Category: मध्यप्रदेश

  • भूरीबाई को मिलीं तीन गुना खुशियां

    भूरीबाई को मिलीं तीन गुना खुशियां

    भोपाल।

    अभावों में जीवन जीना किसी चुनौती से कम नहीं होता। ऐसे ही लंबे दौर से गुजरी हैं विदिशा जिले की भूरीबाई अहिरवार। एक समय था जब भूरीबाई के पास रहने के लिए पक्की छत नहीं थी। चूल्हे पर खाना बनाते हुए आंखों से आंसू रूकने का नाम ही लेते थे और स्वास्थ्य की चिंता उन्हें हमेशा सताती। लेकिन अब भूरीबाई को ये सारी चिंता नहीं रही। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलते ही भूरीबाई को मानों खुशियों को पिटारा मिल गया। भूरीबाई चूल्हे पर खाना पकाने और धुएं के कारण आंखों से निकलने वाले आंसुओं से मुक्ति दिलाने के लिये बनाई गई उज्जवला योजना के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बार-बार आभार मानती हैं। उल्लेखनीय है कि इस योजना में अब तक देश के 10 करोड़ 22 लाख 28 हजार से अधिक परिवारों को उज्जवला गैस कनेक्शन का लाभ मिला है। योजना को विस्तार देते हुए ‘उज्जवला योजना 2.0’ भी शुरू की गई। इसमें अब तक दो करोड़ 23 लाख 71 हजार से अधिक महिलाओं को उज्जवला गैस कनेक्शन दिये जा चुके हैं।

    परेशानी से मिली मुक्ति

    विदिशा जिले के टीलाखेड़ी गांव की भूरीबाई कहती हैं कि उसने कभी नहीं सोचा था कि जीवन में कभी इतनी खुशियों के दिन भी आयेंगे। वह हमेशा यही सोचती थीं कि पूरा जीवन कच्चे घर और टपकती हुई छत के नीचे ही गुजारना पड़ेगा। अगर बीमार पडीं, तो इलाज कैसे करा पाऊंगी? तभी उसे मालूम हुआ कि जिन लोगों के पास खुद का घर नहीं है, सरकार उन्हें पक्का घर बनाकर दे रही है। आयुष्मान भारत कार्ड बनाकर पांच लाख रूपये तक का इलाज भी करा रही है और तो और चूल्हे पर खाना पकाने और धुएं की परेशानी से मुक्ति दिलाने ‘उज्जवला योजना’ का लाभ भी दे रही है। बस फिर क्या था, उन्हें भी एक के बाद एक इन सभी योजनाओं का लाभ मिला और उसका जीवन खुशियों से भर गया। अब बारिश में न तो उनकी छत से पानी टपकता है और न ही बीमारी के खर्च की उन्हे कोई चिंता है। अब भूरीबाई खाना भी गैस पर बनाती हैं। धुएं से भी छुटकारा मिल गया है। इन तीन गुना खुशियों से भूरीबाई अब बेहद प्रसन्न हैं।

  • मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी का प्रथम सोलर ऊर्जा संयंत्र लोकार्पित

    मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी का प्रथम सोलर ऊर्जा संयंत्र लोकार्पित

    भोपाल,

    ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शनिवार को मंदसौर जिले के रातागुराडिया स्थित मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी के सात मेगावाट सोलर ऊर्जा संयंत्रों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया। इन संयंत्रों के निर्माण में लगभग 42 करोड़ रुपये की लागत आयी एवं इनसे प्रतिवर्ष लगभग सवा करोड़ यूनिट विद्युत उत्पादन होना अनुमानित है।

    ऊर्जा मंत्री तोमर ने बधाई देते हुए कहा कि पावर जनरेटिंग कंपनी नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य कर बिजली का उत्पादन बढ़ाएगी।

    रातागुराडिया सोलर ऊर्जा संयंत्र मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी का प्रथम सोलर संयंत्र है। इससे पूर्व मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी केवल कोयले एवं जल आधारित विद्युत गृहों से बिजली का उत्पादन कर रही थी। समय की जरूरत को देखते हुए अन्य सोलर संयंत्रों को भी कंपनी के वर्तमान में क्रियाशील ताप विद्युत गृहों की रिक्त भूमि पर अतिशीघ्र स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश पावर ट्रान्समिशन कम्पनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह एवं सभी विद्युत गृहों के वरिष्ठ अभियंता, राज्य के जल संसाधन विभाग एवं मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अभियंता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए।

  • समूह से जुड़कर प्रारंभ किया पापड़ का काम, किराना दुकान का भी कर रही संचालन

    समूह से जुड़कर प्रारंभ किया पापड़ का काम, किराना दुकान का भी कर रही संचालन

    कटनी,

    कटनी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत हिरवारा निवासी मंजू बर्मन आज गांव की आत्मनिर्भर महिलाओं में शामिल हैं। मंजू गांव में छोटी सी किराना की दुकान चलाकर किसी तरह से अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थीं। मध्यप्रदेश डे. राज्य आजीविका मिशन गरीब परिवार की महिलाओं को स्व सहायता समूह के माध्यम से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहा है और उससे जुड़ने के बाद न सिर्फ मंजू ने अपनी आय बढ़ाई बल्कि उनके द्वारा बनाए गए पापड़ की क्षेत्र में डिमांड है।

                हिरवारा निवासी मंजू बर्मन की गांव में किराना की छोटी सी दुकान थीजिसके माध्यम से होने वाली आय परिवार के भरण पोषण के लिए काफी नहीं थी। मंजू बताती हैं कि कभी अचानक पैसे की जरूरत पड़े तो काफी परेशानी उठाना पड़ती थी और ब्याज दर अधिक होने से साहूकारों से भी पैसा नहीं ले पाती थीं।

                मंजू तीन साल पूर्व रौनक स्व सहायता समूह से जुड़ी और उसके बाद सभी महिलाओं ने प्रति सप्ताह 10 रूपये की बचत करना प्रारंभ किया। प्रथम ग्रेडिंग के रूप में प्राप्त 13 हजार रूपये और समूह को सीआईएफ राशि से 50 हजार रूपये मिलेजिससे आर्थिक मदद लेकर मंजू बर्मन ने पूर्व में संचालित किराना दुकान का कार्य बढ़ाया। साथ ही सिलाई का कार्य प्रारंभ किया और पापड़ बनाने का काम भी शुरू किया। कई तरह के पापड़ बनाकर मंजू गांव व आसपास के गांव में बेचना प्रारंभ किया। मंजू ने बताया कि पहले उसकी मासिक आय 4 हजार से 4500 रूपये के आसपास थी और समूह के माध्यम से अपने कार्य को बढ़ाने के बाद अब हर माह उसे 12 हजार रूपये तक प्राप्त हो जाते हैंजिससे उसके परिवार का भरण पोषण बहुत अच्छे तरह से हो पा रहा है।

  • होम लोन न चुकाने वाले लोगों की परिसम्पत्तियों पर बैंकों को कब्जा दिलाएँ – कलेक्टर

    होम लोन न चुकाने वाले लोगों की परिसम्पत्तियों पर बैंकों को कब्जा दिलाएँ – कलेक्टर

    ग्वालियर ,

    मकान बनाने के लिए बैंकों से लिया गया ऋण दबाकर बैठे लोगों के मकान व अन्य परिसम्पत्तियों पर सरफेसी एक्ट के तहत संबंधित बैंक को कब्जा दिलाया जायेगा। कलेक्टर न्यायालय द्वारा सरफेसी एक्ट में जिन प्रकरणों में बैंक के पक्ष में फैसला हो चुका है, उनमें यह कार्रवाई की जायेगी। माननीय उच्च न्यायालय ने भी इस एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर विशेष गंभीरता दिखाई है। इस परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह ने बैठक लेकर अभियान बतौर इस कार्रवाई को मूर्तरूप देने के निर्देश संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारियों व तहसीलदारों को दिए। गुरूवार को यहाँ पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस उप महानिरीक्षक सुश्री कृष्णावेणी देशावतु व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल की मौजूदगी में जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई।

    कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में जोर देकर कहा कि सरफेसी एक्ट के तहत हुए फैसलों का सभी एसडीएम एवं तहसीलदार पुलिस के सहयोग से पालन कराएँ। उन्होंने कहा कि होम लोन वापस न करने पर बैंकों द्वारा सरफेसी एक्ट के तहत दायर किए गए जिन मामलों में बैंकों के पक्ष में फैसला हो चुका है, उनमें तत्परता के साथ बैंकों को मॉडगेज में उल्लेखित परिसम्पत्ति पर कब्जा दिलाएँ। इसमें किसी प्रकार की ढ़िलाई न हो। बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले माह के दौरान सरफेसी एक्ट के तहत लगभग एक दर्जन मामलों में बैंकों को परिसम्पत्तियों पर कब्जा दिलाया गया है। यह कार्रवाई निरंतर जारी है।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश चंदेल ने बैठक में भरोसा दिलाया कि सरफेसी एक्ट का पालन कराने में पुलिस से पूर्ण सहयोग मिलेगा। उन्होंने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित एसडीएम व तहसीलदार से समन्वय बनाकर सरफेसी एक्ट के पालन में सहयोग करें।

    गुरूवार को यहाँ पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित हुई बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गजेन्द्र वर्धमान व श्री रेनवाल तथा एसडीएम ग्वालियर सिटी श्री अतुल सिंह, एसडीएम मुरार श्री अशोक चौहान व एसडीएम लश्कर श्री नरेश कुमार गुप्ता, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

  • गैस एजेन्सियों के गोदामों की भी जाँच जारी

    गैस एजेन्सियों के गोदामों की भी जाँच जारी

    जिले में पटाखा दुकानों व गोदामों के निरीक्षण के साथ-साथ गैस एजेन्सियों के गोदामों की भी बारीकी से जाँच की जा रही है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह के निर्देशन पर गई जिला प्रशासन व खाद्य विभाग की टीम द्वारा गुरूवार को दीवान इण्डेन गैस गोदाम की जाँच की गई। जाँच में घरेलू गैस के 104 और व्यवसायिक गैस के 272 सिलेण्डर कम पाए गए। यह अनियमितता पाए जाने पर दीवान इण्डेन के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

  • ग्वालियर जिले में हुआ मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन

    ग्वालियर जिले में हुआ मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन

    ग्वालियर ,

    फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2024 के अंतर्गत ग्वालियर जिले में भी 8 फरवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह ने भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर मतदाता सूची के प्रकाशन की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। साथ ही राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची की सॉफ्ट कॉपी एवं हार्ड कॉपी सौंपी। इस अवसर पर उन्होंने मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मतदान प्रतिशत बढ़ाने में सहयोग करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि मतदान कार्य में सहयोग के लिये सभी राजनैतिक दल मतदान केन्द्रवार बीएलए अवश्य नियुक्त करें।

    विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2024 के तहत जिले के सभी 1659 मतदान केंद्रों पर बीएलओ द्वारा मतदाता सूची का वाचन भी किया गया। संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन कराया गया।

    कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 27 हजार 466 हो गई है। जो प्रारूप के प्रकाशन के समय 16 लाख 25 हजार 187 थी। इस प्रकार मतदाताओं की संख्या में कुल 2 हजार 279 का इजाफा हुआ है। जिले में 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 4 हजार 113 नए मतदाता जुड़े हैं। अस्सी वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 656 घट गई है। वहीं दिव्यांग मतदाताओं की संख्या में 1965 का इजाफा हुआ है। जेंडर रेशियो व ईपी रेशियो में भी सुधार हुआ है। उन्होंने 1500 से अधिक मतदाताओं वाले मतदान केन्द्रों की जानकारी भी विधानसभा क्षेत्रवार बैठक में दी।

    जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सिंह ने बैठक में मौजूद मान्यता प्राप्त विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के सुझाव सुने। उन्होंने कहा इन सुझावों को भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जायेगा। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एल के पाण्डेय, एसडीएम श्री अतुल सिंह व श्री नरेश चन्द्र गुप्ता सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।

    जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सिंह ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को कलेक्ट्रेट परिसर के निर्वाचन वेयर हाउस प्रांगण में हो रही ईवीएम की एफएलसी (फर्स्ट लेवल चैकिंग) का मुआयना भी कराया। सभी प्रतिनिधियों ने एफएलसी कार्य पर संतुष्टि व्यक्त की। लोकसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग के तहत ईवीएम की एफएलसी हो रही है।

    वेबसाइट व पोर्टल पर भी उपलब्ध है सूची और पोर्टल से देख सकते हैं अपना नाम

    कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि 8 फरवरी को प्रकाशित फोटो निर्वाचक नामावली की अंतिम सूची संबंधित मतदान केंद्र तथा निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय में देखी जा सकती है। इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय की बेवसाइट www.ceomadhyapradesh.nic.in पर भी यह सूची उपलब्ध रहेगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि कोई भी मतदाता अपना विवरण भारत निर्वाचन आयोग के Voter Service Portal, voters.eci.gov.in पर अपनी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

     

  • विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिये 5,180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति

    विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिये 5,180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति

    भोपाल,

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई।मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 5 हजार 180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी गई। इसमें से 5 हजार 42 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित और 137 करोड़ रूपये से अधिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। स्वीकृत की गई परियोजनाओं में पन्ना जिले के विकासखंड शाहनगर में 600 करोड़ रूपए के स्थान पर 775 करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 577 ग्राम पेयजल सुविधा से भी लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में स्वीकृत राशि 261 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से पवई मध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। सिंचाई क्षेत्र बढ़ने पर वर्ष 2018 में 600 करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। वर्ष 2011 में सिंचाई क्षेत्र 9 हजार 952 हेक्टेयर था, जो 2018 में बढ़कर 19 हजार 534 हेक्टेयर हुआ और अब बढ़कर 25 हजार 820 हेक्टेयर हो गया है।

    इसी प्रकार बुरहानपुर जिले के विकासखंड बुरहानपुर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 144 करोड़ 72 लाख रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वर्ष 2017 में राशि 104 करोड़ 45 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। तत्समय 2310 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र परियोजना में शामिल था, जो कि अब बढ़कर 3750 हेक्टेयर क्षेत्र हो चुका है।

    साथ ही सागर जिले की बण्डा तहसील में सिंचित भूमि बढ़ने, डूब क्षेत्र में परिवारों की संख्या में वृद्धि होने से भू-अर्जन की लागत में वृद्धि होने एवं विद्युत खपत में वृद्धि होने से 3 हजार 219 करोड़ 62 लाख करोड़ रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2022 में राशि 26 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। परियोजना में 28 ग्रामों की 4 हजार 646 हेक्टेयर से अधिक भूमि प्रभावित हो रही है और 4 हजार से अधिक परिवारों का विस्थापन होना है। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 313 ग्राम लाभान्वित होंगे।

    इसी तरह सतना जिले के विकासखंड रामनगर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 53 करोड़ 69 लाख रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस योजना के बन जाने से क्षेत्र के 26 ग्राम लाभान्वित होंगे। वर्ष 2018 में राशि 36 करोड़ 17 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। तत्समय 2600 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र परियोजना में शामिल था, जो अब बढ़कर 3961 हेक्टेयर क्षेत्र हो चुका है।

    इसके साथ विदिशा जिले के विकासखंड लटेरी में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 627 करोड़ 45 लाख रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वर्ष 2016 में राशि 383 करोड़ 15 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। तत्समय 9,990 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र परियोजना में शामिल था, जो अब बढ़कर 12 हजार 814 हेक्टेयर क्षेत्र हो चुका है। पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना की लागत में भी वृद्धि हुई है।

    इसी प्रकार सीहोर जिले की जावर तहसील में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 222 करोड़ 3 लाख रूपये लागत की कान्याखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 4605 हेक्टेयर) की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्ष 2018 में राशि 102 करोड़ 71 लाख रूपए की लागत से यह सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई थी। ततसमय 7 ग्रामों का 2400 हेक्टेयर क्षेत्र परियोजना में शामिल था, जो कि अब बढ़कर 11 ग्रामों का 3800 हेक्टेयर क्षेत्र हो चुका है।

    मंत्रि-परिषद द्वारा बुरहानपुर जिले में 137 करोड़ 77 लाख रूपये लागत की छोटी उतावली मध्यम सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 4000 हेक्टेयर) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना से दबाव युक्त (होज) पद्धति से बुरहानपुर तहसील के 9 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

    डायल-100 योजना के निरंतर संचालन के लिए 69 करोड़ 48 लाख की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा केन्द्रीकृत पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डायल-100) योजना के निरंतर संचालन के लिए अनुबंधित फर्म M/s-BVG India Ltd. की अनुमोदित दरों में 15 प्रतिशत अधिक 6 माह (01 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक) के लिये अनुबंधन अवधि में वृद्धि अथवा नवीन निविदा उपरांत चयनित निविदाकार द्वारा डायल-100 सेवा के संचालन का कार्य प्रारंभ करने की तिथि तक, जो भी अवधि कम हो तक की वृद्धि के लिये अनुमानित लागत 69 करोड़ 48 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी।

    CITIIS 2.0 के अंतर्गत मध्यप्रदेश की स्मार्ट सिटी को प्रारंभिक रूप से चयन प्रक्रिया में शामिल होने एवं योजना के क्रियान्वयन की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार द्वारा क्रियान्वित CITIIS 2.0 के अंतर्गत मध्यप्रदेश की स्मार्ट सिटी को प्रारंभिक रूप से चयन प्रक्रिया में शामिल होने एवं योजना के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा CITIIS 2.0 का प्रारंभ 16 नवम्बर 2023 को किया गया। योजना का उददेश्य जलवायु संवेदनशील योजना एवं क्रियान्वयन को बढ़ावा देना तथा शहरी जलवायु के क्रियान्वयन के लिए निवेश को प्रेरित करना, संस्थागत तंत्र का निर्माण, भागीदारी प्रोत्साहन एवं क्षमतावर्धन है। योजना में 100 स्मार्ट सिटीज के मध्य चैलेंज के माध्यम से 18 स्मार्ट सिटी शहरों का चयन किया जाना है। इसके अंतर्गत राज्य की सात स्मार्ट सिटी को प्रारंभिक रूप से चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया है।

    म.प्र. पंचायत सेवा नियम 2011 में अनुकंपा नियुक्ति के संशोधन की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें) यम, 2011 में अनुकंपा नियुक्ति के संशोधन नियम-5-क को अंतःस्थापित करने की स्वीकृति दी गई। स्वीकृति अनुसार जिस जिला पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत सचिव सेवारत था, उस जिला पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायतों में संबंधित प्रवर्ग का पद रिक्त न होने की स्थिति में अन्य जिले में जहां संबंधित प्रवर्ग में ग्राम पंचायत सचिव का पद रिक्त हो, पात्रता अनुसार नियुक्ति दी जा सकेगी। इस संबंध में पंचायत राज संचालनालय द्वारा ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त पद वाली जिला पंचायत को संबंधित का आवेदन प्रेषित किया जायेगा।

    राज्य राजमार्गों के उन्नयन के लिये 5 हजार 812 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा न्यू डेव्हलपमेंट बैंक की सहायता से म.प्र. में राज्य राजमार्गों के उन्नयन के लिये 5 हजार 812 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति दी। परियोजना के लिए 4 हजार 68 करोड़ रूपये का ऋण न्यू डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा प्रदाय किया जायेगा एवं शेष 1 हजार 744 करोड़ रूपये राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। योजनांतर्गत प्रदेश में लगभग 884.63 कि.मी. राज्य राजमार्गों/मुख्य जिला मार्गों का विकास 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर/4-लेन में इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एण्ड कंसस्ट्रक्शन (ई.पी.सी.) मॉडल पर किया जावेगा। परियोजना के क्रियान्वयन के फलस्वरूप नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता की सुरक्षित सड़कों पर आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। प्रदेश में सड़कों के विकास के लिए मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा पूर्व में एनडीबी परियोजना अंतर्गत लगभग 3500 किमी सड़कों एवं 350 पुलों के निर्माण का कार्य किया गया हैं।

    शहडोल में 14.50 किमी रिंग रोड के निर्माण के लिये 81 करोड़ रूपये की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा शहडोल जिले के नगर ब्यौहारी के लिए प्रथम चरण मे 14.50 किमी रिंग रोड निर्माण के लिये 81 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। ब्यौहारी नगर में 27 किमी लंबाई का रिंग रोड 147.46 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित किया जाना है। परियोजना परीक्षण समिति द्वारा प्रथम चरण में 14.50 किमी के निर्माण के लिए 81 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की अनुशंसा की है। इस रोड के बन जाने से शहर में यातायात का दबाव कम होगा, सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और लम्बी दूरी के भारी वाहन नगर के बाहर से ही निकल सकेंगे। साथ ही रीवा, सीधी, कटनी, उमरिया, शहडोल जिलों के मार्ग, नगर के बाहर आपस में जुड़ सकेंगे।

    जबलपुर में उच्चस्तरीय झूंला पुल के निर्माण के लिये 177 करोड़ 12 लाख रूपये से अधिक की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा जबलपुर से लम्हेटा के मध्य नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्चस्तरीय झूला पुल (केबल स्टे) के निर्माण के लिये लागत राशि 177 करोड़ 12 लाख 97 हजार रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वर्ष 2018 में जबलपुर से लम्हेटा के बीच नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित झूला पुल के निर्माण के लिए 49 करोड़ 73 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। तकनीकी कारणों से परियोजना की लागत बढ़कर 177 करोड़ 13 लाख रूपये हो गई है। इसके निर्माण से 18 गांव के 45 हजार जनसंख्या और पर्यटकों को सुगमता होगी। पंचक्रोशी यात्रा के 5 से 10 लाख श्रद्धालुओं को घूमकर या नाव से नदी पार करके नहीं जाना पड़ेगा तथा वर्षाकाल में आवागमन में किसी प्रकार का अवरोध भी नहीं आएगा।

     नीमच में बायपास निर्माण के लिये 111 करोड़ रूपये अधिक की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा नीमच जिले में 111 करोड़ 67 लाख रूपये की लागत से बनने वाले नीमच बायपास व्हाया जयसिंहपुरा बघराना नयागांव मार्ग लंबाई 21.20 कि.मी. के निर्माण के लिये प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस बायपास के बन जाने से मंदसौर तथा चितौडगढ़ की तरफ से यातायात एवं नीमच के जीरन /चीताखेडा क्षेत्र से आने वाले यातायात को मंदी में तथा राजस्थान के छोटी सादडी /बाँसवाड़ा आने-जाने में सुविधा मिलेगी। शहर का आन्तरिक यातायात भी सुगम बनेगा।

    अशोकनगर में करीला माता मंदिर तक सड़क निर्माण के लिये 134 करोड़ रूपये की स्वीकृति

    अशोकनगर जिले में शाढ़ौरा (एस.एच.-20) से करीला माता मंदिर (बेलई करीला मुख्य जिला मार्ग) व्हाया बामोरी ताल, ककरुआ राय, पिपरिया राय, कचनार, झितिया, करैया बुदधू, राजपुर, फतेहपुर, खिरिया, हरिपुर चक्क, पीपलखेडा, दंगलिया, जमुनिया मार्ग लंबाई 54.40 कि.मी. के निर्माण के लिए राशि रूपए 134.43 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इस मार्ग के बन जाने से करीला जानकी माता मंदिर आने वाले लगभग 25 लाख श्रद्धालु लाभांवित होंगे। राजस्थान और प्रदेश के अन्य स्थानों से आने वाले श्रद्धालु कम समय में करीलाधाम पहुँच सकेंगे।

    उज्जैन-जावरा के मध्य 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे निर्माण के लिये 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रूपए की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये 102.80 किमी लम्बे ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे के निर्माण की स्वीकृति दी है। इस परियोजना का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिड एनयूटी आधार पर होगा। परियोजना की लागत 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रूपए है। परियोजना पर 17 वर्षों में कुल व्यय 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रूपए में से 557 करोड़ रूपए का भुगतान सड़क विकास निगम और 4460 करोड़ रूपए का भुगतान राज्य बजट से किया जायेगा। इस मार्ग पर 7 बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, 5 फ्लाई ओवर, 2 रेलवे ओवरब्रिज बनाये जाएंगे। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिल्ली एवं मुम्बई के मध्य 8 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इस राजमार्ग की 247 कि.मी. लम्बाई राज्य के मंदसौर, रतलाम एवं झाबुआ जिलों से गुजरता है। एक्सप्रेस-वे के इस भाग में 7 स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से जुडने के लिये इंटरचेंज दिये गये हैं। इनमें से एक इंटरचेंज जावरा के पास भूतेड़ा पर स्थित है। क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार को दृष्टिगत रखते हुये उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये यह निर्णय लिया गया है।

    म.प्र. राज्य न्यायिक अकादमी के नवीन भवन निर्माण के लिये 485 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा जबलपुर के ग्राम मंगेली बरेला बायपास रोड़ स्थित मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के लिये नवीन भवन निर्माण की योजना कुल लागत 485 करोड़ 84 लाख रूपये की स्वीकृति दी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 2044 तथा कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की संख्या 1847 है। इस प्रकार प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। इस दौरान न्यायाधीशगण को अकादमी के परिसर में ही रहकर अपना प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है। इसके अतिरिक्त राज्य न्यायिक अकादमी तहसील स्तर एवं जिला स्तर पर अधिवक्तागण को भी प्रशिक्षण प्रदान करती है तथा अन्य विभागों के अधिकारी जिनकी न्यायिक प्रणाली में भागीदारी आवश्यक होती है जैसे अभियोजन अधिकारी, पुलिस/अन्वेषणकर्ता अधिकारी, राजस्व अधिकारी, बाल कल्याण अधिकारी, वन संरक्षक की संबंधित अधिनियम और न्यायिक प्रणाली के संबंध में संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण सत्र आयोजित करती है। वर्तमान में राज्य न्यायिक अकादमी का भवन अत्यंत छोटा कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए उक्त भवन पर्याप्त नहीं है। इसलिये नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

    प्रदेश में पीपीपी मोड पर चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति

    मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड पर स्थापित करने की स्वीकृति दी। उक्त निर्णय से जिले में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना होने से जिले के मरीजों को तृतीयक स्तर की सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एवं जिला अस्पतालों का उन्नयन करके मरीजों को उच्चतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदाय करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।

    अन्य निर्णय

    मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) भर्ती नियम, 1990 अंतर्गत कार्यरत सीधी भर्ती/पदोन्नत/पदनामित प्राध्यापकों को यू.जी.सी. छठवें वेतनमान में 1 जनवरी 2006 से रुपये 37400-67000+ए.जी.पी. 10 हजार रूपये का वेतनमान देने की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही 14 सितम्बर 2012 के विभागीय आदेश को संशोधित करने तथा 19 मार्च 2013 के विभागीय आदेश को निरस्त करने के लिये उच्च शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है

  • पीएम जनमन से बदली कई सहरिया परिवारों की जिन्दगी

    पीएम जनमन से बदली कई सहरिया परिवारों की जिन्दगी

    भोपाल,

    जनकल्याण के काम करने की लगन हो, तो कम समय में भी लोगों की जिन्दगी तेजी से बदली जा सकती है। इसका जीवन्त उदाहरण है – प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान या कहें पीएम जनमन मिशन। विदिशा जिला पीएम जनमन मिशन में चुना गया है। यहाँ विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के कई परिवार निवास करते हैं। इन सभी सहरिया परिवारों के समग्र कल्याण के लिये पीएम जनमन में मिशन मोड में काम किया जा रहा है।

    सहरिया जनजाति से ताल्लुक रखने वाली बागरी गांव की लक्ष्मी सहरिया बताती हैं बरसों से वे और उनके जैसे कई परिवार कच्चे खपरैल वाले टूटे-फूटे झोपड़ीनुमा घरों में रहते थे। हालात बेहद खराब थे। सर्दी-गर्मी-बारिश एवं ओला-पाला में बड़ी विकट समस्याएं सामने आ जाती थीं। जीना बड़ा कठिन था। पीएम जनमन मिशन में सरकार द्वारा हमारी जिन्दगी बदलने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह अत्यन्त ही सराहनीय है। वे बताती हैं कि पीएम जनमन की आवास योजना के तहत बागरी गांव के सभी सहरिया परिवारों के पक्के घर बनाये जा रहे हैं। सभी परिवारों के स्वास्थ्य की जांच कर समुचित इलाज किया जा रहा है। सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर हमें उनका लाभ भी दिया जा रहा है। वे कहती हैं इस एक योजना ने कई सहरिया परिवारों की जिन्दगी बेहद आसान बना दी है। इस अभिनव योजना के लिये लक्ष्मी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार माना है।

    उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के जीवन में तत्काल सुधार लाने के लिये इन्हें पीएम जनमन मिशन में लिया गया है। मध्यप्रदेश के अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, भिण्ड, छिंदवाड़ा, दतिया, डिंडोरी, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, रायसेन, सतना, सिवनी, शहडोल, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, उमरिया और विदिशा जिले के ग्रामीण अंचलों में निवास कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को इस मिशन में लाभांवित किया जायेगा। इस महाअभियान के अंतर्गत पक्के मकानों के अतिरिक्त 4 लाख 90 हजार हितग्राही परिवारों को शौचालय और मनरेगा योजना के अकुशल पारिश्रमिक के रूप में प्रति परिवार दो लाख रूपये देने का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही आहार अनुदान योजना में प्रतिमाह 1500 रूपये भी दिये जाते हैं।

  • हर शहर के लिए 125-125 करोड़ में होंगे विकास कार्य, 50-50% लगेगा केंद्र-राज्य का पैसा

    हर शहर के लिए 125-125 करोड़ में होंगे विकास कार्य, 50-50% लगेगा केंद्र-राज्य का पैसा

    भोपाल,

    प्रदेश के जबलपुर और उज्जैन शहरों का चयन स्मार्ट सिटीज 2.0 में किया है। इसकी घोषणा सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय ने की है। इन 2 शहरों में विकास कार्यों पर 125 करोड़ रुपए प्रति शहर के हिसाब से कुल 250 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दे दी है। सिटीज 2.0 में चयनित 2 शहरों में स्वीकृत परियोजना के ब्याज सहित ऋण को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 50 अनुपात 50 के आधार पर वापस किए जाएंगे।

    नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्मार्ट सिटीज 2.0

  • पहले काम की तलाश में दिन बीतते थे.. अब घर बैठे रोजाना 700-800 रूपए कमाते हैं दिनेश

    पहले काम की तलाश में दिन बीतते थे.. अब घर बैठे रोजाना 700-800 रूपए कमाते हैं दिनेश

    भोपाल,

    दिनेश पैसों से लाचार तो थे, पर उम्मीद की आस उन्होंने छोड़ी नहीं थी। पेट पालने के लिये दिहाड़ी मजदूरी करने वाले ग्वालियर जिले के डबरा के दिनेश मांझी के जीवन में उजाला लेकर आई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और खादी ग्रामोद्योग विकास योजना।

    उद्यमी बनने का सपना दिल में लिये दिनेश बस एक मौके की तलाश में थे, तभी उन्हें उनकी माँ और पत्नी से पता चला, कि खादी ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत सरकार छोटे व्यावसायियों को आर्थिक मदद देती है। बस यहीं से दिनेश को राह मिल गई। दिनेश ने खादी ग्रामोद्योग विभाग से सम्पर्क कर विभाग की ओर से आगरा में जूते-चप्पल बनाने की ट्रेनिंग ले ली। जब दिनेश इस काम में पारंगत हो गये, तो उन्हें खादी ग्रामोद्योग विकास योजना से 66 हजार रुपये की शू-मेकिंग मशीन भी मिल गई। इससे दिनेश अब अपने घर से ही डिजाइनर जूते-चप्पल, सैंडल और डॉक-शू बनाने और बेचने लगे। दिनेश की लगन देखकर खादी ग्रामोद्योग आयोग ने उसे एक शू-कम्पनी से जुड़वा दिया। अब दिनेश घर बैठे रोजाना 700 से 800 रुपये कमा रहे हैं। काम की तलाश में दिनेश को अब घर से बाहर भी नहीं जाना पड़ता।

    दिनेश लाचारी के उन बुरे दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकार ने उनके हुनर को पहचाना और उनका उद्यमी बनने का सपना साकार कर दिया। वे छोटे व्यापारियों के लिये सरकार द्वारा बनाई ऐसी योजना के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को ह्रदय से धन्यवाद देते हैं।