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    निर्यात का संकेत, चरौटा 2700 रुपए क्विंटल, छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश और झारखंड भी तैयार

    रायपुर 19 नवंबर 2022/

    आगे, सबसे आगे है, छत्तीसगढ़ का चरौटा। पखवाड़े भर बाद आने वाली नई फसल का मुहूर्त सौदा 2700 रुपए क्विंटल पर होने की संभावना प्रबल होती नजर आ रही है क्योंकि दो बरस बाद चीन ने भारतीय चरौटा के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। संभावना, और तेजी के बन रहे हैं।

    महामारी के दो बरस बाद चीन की खरीदी का संदेश निर्यातकों तक पहुंच चुका है। संग्राहकों को भी खबर दी जा चुकी है। खरीफ की फसल का कामकाज निपटाने के बाद युद्ध स्तर पर संग्रहण के संकेत मिल रहे हैं। इस बरस मानसून की मेहरबानी चरौटा पर भी खूब हुई है। इसलिए उत्पादन का नया कीर्तिमान बन सकता है। साथ ही संग्रहण और निर्यात भी नया रिकॉर्ड बना सकता है।

    निर्यात की प्रबल संभावना
    कोरोना महामारी के दो बरस बाद कम होती संक्रमण दर के बाद प्रमुख खरीददार देश चीन ने निर्यात के द्वार खोल दिए हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ के चरौटा को पहली बार 3200 से 3300 रुपए क्विंटल का भाव मिला। संक्रमण दर में पुनः उछाल के बाद निर्यात फिर से बंद है लेकिन अग्रिम सौदे की खबर आ रही है। इसलिए संग्राहकों को तैयारी करने की सूचना भेजी जा चुकी है।

    तैयार मध्य प्रदेश और झारखंड भी
    जैसे संकेत निर्यात के मिल रहें हैं उसे देखकर छत्तीसगढ़ के चरौटा निर्यातक, पड़ोसी प्रांत मध्य प्रदेश और झारखंड से संपर्क बनाए हुए हैं ताकि जरूरत के वक्त इन दोनों से भी खरीदी की जा सके। इसलिए यह दोनों प्रदेश भी अग्रिम तैयारी में लगे हुए हैं। मध्यप्रदेश का मंडला जिला और झारखंड सीमा के क्षेत्रों का चरौटा वैसे भी पहले से गुणवत्ता के मामले में सबसे आगे हैं।
    मौसम का साथ
    मौसम ने जैसा साथ दिया है, उससे चरौटा, उत्पादन का नया कीर्तिमान बना सकता है। कारोबारी अब इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं क्योंकि अनुमान से ज्यादा उत्पादन की संभावना है। अपने प्रदेश में गरियाबंद, धमतरी, बस्तर और सरगुजा के साथ-साथ जशपुर जिला में बड़ी मात्रा में इसका संग्रहण होता है।
    अभी यह भाव
    चीन की खरीदी से भाव, कुछ माह पहले तक 3200 से 3300 रुपए क्विंटल पर पहुंच गया था। लॉकडाउन के बाद भाव, अब 2700 से 2800 रुपए क्विंटल पर आ चुका है। इससे कम जाने की संभावना फिलहाल कम ही है क्योंकि निर्यात बहुत जल्द फिर से खुलने के संकेत मिल रहे हैं। इसलिए संग्राहकों को तैयारी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।