Tag: झांकी देखकर दर्शक हुए मंत्र मुग्ध

  • अंचल के गायकों की जगराता कार्यक्रम में प्रस्तुति को सभी ने सराहा,झांकी देखकर दर्शक हुए मंत्र मुग्ध

    अंचल के गायकों की जगराता कार्यक्रम में प्रस्तुति को सभी ने सराहा,झांकी देखकर दर्शक हुए मंत्र मुग्ध

    सक्ती।

    प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी नवरात्रि पर्व में शहरी एवं ग्रामीण अंचल में विभिन्न दुर्गा पंडालों एवं मंदिरों में जहां विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना एवं धार्मिक आस्था से भरे कार्यक्रम हुए। ग्रामीण एवं शहरी अंचल में दुर्गा उत्सव आयोजन समिति के द्वारा अंचल के कलाकारों का जगराता कार्यक्रम भी कराया गया। अंचल के कलाकारों में संतोष महंत, पप्पू साहू, पुष्पा वैष्णव, सुमन चौहान, जय नंदन कर्ष, उर्मिला लहरे, शांति रठिया जैसे अनेक कलाकारों के द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई। इसी कड़ी में सक्ती नगर के झूल कदम स्थित पुराना बर्फ फैक्ट्री के पास दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा एवं सक्ती से लगे ग्राम बगबुड़वा में पी.एस. म्यूजिकल ग्रुप द्वारा इसके गायक कलाकार पप्पू साहू एवं सुमन चौहान के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। जहां इनके द्वारा दी गई प्रस्तुति में श्रद्धालु जस गीत एवं भक्ति गीतों पर झूमते देखे गए । वहीं रोमांच से भरे भगवान श्रीकृष्ण राधा, भगवान शंकर पार्वती एवं महाकाली की झांकी की प्रस्तुति देखकर दर्शक मंत्र मुग्ध हुए बिना नहीं रहे। वहीं दूसरी ओर ओ.पी.एस. ग्रुप के गायक कलाकार संतोष महंत पुष्पा वैष्णव एवं डायरेक्टर ओम यादव तथा उनकी पूरी टीम के द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जा रही है,जिसमें ग्रामीण अंचल के अमनदूला, मुक्ता, भोथिया, सलनी, पुटेकेला, कुरदा, मुरली डी, पोता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसमें दर्शकों के द्वारा ओ.पी.एस. ग्रुप के कार्यक्रम की सराहना की गई वही एक से बढ़कर एक जस गीत एवं भक्ति गीतों, भजन में दर्शन झूमते दिखाई दिए।

    अंचल के सिंगरों ने क्या कहा आइए बताते हैं

    संतोष महंत गायकी के क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल कर चुके संतोष महंत वर्तमान समय में परिचय के मोहताज नहीं है। इनके द्वारा श्याम भजन, फिल्मी गीतों से सजे आर्केस्ट्रा, जस गीत तथा भागवत कथा में गायकी में महारत हासिल होने के साथ-साथ सरल स्वभाव के कारण इनके अंचल में विशेष पहचान बनी हुई है। संतोष महंत कहते हैं कि ईश्वरीय कृपा के बिना किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिलती। वहीं उन्होंने लगातार गायकी के क्षेत्र में मेहनत एवं प्रयास को अपनी उपलब्धि का कारण बताया । उन्होंने यह भी कहा कि आम जनमानस संगीत प्रेमी हम सभी संगीत से जुड़े कलाकारों को जो प्यार देते हैं। उसी से हमारा हौसला और भी बढ़ने लगता है । तथा हम गायकी के क्षेत्र में और अधिक योगदान दे पाते हैं।

    पप्पू साहू इसी तरह अंचल के एक और गायक पप्पू साहू जिन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है। इनका कहना है कि मैं लंबे समय से गायकी के क्षेत्र में मेहनत कर रहा हूं । और मुझे लोगों का भरपूर प्यार एवं स्नेह प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि जैसे पर्व में हमारे जैसे कलाकारों को अत्यधिक मंच प्राप्त होता है। जिससे हमारे कला में और भी निखार आता है । उन्होंने अपनी उपलब्धि “मोर सक्ती जिला महान” जैसे गाना गाने के अवसर प्राप्त होने को बताते हैं। साथ ही उन्होंने सक्ती के महामाई दाई पर आधारित गाना “मोर महामाया” के भाग एक और भाग दो को भी अपनी उपलब्धि बताते हैं । पप्पू साहू का कहना है कि क्षेत्र में अनेकों कलाकार है, जो एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देते हैं । मैं उन सभी का सम्मान करता हूं । उन्होंने शासन प्रशासन से कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए अपील करते हुए कहा है, की संगीत से जुड़े कलाकारों के लिए प्रशासन को एक कदम आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए।

    पुष्पा वैष्णव गायकी के क्षेत्र में एक और नाम पुष्पा वैष्णव का लिया जाता है। जिन्हें हमेशा सक्ती अंचल में कहीं ना कहीं कार्यक्रम देते हुए अवश्य देखा जाता है । पुष्पा वैष्णव अपनी टीम के साथ बड़े फिल्मी आर्केस्ट्रा से लेकर श्याम भजन, नवधा रामायण एवं नवरात्रि पर्व जैसे अवसर पर जस गीत, जगराता जैसे कार्यक्रम में अपने एक से बढ़कर एक गायकी से सभी को मंत्र मुक्त कर चुके हैं । इनका कहना है कि हम गायको को केवल रुपए पैसे ही नहीं चाहिए बल्कि हमें उचित सम्मान भी मिलना चाहिए। उन्होंने आम जनता से मिल रहे स्नेह को अपनी ताकत बताते हुए कहा कि आज हम जो भी हैं। उसके पीछे वही आम संगीत प्रेमी जनता है। जो हमें आगे बढ़ने में प्रोत्साहित करते हैं।

    सुमन चौहान म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों के अगर बात करें तो एक और कलाकार सुमन चौहान  जिनका निवास स्थान भले ही कोरबा में है लेकिन इन्हें जांजगीर चाम्पा, सक्ती, बिलासपुर, रायगढ़ जिले के लोग उनके विशेष गायकी अंदाज को लेकर इन्हें पसंद करते हैं । इन्हें सभी तरह के गायकी क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले के रूप में भी देखा जाता है। 12 वर्ष की उम्र से गीत संगीत के प्रति रुचि रखने वाले एवं स्टेज कार्यक्रम करने वाली सुमन चौहान कहती है कि मेरे माता-पिता एवं भाई सभी संगीत से जुड़े हुए हैं । इस कारण मैं भी संगीत के क्षेत्र में कुछ अच्छा करने का प्रयास कर रही हूं। इनका कहना है कि जिस भी क्षेत्र में जिस किसी को भी आगे बढ़ना है । उसे उस क्षेत्र में उन्हें पूरी ईमानदारी के साथ अपना सब कुछ लगा देना होता है । तभी वह आगे बढ़ पाता है। मैं प्रयास करती हूं। कि अपने गाने के साथ में न्याय कर सकूं और लोगों का स्नेह प्राप्त कर सकूं।