Tag: नगरनार प्लांट ही नहीं बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत बीजेपी में नहीं : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  • नगरनार प्लांट ही नहीं बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत बीजेपी में नहीं : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

    नगरनार प्लांट ही नहीं बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत बीजेपी में नहीं : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

    रायपुर/20 अक्टूबर 2023। जगदलपुर में चुनावी जनसभा में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए बीजेपी के दावों  पर करारा प्रहार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह यह कहते तो हैं कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा, लेकिन उसका आदेश नहीं दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि नगरनार प्लांट क्या बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत बीजेपी के नेताओं में नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा, पांच साल पहले भी दावा किया गया था कि नगरनार प्लांट का निजीकरण नहीं होगा लेकिन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी समिति ने नगरनार प्लांट को निजी हाथों में बेचने का फैसला किया है। कल ही पांच कंपनियों के लोग नगरनार प्लांट का निरीक्षण करके गए हैं।
    भ्रष्टाचार पर बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क               
    मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गृह मंत्री भ्रष्टाचार करने वालों को उल्टा लटकाने की बात करते हैं, लेकिन भ्रष्टाचारियों के नामांकन में आते हैं। रमन सिंह ने नान घोटाला, चिटफंड घोटाला किया, उनके बेटे का नाम पनामा केस में आया लेकिन गृह मंत्री कांग्रेस के लोगों को उल्टा लटकाने की बात कहते हैं। बीजेपी को छत्तीसगढ़ की जनता से कोई लेना देना नहीं है। वह सिर्फ बदला लेना चाहते हैं।
    बुरे से बुरे दौर भी कांग्रेस के साथ खड़ा रहा बस्तर

    मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, वह दौर भी हमने देखा है जब पहले लोग बस्तर आने से डरते थे। एक तरफ नक्सलियों की गोली और दूसरी तरफ पुलिस का खौफ होता था।  बीजेपी की सरकार बस्तर के लोगों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार करती थी। फर्जी एनकाउंटर कराए जाते थे, फर्जी मुकदमों में जेल भेजा जाता था। आदिवासियों की जमीनें छीन ली जाती थीं। राशन दुकानें, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद करा दिए जाते थे। किसानों को बाजार से लोन लेना पड़ता था। राशन 35 के बजाय 7 किलो कर दिया गया था। किसान अपनी उपज औने पौने दामों में बेचने को मजबूर थे। लेकिन बुरे से बुरे दौर में भी बस्तर की जनता ने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया। 2018 में जब परिवर्तन का दौर आया तो कांग्रेस हर मुददे पर संघर्ष करती रही। उसका परिणाम यह रहा कि कांग्रेस बस्तर की 12 में से 11 सीटें जीती।
    डबल इंजन की सरकार में घटी किसानों की संख्या

    किसानों के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, बीजेपी की वादा खिलाफी के कारण उनकी सरकार में किसानों की संख्या घट गई। डबल इंजन की सरकर में प्रति एकड़ 15 के बजाय 10 क्विंटल धान खरीदी का फैसला किया गया। बोनस नहीं दिया गया। जबकि कांग्रेस की सरकार ने दो घंटे में किसानों का कर्ज माफ किया। कोदो, कुटकी, रागी का समर्थन मूल्य तय किया। भूमिहीन श्रमिकों के खाते में पैसे भेजने का काम किया। रमन सिंह की सरकार में 12 लाख किसान धान बेचते थे। कांग्रेस की सरकार में राजीव गांधी किसान योजना लागू की गई। बीते साल साढ़े 24 लाख किसानों ने धान बेचा। अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी होगी तो किसानों की संख्या 26 लाख हो गई है।
    कांग्रेस ने बदली बस्तर की तस्वीर

    मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बस्तर की तस्वीर बदलने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया है। स्वास्थ्य योजनाओं से बस्तर को मलेरिया मुक्त किया। सड़कें और पुल का जाल बिछाया गया। हर ब्लाक और गांवों को सड़कें बनाई गई हैं। घर घर बिजली पहुंचाई गई।
    बीजेपी आई तो ओपीएस नहीं एनपीएस लागू करेगी

    मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बीजेपी आई तो पुरानी पेंशन बंद हो जाएगी और एनपीएस लागू किया जाएगा। बिजली बिल हाफ योजना बंद हो जाएगा। 35 किलो चावल मिलना बंद हो जाएगी। धान फिर से 20 क्विंटल के बजाय 10 क्विंटल खरीदा जाने लगेगा। धान का मूल्य 2640 रुपये मिलना बंद हो जाएगा।