Tag: जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप 50 वर्षों के दूरगामी सोच को रखते हुये पूर्व जेलों के विस्तार एवं नवीन जेलों के निर्माण पर दिया निर्देश

  • जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप 50 वर्षों के दूरगामी सोच को रखते हुये पूर्व जेलों के विस्तार एवं नवीन जेलों के निर्माण पर दिया निर्देश

    जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप 50 वर्षों के दूरगामी सोच को रखते हुये पूर्व जेलों के विस्तार एवं नवीन जेलों के निर्माण पर दिया निर्देश

    रायपुर, 21 फरवरी 2024/ छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर का आदेश क्रमांक एफ 9-9/2024/1/5 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 14.02.2024 एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा WRIT PETITION (CIVIL) NO. 406/2013 RE-INHUMAN CONDITIONS IN 1382 PRISONS में पारित निर्णय दिनांक 30.01.2024 के परिपालन में राज्य के जिलान्तर्गत जेलों की वर्तमान क्षमता, भविष्य की मांगों के आधार पर जिलों में नई जेल स्थापित करने के लिये भूमि अधिग्रहण, लंबित परियोजना सहित अन्य जरूरतों की समीक्षा कर त्वरित कार्यवाही हेतु जिला न्यायाधीश महोदय के विश्राम कक्ष में दिनांक 21.02.2024 को श्री अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें श्री प्रवीण मिश्रा संयोजक / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री गौरव कुमार सिंह कलेक्टर रायपुर, श्री दीपक कुमार अग्रवाल कलेक्टर गरियाबंद, श्री संतोष सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर, श्री देवचरण पटेल अति० पुलिस अधीक्षक गरियाबंद, श्री एस. एस. तिग्गा, जेल अधीक्षक / उप महानिरीक्षक केन्द्रीय जेल रायपुर, श्री एच. एस. ठाकुर जेल अधीक्षक गरियाबंद की सदस्यता में संपन्न हुई। जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप जेलों के विस्तार से लेकर नई जेलों के स्थापना के संबंध में पूर्व में स्थापित जेलों के 10 वर्ष पूर्व तक की समस्त सुविधाए उपलब्ध कराने एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप 50 वर्षों के दूरगामी सोच को रखते हुये नवीन जेलों के निर्माण एवं समस्त आधुनिक सुविधाएं नवीन जेल नियमावली 2016 के तहत उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिया। वर्तमान में उपलब्ध सुविधाएं एवं नवीन जेलों में उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं पर परिचर्चा की गई। जिला न्यायाधीश ने यह भी कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का उद्देश्य बंदियों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करना है और बंदियों की बढ़ती हुयी क्षमता को देखते हुये हो रही समस्याओं का निदान कर नवीन जेलों का निर्माण करना है। अतः इस कार्य में शीघ्रता लाने इस कमेटी का कर्तव्य है। इस संबंध में रायपुर तथा गरियाबंद जेल में भूमि अधिग्रहण एवं बजट के संबंध में विस्तार से परिचर्चा हुई। जिसमें बताया गया कि केन्द्रीय जेल रायपुर के लिये नवीन जेल भूमि 80 एकड़ का अधिग्रहण सुनिश्चित हो चुका है और बजट भी उपलब्ध हो चुका है। इसके अतिरिक्त पुराने जेल में 5 बैरकों का अतिरिक्त निर्माण प्रारंभ किया जायेगा। गरियाबंद में भी एक बैरक का अतिरिक्त निर्माण एवं नवीन जेल का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा।