Category: राज्य

  • मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की रणनीतियों और योजनाओं पर दी प्रभावी जानकारी

    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की रणनीतियों और योजनाओं पर दी प्रभावी जानकारी

    नई दिल्ली ।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भाजपा मुख्यालय में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के दूसरे दिन, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य की प्रमुख योजनाओं, आम लोगों के शासन के प्रति फीडबैक, और राजनीतिक घटनाक्रमों पर विस्तृत जानकारी दी। जिसमें छत्तीसगढ़ द्वारा अपनाई गई तकनीकों और रणनीतियों की विशेष जानकारी शामिल थी।मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की विकास योजनाओं की सफलता को रेखांकित करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने महिलाओं, युवाओं, आदिवासियों, किसानों, और नक्सल उन्मूलन के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की है। इन पहलों ने छत्तीसगढ़ को शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में एक आदर्श राज्य बनाया है।मुख्यमंत्री ने अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की रणनीतियों की प्रभावशीलता का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि राज्य ने ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों की भागीदारी को सुनिश्चित किया है, जिससे योजनाओं की सफलता में वृद्धि हुई है और स्थानीय लोगों का शासन में विश्वास भी बढ़ा है।

    बीजेपी मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में छत्तीसगढ़ की योजनाओं की सराहना की गई और अन्य भाजपा शासित राज्यों को छत्तीसगढ़ की रणनीतियों और तकनीकों को अपनाने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ ने गांव-गांव और घर-घर तक अपनी योजनाओं को विभिन्न माध्यमों से पहुँचाया, जिसमें प्रचार तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस प्रभावी मॉडल की जानकारी देने पर छत्तीसगढ़ की सराहना की गई।मुख्यमंत्री ने बताया कि विभागों के कामकाज और योजनाओं को पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इनमें नक्सलवाद से निपटने, भ्रष्टाचार मुक्त विभागीय कामकाज, कोयले की ट्रांसपोर्टिंग, शराब की खरीदी से लेकर पीएससी के जरिये परीक्षा की जांच संबंधी कई फैसले शामिल हैं।मुख्यमंत्री साय ने राज्य की महत्वपूर्ण महतारी वंदन योजना की जानकारी दी, जिसके तहत राज्य की 70 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के जरिए गरीब महिलाओं को साल में 12 हजार रुपये की सहायता दी जाती है, जिससे उनकी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी होती हैं।मुख्यमंत्री ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में चल रही नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा इस योजना का उद्देश्य माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास और स्थायित्व लाना है। इसके तहत नए स्थापित कैम्पों के आसपास के 5 गांवों को राज्य के 17 विभागों की 53 कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है, जिससे इन गांवों में मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है, जिससे राज्य के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है।मुख्यमंत्री ने फ्लैगशिप कार्यक्रम ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत 1 करोड़ 51 लाख पौधों की रोपाई की जानकारी दी। इसके अलावा, उन्होंने पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, प्रधानमंत्री सड़क योजना, पीएम सूर्यघर योजना, अमृत सरोवर, आरोग्य और रोजगार मेलों की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।

  • मनु भाकर की जीत पर गदगद हुए राहुल द्रविड़, तारीफ करते हुए कहा- कई सालों के त्याग का है रिजल्ट

    मनु भाकर की जीत पर गदगद हुए राहुल द्रविड़, तारीफ करते हुए कहा- कई सालों के त्याग का है रिजल्ट

    नईदिल्ली  ।

    भारत के 2024 टी20 वर्ल्ड कप विजेता कोच राहुल द्रविड़ को पेरिस में स्पाट किया गया। उन्हें ओलंपिक गेम्स के बारे में बातचीत करते हुए देखा गया। यही नहीं द्रविड़ ने मनु भाकर के ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के सफर की भी प्रशंसा भी की। बता दें कि हरियाणा में जन्मी 22 साल की मनु भाकर ने 28 जुलाई को 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत का पदक में खाता खोला। मनु ने निशानेबाजी में ओलंपिक पदक के 12 साल के सूखे को खत्म किया। मनु, अभिनव बिंद्रा, राज्यवर्धन सिंह राठौर, विजय कुमार और गगन नारंग के बाद निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली केवल पांचवीं निशानेबाज बनीं। ऐसे में द्रविड़ ने भाकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि कैसे उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की भयावह यादों को पीछे छोड़ते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की।द्रविड़ ने कहा, टोक्यो में जो कुछ हुआ, उसकी निराशा के बाद यहां आना और उससे उबर पाना, यह अविश्वसनीय है। यहां आकर प्रतिस्पर्धा करना और कांस्य पदक जीतना। यह एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। इस तरह की उपलब्धियों के लिए कई सालों का त्याग, कड़ी मेहनत, दृढ़ता चाहिए होता है। मुझे लगता है कि हम जानते हैं कि एथलीटों के लिए यह कितना कठिन है, उन्हें कितने बलिदान करने पड़ते हैं। मैं कल्पना कर सकता हूं कि इन खेलों में कितना दबाव होता है।पूर्व भारतीय हेड कोच ने आगे कहा, यह उनके खेल का शिखर है। इनमें से कई एथलीटों के लिए ओलंपिक से बड़ा कुछ नहीं हो सकता।

    उनके लिए, इस स्तर पर ऐसा करने में सक्षम होना, दबाव में ऐसा प्रदर्शन करने में सक्षम होना, उन्हें बधाई। यह वास्तव में भारतीय खेल के लिए एक महान दिन है। देश भर के इतने सारे युवा लडक़े और लड़कियों के लिए यह एक प्रेरणादायक कहानी है।गौरतलब हो कि मनु भाकर ने पिछले साल शूटिंग छोडऩे के बारे में भी सोचा था, लेकिन फिर उन्होंने फिर से इस खेल में अपनी खुशी तलाश ली। यह बात उनकी उपलब्धि को और भी प्रेरणादायक बनाती है। भाकर ने फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने कुल 221.7 अंक हासिल किए।

  • बाल्टिक सागर में खोजा गया 19वीं सदी का खजाना, 171 साल पुराने जहाज के मलबे में मिली बेशकीमती शैंपेन

    बाल्टिक सागर में खोजा गया 19वीं सदी का खजाना, 171 साल पुराने जहाज के मलबे में मिली बेशकीमती शैंपेन

    नईदिल्ली  ।

    बाल्टिक सागर की गहराई में डूबा हुआ 171 साल पुराना जहाज खोजा गया है। पोलिश गोताखोरों की टीम ने स्वीडन के तट से करीब 190 फीट की गहराई में लंबे समय से पानी में डूबे जहाज का मलबा खोजा है। खोजकर्ताओं को जहाज पर शैंपेन, वाइन, मिनरल वाटर और पोर्सिलेन के सामान मिले हैं।खोजकर्ताओं के मुताबिक, बाल्टिक सागर की गहराई में डूबा जहाज शैंपेन की बंद बोतलों से भरा हुआ है। यह जहाज 19वीं सदी का है। पोलिश गोताखोरों की टीम ने बताया कि लंबे समय से पानी में डूबा जहाज लग्जरी शराब से भरा हुआ है। खोजकर्ताओं ने बताया कि जहाज पर 100 से अधिक शैंपेन की बोतलें हैं। जहाज को ढूंढने वाले पोलैंड के डाइविंग ग्रुप बाल्टिटेक के गोताखोर टोमाज स्टैचुरा का मानना है कि शिपमेंट रूसी जार (राजा) के लिए जा रहा होगा।टोमाज स्टैचुरा ने टीम के बारे में बताया कि वह बाल्टिक सागर में सबसे सक्रिय मलबा गोताखोरों में से एक है और अब तक हजारों मलबे की तस्वीरें ली है। लेकिन यह हालिया खोज अलग थी। स्टैचुरा ने कहा, मैं 40 वर्षों से गोता लगा रहा हूं और अक्सर ऐसा होता है कि एक या दो बोतलें होती हैं। लेकिन इतने ज्यादा माल के साथ हमने मलबे को पहली बार खोजा है। उन्होंने कहा कि यह खोज काफी हद तक एक संयोग भी था, क्योंकि गोताखोर वर्षों से डूबे हुए जहाजों की तलाश में समुद्र तल में खोजबीन कर रहे हैं।जहाज को स्वीडन के ओलांद द्वीप से 37 किलोमीटर दूर समुद्र में ढूंढा गया है।

    स्टैचुरा ने बताया कि उनके दो डाइवर्स छोटी डाइव के लिए पानी में उतरे लेकिन दो घंटे तक बाहर नहीं निकले जिसके बाद उन्हें लग गया कि नीचे कुछ दिलचस्प है। उन्होंने बताया, हम पहले ही जान गए थे कि नीचे कुछ तो दिलचस्प है। मलबे में मिली बोतलों पर जर्मन कंपनी सेल्टर्स का ब्रांड नाम है। बोतलों से ही खोजकर्ताओं को पता चला कि जहाज 1850-1867 के बीच डूबा हो सकता है।स्टैचुरा ने कहा कि अभी यह देखना बाकी है कि शैंपेन पीने लायक है या नहीं। हालांकि, एक उम्मीद में शैंपेन के कारण गोताखोर काफी उत्सव मना रहे थे। लेकिन पानी भी बेहद महत्वपूर्ण था, जो मध्य जर्मनी के एक खनिज झरने का है। 800 वर्षों से इस पानी को दुनिया भर में ले जाया जाता रहा है।गोताखोर और अंडरवाटर वीडियोग्राफर मारेक काकाज ने कहा कि मिट्टी की बोतल पर अंकित ब्रांड जर्मन कंपनी सेल्टर्स का था, जो आज भी उत्पादन करती है। खोजकर्ताओं के मुताबिक, इसकी कीमत इतनी ज्यादा थी, कि पुलिस को पहरा देना पड़ा। शैंपेन 1850-1867 के बीच बनाई गई थी। जिस बोतल में इसे पैक किया गया था, वह कंपनी आज भी मौजूद है और ज्यादा जानकारी के लिए उनसे संपर्क किया जाएगा।

  • मुश्किल में पड़ सकते हैं’, हेमंत सोरेन की जमानत पर ED की याचिका SC ने की खारिज

    मुश्किल में पड़ सकते हैं’, हेमंत सोरेन की जमानत पर ED की याचिका SC ने की खारिज

    नई दिल्‍ली

     मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत देने के हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को ‘बेहद तर्कपूर्ण’ बताया है. ये तर्क देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका को खारिज कर दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी.

    हाई कोर्ट का फैसला तर्कसंगत

    सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा, “हाई कोर्ट के द्वारा दिया गया, ये अच्छा योग्य फैसला है, जज ने तर्कसंगत फैसला सुनाया है. हम आदेश में दखल देने के इच्छुक नहीं हैं. हालांकि, हाईकोर्ट की टिप्पणियों का ट्रायल पर कोई असर नहीं होगा.” जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच का ये फैसला है.

    तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं!

    सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा, “हाई कोर्ट ने सभी बयानों पर सही तरीके से विचार किया है. हम और कुछ नहीं कहना चाहते. अगर हम कहेंगे तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं. जज ने बहुत ही तर्कसंगत फैसला सुनाया है. माननीय सीजेआई ने बेंगलुरु में एक बयान दिया कि जब जमानत देने का सवाल आता है, तो ट्रायल कोर्ट सुरक्षित स्थान पर होते हैं.

    ED ने रखा था ये तर्क 

    झारखंड के मुख्य मंत्री हेमन्त सोरेन को हाई कोर्ट से मिली जमानत पर रिहाई के खिलाफ दाखिल ED की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. ईडी ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश गैर कानूनी है यानी जमानत के लिए पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है. साथ ही जमानत के आदेश में हाईकोर्ट की टिप्पणियां अवांछित और पूर्वाग्रह वाली हैं. हाई कोर्ट का ये कहना गलत है कि इस मामले में प्रथम दृष्टया हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई मामला बनता ही नहीं है. इसके अलावा हाई कोर्ट के आदेश में कई प्रक्रियागत चूक और अनदेखी हुई है. ईडी ने कहा कि हाई कोर्ट की टिप्पणियां पक्षपातपूर्ण हैं.

  • रमन डेका छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल नियुक्त, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 राज्यों के गवर्नर बदले

    रमन डेका छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल नियुक्त, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 राज्यों के गवर्नर बदले

    नईदिल्ली

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर रात छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, पंजाब समेत 10 राज्यों के राज्यपालों की नई नियुक्ति की। हरिभाऊ किसनराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वहीं, संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल होंगे। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन अब महाराष्ट्र के राज्यपाल होंगे। वहीं, रमन डेका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। शनिवार रात राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया पंजाब के राज्यपाल और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक होंगे। राष्ट्रपति ने चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से भी पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।इसी तरह, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम के राज्यपाल पद से हटाकर असम का राज्यपाल बनाया गया है। आचार्य के पास मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी होगा।

  • पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक जारी, ममता को छोडक़र विपक्षी गठबंधन गायबन

    पीएम मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक जारी, ममता को छोडक़र विपक्षी गठबंधन गायबन

    नई दिल्ली ।

    नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल (शासी परिषद) बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित हो रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, नीति आयोग की बैठक राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित की जा रही है। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से भी नीति आयोग की बैठक में कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ है। डीएमके ने 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बजट में तमिलनाडु की उपेक्षा की गई है। कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा, कांग्रेस की शुरू से ही यह मानसिकता रही है कि उन्हें विकास कार्यों में भी राजनीति करनी है। आज विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बैठक है, नीति आयोग कोई बीजेपी का ढांचा नहीं है। नीति आयोग जब भी बैठक करती है तब वह हर राज्य के विकास मॉडल को तय करती है यह एक संघीय ढांचा है, लेकिन समस्या यह है कि कांग्रेस केवल तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे अब नीति आयोग बैठक का विरोध कर रहे हैं। हालांकि विपक्षी गठबंधन के साथियों के उलट पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। बनर्जी ने कहा कि इन नेताओं की आवाज को एक साझा मंच पर उठाया जाना चाहिए।

    इसके साथ ही बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकारी शोध संस्थान के तौर पर गठित नीति आयोग को खत्म कर पूर्ववर्ती योजना आयोग को फिर से बहाल किया जाना चाहिए। इस बीच, बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों के नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के निर्णय का समर्थन किया है और केंद्र पर राज्यों को बजट में उनका हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला करेगी। जेएमएम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है।

  • झारखंड हथियार जब्ती मामला: NIA ने 23वें आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

    झारखंड हथियार जब्ती मामला: NIA ने 23वें आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

    नईदिल्ली

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए ) ने शनिवार को झारखंड में नक्सली गिरफ्तारी और हथियार जब्ती मामले में 23वें आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। झारखंड निवासी प्रदीप सिंह चेरो इस मामले (आरसी-02/2022/ एनआईए /आरएनसी) में आरोपपत्र दाखिल करने वाले 23वें आरोपी हैं। जून 2022 में एनआईए द्वारा जांच अपने हाथ में लेने से पहले झारखंड पुलिस ने मूल रूप से नौ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और अगस्त 2023 से जुलाई 2024 के बीच पांच पूरक आरोपपत्र दाखिल किए थे। एनआईए की जांच ने मामले में विभिन्न नक्सली सशस्त्र कैडरों और जमीनी समर्थकों की संलिप्तता को उजागर किया है। चेरो को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया गया है, जो प्रतिबंधित नक्सली संगठन द्वारा अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश का हिस्सा है।

    यह हमला फरवरी 2023 में झारखंड के लोहरदगा जिले के पेशरार क्षेत्र में हुआ था। उस समय, क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में नक्सली कैडर सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने के लिए लोहरदगा के बुलबुल के जंगली क्षेत्र में एकत्र हुए थे। गंझू के साथ सक्रिय नक्सली कैडर बलराम उरांव और मुनेश्वर गंझू के साथ 45-60 अन्य लोग शामिल थे। राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ ) के सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया था इसके बाद चलाए गए तलाशी अभियान में भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया गया।

  • दिल्ली जाने वाले यात्री ट्रेन में रखें छतरी

    दिल्ली जाने वाले यात्री ट्रेन में रखें छतरी

    दिल्ली।

    दिल्ली से बिलासपुर तक सफर कर यात्रियों को उस दौरान भारी परेशानी होने लगी जब कोच के छज्जा से पानी की धार गिरने लगी। ट्रेन में पूर्व डीआरयूसीसी मेंबर भी सफर कर रहे थे। मेंबर ने बताया कि उन्हें बिलासपुर के अधिकारियों को मैसेज के माध्यम से सूचना दी वहीं हेल्प लाइन नबर पर भी सपर्क किया बावजूद इसके कोई भी मदद के लिए नहीं पहुंचा। ट्रेन में मौजूद दुर्ग की टीम ने डक्ट में टीन डाल कर यात्रियों को थोड़ी राहत पहुंचाई।

    बहने लगा नल के पानी जैसा धार

    पूर्व डीआरयूसीसी मेंबर रज्जू मौर्य के साथ बिलासपुर के अन्य यात्री संपर्क क्रांति ट्रेन नंबर 12824 के एम 1 बर्थ के 1 से 4 नंबर सीट पर यात्रा कर रहे थे। हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन शाम 5.55 बजे छुटी कुछ देर बाद ट्रेन के एसी डक्ट से नल जैसा पानी की धार बहने लगी। पानी गिरने की वजह से यात्री सीट में ठीक से बैठ नहीं पा रहे थे।

    पूर्व डीआरसूसीसी मेंबर रज्जू मौर्य ने रेलवे हेल्प लाइन नबर के साथ बिलासपुर जोन के अधिकारियों के साथ ही सीनियर डीसीएम को भी फोन पर बताया व एसी डक्ट से पानी की धारा बहने का वीडियो भी भेजा, दिल्ली दूर होने की वजह से अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दिया। दिल्ली से बिलासपुर के बीच की दूरी लगभग 1499 किलोमीटर का अंतर है।

    खड़े—खड़े सफर करना पड़ा

    पानी गिरने के कारण यात्रियों को अपनी सीट छोड़ खड़े-खड़े सफर कर रहे थे। इस दौरान ट्रेन में दुर्ग की एयरकंडिशन विभाग की मौजूद टीम को सूचना मिली तो वह सुधार कार्य के लिए एम 1 कोच में पहुंची। सुधार करने की जगह टीम के सदस्यों ने एसी डक्ट टीम में टीन की चादर डाल कर पानी को कुछ हद तक रोकने का प्रयास किया।

  • नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में शामिल हुये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री

    नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में शामिल हुये छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री

    नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में राज्य की विकास योजना प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य की प्राथमिकताओं और विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें शिक्षा, मानव संसाधन विकास , स्वास्थ्य, और तकनीकी उन्नति पर जोर दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रस्तावित योजनाओं को साझा किया, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में राज्य की भूमिका को स्पष्ट करती हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि , छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत में प्रमुख भूमिका निभाएगा। वर्तमान में राज्य का GSDP 5.05 लाख करोड़ रुपये है, जिसे अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और लक्ष्यों पर काम शुरू किया गया है।

    बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का मुख्य फोकस स्किल्ड मानव संसाधन तैयार करने पर है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा को व्यावसायिक कौशल और ट्रेनिंग से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को ऐसी क्षमताएँ देना है जो उन्हें रोजगार के लिए तैयार करें। राज्य में प्रत्येक छात्र के लिए ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी कार्ड’ ( APAAR आईडी ) बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें छात्र के शैक्षणिक अनुभव से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप में मौजूद होंगी।

    उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता, सतत विकास, और राज्य की संस्कृति व परंपरा के संरक्षण की योजना साझा की। आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ सुपर फूड्स की पैदावार और प्राकृतिक औषधालयों का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ सड़कों, इमारतों जैसी भौतिक संरचनाओं और इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क जैसी डिजिटल सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।

    मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए केंद्र से सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि छतों पर सौर ऊर्जा लगाने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और 100 गांवों को पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बनाने की योजना बनाई है। सरकारी भवनों में रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है, और नया रायपुर के अधिकांश सरकारी भवनों में ये संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं, जिनसे विद्युत आपूर्ति ग्रिड में की जाती है।

    मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 तक 96 प्रतिशत घरों में पेयजल पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक केवल विकसित ही नहीं, बल्कि जल-सुरक्षित भारत 2047 भी होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से तकनीकी और आर्थिक सहयोग की उम्मीद जताई। इसके अलावा, रायपुर में नेशनल ग्राउंड वाटर ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट को और मजबूत करने के साथ-साथ वर्षा-जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र की स्थापना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि, इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ में बारिश के पानी को सही से संचित और इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे जल संकट कम होगा और किसानों को ज्यादा मदद मिलेगी।

    उन्होंने बताया कि ,आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती की गई है। अब छत्तीसगढ़ के सबसे दुर्गम इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही हैं। इन मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को सुविधा मिल रही है।

    मुख्यमंत्री साय ने भूमि और संपत्ति के मुद्दों पर कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल किए जा रहे हैं। इस तकनीक से पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा। उन्होंने बताया कि इस सुधार से भूमि विवादों को आसानी से सुलझाया जा सकेगा, जिससे राज्य में निवेश और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के प्रति समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार की सहायता से छत्तीसगढ़ राज्य अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा और विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा

    इस मौके पर समस्त केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर्स, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, गवर्निंग काउन्सिल के सदस्य व छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन उपस्थित रहे।

  • राज्य सरकार खनिजों पर लगा सकती है टैक्स’, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 8:1 बहुमत से सुनाया बड़ा फैसला

    राज्य सरकार खनिजों पर लगा सकती है टैक्स’, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 8:1 बहुमत से सुनाया बड़ा फैसला

    मध्य प्रदेश।

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में अपने पहले के आदेश को रद्द कर दिया और खनन और खनिज-उपयोग गतिविधियों पर रॉयल्टी लगाने के राज्यों के अधिकारों को बरकरार रखा. बेंच ने 8:1 के बहुमत से यह फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि ‘रॉयल्टी’ को ‘टैक्स’ नहीं माना जा सकता.

    सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ ने खनिज पर लगाए जाने वाले टैक्स को लेकर दाखिल याचिकाओं पर यह अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ‘रॉयल्टी’ ‘टैक्स’ नहीं है. बेंच में बहुमत की राय यह है कि रॉयल्टी टैक्स की प्रकृति के अंतर्गत नहीं आती है.

    कई राज्यों को होगा फायदा

    सीजेआई ने कहा कि हम मानते हैं कि रॉयल्टी और ऋण किराया दोनों ही टैक्स के तत्वों को पूरा नहीं करते हैं. रॉयल्टी को टैक्स के रूप में रखने वाला इंडिया सीमेंट्स का फैसला गलत है. एमएमडीआर अधिनियम में खनिजों पर टैक्स लगाने के लिए राज्य की शक्तियों पर सीमा लगाने का कोई प्रावधान नहीं है.

    सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से खनिज समृद्ध राज्यों की बड़ी जीत हुई है. सर्वोच्च अदालत के 9 जजों की पीठ ने फैसला सुनाया कि राज्यों के पास खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने की क्षमता और शक्ति है. इससे ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्यसुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ ने खनिज पर लगाए जाने वाले टैक्स को लेकर दाखिल याचिकाओं पर यह अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ‘रॉयल्टी’ ‘टैक्स’ नहीं है. बेंच में बहुमत की राय यह है कि रॉयल्टी टैक्स की प्रकृति के अंतर्गत नहीं आती है.

    कई राज्यों को होगा फायदा

    सीजेआई ने कहा कि हम मानते हैं कि रॉयल्टी और ऋण किराया दोनों ही टैक्स के तत्वों को पूरा नहीं करते हैं. रॉयल्टी को टैक्स के रूप में रखने वाला इंडिया सीमेंट्स का फैसला गलत है. एमएमडीआर अधिनियम में खनिजों पर टैक्स लगाने के लिए राज्य की शक्तियों पर सीमा लगाने का कोई प्रावधान नहीं है.

    सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से खनिज समृद्ध राज्यों की बड़ी जीत हुई है. सर्वोच्च अदालत के 9 जजों की पीठ ने फैसला सुनाया कि राज्यों के पास खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने की क्षमता और शक्ति है. इससे ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान को काफी लाभ होगा.

    बेंच में शामिल जस्टिस नागरत्ना इस फैसले पर असहमत थीं. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि रॉयल्टी टैक्स की प्रकृति में आती है. राज्यों के पास खनिज अधिकारों पर किसी तरह का टैक्स या शुल्क लगाने की कोई विधायी क्षमता नहीं है. मैं मानती हूं कि इंडिया सीमेंट्स का फैसला सही तरीके से लिया गया था.’ प्रदेश और राजस्थान को काफी लाभ होगा.

    फैसले पर असहमत जस्टिस नागरत्ना

    बेंच में शामिल जस्टिस नागरत्ना इस फैसले पर असहमत थीं. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि रॉयल्टी टैक्स की प्रकृति में आती है. राज्यों के पास खनिज अधिकारों पर किसी तरह का टैक्स या शुल्क लगाने की कोई विधायी क्षमता नहीं है. मैं मानती हूं कि इंडिया सीमेंट्स का फैसला सही तरीके से लिया गया था.’