Category: राज्य

  • राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी संसद में तल्खी खूब हुआ शोर-शराबा

    राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी संसद में तल्खी खूब हुआ शोर-शराबा

    नई दिल्ली।

    सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच लगातार बढ़ रही तनातनी का असर राष्ट्रपति के अभिभाषण समारोह पर भी दिखने लगा है। यूं तो पिछले कुछ वर्षों से लगातार विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति अभिभाषण के बीच भी टिप्पणियां की जाने लगी है, लेकिन इस बार यह भी सीमा पार गया। विपक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जमकर टोकाटाकी और हूटिंग की। एक समय तो राष्ट्रपति भी उनकी टोकाटाकी से विचलित दिखी और उन्हें कहना पड़ा कि सुनिए- सुनिए। बावजूद इसके विपक्ष अपने रवैए पर अड़ा दिखा। वहीं, सत्ता पक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण के हर शब्द पर मेज थपथपाता दिखा। करीब 50 मिनट के इस अभिभाषण में उसकी ओर से 40 मिनट तक रुक रुक कर मेजें थपथपाई गई। चुनाव नतीजों के बाद से ही विपक्ष की हर कोशिश है कि सरकार पर दबाव बढ़ाया जाए, जबकि संख्या बल में बहुमत के साथ आया राजग यह संदेश देने से नहीं चूक रहा कि जनता ने उन्हें जनादेश दिया है। यही कारण है कि बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद दिखी तल्खी गुरुवार को राष्ट्रपति अभिभाषण में भी खुलकर झलकी।अभिभाषण में जैसे ही सरकार के तीसरी बार जीत कर आने का जिक्र हुआ तो विपक्ष ने तुरंत ही हूटिंग शुरू कर दी। इसके बाद तो विपक्ष ने सिलसिलेवार तरीके से नॉर्थ-ईस्ट, सेना को सशक्त बनाने, युवा भारत, परीक्षाओं में सुधार, सीएए, जी-20 और आपातकाल आदि के जिक्र के दौरान हूटिंग और टोकाटाकी।

    नार्थ-ईस्ट, परीक्षा सुधार और आपातकाल का जिक्र आने पर तो दोनों ओर से काफी शोर किया गया।सरकार जानती थी कि आपातकाल का मुद्दा फिर से विपक्ष को भडक़ाएगा लेकिन उसका जिक्र किया गया। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण के प्रमुख अंशों को अंग्रेजी में पढ़ा। इस मौके पर भी विपक्ष ने और भी ज्यादा शोर मचाया।हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान परीक्षा की पारदर्शिता के मुद्दे पर हुए ज्यादा शोर-शराबे को देखकर उसे अंग्रेजी में नहीं पढ़ा। अभिभाषण में सरकार के दस सालों के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल रहने वाले वन नेशन-वन इलेक्शन व यूसीसी का इस बार जिक्र न होने की भी चर्चा रही।राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान सेंगोल (पवित्र छड़ी) के प्रदर्शन पर विपक्ष दलों ने एतराज जताया और कहा है कि यह राजशाही का प्रतीक है, ऐसे में इसे हटाकर उसकी जगह संविधान की प्रति लगाई जाए। इस मुद्दे को सपा सांसद आरके चौधरी ने सबसे पहले उठाया और इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष को एक चिट्ठी भी लिखी है।हालांकि, इसके बाद आरजेडी सांसद मीसा भारती ने भी उनकी मांग का समर्थन किया और कहा कि इसे बिल्कुल हटाया जाना चाहिए। यह और बात है कि बाद में अखिलेश यादव ने चौधरी के बयान से खुद को थोड़ा अलग कर लिया और कहा कि सेंगोल को तो शपथ ग्रहण के समय प्रधानमंत्री ने भी प्रणाम नहीं किया था।

  • रिहायशी इलाके के पास गिरा चीनी रॉकेट का मलबा, जहरीले धुएं से ग्रामीणों में मचा हड़कंप

    रिहायशी इलाके के पास गिरा चीनी रॉकेट का मलबा, जहरीले धुएं से ग्रामीणों में मचा हड़कंप

    नईदिल्ली।

    भारत में एक कहावत है कि चीन का माल ज्यादा नहीं टिकता। लेकिन अब ऐसा चीन में देखने को मिला है। यहां एक लॉन्च किए गए रॉकेट का मलबा रिहायशी जमीन पर आ गिरा। अचानक हुई इस घटना से लोगों में हड़कंप मच गया और अपनी जान बचाने तो सुरक्षित जगह पर भागने लगे। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। चीन में यह घटना गामा-रे विस्फोटों का अध्ययन करने के लिए एक संयुक्त चीन-फ्रांसीसी मिशन के दौरान हुई।

    सीएनएन को भेजे गए वीडियो के अनुसार, शनिवार को दक्षिण-पश्चिम चीन के एक गांव में चीनी के जहरीले रॉकेट का मलबा जमीन पर गिरता हुआ देखा गया, जिससे चमकीले पीले धुएं का निशान निकलता देखा जा सकता है और ग्रामीण भाग गए। लॉन्ग मार्च 2सी रॉकेट स्पेस वेरिएबल ऑब्जेक्ट मॉनिटर (एसवीओएम) उपग्रह ले जा रहा था। चीन और फ्रांस मिलकर 22 संयुक्त रूप से प्रक्षेपित उपग्रह को अंतरिक्ष में भेज रहे थे, लेकिन लॉन्च होने के थोड़ी देर बाद ही रॉकेट ब्लास्ट हो गया और उसका एक हिस्सा रिहायशी इलाके में आकर गिरा, जिससे लोगों में भगदड़ मच गई।

  • सोनाक्षी सिन्‍हा नहीं बदलेंगी अपना धर्म, ससुर इकबाल रतनसी ने मीडिया के समक्ष जारी किया बयान

    सोनाक्षी सिन्‍हा नहीं बदलेंगी अपना धर्म, ससुर इकबाल रतनसी ने मीडिया के समक्ष जारी किया बयान

    मुम्बई ।

    सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल 23 जून रविवार को एक्टर के घर पर रजिस्टर्ड मैरिज करेंगे, जिसमें दोनों परिवार के लोग मौजूद रहेंगे। मीडिया में धर्म परिवर्तन को लेकर अलग अलग दावा किया जा रहा था । किसी रिपोर्ट में कहा गया कि सोनाक्षी इस्लाम कुबूल करने के बाद निकाह करेंगी तो किसी रिपोर्ट में कहा गया कि शादी के बाद धर्म परिवर्तन करेंगी, पर ऐसा नहीं है।सोनाक्षी के होने वाले ससुर यानी जहीर इकबाल के पिता इकबाल रतनसी ने मीडिया के समक्ष इसका खंडन किया है। साथ ही बताया है कि शादी किस तरह की होगी और क्यों सोनाक्षी इस्लाम नहीं कबूलेंगी।

    Sonakshi Sinha और Zaheer Iqbal की शादी की खबरें पिछले काफी समय से आ रही थीं, पर परिवार की तरफ से कुछ भी पुष्ट तौर पर नहीं कहा गया। लेकिन इस शादी को लेकर परिवार के बीच मनमुटाव की खबरें जरूर आईं। हालांकि, शत्रुघ्न सिन्हा ने एक इंटरव्यू में क्लियर कर दिया कि परिवार में थोड़ा तनाव था, जो अब ठीक है और सभी लोग शादी में शामिल होंगे।

    सोनाक्षी के ससुर बोले- होगी सिविल मैरिज

    वहीं, जहीर इकबाल के पिता ने बेटे की सोनाक्षी सिन्हा संग शादी को लेकर कहा, ‘इसमें न तो हिंदू और ना ही मुस्लिम रीति-रिवाज होंगे। यह एक सिविल मैरिज होगी।’

    ना शादी से पहले और ना शादी के बाद धर्म बदलेंगी सोनाक्षी, ससुर ने कही यह बात

    शादी के बाद सोनाक्षी के इस्लाम कबूल करने और धर्म परिवर्तन की खबरों पर जहीर इकबाल के पिता ने कहा, ‘वह धर्म परिवर्तन नहीं कर रही है और यह निश्चित है। उनका मिलन दिलों का मिलन है और इसमें धर्म की कोई भूमिका नहीं है। मैं इंसानियत में विश्वास करता हूं। भगवान को हिंदू भगवान और मुसलमान अल्लाह कहते हैं। लेकिन आखिरकार, हम सभी इंसान हैं। मेरा आशीर्वाद जहीर और सोनाक्षी के साथ है।

    सोनाक्षी का घर सजा, पहुंचे रिश्तेदार, शादी के बाद रिसेप्शन

    सोनाक्षी के घर ‘रामायण’को भी रोशनी से जगमग कर दिया गया है और रिश्तेदार भी पहुंचने शुरू हो गए। शत्रुघ्न सिन्हा के भाई भी भतीजी की शादी में शामिल होने अमेरिका से आ रहे हैं। शादी में रैपर और सिंगर यो यो हनी सिंह के अलावा एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों और सलमान खान भी शामिल होंगे। रजिस्टर्ड मैरिज के बाद शाम 23 जून को शाम को शिल्पा शेट्टी के बास्टियन रेस्टोरेंट में वेडिंग रिसेप्शन होगा।

  • नीट अभ्यर्थियों से मिले राहुल गांधी, बोले- ‘संसद में खुद उठाऊंगा पेपर लीक का मुद्दा

    नीट अभ्यर्थियों से मिले राहुल गांधी, बोले- ‘संसद में खुद उठाऊंगा पेपर लीक का मुद्दा

    नईदिल्ली।

    मेडिकल में प्रवेश की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमिताओं के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह खुद संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे और विपक्ष छात्रों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगा। राहुल ने यूट्यूब पर नीट अभ्यर्थियों एवं उनके माता-पिता के एक समूह से मुलाकात का वीडियो साझा किया। इसके साथ उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रियों की अक्षमता की वजह से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराध से छात्रों का कीमती समय बर्बाद हुआ, परीक्षा की तैयारी पर खर्च हुए लाखों रुपये बर्बाद हुए और सबसे महत्वपूर्ण इसने देश के महत्वाकांक्षी युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया।

    पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं देश के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि अन्याय के विरुद्ध उनके साथ हूं। कांग्रेस पेपर लीक और परीक्षा में धोखाधड़ी के विरुद्ध आने वाले दिनों में देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी और उनके लिए न्याय सुनिश्चित करेगी।’ उन्होंने कहा कि वह नीट पेपर लीक से प्रभावित हुए 24 लाख छात्रों से कहना चाहते हैं कि सड़क से संसद तक कांग्रेस उनके साथ है। पिछले सात वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं और दो करोड़ युवा इससे प्रभावित हुए हैं। वीडियो के आखिर में राहुल छात्रों से कहते हैं कि अगर सरकार ने उनकी सुरक्षा नहीं की तो विपक्ष करेगा।

  • फिर एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को दी बेवफाई की खौफनाक सजा, सरेआम स्पैनर से पीट-पीटकर ले ली जान

    फिर एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को दी बेवफाई की खौफनाक सजा, सरेआम स्पैनर से पीट-पीटकर ले ली जान

    मुम्बई।

    वसई में एक दुखद घटना में, मंगलवार की सुबह एक युवती की उसके प्रेमी ने स्पैनर से पीट पीटकर बेरहमी से हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला बीच सड़क पर हुआ, जहाँ 29 वर्षीय हमलावर ने पीड़िता के सिर और छाती पर बार-बार वार किया।

    प्रेमिका की बेवफाई से आहत था आरोपी

    हमले के पीछे कथित तौर पर दो साल के रिश्ते के बाद हाल ही में ब्रेकअप हुआ था। आरोपी को संदेह था कि उसकी प्रेमिका का किसी और से अफेयर शुरू हो गया है, जिसके चलते उसने उसके साथ ब्रेकअप किया। इस भयावह घटना का एक वीडियो इंटरनेट पर सामने आया है, जिसमें आरोपी स्पैनर पकड़े हुए चिल्लाता हुआ दिखाई दे रहा है, “क्यों किया, ऐसा मेरे साथ क्यों किया,” फिर उस पर हमला करने और हथियार फेंकने से पहले का रिकॉर्ड है।

    युवती की मौत होने तक स्पैनर से वार करता रहा आरोपी 

    एक सीसीटीवी फुटेज में घटना का पूरा वीडियो कैद हुआ है, जिसमें शख्स सड़क पर चल रही महिला पर स्पैनर से ताबड़तोड़ हमला करता है। हमले में लड़की गिर जाती है। जबकि एक शख्स को हस्तक्षेप करते हुए दिखाया गया है। लेकिन मारने वाला व्यक्ति रुका नहीं। वह लगातार वार करता रहा। लड़की अपनी जिंदगी की भीख मांगती रही लेकिन आरोपी के सिर पर खून सवार था. वो तब तक मारता रहा जब तक लड़की की मौत नहीं हो जाती है. कई लोग वीडियो बनाते हुए देखे गए, जबकि अन्य लोग घटनास्थल से दूर जाते हुए दिखाई दिए क्योंकि हमलावर बेसुध महिला पर बार-बार हमला करता हुआ दिखाई दे रहा है। दुर्भाग्यवश, वहां से गुजरते समय मोटर चालकों ने भी खून से लथपथ पड़े पीड़िता की मदद करने का कोई प्रयास नहीं किया।इस भयावह घटना को एक राहगीर ने कैद कर लिया, जिसे महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। मृतका की पहचान 20 वर्षीय लड़की आरती के रूप में हुई है। वहीं स्थानीय पुलिस ने रोहित यादव नामक आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया है।

  • जन स्वास्थ्य प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवा का मानकीकरण

    जन स्वास्थ्य प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवा का मानकीकरण

     

    नई दिल्ली।

     

     

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) एक महत्वपूर्ण पहल रही है, जिसका उद्देश्य व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सेवा तक सार्वभौमिक पहुंच हासिल करना है। एनएचएम; स्वास्थ्य सेवा की अवसंरचना को मजबूत करने, मानव संसाधनों को बढ़ाने और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसमें मुख्य रूप से जनजातीय समुदाय और स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं की कमी झेल रहे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाती है। ये प्रयास, सामूहिक रूप से जन स्वास्थ्य में सुधार और प्रत्येक नागरिक के लिए स्वास्थ्य सेवा सुलभ बनाने के प्रति भारत के समर्पण को दर्शाते हैं।
    विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, भारत ने जनसंख्या स्थिरीकरण, मातृ, शिशु व बाल स्वास्थ्य और संचारी रोगों से संबंधित प्रमुख संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार किया है। भारत में ऐसे संकेतकों में गिरावट की औसत दर वैश्विक औसत से अधिक रही है, विशेष रूप से मातृ, शिशु और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर के मामले में। हालांकि, देश की स्वास्थ्य प्रणाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करती रही है, जैसे बढ़ती आबादी और नई बीमारियां, दी गई नैदानिक स्थितियों के लिए देखभाल की परिवर्तनशीलता और उपयुक्तता तथा सेवाओं की गुणवत्ता आदि।
    स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मजबूत करना और देखभाल की गुणवत्ता बढ़ाना
    योजनाबद्ध कार्यक्रमों के बावजूद, जन स्वास्थ्य सुविधाओं के कम उपयोग, अनुचित और/या असुरक्षित उपचार, गलत निदान और अपमानजनक तरीके से सेवा देने आदि से संबंधित चुनौतियों के लिए खराब अवसंरचना, स्वास्थ्य कर्मियों के रूप में मानव संसाधनों (एचआरएच) की कमी और देखभाल की कम गुणवत्ता जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। ये चुनौतियां; अप्रत्याशित, असामयिक मौतें, जिन्हें रोका जा सकता था, खराब स्वास्थ्य, व्यक्तियों पर वित्तीय बोझ और जन स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के प्रति लोगों के विश्वास में कमी से सीधे जुड़ी हुई हैं।
    इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने समय पर उपाय करने और चुनौतियों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनाई।
    इस दिशा में विभिन्न उपायों में से एक है – संशोधित भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस), 2022 के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में देखभाल के सभी स्तरों पर सुविधाओं से जुड़े मानकों का उन्नयन करना है, जो सभी जन स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के घटकों को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है। आईपीएचएस दिशानिर्देशों का एक महत्वपूर्ण पहलू है- आवश्यक (न्यूनतम) और हासिल करने योग्य (अपेक्षित) सेवाओं पर विशेष जोर। स्वास्थ्य सेवा की प्रत्येक सुविधा को न्यूनतम सेवाओं का एक सेट प्रदान करना आवश्यक है, ताकि भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जा सके। दिशा-निर्देश अवसंरचना, उपकरण, दवाओं, निदान, मानव संसाधन आदि के लिए मानक निर्दिष्ट करते हैं तथा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को योजना बनाने और सुसंगत एवं विश्वसनीय देखभाल सुनिश्चित करने में सहायता करते हैं।
    आईपीएचएस के प्रमुख लक्ष्य बहुआयामी हैं और स्वास्थ्य सेवा के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप हैं। आईपीएचएस समय पर देखभाल के दृष्टिकोण के साथ स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्रों की स्थापना के लिए जनसंख्या मानदंडों को फिर से डिजाइन करके बेहतर पहुंच पर ध्यान केंद्रित करता है। यह रोगी को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्रों में भेजने के लिए एक निर्बाध प्रणाली स्थापित करने के लिए इनपुट भी प्रदान करता है। इसके अलावा, आईपीएचएस; स्वास्थ्य सेवाएं रोगी के अनुकूल होनी चाहिए और सम्मानजनक तरीके से प्रदान की जानी चाहिए तथा सभी पर वित्तीय बोझ कम पड़ना चाहिए आदि को सुनिश्चित करने की दिशा में भी इनपुट प्रदान करता है।
    आईपीएचएस द्वारा जन स्वास्थ्य सुविधाओं में देखभाल के प्रत्येक स्तर के लिए विनिर्देशों का एक सेट प्रदान करने के साथ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अनुचित और असुरक्षित उपचार, छूटे हुए निदान आदि को रोकने तथा जन स्वास्थ्य संस्थानों में सम्मानजनक देखभाल प्रदान करने के लिए देखभाल की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता को प्राथमिकता देता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) को यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन और कार्यान्वित किया गया है कि जन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में सेवाएं न केवल सुरक्षित और रोगी-केंद्रित हों, बल्कि गुणवत्ता का भरोसेमंद स्तर भी हो। यह पहल, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता को समझने, मापने और सुधारने से जुड़ी कमियों को दूर करने पर केंद्रित है।
    जन स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का प्रावधान एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो रोगी के परिणामों, सुरक्षा और समग्र रोगी संतुष्टि को प्रभावित करता है। यह समुदाय के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी सहायता करता है, रोगी के अनुभवों को बढ़ाता है और देखभाल की लागत को कम करके सेवा प्रदाता के अनुभव में वृद्धि करता है।
    जन स्वास्थ्य सुविधाओं में मानकीकृत सेवाओं की उपलब्धता का आश्वासन होने से जन स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता है, जो आगंतुकों की बढ़ी हुई संख्या और सभी हितधारकों के साथ बेहतर संबंधों से पता चलता है। एनक्यूएएस कार्यान्वयन ने स्वास्थ्य सुविधाओं की विनियामक आवश्यकताओं और अग्नि सुरक्षा आदि से जुड़ी तैयारियों के अनुपालन को भी सुनिश्चित किया है।
    स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने से असमानताओं का भी समाधान हुआ है और यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी रोगियों को, उनकी पृष्ठभूमि या परिस्थितियों की परवाह किए बिना, समान देखभाल मिले। यह स्वास्थ्य समानता और सामाजिक न्याय हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है और सभी के लिए जीवन को आसान बनाने के सरकार के सिद्धांत के अनुरूप है।
    हाल की महामारी से सीख लेते हुए और भविष्य की किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति की तैयारी करने के क्रम में, भारतीय जन स्वास्थ्य प्रणालियों की अवसंरचना को बड़े पैमाने पर समर्थन देने के लिए अखिल भारतीय मिशन, यानी प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) की शुरुआत हुई। अवसंरचना और निगरानी गतिविधियों पर मुख्य ध्यान दिया गया। लागत प्रभावी प्रयोगशाला प्रणालियों के माध्यम से सेवाओं की पहुंच, दक्षता, प्रभावशीलता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पीएम-एबीएचआईएम के तहत एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला (आईपीएचएल) को एक प्रमुख घटक के रूप में डिजाइन किया गया। ये प्रयोगशालाएं न केवल तेज़, विश्वसनीय और सटीक परीक्षण परिणाम प्रदान करेंगी, बल्कि प्रभावी नैदानिक और निगरानी सेवाओं के लिए जिला व उप-जिला स्तर पर संपर्क भी स्थापित करेंगी, इस प्रकार एक सुदृढ़ स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की दिशा में भारत के कदम को आगे बढ़ाएंगी।
    देश में विशाल भौगोलिक एवं जनसांख्यिकीय विविधता और अलग-अलग क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों के साथ, भारत सरकार ने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने का प्रयास जारी रखा है, जो सुरक्षित, प्रभावी, रोगी केंद्रित, समय पर उपलब्ध, कुशल और न्यायसंगत हैं।
    संक्षेप में, आईपीएचएस दिशानिर्देश परिवर्तन के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करते हैं, जो भविष्य के मार्ग को रोशन करते हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं प्रत्येक स्तर पर सेवा सुविधा देने के लिए आवश्यक विशिष्टताओं के एक निर्धारित सेट के साथ कार्य कर रहीं हैं। समान मानक निर्धारित करके और उनके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करके, आईपीएचएस का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ, किफायती और सम्मानजनक बनाना है, विशेष रूप से कमजोर और वंचित समुदायों के लिए।
    समानांतर रूप से, जन स्वास्थ्य सुविधाओं में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिली है, जो सुरक्षित, प्रभावी और रोगी-केंद्रित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे स्वास्थ्य परिणाम बेहतर होगा, रोगी का अनुभव बेहतर होगा और अधिक कुशल जन स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की सुविधा प्राप्त होगी।
    ये परिवर्तनकारी पहल स्वास्थ्य परिणामों में सुधार, रोकथाम योग्य बीमारियों के बोझ को कम करने और सरकार की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर नए सिरे से विश्वास और निर्भरता को बढ़ावा देने का भरोसा देती हैं।
    (डॉ. जे एन श्रीवास्तव सलाहकार हैं और डॉ. अभय दहिया गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा प्रभाग के विशेषज्ञ हैं; डॉ. के मदन गोपाल सलाहकार हैं तथा डॉ. स्वर्णिका और डॉ. अर्पिता वरिष्ठ विशेषज्ञ जन स्वास्थ्य प्रशासन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में काम करती हैं)
    ………………………..
    1. सलाहकार, क्यूपीएस डिवीजन, एनएचएसआरसी
    2. सलाहकार, पीएचए डिवीजन, एनएचएसआरसी
    3. वरिष्ठ सलाहकार, पीएचए डिवीजन, एनएचएसआरसी
    4. सलाहकार, क्यूपीएस डिवीजन, एनएचएसआरसी

  • चुनाव हारीं पंकजा मुंडे तो कई कार्यकर्ताओं ने कर ली आत्महत्या

    चुनाव हारीं पंकजा मुंडे तो कई कार्यकर्ताओं ने कर ली आत्महत्या

    मुंबई। 

    महाराष्ट्र की भाजपा नेता पंकजा मुंडे की लोकसभा चुनाव में हार के बाद से अब तक उनके चार कार्यकर्ता आत्महत्या कर चुके हैं। पंकजा मुंडे इन कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर उनके स्वजन से मिल रही हैं और लगातार अपील कर रही हैं कि कार्यकर्ता अपनी जान देने की प्रवृत्ति छोड़ें। पंकजा मुंडे भाजपा के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की पुत्री हैं। वह इस बार महाराष्ट्र की बीड लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार थीं। कड़े मुकाबले में वह 6,77,397 मत पाकर भी सिर्फ 6,553 वोट से चुनाव हार गईं। इस प्रकार हुई उनकी हार के बाद जी जान से उनके साथ काम कर रहे कार्यकर्ताओं ने आत्महत्या करनी शुरू कर दी है। अब तक चार कार्यकर्ता आत्महत्या कर चुके हैं।

    ये चार कार्यकर्ता हैं आष्टी तालुका के पोपटराव वायभासे, अंबाजोगाई तालुका के पांडुरंग सोनवणे, अहमदपुर तालुका के सचिन मुंडे और शिरूर तालुका के गणेश बडे। पंकजा मुंडे इन कार्यकर्ताओं के स्वजन से मिलने जा रही हैं। उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो रही हैं। उनके स्वजन और बच्चों से मिलकर स्वयं भी फूट-फूटकर रोती दिखाई दे रही हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है वे आत्महत्या जैसा कदम न उठाएं। उन्होंने कहा कि जैसे कार्यकर्ताओं को एक मजबूत नेता की आवश्यकता होती है, वैसे ही किसी नेता को भी मजबूत कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती है। इसलिए, कार्यकर्ता अपने परिवार के साथ रहें। आत्महत्या जैसा कदम न उठाएं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसी नेता की चुनाव में हुई हार के बाद पहली बार उसके कार्यकर्ताओं द्वारा आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं।

  • AAP ने नीट परीक्षा में जताई गड़बड़ी की आशंका, कहा- मंगलवार को जतंर-मंतर पर सांसद-विधायक करेंगे प्रदर्शन

    AAP ने नीट परीक्षा में जताई गड़बड़ी की आशंका, कहा- मंगलवार को जतंर-मंतर पर सांसद-विधायक करेंगे प्रदर्शन

    दिल्ली। 

    आम आदमी पार्टी ने नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ी का दावा कर केंद्र सरकार को घेरने की योजना बनाई है। आप के विधायक व सांसद मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। आप के राज्यसभा सांसद ने सोशल साइट एक्स पर कहा कि केंद्र सरकार के इस घोटाला के खिलाफ देश भर में आप आंदोलन करेगी। उन्होंने लिखा कि नीट की परीक्षा में बहुत गड़बडियां सामने आई है। मोदी सरकार की लाखों बच्चों की मेहनत और सपनों पर ऐसे घोटाले देश बर्दाश्त नहीं करेगा। इस घोटाले के विरोध में आम आदमी पार्टी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी।

    उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कल 18 जून को सुबह 10 बजे आप आदमी पार्टी के सभी सम्मानित सांसद, विधायक और पार्षद जंतर मंतर पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। 19 जून को पूरे देश में आम आदमी पार्टी सभी राज्यों में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। देश भर के 571 शहरों में 4,715 केंद्रों पर 5 मई को नीट-यूजी की परीक्षा हुई थी। 4 जून को रिजल्ट घोषित होने के बाद 1,563 छात्रों के अभिभावकों और शिक्षकों ने इस पर सवाल उठा दिए। उनकी नाराजगी छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को लेकर है। यह परीक्षा ग्रेजुएशन स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।

  • भारत और स्पेन मिलकर कर रहे इस प्रोजेक्ट पर काम, चीन और पाकिस्तान की बढ़ी बैचेनी

    भारत और स्पेन मिलकर कर रहे इस प्रोजेक्ट पर काम, चीन और पाकिस्तान की बढ़ी बैचेनी

    नई दिल्ली।

    भारतीय नौसेना स्पेन में प्रोजेक्ट 75 के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों का जून के अंत तक ट्रायल करेगी। इस परियोजना के तहत भारत को छह अत्याधुनिक पनडुब्बियां मिलेंगीं। स्पेन की फर्म नवनतिया ने भारतीय नौसेना के लिए एस80 पनडुब्बी को डिजायन किया है। यह सबमरीन 2023 में ही स्पेन की नौसेना में शामिल की जा चुकी है। स्पेन के शिपयार्ड नवनतिया के चेयरमैन रिचर्ड डोमनीज गार्सिया बक्यूरो ने सोमवार को बताया कि स्पेन की सरकार और नौसेना पी75(1) परियोजना की प्रगति के लिए उत्सुक है और हरसंभव तरीके से इसका समर्थन करेगी। भारतीय नौसेना के फील्ड ट्रायल की योजना जून के पिछले हफ्ते में नवनतिया के शिपयार्ड कार्टाजेना में बनी। उन्होंने बताया कि उनके साझीदार एलएंडटी भी पूरी तरह से इन परीक्षणों के लिए तैयार हैं।

    हम हमारी विश्व स्तरीय एआइपी तकनीक भारतीय नौसेना को देंगे। नवनतिया के चेयरमैन बक्यूरो ने बताया कि भारत अत्याधुनिक परंपरागत छह पनडुब्बी एआइपी प्रणाली से लैस है। इस तकनीक से वह लंबे समय तक पनडुब्बियों को पानी के अंदर रख सकेगा। एलएंडटी व नवनतिया मिलकर जर्मन थायसेनक्रुप मरीन सिस्टम व मझगांव डाकयार्ड लिमिटेड मिलकर इस 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजना की दौड़ में हैं। एस80 डिजाइन में भारतीय नौसेना को समकालीन विशेषताओं और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस तकनीकें दी हैं।

  • दंगों के बारे में पढ़ाने की जरूरत नहीं’, किताबों में बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगो का जिक्र हटाए जाने पर बोले NCERT प्रमुख

    दंगों के बारे में पढ़ाने की जरूरत नहीं’, किताबों में बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगो का जिक्र हटाए जाने पर बोले NCERT प्रमुख

    नई दिल्ली।

    एनसीईआरटी प्रमुख ने कहा है कि स्कूलों में दंगों के बारे में पढ़ाना ठीक नहीं है और यह हिंसक और अवसादग्रस्त नागरिक पैदा कर सकता है। उन्होंने स्कूली किताबों से गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े हिस्सों को संशोधित करने के संदर्भ में ये बात कही। समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में बदलाव सालाना संशोधन का हिस्सा हैं और इसे शोर-शराबे का विषय नहीं बनाना चाहिए। एनसीईआरटी की किताबों में गुजरात दंगों या बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमें स्कूली पाठ्यपुस्तकों में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि हिंसक और अवसादग्रस्त व्यक्ति।

    उन्होंने कहा, ‘क्या हमें अपने छात्रों को इस तरह से पढ़ाना चाहिए कि वे आक्रामक हो जाएं, समाज में नफरत पैदा करें या नफरत का शिकार बनें? क्या यह शिक्षा का उद्देश्य है? क्या हमें ऐसे छोटे बच्चों को दंगों के बारे में पढ़ाना चाहिए? जब वे बड़े होंगे, तो वे इसके बारे में सीख सकेंगे, लेकिन स्कूल की पाठ्यपुस्तकें क्यों? उन्हें बड़े होने पर समझने दें कि पर क्या हुआ और क्यों हुआ, बदलावों के बारे में हंगामा अप्रासंगिक है।’ एनसीईआरटी की टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं, जब नई किताबें कई संशोधन के साथ बाजार में आई हैं। कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की संशोधित किताब में बाबरी मस्जिद का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसे “तीन गुंबद वाली संरचना” के रूप में संदर्भित किया गया है। साथ ही, अयोध्या खंड को चार से घटाकर दो पृष्ठ कर दिया गया है और पिछले संस्करण से इसका विवरण हटा दिया गया है।