रायपुर, 17 सितम्बर 2023.
छत्तीसगढ़ प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत नगर पंचायत माना के निकट माना बस्ती में वन विभाग के केन्द्रीय रोपणी इंदिरा निकुंज माना के समीप लगभग 1.5000 हेक्टेयर राजस्व भूमि पर कृष्णकुंज स्थापना की आधारशिला रखी गई है। जिसका शुभारंभ 17.09.2023 को पूर्व मंत्री छ.ग. शासन एवं विधायक सत्यनारायण शर्मा के मुख्य आतिथ्य में शुभारंभ किया गया.
इस मौके पर विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल की मंशा अनुरूप ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के उद्देश्य ‘वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, अपने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उन्हें विशिष्ट पहचान देने के लिए इसका नाम ‘कृष्ण-कुंज’ रखा गया है। विगत वर्षों में शहरीकरण की वजह से हो रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। आने वाली पीढ़ियों को इन पेड़ों के महत्व से जोड़ने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ की पहल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कृष्णकुंज की स्थापना का प्रतीकात्मक उद्देश्य जनमानस में आपसी सौहार्दयता भाईचारा जन भागीदारी के विकास के साथ ही साथ स्थानीय पर्वो को आपसी सामंजस्य से हर्षो उल्लास के साथ मनाने एवं छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज को बढ़ावा देना है. विधायक शर्मा ने कहा कि मामा बस्ती के ग्राम पंचायत क्षेत्र में पहलीबार कृष्णा कुंज कि स्थापना में वन विभाग के अधिकारीयों व कर्मचारियों सहित डीएफओ और रेंजर के अथक प्रयास से संभव हुआ . इसके लिए वन मंत्री मो.अकबर और वनमंडल अधिकारी की टीम को बधाई . इस मौके रायपुर –धमतरी मार्ग से लगे कृष्णा कुंज वाटिका और भगवान कृष्णा की भव्य मूर्ति का लोकार्पण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने जनप्रतिनिधियों और ग्राम के बुजुर्गों के साथ मिलकर किया .
वनमंडल अधिकारी विश्वेश कुमार ने बताया कि रायपुर जिले में 12 वां कृष्णा कुंज की आज माना नगरीय क्षेत्र से लगे ग्राम पंचायत माना बस्ती कृष्णकुंज की स्थापना की जा रही है. इससे पहले रायपुर जिले के 10 नगरीय निकाय कुर्रा, खरोरा, बिरगांव, अटारी, तेलीबांधा, आरंग, चंदखुरी, कुरुद समोदा, उरला में कृष्ण-कुंज के लिए स्थल चयनित कर स्थापना कर लिया गया है।
कृष्णा कुंज माना के मुख्य उद्देश्य एवं आकर्षण में मुख्यमंत्री के मंशानुरूप स्थानीय फलदार, औषधीय एवं ईमारती पौधे जो वर्तमान में विलुप्तता की ओर है, उनका संरक्षण एवं संवर्धन करना। स्थानीय पौधों के प्रजातियों के रोपण के साथ ही साथ छत्तीसगढ़ की अस्मिता को पुर्नजीवित करना । रायपुर एवं नवा रायपुर राजधानी के मध्य स्थानीय निवासियों को स्वच्छ वातावरण मय वाटिका स्वरूप उद्यान की भेंट तथा स्थानीय निवासियों को पौधा रोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूक करना है।
सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का हर एक पर्व प्रकृति और आदिम संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ही यहां के तीज-त्यौहारों को आम लोगों से जोड़ा गया और अब ‘कृष्ण-कुंज’ योजना के माध्यम से इन सांस्कृतिक महत्व के पेड़ों को सहेजने की अनुकरणीय पहल हो रही है। जो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर कल की ओर ले जाएगी और एक नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएगी।
कृष्णकुंज माना में रोपित किये जाने वाले 32 प्रजातियाँ
आंवला, अंजीर, जामुन, बेल, संतरा, आम चिकू कटहल नीबू करौंदा, सीताफल, अमरूद, बेर, हर्रा, बहेड़ा महुआ ईमली, तेंदू, काजू, शहतूत रामफल, बरगद, पीपल, नीम, कदम चंदन, पलाश, गूलर, चार, अनार, अशोक, बादाम, चंपा । समस्त प्रजातियों को मिलाकर कुल 720 पौधे रोपण का लक्ष्य है, जिसमें 551 पौधे रोपित किये जा चुके हैं। शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि, जनप्रतिनिधियों अधिकारियों गणमान्य नागरिकों व स्थानीय निवासियों के करकमलों द्वारा 169 पौधे रोपित किये जायेगें .
कार्यक्रम में मुख्य रूप से शामिल हुए श्रीमती किरण सिन्हा पिछड़ा वर्ग आयोग सदस्य, श्रीमती सविता विनय गेंद्रे जिला पंचायत सदस्य, उषा रमेश सोनी सरपंच ग्राम पंचायत माना बस्ती, दीपक देवांगन उप सरपंच सहित ग्रामीण जन और वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें.
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