विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं को यह जानने का अधिकार है कि क्या ये वादे वास्तविक हैं और इन कार्यक्रमों को कैसे वित्त पोषित किया जा सकता है.

     

    मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा?
    राजीव कुमार ने आगे कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सतर्क रहने, नकदी, उपहारों के वितरण को रोकने का निर्देश दिया गया है. हमारे पास कुछ बूथों का प्रबंधन PwD कर्मचारियों, महिलाओं और युवाओं द्वारा किया जाएगा. ये उन्हें सशक्त बनाना है. ये उनकी क्षमताओं और सशक्तिकरण का प्रदर्शन है. सभी मतदान केंद्रों पर पेयजल, बिजली, शौचालय, रैंप और व्हीलचेयर जैसी न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी.

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    स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हों’
    प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग बेहद दृढ़ है और सभी कलेक्टरों, सभी प्रवर्तन एजेंसियों को इस बारे में बताया गया है कि हम प्रलोभन मुक्त चुनाव चाहते हैं. स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हों. प्रलोभन मुक्त से हमारा मतलब है कि चुनाव में धन का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

    ‘फर्जी खबर’ पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज फर्जी खबरें चल रही हैं जैसा कि आपने बताया कि चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. हालांकि, ये खबरें सच नहीं हैं.

    राज्य में लोकसभा क्षेत्रों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की एक टीम तमिलनाडु में है. केरल और कर्नाटक के लोकसभा क्षेत्रों की भी समीक्षा की गई है. तमिलनाडु में कुल 39 निर्वाचन क्षेत्र हैं. केरल और कर्नाटक में क्रमशः 20 और 28 लोकसभा सीटें हैं. राजीव कुमार ने कहा कि हम राज्य की महिला मतदाताओं से अपील करते हैं कि जब वे मतदान के लिए आएं तो पुरुष मतदाताओं से भी आगे निकल जाएं.