नई दिल्ली , 21 , सितम्बर , 2023 /
कनाडा में एक और खालिस्तानी आतंकवादी सुक्खा दुनके की उसके विरोधी गैंग ने गोली मारकर हत्या कर दी. इसके पहले इस गैंग के कथित प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे गुरुद्वारों पर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर हुई रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या वजह बताई जा रही है. गुरुद्वारों पर वर्चस्व की लड़ाई दो गैंग के बीच थी, जिनमें एक रिपुदमन सिंह मलिक और दूसरा हरदीप सिंह निज्जर का था.
गुरुद्वारों पर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर रिपुदमन सिंह मलिक और हरदीप सिंह निज्जर ने अपने-अपने गैंग बना लिए थे. इन गैंग में भारत से भाग कर पाकिस्तान और कनाडा आदि देशों में जाकर छुपने वाले आतंकवादियों और अपराधियों को पनाह दी जाती थी. दिलचस्प यह है कि कुख्यात आतंकवादी और अपराधी अर्शदीप डल्ला और गोल्डी बराड़ अलग-अलग गैंग में हैं. इन अपराधियों के अलावा कनाडा में भारत से भाग कर छुपे हुए आतंकवादी और अपराधी सनावरण ढिल्लों, चरणजीत सिंह, रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, सतवीर सिंह वारिंग, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा डाला, लखबीर सिंह लिंडा, सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा आदि इऩ गैंग में शामिल हैं /
भारत से भागकर कनाडा पहुंचे आतंकवादी
यह सारे आतंकवादी और अपराधी पहले भारत में थे और उसके बाद भाग कर दूसरे देशों से होते हुए कनाडा पहुंचे. लिहाजा वे एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं. जिसके चलते इनके एक गैंग से दूसरे गैंग में जाने का सिलसिला भी जारी रहा. जिसकी वजह से एक गैंग की खबर दूसरे गैंग को लगातार मिलती रही. खुफिया सूत्रों का मानना है कि यही कारण है कि दोनों गैंगों के प्रमुख की जानकारी एक दूसरे गैंग को मिलने के कारण दोनों की हत्या हो गई. इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में आतंक मचाकर कनाडा में आतंक मचाने वाले हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कथित जिम्मेदारी भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी पर डालने की कोशिश की. जिसके चलते इन आतंकवादी-अपराधी गठजोड़ को यह लगा कि यदि वे आने वाले चुनाव के पहले गुरुद्वारों पर पूरी तरह से अपना कब्जा कर लेते हैं तो वह कनाडा में एक नेता के तौर पर उभर सकते हैं /