उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि विकास की गति तेज करने के साथ पर्यावरण के साथ सामंजस्य बहुत महत्वपूर्ण है। आगामी पीढ़ी को विभिन्न प्राकृतिक संसाधन जल, वायु, मृदा आदि अच्छी अवस्था में मिले यह वर्तमान पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है। विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सतत कार्य करना जलवायु परिवर्तन की समस्या के दौर में अहम है और अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में सतत कार्य कर रही है। उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भोपाल में द नेचर वालंटियर संस्था द्वारा भोपाल में पाई जाने वाली बर्ड्स की विभिन्न प्रजातियों की प्रामाणिक जानकारी पर आधारित पुस्तक “बर्ड्स ऑफ़ भोपाल” का विमोचन किया। उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी स्वर्गीय पी.एम. लाड को समर्पित की गयी है। स्वर्गीय लाड ने बर्ड कंज़र्वेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने पुस्तक की एक प्रति स्वर्गीय लाड की पत्नी कमला लाड को भेंट की। पुस्तक में भोपाल में पाई जाने वाली स्थानीय बर्ड्स और प्रवासी बर्ड्स को मिलाकर बर्ड्स की 312 प्रजातिओं को डॉक्यूमेंट किया गया है।विकास की राह में पर्यावरण संरक्षक पथ-प्रदर्शक का कार्य करते हैंउप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों के लिए अधोसंरचना विकास के लिए प्राकृतिक संपदा को कई बार परिहार्य कारणों से क्षति पहुँचती है तो शासन ने प्रावधान किए हैं कि उसकी भरपाई की जाये। सरकार इस दिशा में संवेदनशील है। उप-मुख्यमंत्री ने टीएनवी सहित समस्त ऐसे नेचर वालंटियर और संस्थान जो पर्यावरण संरक्षण दिशा में कार्यरत हैं, उनकी सराहना करते हुए कहा कि विकास की राह में पर्यावरण संरक्षकों के द्वारा ढाल की तरह पथ-प्रदर्शक का कार्य किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर नागरिक की सहभागिता आवश्यक हैं। जन-जागरूकता के लिए सतत प्रयास महत्वपूर्ण हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला, वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, पद्म पुरस्कृत एवं टीएनवी के प्रेसिडेंट भालू मोंधे एवं वरिष्ठ पत्रकार एवं टीएनवी के वाईस प्रेसिडेंट अभिलाष खांडेकर सहित टीएनवी के पदाधिकारी, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे प्रबुद्धजन और वालंटियर्स उपस्थित रहे।
भोपाल में है “इंटरनेशनल बर्ड्स फेस्टिवल” की क्षमता
प्रमुख सचिव पर्यटन शुक्ला ने भोपाल में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बर्ड्स फेस्टिवल के आयोजन की क्षमताओं और संभावनाओं को रेखांकित किया और इस दिशा में जन-जागरूकता लाने के लिए स्वयंसेवी संगठनों से प्रयास करने का आह्वान किया। वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा तैयार वन्य-प्राणियों, जैव-विविधता पर आधारित पुस्तकों से प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध होती है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में अत्यंत उपयोगी है। वरिष्ठ पत्रकार एवं टीएनवी के वाईस प्रेसिडेंट अभिलाष खांडेकर ने “बर्ड्स ऑफ़ भोपाल” पुस्तक के निर्माण में योगदान देने वाले ओरिंथोलॉजिस्ट और प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शासन से सहयोग के विभिन्न विषयों का उल्लेख किया।