रायपुर, 01 फरवरी 2024 /मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की राज्य स्तरीय संचालन सह-मानिटरिंग समिति की बैठक सम्पन्न हुई। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत राज्य के शासकीय स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को दोपहर में भोजन प्रदान किया जाता है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में नियमित रूप से विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त भोजन मिले यह सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने संभागायुक्त एवं कलेक्टरों को योजना की लगातार मानिटरिंग करने कहा है। मुख्य सचिव ने बस्तर संभाग के पांच जिले कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर एवं सुकमा में आयोजित हो रहे विशेष शिविरों के दौरान वहां के स्कूल में मध्यान्ह भोजन की स्थिति की विशेष रूप से मॉनिटरिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र जहां स्कूलों में विद्यार्थियों को दोपहर में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है वहां के सक्षम नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे त्यौहारों पर या अपने जन्म दिवस पर या अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर विद्यार्थियों को अच्छा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में अपना योगदान दें। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से कहा है कि वे भी विद्यार्थियों को विशेष तिथियों पर या अपने जन्म दिवस पर पौष्टिक भोजन प्रदाय करायें। बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। योजना के तहत छत्तीसगढ़ में 55 हजार 350 से अधिक स्कूलों में 29 लाख 55 हजार से अधिक विद्यार्थियों को दोपहर में गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के तहत 88 हजार 142 रसोईयों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। ये रसोईयां स्कूलों में भोजन बनाने का कार्य कर रही हैं।वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित इस बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, वित्त विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद और समिति के सदस्य सहित स्कूल शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
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प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत विद्यार्थियों को मिलेट से बने पकवान उपलब्ध कराने का निर्णय
रायपुर, 28 अप्रैल 2023/प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पूरक पोषण अंतर्गत सोया चिक्की के वितरण करने हेतु वार्षिक कार्य योजना में स्वीकृति दी गई थी। उसी समय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और प्रधानमंत्री की ओर से मिलेट मिशन की घोषणा की गई थी। इसके पश्चात् सोया चिक्की के स्थान पर विद्यार्थियों को मिलेट से बने हुए पकवान उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्णय लिया गया था। क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य में सोयाबीन की उपलब्धता नगण्य है, जबकि मिलेट्स की उपलब्धता अधिक है। इस निर्णय के पश्चात् सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट से बने अन्य पकवान वितरण करने के लिए भारत सरकार को 16 दिसम्बर 2022 को प्रस्ताव भेजा गया था। स्मरण पत्र भी भेजा गया था। स्वीकृति समय पर नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय स्कूल शिक्षा मंत्री को 27 जनवरी 2023 को अनुरोध पत्र भेजा था। भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय के पत्र -PMPOSHAN-2-1- Part(1), 10 फरवरी 2023 द्वारा सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई।
भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् पूर्व में सोया चिक्की वितरण हेतु चुने गए कुल 07 जिलों के हेतु राशि मार्च के अंत में प्राप्त हुई, जिसका 30 अपै्रल तक उपयोग करने के निर्देश थे। तत्पश्चात पूर्व में प्रस्तावित 07 जिलों के अलावा 05 जिलों को शामिल करते हुए कुल 12 जिलों के लिए कार्ययोजना तैयार किया गया। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में स्पष्ट आदेश दिये गये कि मिलेट्स की खरीदी जिला स्तर पर वन विभाग की संस्थाओं अथवा सी मार्ट से की जाये, परन्तु मिलेट की पकी हुई सामग्री नहीं खरीेदें बल्कि कच्चा मिलेट खरीदकर उसे स्व-सहायता समूहों द्वारा पकी हुई सामग्री में परिवर्तित कर बच्चों को बांटा जाये । इस निर्देश के पीछे आशय यह था कि मिलेट के व्यंजन को स्कूल स्तर पर ही पकाया जाएगा क्योंकि स्कूल स्तर पर मध्यान्ह भोजन पकाने का कार्य स्कूल स्तर के स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाता है ।
राज्य शासन द्वारा विभागीय पत्र 10 मार्च 2023 द्वारा निर्देशित किया गया कि जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वन विभाग द्वारा उपार्जित सामग्री से खाद्य पदार्थ बनवाकर भंडार क्रय नियम का पालन करते हुए करा सकेंगे। भारत सरकार के गाईड लाईन अनुसार प्रधानमंत्री पोषण का संचालन स्व-सहायता समूहों द्वारा कराया जा सकता है। बाजार में उपलब्ध रेडीमेट खाद्य सामग्री क्रय पर रोक लगाई जाए। मिलेट आधारित खाद्य सामग्री का वितरण प्रस्तावित 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन किया जाए। पूरक पोषण सामग्री का वितरण शैक्षणिक सत्र 2022-23 अर्थात् 30 अप्रैल 2023 तक किया जाये। जिला शिक्षा अधिकारियों के मांग अनुसार राज्य कार्यालय द्वारा आबंटन जारी किया जाये।
इस संबंध में न्यूज चैनलों में मिलेट चिक्की क्रय में गड़बड़ी की खबर प्रकाशित की गई। संचालक, लोक शिक्षण द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग में चर्चा करने पर यह बात पता चली कि कुछ जिलों में वास्तव में इस प्रकार से मिलेट चिक्की की खरीदी करने के आदेश जारी किये गये हैं। संचालक, लोक शिक्षण ने वीडियों कान्फ्रेसिंग दिनांक 20 अप्रैल 2023 में भी एक बार पुनः जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसा क्रय आदेश तुरंत निरस्त करने के निर्देश दिये हैं।
जिला स्तर पर राज्य शासन के आदेश के विपरीत और राज्य शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए मिलेट चिक्की क्रय करने के आदेश जारी करने की सूचना मिली है। यदि ऐसा हुआ है तो यह घोर अनुशासनहीनता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। राज्य शासन द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना/उल्लंघन करने वाले जिला दुर्ग/गरियाबंद/कोरिया/सूरजपुर/बलरामपुर/रायगढ़/बलौदा-बाजार/नारायणपुर/कांकेर/कोण्डागांव/बस्तर/दंतेवाड़ा के अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करते हुए, निर्देशित किया गया है कि मिलेट के व्यंजन स्कूल स्तर पर पकाये जाने हैं। उनको कोई खरीदी नहीं की जानी है और यदि खरीदी के आदेश जारी हुये भी हैं तो उसे तत्काल निरस्त किया जाए।
केन्द्रांश राशि 1797.20 लाख 20 मार्च 2023 को प्राप्त हुआ है, जिसे 30 अप्रैल तक उपयोग करने के निर्देश दिये गये है। चूंकि शालायें 30 अप्रैल तक संचालित होती है। 15 जून के बाद मिलेट्स पका हुआ भोजन दिये जाने हेतु भारत सरकार को अनुरोध पत्र भेजा जा रहा है।
स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिये कटिबद्ध है कि प्राप्त राशि का सही उपयोग हो। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दास्त नहीं किया जायेगा तथा दोषी अधिकारियों को किसी भी स्थिति में नहीं बख्शा जायेगा एवं उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।