Category: राज्य

  • केंद्रीय कृषि मंत्री की नई पहल: फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

    केंद्रीय कृषि मंत्री की नई पहल: फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

    नई दिल्ली/

    प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश में कृषि क्षेत्र की तीव्र प्रगति के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, उन्होंने आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

    उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना ने अपने-अपने राज्यों में कृषि क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा की। चौहान ने इस अवसर पर कहा कि फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में पर्याप्त अवसर हैं और केंद्र सरकार इसके लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।

    बैठक में फसल विविधीकरण, सूचना प्रौद्योगिकी उपयोग, डिजिटल सर्वेक्षण, किसान रजिस्ट्री, ई-नाम, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत बनाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और कृषि यंत्रीकरण जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय कृषि विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा सहित मंत्रालय तथा दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

    चौहान ने बताया कि उत्तर प्रदेश में फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि आयल पाम की खेती सहित दलहन-तिलहन उत्पादन को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार उड़द, अरहर और मसूर की शत-प्रतिशत खरीद के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए राज्यों से संबंधित पोर्टल पर पंजीयन के लिए किसानों को जागरूक करने का आग्रह किया।

    चौहान ने बताया कि अपने मंत्रालयों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने और उन्हें शीघ्रता से हल करने के लिए राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठकों की श्रृंखला शुरू की गई है। पिछले दिनों उन्होंने असम और छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्रियों से भी बैठक कर विस्तृत चर्चा की थी।

  • भारत में कृषि-बुनियादी ढांचे की स्थापना में नाबार्ड की महती भूमिका

    भारत में कृषि-बुनियादी ढांचे की स्थापना में नाबार्ड की महती भूमिका

    नई दिल्ली/

    भूमिका – आधारभूत ढांचा किसी भी राष्ट्र के लिए आर्थिक विकास की रीढ़ है क्योंकि यह किसी भी अर्थव्यवस्था के संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी भौतिक और संगठनात्मक संरचनाएं और सुविधाएं प्रदान करता है। कृषि-बुनियादी ढांचे के प्रमुख घटक सिंचाई, सड़कों और पुलों, मिट्टी और जल संरक्षण, पशुपालन और मत्स्य पालन, कृषि से जुड़ी गतिविधियों जैसे भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, ग्रामीण बाजार यार्ड और गोदामों से संबंधित हैं।नाबार्ड, एक विकास बैंक के रूप में, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, लघु उद्योग, कुटीर और ग्रामोद्योग, और संबद्ध आर्थिक गतिविधियों के प्रचार और विकास के लिए ऋण, सुविधाएं देने, एकीकृत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।नाबार्ड शुरू से ही भारत में कृषि-बुनियादी ढांचे की स्थापना में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार के सहयोग से नाबार्ड ने देश में कृषि-बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। इस संबंध में नाबार्ड  द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएँ इस प्रकार है:

    1. ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) – 422 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता हुई

    कृषि और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश में गिरावट की पृष्ठभूमि में, आरआईडीएफ की स्थापना 1995-96 के दौरान नाबार्ड में ₹2,000 करोड़ के प्रारंभिक कोष के साथ की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य चल रही ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों को ऋण प्रदान करना था। इसमें लगभग 39 गतिविधियाँ शामिल हैं, जिन्हें तीन व्यापक क्षेत्रों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, (i) कृषि और संबंधित क्षेत्र (ii) सामाजिक क्षेत्र और (iii) ग्रामीण कनेक्टिविटी।  आरआईडीएफ निधि 1995-96 में ₹2,000 करोड़ के प्रारंभिक कोष से बढ़कर 2023-24 में ₹40,474.55 करोड़ हो गया है।

     2. दीर्घकालिक सिंचाई निधि

    केंद्रीय बजट 2016-17 में दीर्घकालिक सिंचाई निधि (एलटीआईएफ) की घोषणा दिसंबर 2019 तक मिशन मोड में 18 राज्यों में फैली 99 पहचानी गई मध्यम और प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से ट्रैक करने के लिए की गई थी। इसके बाद, भारत सरकार ने  एलटीआईएफ के तहत चार और परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण को भी मंजूरी दी। ।  2016-2021 के दौरान, नाबार्ड ने राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए), भारत सरकार की एसपीवी को केंद्रीय हिस्सेदारी के लिए ऋण दिया  है। साथ ही इच्छुक राज्य सरकारों को 15 वर्ष की अवधि के लिए राज्य का हिस्सा हेतु ऋण प्रदान किया है।  अब तक 13 राज्यों ने नाबार्ड से वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने के लिए एमओए निष्पादित किया है। इसके अलावा, भारत सरकार ने इच्छुक राज्य सरकारों को चल रही परियोजनाओं के लिए 31 मार्च 2026 तक एलटीआईएफ के तहत वित्तीय सहायता जारी रखने की मंजूरी दे दी है।  31 मार्च 2024 को स्वीकृत संचयी ऋण ₹85,790.78 करोड़ है और 31 मार्च 2024 को जारी संचयी राशि ₹61350.92 करोड़ थी।

    3. सूक्ष्म सिंचाई

    सूक्ष्म सिंचाई के तहत कवरेज का विस्तार करने और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना-प्रति बूंद अधिक फसल के प्रावधानों के बाहर इसे अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने में राज्य सरकारों के प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए 2019-20 में नाबार्ड में ₹5000 करोड़ के प्रारंभिक कोष के साथ सूक्ष्म सिंचाई निधि का संचालन किया गया था।  प्रारंभिक कोष के लिए एमआईएफ फंडिंग व्यवस्था 31 जुलाई 2024 तक चालू है। एमआईएफ के तहत स्वीकृत संचयी ऋण ₹4724.74 करोड़ था, जिसके मुकाबले 31 मार्च 2024 तक ₹3387.80 करोड़ जारी किए गए हैं। नाबार्ड द्वारा अब तक की गई मंजूरी के तहत एमआईएफ ने 19.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई कवरेज के विस्तार की परिकल्पना की है।

    4. डेयरी प्रसंस्करण

    केंद्रीय बजट 2017-18 में अपनी घोषणा के अनुरूप, भारत सरकार ने नाबार्ड में एक डेयरी प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचा विकास कोष (डीआईडीएफ) बनाया, जिसका कुल कोष ₹8,004 करोड़ था, जिसका उपयोग पांच वर्षों (2018-19 से 2022-23) की अवधि में होना है । योजना का उद्देश्य दुग्ध प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे में वृद्धि करना और प्राथमिक उत्पादक द्वारा इष्टतम मूल्य वसूली सुनिश्चित करना है। योजना के तहत संचयी रूप से ₹3015.60 की राशि के 32 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं। स्वीकृत परियोजनाओं ने 7.39 मिलियन लीटर प्रति दिन की तरल दूध प्रसंस्करण क्षमता, 265 मीट्रिक टन प्रति दिन दूध पाउडर प्रसंस्करण क्षमता और 3.4 लाख लीटर प्रति दिन बल्क मिल्क कूलर क्षमता बनाई है।

    5. नाबार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस (एनआईडीए)

    कृषि और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश के अंतर को दूर करने के लिए एनआईडीए को वैकल्पिक ऋण व्यवस्था के रूप में डिजाइन किया गया था। एनआईडीए को नाबार्ड द्वारा अपने नकदी प्रवाह या बाजार उधार के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है। एनआईडीए ऋण के लिए पात्र संस्थाएं राज्य सरकारें, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली संस्थाएं / निगम, बजट संसाधन जुटाने के लिए गठित एसपीवी आदि हैं।  वित्त वर्ष 2023-24 में, 15 क्रेडिट प्रस्तावों के लिए एनआईडीए के तहत कुल मंजूरी ₹9,934.40 करोड़ थी। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एनआईडीए के तहत संवितरण ₹7,303.96 करोड़ था।

    6. नई कृषि विपणन अवसंरचना – भण्डारण क्षमता में बढ़ोतरी

    नाबार्ड एकीकृत कृषि विपणन योजना (आईएसएएम) की नई कृषि विपणन अवसंरचना उपयोजना के लिए सब्सिडी चैनलाइजिंग एजेंसी है। यह योजना कृषि मंत्रालय द्वारा  की जा रही है। यह योजना फसल कटाई के बाद और कृषि विपणन बुनियादी ढांचे में नवाचार और नवीनतम प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देती है। इस योजना के तहत सभी पुरानी योजनाओं सहित शुरुआत से अब तक 49758 इकाइयों सहित 812.36 लाख मीट्रिक टन की वैज्ञानिक भंडारण क्षमता बनाई गई है।

    कृषि में नाकाफ़ी सार्वजनिक निवेश  चिंता का विषय है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो राज्यों की जिम्मेदारी है, लेकिन कई राज्यों ने कृषि के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश की उपेक्षा की है। ऐसी कई ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं, जो शुरू तो हो गई हैं, लेकिन संसाधनों के अभाव में अधूरी पड़ी हैं। वे ग्रामीण आबादी की संभावित आय और रोजगार के बड़े नुकसान का प्रतिनिधित्व करते हैं। नाबार्ड भारत सरकार के सहयोग से विभिन्न निधियों के माध्यम से इन योजनाओं हेतु आवश्यक निधि मुहैया करा कर कृषि-बुनियादी ढांचे की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

  • प्रेमिका ने नहीं उठाया फोन तो गुस्साए प्रेमी ने घर में घुसकर मारी गोली

    प्रेमिका ने नहीं उठाया फोन तो गुस्साए प्रेमी ने घर में घुसकर मारी गोली

    मध्यप्रदेश
    रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा में इन दिनों अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हैं। आए दिन हत्या-चोरी, लूट और मारपीट के साथ गोली चलने की घटनाएं तक आम हो गई है। ताजा मामला सिविल लाईन थाना क्षेत्र का है।

    युवती के गले मे लगी गोली

    दरअसल सोमवार की दोपहर शहर के चाणक्यपुरी कॉलोनी में रहने वाली एक युवती के घर में घुसकर एक सिरफिरे युवक ने उस पर पिस्टल तान कर फायरिंग कर दी। पिस्टल से निकली पहली गोली मिस हो गई। इसके बाद युवक ने दूसरी बार पिस्टल से फायरिंग की जो सीधा युवती के गर्दन में जा लगी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी अपनी स्कूटी छोड़कर मौके से भाग निकला।

    घटना के वक्त घर पर मौजूद था युवती का भाई

    इस वारदात के दौरान युवती का छोटा भाई घर पर ही मौजूद था। गोली चलने की आवाज सुनकर वह मौके पर पहुंचा और खून से लथपथ अपनी बहन को तत्काल संजय गांधी अस्पताल लेकर पहुंचा। डॉक्टरों की देखरेख में युवती का इलाज जारी है। हालांकि युवती की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी संजय गांधी अस्पताल पहुंच गई और मामले की छानबीन में जुट गई है।

    प्रेम प्रसंग से जुड़ा है मामला

    युवती को गोली मारने वाला आरोपी आदर्श पाण्डेय सिविल लाइन थाना क्षेत्र का निवासी है। बताया जा रहा है कि आरोपी युवक और युवती के बीच प्रेम प्रसंग था। युवती को उसने फोन किया था लेकिन किसी कारणवश युवती उसका फोन नही उठा पाई। कुछ देर बाद आरोपी आदर्श पाण्डेय युवती के घर जा पहुंचा। उसने दरवाजा खटखटाया । दरवाजा खोलते ही वह अंदर गया और पिस्टल निकाल कर युवती पर फायरिंग कर दिया। वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक युवती तकरीबन 19 वर्ष की है और हाल ही में उसने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

    पुलिस ने बनाई टीम

    पूरे मामले को लेकर एडिशनल एसपी अनिल सोनकर ने बताया कि चाणक्यपुरी कालोनी में गोली चलने की घटना सामने आई है। घटना के संबंध में बयान लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की एक टीम रवाना की गई है। आरोपी आदर्श पाण्डेय की तलाश की जा रही है । आरोपी जिस स्कूटी से युवती के घर आया था उसे जब्त कर लिया गया है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और ऑस्ट्रिया के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और ऑस्ट्रिया के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना

    नईदिल्ली ।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दो दिवसीय रूस दौरे पर रवाना हो गए। विशेष विमान में सवार होने से पहले पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘अगले तीन दिन रूस और ऑस्ट्रिया की यात्रा पर रहूंगा। ये यात्राएं उन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगी, जिनके साथ भारत की मित्रता है। मैं इन देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।’ तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है, जब पीएम मोदी रूस जा रहे हैं।
    राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की मीटिंग पर चीन और पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया की नजर है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए पीएम मोदी सोमवार को आमंत्रित किया है।रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब पीएम मोदी मॉस्को जा रहे हैं।

  • भारी वर्षा से देश के कई क्षेत्रों में बिगड़े हालात, उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट

    भारी वर्षा से देश के कई क्षेत्रों में बिगड़े हालात, उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट

    नईदिल्ली

    लगातार हो रही वर्षा से देश के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। उत्तराखंड में भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए रविवार को चारधाम यात्रा स्थगित रही। यदि मौसम सही हुआ तो सोमवार को यात्रा शुरू होगी। राजस्थान में पिछले पांच दिनों से हो रही वर्षा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार को हनुमानगढ़ में तेज वर्षा के बीच एक मकान की छत गिर जाने में दो भाइयों की मौत हो गई। नई दिल्ली। लगातार हो रही वर्षा से देश के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। उत्तराखंड में भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए रविवार को चारधाम यात्रा स्थगित रही। यदि मौसम सही हुआ तो सोमवार को यात्रा शुरू होगी। राजस्थान में पिछले पांच दिनों से हो रही वर्षा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार को हनुमानगढ़ में तेज वर्षा के बीच एक मकान की छत गिर जाने में दो भाइयों की मौत हो गई।

    कुमाऊं मंडल में भी भारी वर्षा का क्रम जारी
    गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर भी कम हुआ है, जिससे जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन सुचारु रहा। मंडल में 30 के करीब संपर्क मार्ग खोल दिए गए हैं। शासन ने सोमवार से चारधाम यात्रा सुचारु करने का निर्णय लिया है। प्रदेश के मैदानी इलाकों में वर्षा का दौर जारी है। कुमाऊं मंडल में भी भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले दो मार्ग अब भी बंद हैं। धारचूला-तवाघाट मार्ग पर गुंजी पुल को खतरा उत्पन्न हो गया है। बीआरओ पुल को बचाने के प्रयास में जुटा है।

    नैनीताल झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा
    काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। चंपावत जिले में टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे दो जगह मलबा आने से बंद है। लगातार वर्षा होने से इन्हें खोलने में भी दिक्कत आ रही है। नैनीताल झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बदरीनाथ राजमार्ग जोशीमठ के पास सुबह करीब चार बजे से बंद है, इस कारण बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए ढाई हजार तीर्थयात्री धाम व पड़ावों पर फंसे हुए हैं। अब प्रदेश में लगभग 190 मार्ग बंद हैं। हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह भारी वर्षा के बाद रविवार को अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। शिमला में वर्षा हुई।

  • NIA ने लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल से जुड़े JK नार्को-टेरर केस में प्रमुख फरार आरोपी को किया गिरफ्तार

    NIA ने लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल से जुड़े JK नार्को-टेरर केस में प्रमुख फरार आरोपी को किया गिरफ्तार

    नई दिल्ली।

     राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए ) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के एक नार्को-टेरर नेक्सस मामले में एक प्रमुख फरार आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसकी गिरफ्तारी पर इनाम था, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ( एलईटी ) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) से जुड़ा था। एनआईए ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी सैयद सलीम जहांगीर अंद्राबी उर्फ ​​सलीम अंद्राबी, जो जम्मू-कश्मीर के जिला कुपवाड़ा का निवासी है , जून 2020 से फरार था और बाद में मामले में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था।

    एजेंसी के अनुसार, सैयद सलीम की गिरफ्तारी नार्को-टेरर नेक्सस को नष्ट करने और सीमा पार स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा भारत में बनाए गए पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के एनआईए के प्रयासों में एक बड़ी सफलता है । एनआईए ने 26 जून, 2020 को स्थानीय पुलिस से मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। जांच के दौरान, इसने पाया कि सलीम अंदरबी जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में मादक दवाओं की खरीद और बिक्री तथा धन जुटाने की गहरी साजिश का हिस्सा था।

  • 130 नहीं 100 से नीचे हो बैड कोलेस्ट्रॉल  दिल के मरीजों का होना चाहिए 55 से नीचे देखें नई गाइडलाइन

    130 नहीं 100 से नीचे हो बैड कोलेस्ट्रॉल दिल के मरीजों का होना चाहिए 55 से नीचे देखें नई गाइडलाइन

    नई दिल्ली/ भोपाल

    देश में अब 130 नहीं बल्कि 100 से कम बैड कॉलेस्ट्रॉल वाले लोग ही स्वस्थ माने जाएंगे। कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया ने पहली बार भारतीयों के लिए नए रिस्क फैक्टर तय किए गए हैं। अब तक एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल की जांच पश्चिमी देशों के मापदंड के तहत होती थी। इसे खारिज करते हुए कार्डियोलॉजी सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआइ) ने नई गाइड लाइन तय की है।

    भारत में हार्ट अटैक के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल का स्तर) को माना जाता है। खास बात है कि यह देश के 80% लोगों में नॉर्मल नहीं है। वहीं ज्यादातर लोग अपनी लिपिड प्रोफाइल से बेखबर हैं। देश में 50% हार्ट अटैक के मामलों का यही कारण है। एम्स, भोपाल के जैव रसायन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डा. सुखेश मुखर्जी ने बताया कि नई रेंज के तहत अलग-अलग रोगों के लिए रोगियों की सही पहचान हो सकेगी। इससे सही इलाज मिल सकेगा।

    एम्स तय कर रहा जांच के नए लेवल

    देश में डायबिटीज, लिपिड प्रोफाइल, कोलेस्ट्रॉल, बीपी और थायराइड समेत अन्य बीमारियों के लिए नए लेवल तय किए जा रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आइसीएमआर) के रेफरेंस इंटरवेल प्रोजेक्ट के तहत एम्स भोपाल समेत देश के 14 सेंटर भारतीयों के यह नया बेंचमार्क तय कर रहा है। अभी यूएसए और यूरोपीयन रेफरेंस रेंज (रोगों के पैमाने) के हिसाब से देखा जाता है।

    स्वस्थ व्यक्ति में कोलेस्ट्रॉल का लेवल 100 से नीचे होना चाहिए। यह अब तक 130 था।

    कार्डियक डिजीज, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को 70 से नीचे कोलेस्ट्रॉल का लेवल रखना होगा।

    दिल के मरीजों को कोलेस्ट्रॉल का लेवल 55 से नीचे रखना होगा।

    लिपिड प्रोफाइल जांच खाना खाने के बाद होगी। पहले यह खाली पेट होती थी।

    40 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को एक-दो साल के अंतराल में जांच करानी चाहिए।

    परिवार में किसी को हार्ट अटैक आया है या आनुवंशिक रोग रहा है तो किसी भी उम्र में लिपिड प्रोफाइल की जांच कराई जानी चाहिए।

    भारतीयों को खतरा अधिक

    एक भारतवासी और एक अमरीकी में कोलेस्ट्रॉल का लेवल एक जैसा है तो भी दिल की बीमारी का ज्यादा खतरा भारतवासी में होगा। भारतीयों में कोलेस्ट्रॉल के सब पार्ट माइक्रो एलडीएल की मात्रा ज्यादा होती है, ऐसे में दिल की बीमारी का खतरा भी अधिक रहता है। वे लोग जिनमें कोलेस्ट्रॉल लेवल कम बढ़ा हुआ होता है। उन्हें डाइट से इसे कंट्रोल करना जरूरी है। एक बार बढ़ गया जो समस्याएं बढ़ेंगी।

  • रेल यात्रियों को मिलने वाला है बड़ा गिफ्ट, हजारों नॉन-एसी कोच बढ़ाने की तैयारी में रेलवे

    रेल यात्रियों को मिलने वाला है बड़ा गिफ्ट, हजारों नॉन-एसी कोच बढ़ाने की तैयारी में रेलवे

    नईदिल्ली

    रेलवे जल्द ही अपने यात्रियों को बड़ा गिफ्ट देने जा रहा है। मंत्रालय ने अपने नेटवर्क पर आम आदमी की बढ़ती मांग को पूरा करने और यात्री सुविधा को बढ़ाने के लिए 2024-25 और 2025-26 में 10,000 और नॉन-एसी कोच बनाने की योजना तैयार की है।

    5 हजार से ज्यादा कोच शामिल होंगे
    एक वरिष्ठ अधिकारी ने उत्पादन बढ़ाने की मंत्रालय की योजना का खुलासा करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 4,485 नॉन-एसी कोच और 2025-26 में 5,444 और कोच पेश किए जाएंगे। इसके अलावा, रेलवे ने अपने रोलिंग स्टॉक की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए 5,300 से अधिक सामान्य कोच पेश करने की योजना बनाई है।

  • 98 लाख दिए और 67 लाख देंगे, शहीद अग्निवीर को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर सेना ने दिया जवाब

    98 लाख दिए और 67 लाख देंगे, शहीद अग्निवीर को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर सेना ने दिया जवाब

    नई दिल्ली।

    लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि अग्निवीर’ की मृत्यु पर उनके परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झूठ बोला है। कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो अपलोड किया गया, जिसमें राहुल गांधी ने दावा किया कि दिवंगत अग्निवीर अजय सिंह को केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद नहीं मिली है, जबकि सरकार ने संसद में कहा कि उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की मदद दी गई। राहुल गांधी ने दिवंगत अग्निवीर अजय सिंह के पिता का वीडियो भी जारी किया।

    राहुल गांधी के इस बयान के कुछ घंटों के बाद ही भारतीय सेना ने एक्स पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि सोशल मीडिया यह बात कही जा रही है कि कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर अजय कुमार (अजय सिंह) के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। लेकिन, अग्निवीर अजय के परिवार को पहले ही 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। सेना ने आगे लिखा,अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लागू लगभग 67 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ, पुलिस सत्यापन के तुरंत बाद अंतिम खाता निपटान पर भुगतान किए जाएंगे। कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी। भारतीय सेना ने आगे लिखा,इस बात पर फिर से जोर दिया जाता है कि शहीद नायक को मिलने वाले परिलब्धियों का भुगतान अग्निवीरों सहित दिवंगत सैनिकों के परिजनों को शीघ्रता से किया जाता है।

  • मोदी और राहुल का आक्रामक तेवर, विपक्ष ने भी झोंकी पूरी ताकत, इन घटनाओं ने संसद के विशेष सत्र को बनाया यादगार

    मोदी और राहुल का आक्रामक तेवर, विपक्ष ने भी झोंकी पूरी ताकत, इन घटनाओं ने संसद के विशेष सत्र को बनाया यादगार

    नईदिल्ली ।

    नवगठित 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में नई एनडीए सरकार ने कामकाज के अपने सीमित एजेंडे को पूरा कर लिया हो मगर आठ दिन के सत्र में ही सरकार और विपक्ष के बीच आक्रामक तनातनी की बिसात बिछ गई है। चुनाव नतीजों से बदली राजनीतिक तस्वीर की झलक साफ दिख रही है जहां मजबूत हुआ विपक्ष संसद में अब अपनी भूमिका में किसी गैरवाजिब अनदेखी या कटौती को तैयार नही है। जबकि लगातार तीसरी बार सत्ता में आयी एनडीए सरकार किसी सूरत में विपक्ष के बढ़े हुए राजनीतिक मनोबल के सामने कमजोर पडऩे का संदेश नहीं जाने देना चाहती। पक्ष-विपक्ष की इस मनोवैज्ञानिक राजनीतिक जंग की झलक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच चले शब्दों के खुले तीर में साफ दिखी।संसद के दोनों सदनों के पीठासीन शीर्ष अधिकारियों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ की सदन संचालन की व्यवस्थाओं पर उबाल ने सियासी पारे को गरम किया। तो दोनों पीठासीन अधिकारियों के तेवर भी विपक्ष के खिलाफ काफी तीखे नजर आए।मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पेपर लीक धांधली मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग दरकिनार किए जाने को लेकर 28 जून को गरम हुए विपक्ष के तीखे तेवर तो दूसरे ही दिन शुरू हो गए जब लोकसभा अध्यक्ष चुनाव पर सर्वसम्मति नहीं बन पायी।विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन के लिए परंपरानुसार कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर पद देने की मांग रखी सरकार ने इससे इनकार कर दिया। नतीजा हुआ कि करीब पांच दशक बाद पहली बार स्पीकर पद का चुनाव हुआ। स्पीकर चुनाव से शुरू हुई यह तल्खी ओम बिरला के चुने जाने के तत्काल बाद भी नजर आयी जब बधाई देने की परंपरा के दौरान ही विपक्षी नेताओं ने सरकार ही नहीं स्पीकर को नई लोकसभा में विपक्ष की संख्या बल की बढ़ी ताकत का अहसास कराते हुए अनदेखी नहीं करने को लेकर आगाह किया। साथ ही यह संदेश दिया कि पिछली लोकसभा की तरह डेढ़ सौ विपक्षी सांसदों को निलंबित करने जैसा कदम की अब उनके पास गुंजाइश नहीं है। विपक्ष अपने मजबूत होने के दम पर सदन में लचीलेपन की उम्मीद कर रहा था मगले अगले ही पल स्पीकर ने आपातकाल पर अपनी तरफ से प्रस्ताव लाकर हतप्रभ कर दिया। इसके बाद लोकसभा में आखिरी दिन पीएम के जवाब के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से विपक्ष के शोर-शराबे के खिलाफ प्रस्ताव को भी पारित कराया।

    विपक्षी दलों और स्पीकर के बीच पहले दिन बनी अविश्वास की दरार राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर से शुरू की गई चर्चा के दौरान मुखर रूप में सामने आयी जब उन्होंने स्पीकर चुने गए बिरला के सदन में प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाने के दौरान झुकने के वाकए को उठा दिया। नेता विपक्ष ने इसके जरिए स्पीकर के आसन की निष्पक्षता को हमेशा कसौटी पर रखने का संदेश देने की कोशिश की।राहुल गांधी की टिप्पणियों से असहज हुए बिरला ने भी अभिभाषण पर पीएम के जवाब के दौरान जब मौका मिला तो सदन में विपक्षी खेमे के शोर-गुल को लेकर नेता विपक्ष के व्यवहार की आसन से कड़ी आलोचना कर डाली। पक्ष और विपक्ष का यह तकरार धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान तब चरम पर पहुंच गया जब नेता प्रतिपक्ष के अपने पहले ही संबोधन में राहुल गांधी ने भाजपा-संघ के हिन्दुत्व को नफरत और हिंसा से जोड़ते हुए प्रहार किया। नॉन-बायलॉजिकल और परमात्मा से सीधे संवाद जैसे तंजों के सहारे पीएम मोदी पर हमले का मौका नहीं छोड़ा। इस दौरान सदन में आधा दर्जन केंद्रीय मंत्रियों से लेकर समूचे सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच करीब दो घंटे तक संग्राम चलता रहा। पीएम मोदी ने अपने जवाबी पलटवार में बालक बुद्धि से लेकर मौसी की कहानी के जरिए राहुल पर तीखे हमले बोले।पक्ष और विपक्ष की इस तल्खी का नतीजा ही रहा कि सरकार ने अपने सभी अनिवार्य संसदीय काम पूरा करने के बाद विपक्षी दलों की नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग और पीएम को लिखे राहुल गांधी के पत्र को नजरअंदाज करते हुए लोकसभा को एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

    लोकसभा की बदली तस्वीर का प्रभाव से राज्यसभा में भी दिखा जब आक्रामक विपक्ष अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिखा तो सरकार ने कहीं से भी दबाव में नहीं आने का संदेश देने के लिए हर दांव चलने की कोशिश की। दोनों पक्षों की इस सियासी लड़ाई में सभापति धनखड़ की भूमिका पर विपक्षी दलों ने तीखे तीर चलाए। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने उन पर हमेशा सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगाने से गुरेज नहीं किया तो मौका मिलते ही धनखड़ ने भी खरगे को एक दिन निशाने पर लिया। वहीं सत्र के आखिरी दिन संविधान का सहारा लेते हुए पूरे विपक्ष के आचरण को अमर्यादित और दुखद करार देने में देर नहीं लगाई। इतना ही नहीं सत्र खत्म होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजु तथा कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के एक दूसरे को दी गई सलाह और चेतावनियों का संकेत साफ है कि पहले सत्र में शुरू हुई।

    यह तकरार संसद के आगामी सत्रों के दौरान सियासी गरमागरमी के नए मुकाम की ओर ही बढ़ेगी।