चंदन शर्मा कुरूद । संत गुरु घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरुद में भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत् वर्तमान संशोधन के अनुसार एक जुलाई 2024 से तीन कानूनों में हुए बदलाव के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम के तहत् एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य वक्ता रागिनी मिश्रा (एस.डी.ओपी. धमतरी) ने तीनों नए कानूनों में बदलाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। पूर्व के कानून भारतीय दण्ड संहिता 1860 (आईपीसी) को अब भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) के रूप में संशोधित किया गया। इसी प्रकार दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (आईपीसी) अब भारतीय नागरिक संहिता 2023 (बीएनएसएस) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1812 (इंडियन एविडेंस एक्ट) अब भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 (बी.एस.ए) के रूप में संशोधित है। इस कार्यशाला में नए कानूनों के अलावा अन्य कानून की जानकारी भी आज के कार्यशाला में प्रदान की गई। कुरूद के थाना प्रभारी अरूण साहू ने रोड एक्सीडेंट, साइबर क्राइम, सोशल मीडिया से जुड़े कानूनी प्रावधान की जानकारी प्रदान की। छात्रों तथा नागरिकों को सोशल मीडिया के प्रयोग पर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। कोई आपत्तिजनक सामग्री वीडियों देखा जाना, शेयर करना आदि आपराधिक कृत्य है। ऐसे सभी अपराध एन. सी.आर.बी. (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) में रिकार्ड होते है। ओ.टी.पी. किसी भी स्थिति में अनजान व्यक्ति को शेयर नहीं करना है। साथ ही मोबाईल पर प्राप्त अनावश्यक लिंक खोलकर नहीं देखना चाहिए।
वाहन चेकिंग का मूल उद्देश्य वाहन से संबंधित कागजात की चेकिंग, हेलमेट अनिवार्य है क्योंकि 80-90 प्रतिशत मौत हेड इन्ज्यूरी से होती है। महिला उत्पीड़न से संबंधित कानूनों पर प्रकाश डाला।ई-एफ. आई. आर. के संबंध में जानकारी दी गई कि अब ई-एफ. आई. आर. कोई भी कर सकता है किन्तु ई.एफ.आई.आर. के बाद 03 दिन के भीतर थाने में आकर सत्यापन कराना होगा।
इस दौरान छात्र-छात्राओं तथा प्राध्यापकों ने नए कानूनों के संबंध में अपने प्रश्न पूछे जिनका जवाब वक्ताओं ने दिये। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.डी. के. राठौर ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को शपथ देते समय, प्रवेश आवेदन के दौरान दी गई जानकारी, पालकों के हस्ताक्षर आदि सही तरीके से करना चाहिए। गलत जानकारी देना भी अपराध है छात्रों को ऐसी गलतियों से बचना चाहिए। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, अधिकारी / कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएँ अभिभावकों के साथ उपस्थित रहें।