धमतरी।
10 दिनों की बारिश से छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ा गंगरेल बांध का जलस्तर सुधर गया है. लगातार कैचमेंट एरिया से पानी की आवक बनी हुई है. गंगरेल बांध अब 80 फीसदी भर चुका है. जिससे गंगरेल डेम का गेट कभी भी खोला जा सकता है. 32 टीएमसी वाले बांध में 27 टीएमसी से ज्यादा पानी भर गया है. प्रति सेकंड 35 हजार क्यूसेक से ज्यादा का पानी आ रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुनादी और बाढ़ से निबटने तैयारी में प्रशासन जुटी हुई है.
गंगरेल डैम में पानी ओवरफ्लो: 22 जुलाई तक सूखे की मार झेल रहा छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा धमतरी का गंगरेल बांध अब अपनी क्षमता से 80 फीसदी भर गया है. गंगरेल बांध खतरे के निशान से महज 2 मीटर नीचे है. कैचमेंट एरिया कांकेर, चारामा से पानी की आवक के अनुसार गंगरेल बांध के गेट को कभी भी खोलकर महानदी में पानी बहाया जा सकता है. खतरे को ध्यान में रखकर जल संसाधन विभाग द्वारा महानदी किनारे बसे गांव को अलर्ट किया है. इधर रुद्री बैराज को पहले ही खाली किया जा रहा है. रुद्री बैराज के गेट नंबर 5 और 6 को खोलकर महानदी में 3 हजार क्यूसेक पानी बहाया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के सभी बांधों में पानी लबालब: गंगरेल समेत माडमसिल्ली, सोंढूर और दुधावा बांध अब जल्द ही लबालब भरने वाला हैं. बांध के कैचमेंट एरिया में रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिसका पानी बांधों में पहुंच रहा है. बांध के कंट्रोल रूम के मुताबिक गंगरेल बांध में सोमवार शाम 6 बजे फिर आक्क बढ़ी. बांध में 16400 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी. जिससे जलस्तर 346.80 मीटर पर पहुंच गया. 26.123 टीएमसी भर चुका था. गंगरेल बांध का जलस्तर क्षमता 348.70 मीटर है, जिसके मुताबिक भरने में अब महज 2 मीटर यानि 6 टीएमसी पानी की और जरूरत है. बांध में आवक और बरसात के बचे 2 महीने को ध्यान में रखकर इसी हफ्ते गंगरेल बांध का गेट खुलने की उम्मीद है. अभी पेन स्टाक गेट से 1100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
गंगरेल के खोले जा सकते हैं गेट: इस मामले पर अपर कलेक्टर जीआर मरकाम ने बताया कि लगातार गंगरेल बांध की स्थिति में सुधार हुई है. बांध भरने वाला है. गंगरेल बांध के गेट खोलने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है. कभी भी गेट खोला जा सकता है.