Tag: बीमा प्रीमियम से जी एस टी हटाने बजट में हो पहल  सांसद बृजमोहन को यूनियन ने सौंपा ज्ञापन

  • बीमा प्रीमियम से जी एस टी हटाने बजट में हो पहल   सांसद बृजमोहन को यूनियन ने सौंपा ज्ञापन

    बीमा प्रीमियम से जी एस टी हटाने बजट में हो पहल  सांसद बृजमोहन को यूनियन ने सौंपा ज्ञापन

    रायपुर । भारतीय बीमा बाजार की कुछ प्रमुख समस्याओं को संसद में प्रभावी ढंग से उठाने का अनुरोध करते हुए आज बीमा कर्मियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल से उनके निवास स्थान मौलीश्री में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा । उल्लेखनीय है कि बीमा कर्मियों के अ. भा. संगठन आल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाईज एसोसिएशन के आव्हान पर संसद के बजट सत्र के पूर्व देशभर में सांसदों से मुलाकात कर जीवन एवं स्वास्थ बीमा में लगने वाले 18 % जी एस टी को खत्म करने बजट में प्रावधान की पहल को लेकर सी जेड आई ई ए के महासचिव धर्मराज महापात्र के नेतृत्व में सुरेंद्र शर्मा, राजेश पराते, अतुल देशमुख, गजेंद्र पटेल, सुभाष साहू, ललित वर्मा तथा दीपक जेम्स के प्रतिनिमंडल द्वारा ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन में मुख्य रूप से जीवन एवं स्वास्थ बीमा प्रीमियम से जी एस टी हटाने, बीमा पालिसी धारकों हेतु आयकर छूट में आकर्षक प्रावधान करने, राष्ट्रीय कृत आम बीमा की चारों कंपनियों को एकीकृत करने तथा एल आई सी का विनिवेशीकरण रोके जाने की मांग की गई है । ज्ञापन में कहा गया है कि जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा प्रीमियमों पर 18% जी एस टी से पालिसी धारकों पर अत्यधिक बोझ पड़ रहा है एवं इससे व्यवसाय में वृद्धि प्रभावित हो सकती है । पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के नेतृत्व में गठित संसदीय समिति ने भी इन दरों को तर्कसंगत बनाये जाने की सिफारिश की है । इसलिए इस बजट में बीमा प्रीमियम से जी एस टी वापस लिये जाने की जरूरत है । भारत में घटती घरेलू बचत के मद्देनजर जीवन बीमा के माध्यम से हो रही बचत को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है और इसलिए बजट में बीमा प्रिमियमों हेतु आकर्षक प्रावधान करते हुए आयकर में छूट बढाई जानी चाहिये । जीवन बीमा के माध्यम से एकत्रित प्रीमियम से सरकार को दीर्घकालीन निवेश हेतु एकमुश्त राशि उपलब्ध होती है जो देश के बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के विकास में लगाई जाती है । इसी प्रकार राष्ट्रीयकृत आम बीमा निगम की चारों कंपनियों को एकीकृत कर उन्हें मजबूत किये जाने की जरूरत है ताकि वे आपसी प्रतिस्पर्धा से हटकर निजी कंपनियों का मुकाबला करने में और अधिक सक्षम हो सके । मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान एल आई सी के 3.5% शेयरों का विनिवेशीकरण कर इसे स्टाक मार्केट में सूचीबद्ध कर दिया था । इस महत्वपूर्ण संस्थान से सरकारी अंशधारिता कम करते जाने से देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता ही खतरे में पड़ सकती है । अत: एल आई सी के विनिवेशीकरण को यही पर रोक दिया जाना चाहिए । सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यान से सुना तथा संसद सत्र के दौरान इन मुद्दों को उचित रूप से प्रस्तुत किये जाने का आश्वासन दिया ।