कोरबा।
कोरबा जिले के कटघोरा में जल्द लिथियम की माइनिंग शुरू होगी। इसके नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। खदान से लिथियम निकालने की प्रक्रिया में 2 से 5 साल लग सकता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में ही लिथियम के भंडार हैं। जम्मू कश्मीर का भंडार दुर्गम स्थल पर है। इस वजह से किसी भी माइनिंग कंपनी ने अपनी रुचि नहीं दिखाई। वहीं छत्तीसगढ़ में कोलकाता बेस्ड माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया, यह लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में माइनिंग होगी। यहां 10 से 2 हजार पीपीएम लीथियम कंटेन्ट पाया गया है। छत्तीसगढ़ में इसकी माइनिंग शुरू होने पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने बताया छत्तीसगढ़ के बस्तर में लिथियम की संभावना है, यहां भी जल्द सर्वे शुरू होगा।
ऐसे होगा देश और प्रदेश को फायदा
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग: लीथियम का सबसे बड़ा इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में होता है। इसकी माइनिंग से देश इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा। छत्तीसगढ़ में भी इससे जुड़े उद्योग शुरू हो सकते हैं।
बैटरी निर्माण उद्योग: लीथियम का उपयोग विभिन्न प्रकार की बैटरी बनाने में होता है, जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि। नवा रायपुर में नए उद्योगों के आने की संभावना है।
रोजगार के अवसर: लीथियम खदान खुलने से सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा होंगे। खनन, प्रसंस्करण, बैटरी निर्माण और अन्य संबंधित उद्योगों में लोगों को रोजगार मिलेगा।
अग्रणी राज्यों में होगा छत्तीसगढ़: सीएम
सीएम ने सोशल मीडिया में लिखा है, जिओलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की पुष्टि के बाद कटघोरा में जल्द ही देश की पहली लिथियम खदान खुलेगी। इस खदान के शुरू हो जाने से हमारा छत्तीसगढ़ आने वाले समय में देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा और विकसित भारत – 2047 के निर्माण में छत्तीसगढ़ के लिथियम भंडार का अहम योगदान होगा।