Category: राज्य

  • आईफोन यूजर्स को बड़ा खतरा ! निशाने पर भारत सहित 91 देश, Apple ने जारी की चेतावनी

    आईफोन यूजर्स को बड़ा खतरा ! निशाने पर भारत सहित 91 देश, Apple ने जारी की चेतावनी

    नई दिल्ली।

    क्या आप भी एप्पल का iPhone या कोई अन्य डिवाइस यूज कर रहे हैं? अगर हां, तो अभी सावधान हो जाएं। कंपनी ने भारत समेत 91 देशों में मौजूद लाखों यूजर्स के लिए एक चेतावनी जारी की है जिसमें बताया गया है कि इस वक्त स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके कई यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है। एप्पल का कहना है कि यूजर्स Mercenary Spyware अटैक का शिकार हो सकते हैं। इस बात की जानकारी कंपनी ने खुद मेल के जरिए दी है।

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वार्निंग मेल को गुरुवार भारतीय समयानुसार 12:30 बजे भेजा गया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये मेल कितने लोगों को मिला है। ईमेल में पेगासस स्पाईवेयर का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर लोगों को निशाना बनाने के लिए इसी तरह के टूल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    क्या है Mercenary Spyware अटैक?
    Mercenary Spyware अटैक रेगुलर Cybercriminal Activity और दूसरे मालवेयर अटैक से काफी ज्यादा एडवांस है, जो पहले कभी देखने को नहीं मिला। इस तरह का Spyware अटैक सेलेक्टेड यूजर्स को अपना निशाना बनाता है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस तरह के हमले में करोड़ों रुपये का खर्च आता है। वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि एप्पल ने अपने ईमेल में बताया है कि ये स्पाई अटैक आईफोन यूजर्स के लिए बड़ा खतरा है।

    पहले भी जारी की थी चेतावनी
    एप्पल 2021 से अब तक 150 से ज्यादा देशों के यूजर्स के लिए कई बार ऐसी वॉर्निंग जारी कर चुका है। अक्टूबर 2023 में भी एप्पल ने भारतीय सांसदों को इस तरह के वॉर्निंग मेल भेजे थे जिसके बाद कई बड़े नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पर Apple की ओर से जारी इस ईमेल का स्क्रीन शॉट शेयर किया था। मेल में बताया गया था कि आपको सरकार (स्टेट स्पॉन्सर) द्वारा टारगेट किया जा रहा है। हालांकि इस मामले में जब भारत सरकार ने एप्पल से जवाब मांगा तो उसने मेल में जिस खतरे के बारे में बताया था, उसे लेकर कहा कि इसके लिए ‘स्पेसिफिक स्टेट स्पॉन्सर अटैकर्स’ जिम्मेदार नहीं हैं।

  • जबलपुर में बदमाशों के हौसले बुलंद; बाइक सवार बदमाशों ने फेंका पेट्रोल बम, हुआ धमाका,

    जबलपुर में बदमाशों के हौसले बुलंद; बाइक सवार बदमाशों ने फेंका पेट्रोल बम, हुआ धमाका,

    जबलपुर।
    जिले के घमापुर थाना अंतर्गत कांचघर चौक के पास समदड़िया कॉलोनी स्थित एक मोबाइल दुकान पर अज्ञात बदमाश के द्वारा पेट्रोल बम फेंका गया, जैसे ही वह दुकान के पास आकर गिरा तो वहां पर उपस्थित लोग तितर बितर हो गए। क्षेत्र के घरों में लगे सीसीटीवी कैमरे में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस प्रकार से अज्ञात बदमाशों के द्वारा पेट्रोल बम फेंका गया है।

    बता दें यह घटना बुधवार की रात करीब 9:30 बजे की बताई जा रही है। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची घमापुर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वही इस संबंध में लोगों का कहना है कि वह मोबाइल की दुकान के आस पास खड़े हुए थे, एक दम से धमाके की आवाज आई जब देखा तो बगल से आग निकल रही थी और जांच के टुकड़े पड़े हुए थे तब समझ आया किसी ने पेट्रोल बम मारा है, तत्काल सीसीटीवी में देखा गया तो दो अज्ञात तत्व बमबाजी करते हुए नजर आ रहे थे। हालाकि इस घटना में किसी को जनहानि नहीं हुई है।

  • GT के इस खिलाड़ी की तारीफ में उतरे गावस्कर, कहा- हमेशा 100 % देता है, दुनिया भर की फ्रेंचाईजी उन्हें…

    GT के इस खिलाड़ी की तारीफ में उतरे गावस्कर, कहा- हमेशा 100 % देता है, दुनिया भर की फ्रेंचाईजी उन्हें…

    नई दिल्ली।
    राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल के मौजूदा सीजन में पहली हार का सामना करना पड़ा है. लीग के 24वें मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने उसे आखिरी गेंद पर 3 विकेट से हरा दिया. राजस्थान की 5 मैचों में यह पहली हार थी. जीत के हीरो राशिद खान (Rashid Khan) रहे. राशिद को मैच के बाद प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से भी नवाजा गया. राशिद की शानदार पारी के बाद पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने उनकी जमकर तारीफ की

    सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कहा,” जब बल्लेबाजी की बात आई तो राशिद ने पिच को अच्छी तरह से पिक किया. वह आए और रन बनाने लगे. यही वजह है कि दुनिया भर की फ्रेंचाईजी को उन्हें अपनी टीम में शामिल करने की जल्दी होती है. वे उन्हें अपनी टीम में लेना चाहते हैं. उनका कॉन्फिडेंस, उनकी बैटिंग और उनकी बॉलिंग को देखकर. वह जब फील्डिंग भी करते हैं तो जी जान से करते हैं.”

    गावस्कर ने आगे कहा,” फील्डिंग करते समय गेंदबाज हमेशा से डाइव मारते समय चिंतित रहते हैं क्योंकि अगर उनके कंधो पर कोई चोट आई तो उनका करियर खतरे में पड़ सकता है. लेकिन राशिद खान ऐसा नहीं सोचते हैं. राशिद अपनी टीम के लिए 100 परसेंट देना चाहते हैं.

    बता दें कि राशिद खान ने राजस्थान के खिलाफ मैच में 11 गेंदों में 24 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने 4 चौके भी लगाए. गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 4 ओवर में 18 रन दिए और एक विकेट भी लिया. कप्तान शुभमन गिल ने 72 और साई सुदर्शन ने 35 रन बनाकर पहले विकेट के लिए 64 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई. गुजरात को आखिरी गेंद पर 2 रन की जरूरत थी. राशिद खान ने चौका लगाकर टीम को जीत दिलाई.

  • भारत के कदम से उड़ी चीन की नींद, ड्रैगन को उसी की चाल से मात देने का फुलप्रूफ प्‍लान, कई देशों में सैन्‍य दूत भेजने की तैयारी

    भारत के कदम से उड़ी चीन की नींद, ड्रैगन को उसी की चाल से मात देने का फुलप्रूफ प्‍लान, कई देशों में सैन्‍य दूत भेजने की तैयारी

    नई दिल्‍ली।
    भारत की हमेशा से ही हस्‍तक्षेप की नीति रही है. इसका मतलब यह हुआ कि भारत पड़ोसी या फिर अन्‍य मुल्‍कों के मामलों में हस्‍तक्षेप नहीं करता है और न ही किसी देश पर ‘हड़प नीति’ वाला फॉर्मूला थोपने की कोशिश करता है. हालांकि, पड़ोसी देश चीन की नीति इससे ठीक उलट है. पिछले दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर आपत्तिजनक रुख अपनाया था. इससे पहले ही बिना किसी पूर्व सूचना के हिन्‍द महासागर में उसके पोत और पनडुब्बियां विचरती रही हैं. अब भारत ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे चीन के होश फाख्‍ता हो गए हैं. भारत एक साथ कई देशों में स्थित अपने दूतावासो में सैन्‍य दूत (Defence Attaché) नियुक्‍त करने की तैयारी कर रहा है. इन्‍हें विदेशी राजनयिकों की तरह ही छूट प्राप्‍त होंगे. भारत के इस कदम से चीन बेचैन हो उठा है.

    दरअसल, भारत पहली बार प्रमुख क्षेत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों का विस्तार करने की अपनी व्यापक नीति के अनुरूप इथियोपिया, मोजाम्बिक, आइवरी कोस्ट, फिलीपीन, आर्मीनिया और पोलैंड सहित कई देशों में रक्षा अताशे (सैन्‍य दूत) तैनात करेगा. सूत्रों ने बताया कि भारत अफ्रीकी देश जिबूती के लिए एक नया रक्षा अताशे भी नियुक्त कर रहा है, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के आसपास एक प्रमुख समुद्री प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है और सैन्य अड्डों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है. यह भी पता चला है कि भारत मॉस्को में अपने दूतावास और लंदन में उच्चायोग में सैन्य अधिकारियों की टीमों की संख्या को तर्कसंगत बनाने की योजना बना रहा है.

    भारत के 16 सैन्‍य दूत
    भारत ने अफ्रीका के साथ ही यूरोप के कुछ देशों में स्थित दूतावासों में सैन्‍य दूत तैनात करने का फैसला किया है. ऐसे 16 सैन्‍य प्रतिनिधियों की तैनाती का प्‍लान तैयार कर लिया गया है. ये सभी नौसेना, सेना और एयरफोर्स से जुड़े हैं. ये जल्‍दही संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावासों में अपना कार्यभार संभालेंगे. बता दें कि चीन पिछले कुछ वर्षों में अफ्रीका में अपना दबदबा मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है. ऐसे में भारत ने भी सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण फैसला लिया है. भारत ने भी अफ्रीकी देशों के साथ अपने संबंधों को नया आयाम देने में जुटा है.

    सैन्‍य दूत कितना महत्‍वपूर्ण?
    रक्षा दूत सामरिक और रणनीतिक रूप से काफी अहम होते हैं. कोई भी देश रक्षा दूत को अपने दूतावासों में तैनात करता है. इन सैन्‍य प्रतिनिधियों को वही अधिकार प्राप्‍त होता है जो किसी देश के दूत को हासिल होता है. सैन्‍य प्रतिनिधियों को वही छूट और उन्‍मुक्तियां हासिल होती हैं. ये प्रतिनिध‍ि रक्षा संबंधी नीतियों पर खास ध्‍यान रखते हैं.

  • रामदेव और बालकृष्ण की मुश्किलें नहीं हो रही कम, सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कही ये बात…

    रामदेव और बालकृष्ण की मुश्किलें नहीं हो रही कम, सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कही ये बात…

    दिल्ली।

     बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (10 अप्रैल 2024) फिर सुनवाई हई।सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बार फिर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने रामदेव की माफी को ठुकराते हुए कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं। कोर्ट ने बिना शर्त माफी के रामदेव के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस हीमा कोहली की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि आपने तीन-तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की है और इसका नतीजा भुगतना होगा। हम अंधे नहीं हैं। इसके साथ ही बेंच ने इस मामले पर केंद्र सरकार से मिले जवाब से भी संतुष्ट नहीं होने की बात कही।बता दें कि आज होने वाली पेशी से पहले मंगलवार (9 अप्रैल 2024) को रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने शीर्ष कोर्ट के सामने बिना शर्त माफी मांगी थी। इससे पहले पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने दोनों को खूब फटकार लगाई थी। कोर्ट ने रामदेव से कहा था कि खुद को कानून से ऊपर ना समझें, कानून की महिमा सबसे ऊपर है।

    कोर्ट में क्या-कुछ हुआ?

    SC: मुकुल रोहतगी आप किसके लिए पेश हो रहे है? इस मामले में लगातार वकील बदल रहे हैं।
    रोहतगी: रामदेव और बालकृष्ण के लिए।
    रोहतगी ने कहा 6 अप्रैल को हलफनामा दाखिल किया है।
    SC ने कहा हलफनामा कोर्ट में आने से पहले वो पब्लिक के पास था। जबकि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के PDF में नहीं था।
    रोहतगी ने कहा कि बालकृष्ण ने हलफनामे में कहा था कि वो कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते है। रोहतगी ने हलफनामा पढ़ते हुए कहा कि इस तरह के विज्ञापन दोबारा नहीं जारी किए जाएंगे।
    रोहतगी: पिछले साल नवंबर की प्रेस कान्फ्रेस को भी लेकर भी सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगी गई है।
    SC ने कहा कि यह अवमानना का मामला हैं। आप कह रहे हैं कि आप कोर्ट में पेशी से छूट चाहते है और फ्लाइट टिकट नहीं। आप मामले को हल्के में ले रहे हैं।
    SC: जब आप अगले दिन दिल्ली आ गए तो फाइल करने की जरूरत क्या थी।
    रोहतगी: रामदेव ने भी बिना शर्त माफी मांगी है।
    जस्टिस अमानुल्लाह: आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसे किसने तैयार किया, मुझे आश्चर्य है।
    जस्टिस हीमा कोहली: आपको ऐसा हलफनामा नहीं देना चाहिए था।
    रोहतगी:चूक हुई है।
    सुप्रीम कोर्ट: बहुत छोटा शब्द। वैसे भी हम इस पर फैसला करेंगे।
    SC: ने कहा कि हम इसको जानबूझ कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे है। हम इस हलफनामे को ठुकरा रहे है।

    कोर्ट ने स्वामी रामदेव का बिना शर्त माफी का हलफनामा भी स्वीकार करने से इनकार किया।
    जस्टिस अमानुल्ला ने कहा कि इन लोगों ने तीन-तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की है। इन लोगों ने गलती को है इनको नतीजा भुगतना होगा।
    जस्टिस अमानतुल्लाह: हम अंधे नहीं हैं
    रोहतगी: लोग गलतियां करते हैं
    बेंच: फिर उन्हें तकलीफ़ उठानी पड़ती है। हम इस मामले में इतने उदार नहीं होना चाहते
    SC:माफ़ीनामा कागज़ पर है। हम इसे स्वीकार करने से इनकार करते हैं, हम इसे वचनबद्धता का जानबूझकर उल्लंघन मानते हैं। हलफ़नामे को अस्वीकार करने के बाद कुछ और के लिए तैयार रहें
    SC: हम केंद्र सरकार के जवाब से भी संतुष्ट नहीं है।

    जस्टिस कोहली ने कहा कि आयुष मंत्रालय अब तक कार्रवाई के लिए इंतजार क्यों कर रहा था। अब तक किसी भी अदालत के पास इसके खिलाफ क्यों नहीं गया? SC ने उत्तराखंड सरकार से पूछा कि जब उन्होंने आपके समक्ष दिए गए बयान का उल्लंघन किया तो आपने क्या किया? बैठे रहे आप, हमारे आदेश तक इंतजार करते रहे?सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को भी फटकार लगाते हुए कहा कि आपने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। SC ने उत्तराखंड सरकार से कहा कि ऐसा 6 बार हुआ है, बार-बार, लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर चुप रहा। अधिकारी की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं है.. बाद में नियुक्त अधिकारी ने भी यही किया.. उन तीनों अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाना चाहिए।शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार से पूछा कि क्या यह कर्तव्य की उपेक्षा नहीं है..क्या आपके ड्रग निरीक्षण अधिकारी इसी तरह काम करते हैं? अब अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए। अभी निलंबन होना चाहिए!

    क्या है IMA का केस?

    अब सवाल यह है कि आखिर ये केस क्या है, तो बता दें कि IMA ने आरोप लगाया कि पतंजलि ने कोविड-19 वैक्सीनेशन के खिलाफ एक बदनाम करने वाला कैंपेन चलाया था। इस पर अदालत ने चेतावनी दी थी कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से झूठे और भ्रामक विज्ञापन तुरंत बंद होने चाहिए। खास तरह की बीमारियों को ठीक करने के झूठे दावे करने वाले प्रत्येक उत्पाद के लिए एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने की संभावना जाहिर की थी। बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक फार्मास्यूटिकल्स पर विवादास्पद टिप्पणियों के लिए आईएमए की ओर से दायर आपराधिक मामलों का सामना करने वाले रामदेव ने मामलों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

  • IPL 2024 के बीच में बदल सकता है इस टीम का कप्तान? आकाश चोपड़ा ने किसके लिए किया इशारा

    IPL 2024 के बीच में बदल सकता है इस टीम का कप्तान? आकाश चोपड़ा ने किसके लिए किया इशारा

    नई दिल्ली।
    आईपीएल 2024 ने तकरीबन एक तिहाई सफर तय कर लिया है. अब तक 23 मैच खेले जा चुके हैं और 24वें मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स का मुकाबला गुजरात टाइटंस से है. अब तक खेले गए 23 मैचों के बाद अगर प्लेऑफ की तस्वीर देखने की कोशिश करें तो राजस्थान रॉयल्स बेहद अच्छी स्थिति में है. जबकि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू और दिल्ली कैपिटल्स की हालत बेहद खराब है. इस बीच आकाश चोपड़ा का एक ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने आईपीएल 2024 के बीच में ही कप्तान बदलने की संभावना जताई है.

    आकाश चोपड़ा का यह ट्वीट 13 फरवरी का है, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘मुझे ऐसा क्यों लगता है कि आईपीएल के इस सीजन के बीच में ही एक टीम का कप्तान बदलेगा. होगा क्या? इंतजार करते हैं.’ आकाश चोपड़ा ने अपने इसी ट्वीट को अप्रैल में रीट्वीट किया. इस बार उन्होंने लिखा, ‘क्या हम हर मैच के इस बदलाव के करीब आ रहे हैं?’आकाश चोपड़ा के इस पोस्ट पर फैंस के ढेरों जवाब हैं. ज्यादातर फैंस ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू और मुंबई इंडियंस के कप्तान बदलने के कयास लगाए हैं. इसकी वजह इन दोनों टीमों का टूर्नामेंट में अब तक का खराब प्रदर्शन है
    कुछ यूजर्स ने लिखा है कि आरसीबी फाफ डू प्लेसी को हटाकर विराट कोहली को फिर से कप्तान बना सकती है. रोहित शर्मा के फैंस ने उनके मुंबई इंडियंस के कप्तान के तौर पर वापसी की उम्मीद जताई है.

    मुंबई इंडियंस की टीम आईपीएल 2024 में हार्दिक पंड्या की कप्तानी में खेल रही है. इस टीम ने अब तक खेले 4 मैचों में से 1 ही जीता है. बाकी तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा है. मुंबई इंडियंस आईपीएल 2024 के पॉइंट टेबल में 8वें नंबर पर है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू एक जीत के साथ पॉइंट टेबल में नौवें नंबर पर है. दिल्ली कैपिटल्स टेबल में आखिरी नंबर पर है.

  • आतंकवादियों का गढ़ है ये देश, लेकिन भारत से ज्यादा मजबूत है करेंसी, 1000 रुपये ले जाते ही बन जाते हैं…

    आतंकवादियों का गढ़ है ये देश, लेकिन भारत से ज्यादा मजबूत है करेंसी, 1000 रुपये ले जाते ही बन जाते हैं…

    नई दिल्ली।
    भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के कई विकसित देशों की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ रही है और विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी मज़बूत स्थिति में है. लेकिन हमारी करेंसी एक ऐसे पड़ोसी देश से भी कमजोर है जिसे आतंकवाद की फैक्टरी माना जाता है. जी हां, इस देश में पिछले साल तालिबानी आतंकवादियों का कब्ज़ा हो गया और ये आतंकवादी ही सरकार भी चला रहे हैं. देखा जाए तो इस देश की आर्थिक स्थिती भी बहुत ख़राब है. हालांकि, इन सबके बावजूद इसकी करेंसी की वैल्यू भारतीय रुपये से काफी मजबूत है.

    यहां हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह है अफगानिस्तान. इस देश से पिछले साल अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद यहां कई महीनों तक गृह युद्ध चला जिसके वजह से यहां की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. हालांकि, इसके बाद भी आज के समय में डॉलर के मुकाबले में इसकी करेंसी का एक्सचेंज रेट भारतीय रुपये की तुलना में अधिक बेहतर स्थिति में है. ऐसा क्यों है? आइये जानते हैं…

    हमसे मजबूत है अफगानिस्तान की करेंसी
    अफगानिस्तान की करेंसी को अफगान अफगानी (Afghan Afghani) कहते हैं. अगर लेटेस्ट एक्सचेंज रेट को देखें तो लगभग 71.20 अफगान अफगानी में 1 डॉलर को ख़रीदा का सकता है, तो वहीं 1 डॉलर खरीदने में आपको 83.38 भारतीय रुपये खर्च करने पड़ेंगे. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अपने ऑल टाइम लो पर ट्रेड का रहा है, यानी इस समय डॉलर के बदले भारतीय करेंसी की एक्सचेंज रेट 83.38 रुपये है. यानी अगर आप 1000 रुपये अफगानिस्तान ले जाएंगे तो एक्सचेंज में आपको केवल 853.92 अफगानी करेंसी मिलेगी.यही नहीं, ब्लूमबर्ग एक रिपोर्ट में अफगानी करेंसी को दुनिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली करेंसी बता चुकी है. अब आप सोच रहे होंगे कि तालिबानी सत्ता वाले जिस देश में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है, वहां की करेंसी रुपये से भी मजबूत कैसे हो सकती है? तो चलिए आपको इसका कारण बताते हैं.

    हवाला कारोबार बड़ी वजह
    अफगानिस्तान दुनिया के सबसे गरीब देशों में से है. यहां अशिक्षा और बेरोजगारी चरम पर है. अफगानी करेंसी में तेजी का कारण यह है कि वहां अमेरिकी डॉलर और पाकिस्तानी रुपया बैन है. आप वहां करेंसी की ऑनलाइन ट्रेडिंग भी नहीं कर सकते. दूसरी तरफ अफगानिस्तान में हवाला कारोबार खूब फल-फूल रहा है. मनी-एक्सचेंज जैसे काम भी हवाला से होते हैं. अफगानिस्तान में तस्करी के माध्यम से अमेरिकी डॉलर पहुंचते हैं और हवाला के जरिए इनका एक्सचेंज होता है. ये सब चीजें अफगानी करेंसी को डॉलर के मुकाबले मजबूती दे रही हैं.

    अमेरिका से भी मिलती है मदद
    अफगानी करेंसी में तेजी के पीछे एक कारण यूएन की मदद भी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान को सहायता राशि देता है. तालिबानी राज के बाद से अब तक यूएन ने अफगानिस्तान को 5.8 अरब डॉलर की मदद दी है. यूएन के अनुसार इस साल अफगानिस्तान को 3.2 डॉलर की मदद की आवश्यकता है, जिसमें से 1.1 अरब डॉलर मिल चुके हैं. इसकी अलावा अफगानिस्तान में प्राकृतिक संसाधन भी काफी हैं. यहां लिथियम का बड़ा भंडार है, जिसकी वैल्यू करीब 3 लाख करोड़ डॉलर है.

  • अफगानिस्तान: तालिबान ने बदला पैंतरा, हिंदुओं और सिखों को बड़ा तोहफा देने की कर रहा तैयारी

    अफगानिस्तान: तालिबान ने बदला पैंतरा, हिंदुओं और सिखों को बड़ा तोहफा देने की कर रहा तैयारी

    नई दिल्ली।
    भारत के साथ जुड़ने की एक और कोशिश में अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारी अब हिंदुओं और सिखों को उनकी निजी जमीन वापस करने की पहल कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन संपत्तियों को पिछले पश्चिमी देशों के समर्थन वाले शासन से जुड़े सरदारों से पुनः हासिल किया जा रहा है. तालिबान के एक अधिकारी के मुताबिक यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह पहल अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों द्वारा अनुभव किए गए अन्याय को खत्म करने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है. जिन्होंने लंबे समय तक विस्थापन और हाशिए पर रहने के हालात को सहन किया है.

    भारतीय अधिकारी इस घटनाक्रम को भारत के प्रति सकारात्मक संकेत के रूप में देखते हैं. एक उल्लेखनीय घटनाक्रम हिंदू और सिख समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य नरेंद्र सिंह खालसा की वापसी भी है, जो हाल ही में कनाडा से अफगानिस्तान वापस आए थे. वहीं तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ‘द हिंदू’ को बताया कि ‘पहले के शासन के दौरान सरदारों द्वारा हड़पी गई सभी संपत्तियों को उनके मालिकों को वापस करने के लिए न्याय मंत्री की अध्यक्षता में एक आयोग की स्थापना की गई है.’

    1970 के दशक के अंत में शुरू हुआ हिंदुओं और सिखों का पलायन
    7 मार्च को, विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डेस्क की देखरेख करने वाले संयुक्त सचिव जे.पी. सिंह ने काबुल का दौरा किया और ‘विदेश मंत्री’ अमीर खान मुत्ताकी के साथ आईएसकेपी से निपटने के लिए सहयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. हिंदू और सिख समुदाय लंबे समय से अफगानिस्तान रहते आए हैं, जो ऐतिहासिक रूप से इसकी आबादी का लगभग 1 फीसदी हैं. हालांकि इन समुदायों का पलायन 1970 के दशक के अंत और 1980 के दशक के शुरू में राजनीतिक उथल-पुथल और अफगानिस्तान में सोवियत आक्रमण के बीच शुरू हुआ.

    अफगान संसद के पूर्व सदस्य नरेंद्र सिंह खालसा की काबुल वापसी
    शाहीन ने अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद भंग अफगान संसद के पूर्व सदस्य नरेंद्र सिंह खालसा की वापसी पर रोशनी डाली. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद, बड़ी संख्या में सिख और हिंदू देश छोड़कर भाग गए, जिनमें नरेंद्र सिंह खालसा भी शामिल थे. जो अगस्त 2021 में भारतीय वायु सेना द्वारा निकाले गए पहले समूह में से थे. शुरुआत में दिल्ली में आवास उपलब्ध कराए जाने के बाद खालसा कनाडा चले गए. भारत ने काबुल में तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच अब संबंधों में नरमी के संकेत मिले हैं.

  • तिहाड़ में केजरीवाल…पीछे से दिल्ली सरकार के इस बड़े मंत्री ने दिया इस्‍तीफा, बोले- मैं बहुत दुखी हूं…

    तिहाड़ में केजरीवाल…पीछे से दिल्ली सरकार के इस बड़े मंत्री ने दिया इस्‍तीफा, बोले- मैं बहुत दुखी हूं…

    नई दिल्‍ली।
    सीएम अरविंद केजरीवाल इस वक्‍त शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उनकी गैर-मौजूदगी में दिल्‍ली सरकार और आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा. केजरीवाल सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद (Raajkumar Anand Resignation) ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. वो दिल्‍ली सरकार में समाज कल्‍याण मंत्री के पद पर कार्यरत थे. राजकुमार आनंद पटेल नगर से विधायक हैं और जाटव समुदाय के बड़े नेता भी हैं. साल 2020 में हुए दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के दौरान उन्‍हें 61 प्रतिशत वोट मिले थे. उन्‍होंने पार्टी पर दलितों को सही स्‍थान नहीं देने का आरोप भी लगाया.

    बता दें कि राजकुमार आनंद भी लंबे वक्‍त से प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर रहे हैं. ईडी ने आनंद से जुड़े ठिकानों पर नवंबर 2023 में छापेमारी भी की थी. उन्‍होंने मंत्रीपद और आम आदमी पार्टी छोड़ने से पहले कहा कि आज बहुत व्यथित हूं. राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा. उन्‍होंने आम आदमी पार्टी पर बहुत बड़ा आरोप लगाया और कहा कि मैं इस पार्टी, इस सरकार और मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्‍होंने कहा कि आप का जन्‍म भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हुआ था. आप पर लग रहे आरोपों से आहत होकर इस्‍तीफा दे रहा हूं.

    एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए समाज कल्याण सहित विभिन्न विभागों का प्रभार संभाल रहे आनंद ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं में कोई दलित नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के दलित विधायकों, मंत्रियों या पार्षदों को कोई सम्मान नहीं दिया गया. अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि राजकुमार आनंद आगे क्‍या करने वाले हैं. वो बीजेपी या कांग्रेस सहित किसी अन्‍य राजनीतिक दल से जुड़ेंगे या नहीं, इस बारे में उन्‍होंने कोई जानकारी नहीं दी है.

  • दो मर्डर…दो सस्पेक्ट…कौन है कातिल और कौन बेगुनाह? सच-झूठ के बीच उलझा देगी Mystery Thriller फिल्म

    दो मर्डर…दो सस्पेक्ट…कौन है कातिल और कौन बेगुनाह? सच-झूठ के बीच उलझा देगी Mystery Thriller फिल्म

    मुंबई।
    मिस्ट्री-थ्रिलर फिल्में तो आप लोगों ने बहुत देखी होंगी, लेकिन आज हम जिस मूवी के बारे में बताने जा रहे हैं, वो आपका दिमाग घुमा देगी. सच और झूठ के बीच आप उलझ जाएंगे. आपको आखिर तक पता नहीं चलेगा कि कातिल कौन है. फिल्म का क्लाइमैक्स तो आपके होश उड़ा देगा.

    इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर देश-विदेश की कई मिस्ट्री-थ्रिलर फिल्मों की भरमार हैं. लेकिन कई बार लोग सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर कौन सी फिल्म देखी जाए तो चलिए हम आपको आज एक शानदार फिल्म के बारे में बताते हैं, जिसे अगर आपने एक बार देखना शुरू कर दिया तो खत्म किए बिना उठने का मन नहीं करेगा

    हम जिस मूवी की बात कर रहे हैं उसका नाम है ‘इत्तेफाक’. ये एक बेहतरीन मिस्ट्री-थ्रिलर मूवी है, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा ने लीड भूमिका निभाई थी. वहीं, अक्षय खन्ना भी फिल्म का हिस्सा थे. इस फिल्म में सस्पेंस का जबरदस्त तड़का लगाया गया है.इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने विक्रम सेठी का किरदार निभाया है, जो पेशे से एक मशहूर लेखक है. वहीं, सोनाक्षी सिन्हा ने हाउस वाइफ माया सिन्हा की भूमिका निभाई है. फिल्म की पूरी कहानी इन्हीं दोनों किरदारों की इर्द-गिर्द घूमती है.

    मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म ‘इत्तेफाक’ में डबल मर्डर होता है और प्राइम सस्पेक्ट माया और विक्रम हैं. पुलिस की जांच में दोनों अपनी-अपनी कहानी सुनाते हैं कि मर्डर वाली रात हुआ क्या था जो एक-दूसरे से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है. धीरे-धीरे फिल्म आगे बढ़ती है.’इत्तेफाक’ में अक्षय खन्ना ने पुलिस ऑफिस पर देव वर्मा की भूमिका निभाई है, जो डबल मर्डर केस को सॉल्व करने की जिम्मेदारी लेता है, लेकिन वह खुद उलझ जाता है कि आखिर कातिल कौन हो सकता है. लेकिन क्लाइमैक्स में जो खुलासा होता है, तो वो वाकई चौंकाने वाला है.

    इस फिल्म को अभय चोपड़ा ने डायरेक्ट किया है. उन्होंने ही श्रेयस जैन और निखिल मल्होत्रा के साथ मिलकर फिल्म की कहानी भी लिखी है. ‘इत्तेफाक’ साल 2017 मे आई थी. इन दिनों ये फिल्म ओटीटी पर स्ट्रीम हो रही है.अगर आप सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म ‘इत्तेफाक’ को देखने का मन बना रहे हैं, तो इसे आप ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं. ये एक शानदार मिस्ट्री थिलर फिल्म है, जिसमें ट्विस्ट की भरमार है. सच और झूठ का पता लगाते-लगाते आप खुद उलझ जाएंगे.