Category: मौसम

  • ओडिशा-बंगाल से टकराकर गुजरा दाना, रंग लाई सरकार की कोशिशें, जीरो कैजुअल्टी मिशन सफल

    ओडिशा-बंगाल से टकराकर गुजरा दाना, रंग लाई सरकार की कोशिशें, जीरो कैजुअल्टी मिशन सफल

    ओडि़शा  ।

    चक्रवात दाना ओडिशा के तट से टकरा गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, चक्रवाती तूफान दाना के लैंडफाल की प्रक्रिया गुरुवार रात को शुरू होकार शुक्रवार सुबह तक जारी रहने की उम्मीद है। शुक्रवार सुबह तक लैंडफाल की प्रक्रिया करीब चार से पांच घंटे तक चलेगी। उस वक्त हवा की रफ्तार लगभग 120 किमी प्रति घंटे रहने की आशंका है। ऊंची लहरों के चलते तटीय इलाकों में दो-तीन किलोमीटर अंदर तक पानी आ सकता है। अगले 24 घंटे अतिरिक्त सुरक्षा बरतने की सलाह दी गई है। ऐसे में विभिन्न समुद्री तटों पर एहतियात के तौर पर धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा, पारादीप से इरसामा सियाली तक समुद्र तट पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।

    चक्रवाती तूफान दाना ने ओडिशा के बालेश्वर जिले में व्यापक नुकसान किया। कई पेड़ गिर गए और सडक़ें ब्लॉक हो गईं। जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और सडक़ों से गिरे हुए पेड़ों को हटाने के लिए काम शुरू कर दिया, ताकि लोगों को आवागमन में परेशानी न हो। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ गई। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य ने अपना जीरो कैजुअल्टी मिशन हासिल कर लिया है क्योंकि गुरुवार रात तट पर आए भीषण चक्रवाती तूफान दाना में किसी भी मानव जीवन के नुकसान या घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने शुक्रवार को प्रभावित जिलों के जिला कलेक्टरों को जल्द से जल्द नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भीषण चक्रवात दाना से उत्पन्न आपातकालीन स्थिति से निपटने एवं जीरो कैजुएल्टी के लक्ष्य को सुनिश्चित करने में हम सफल रहे हैं। चक्रवात दाना के प्रभाव के कारण आज प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। इससे सुबह से ही विभिन्न जगहों पर वर्षा हो रही है। राज्य के नौ जिलों में आज के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इनमें अनुगुल, केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर, कटक, खुर्दा, जाजपुर, भद्रक, ढेंकानाल और पुरी शामिल हैं। जबकि केंदुझर, मयूरभंज, बालेश्वर, बौद्ध, सोनपुर और नयागढ़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। चक्रवात दाना के प्रभाव को देखते हुए भुवनेश्वर बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से बंद की गई हवाई सेवा को आज सुबह 8 बजे से बहाल कर दिया गया है। चक्रवात के कारण गुरुवार से 40 विमान सेवा को रद्द कर दिया गया था। भुवनेश्वर एयरपोर्ट अथारिटी की तरफ से यह जानकारी दी गई है।

    आज सुबह 8.00 बजे से बालेश्वर के शहरी इलाकों में मूसलधार बारिश शुरू हो गई है। पूरी रात शहरी इलाकों में बारिश नहीं हुई थी लेकिन समुद्री तूफान के समाप्ति के कगार पर पहुंच जाने पर शहरी इलाकों में मूसलधार बारिश का सिलसिला जारी है। सामुद्रिक तूफान के कारण बालेश्वर के कई स्थानों पर बिजली के खंभे भी टूट के गिरे हैं बालेश्वर जिला के अंतर्गत नीलगिरी नामक स्थान पर सडक़ के बीचो-बीच गिरे विशालकाय वृक्ष । चक्रवात दाना के प्रभाव से उच्च ज्वार की लहरें पूर्वी मेदिनीपुर, पुराने दीघा समुद्र तट से टकराईं। ओडिशा के बालेश्वर जिला के अंतर्गत सोरो, पनपना नामक आऊपदा तथा कांटा बढिय़ा नामक स्थान पर सडक़ के बीचो-बीच विशाल वृक्ष गिर गए हैं। तेज हवा और मूसलधार बारिश को बर्दाश्त ना कर पाने के कारण यह विशालकाय वृक्ष सडक़ के बीचो-बीच गिर पड़े हैं। इस सामुद्रिक तूफान ने बालेश्वर के तटवर्ती इलाकों में पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचाया है। चक्रवात दाना के प्रभाव से बिहार के 18 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। लोगों से सावधान रहने की अपील की गई है।

    मौसम विज्ञान केन्द्र पटना के अनुसार, चक्रवात मध्य बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती इलाकों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जिसका व्यापक प्रभाव नवादा जिले में भी देखने को मिलेगा। इस दौरान मेघगर्जन और वज्रपात की आशंका जतायी गई है। साथ ही 110 से 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चलने की भी संभावना है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से दाना चक्रवात को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। विभाग ने 0651-2490014 और 9431135682 नंबर जारी किया है। इस नंबर पर उपभोक्ता बिजली कट, तार टूटने, ट्रांसफार्मर उडऩे, फ्यूज उडऩे आदि से संबंधित जानकारी दे सकेंगे।

  • अगले 5 दिनों में इन 6 राज्यों में भयंकर बारिश की चेतावनी, चक्रवाती तूफान दिखा सकता है अपना विकराल रूप

    अगले 5 दिनों में इन 6 राज्यों में भयंकर बारिश की चेतावनी, चक्रवाती तूफान दिखा सकता है अपना विकराल रूप

    नई दिल्ली।

    दक्षिण पश्चिम मानसून अब समाप्त हो चुका है, जबकि उत्तर पूर्वी मानसून सक्रिय हो गया है। इसके कारण अंडमान सागर में एक चक्रवाती तूफान सक्रिय हो रहा है, क्योंकि वहां साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है।इस बीच, उत्तर भारत में ठंड बढ़ने लगी है, और दिल्ली-NCR, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सुबह और शाम की ठंड महसूस की जाने लगी है। सामान्य से अधिक ठंड पड़ने की संभावना है।

    चूंकि बंगाल की खाड़ी में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है, मौसम विभाग ने दक्षिण भारत के चार राज्यों-केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ शहरों में अगले 5 दिनों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र में भी मौसम में परिवर्तन हो सकता है। आज मुंबई और कोलकाता में हल्की बारिश होने की संभावना है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में मौसम साफ रहेगा, लेकिन ठंड का प्रभाव बढ़ने लगा है। आइए जानते हैं कि देशभर में मौसम का हाल कैसा है?महासागर में एक चक्रवाती तूफान (A cyclonic storm in the North Indian Ocean) आने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग का कहना है कि 23 और 24 अक्टूबर के आसपास बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती गतिविधियां बढ़ सकती हैं। 20 अक्टूबर के आस-पास उत्तरी अंडमान सागर के निकट एक चक्रवात बनने की संभावना है, जो ओडिशा के समुद्र तट पर टकराने पर और अधिक तीव्र हो सकता है। ऐसे में 23 या 24 अक्टूबर को ओडिशा, पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश में भारी बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।

    इस चक्रवाती तूफान के कारण 22 अक्टूबर के आसपास मध्य बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र भी विकसित हो सकता है। इसके चलते बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मछली पकड़ने, शिपिंग और नौसैनिक गतिविधियों को न करने की सलाह दी गई है। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में पर्यटकों को यात्रा से परहेज करने की सलाह दी गई है। स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और किसी भी संभावित आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर भारत में ठंड बढ़ने को लेकर भी पूर्वानुमान जारी किया है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान गिरकर 20 डिग्री तक पहुंच गया है। अगले सप्ताह में तापमान में इससे ज्यादा गिरावट होने की संभावना नहीं है, लेकिन 20 अक्टूबर के बाद भारतीय समुद्र में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा। इसके चलते उत्तर भारत के राज्यों में सर्दी काफी बढ़ जाएगी।ठंडी हवाएं चलने के आसार बन रहे हैं, जिसके चलते तापमान में और गिरावट आएगी। राजधानी दिल्ली में 25 अक्टूबर के (Light fog in Delhi) बाद हल्की धुंध छा सकती है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में भी तापमान गिरने लगेगा। पहाड़ी इलाकों में ठंड बढ़ने के आसार हैं। दिल्ली और उत्तर भारत में अक्टूबर महीने के आखिर तक बारिश होने के कोई आसार नहीं हैं।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 1155.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 1155.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 1155.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 27 सितम्बर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2376.3 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 602.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा जिले में 625.4 मिमी, सूरजपुर में 1141.4 मिमी, बलरामपुर में 1705.4 मिमी, जशपुर में 1044.8 मिमी, कोरिया में 1110.5 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 1077.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। इसी प्रकार, रायपुर जिले में 953.7 मिमी, बलौदाबाजार में 1179.6 मिमी, गरियाबंद में 1092.4 मिमी, महासमुंद में 960.1 मिमी, धमतरी में 1033.2 मिमी, बिलासपुर में 976.0 मिमी, मुंगेली में 1106.3 मिमी, रायगढ़ में 1088.2 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 724.3 मिमी, जांजगीर-चांपा में 1206.7 मिमी, सक्ती 1043.5 मिमी, कोरबा में 1401.9 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1187.5 मिमी, दुर्ग में 654.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 913.4 मिमी, राजनांदगांव में 1127.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1237.5 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 852.2 मिमी, बालोद में 1199.4 मिमी, बस्तर में 1264.4 मिमी, कोण्डागांव में 1190.4 मिमी, कांकेर में 1421.8 मिमी, नारायणपुर में 1447.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 1515.3 मिमी और सुकमा जिले में 1673.3 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • बिहार में बाढ़ से हाहाकार, केदारनाथ पैदल मार्ग ध्वस्त आईएमडी ने कई राज्यों में जारी किया बारिश का अलर्ट

    बिहार में बाढ़ से हाहाकार, केदारनाथ पैदल मार्ग ध्वस्त आईएमडी ने कई राज्यों में जारी किया बारिश का अलर्ट

    नईदिल्ली ।

    भारत मौसम विज्ञान विभाग आज लिए मौसम का पूर्वीनुमान जारी किया है। आईएमडी ने रविवार को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के लिए भारी बारिश की संभावना जताई है। बिहार में गंगा, सोन व सहयोगी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है।मौसम विभाग ने दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत तमाम राज्यों में भी हल्की मध्यम बारिश की संभावना जताई है। केदारनाथ पैदल मार्ग का लगभग 15 मीटर हिस्सा शुक्रवार रात जंगलचट्टी के पास भूधंसाव के चलते ध्वस्त हो गया।शनिवार को भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय व बेगूसराय में जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। इन जिलों के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। मुंगेर-भागलपुर एनएच-80 पर एक से डेढ़ फीट पानी बह रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 24 घंटे में 15 सेमी जलस्तर बढ़ा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना व वैशाली जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने राहत शिविर में जाकर बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की। अधिकारियों को बाढ़ पीडि़तों के लिए सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बाढ़ में डूबने से अलग-अलग इलाकों में कुल पांच लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने 25 सितंबर तक जिले के 151 विद्यालयों को बंद कर दिया है। मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 57 सेमी ऊपर बह रही है। शहर के आधा दर्जन से अधिक इलाके में गंगा का पानी फैल गया है।लखीसराय जिले की 17 पंचायतें बाढ़ से ग्रस्त है। बेगूसराय में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। कटिहार में गंगा, कोसी, कारी कोसी, बरंडी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। समस्तीपुर जिले में 19 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार सहित तीन दिन आकाश में आंशिक बादल छाए रहेंगे। इस दौरान वर्षा होने की खास संभावना नहीं है। रविवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। अगले सप्ताह बुधवार से शुक्रवार के बीच बहुत हल्की वर्षा होने की संभावना है। तब तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।

    केदारनाथ पैदल मार्ग का लगभग 15 मीटर हिस्सा शुक्रवार रात जंगलचट्टी के पास भूधंसाव के चलते ध्वस्त हो गया। इससे शनिवार को धाम के लिए आवाजाही पूरी तरह ठप रही। धाम से दर्शन कर लौट रहे 5,000 से अधिक तीर्थ यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से सुरक्षित गौरीकुंड पहुंचाया गया। शुक्रवार को दर्शन के लिए गए ये तीर्थयात्री केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर ठहरे हुए थे। गौरीकुंड व सोनप्रयाग से किसी भी तीर्थयात्री को केदारनाथ नहीं जाने दिया गया। सोनप्रयाग में 3,000 से अधिक तीर्थयात्री दिनभर पैदल मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे।बंगाल के बाढग़्रस्त इलाकों में जलस्तर घटने पर भी राज्य के कई जिलों का एक बड़ा हिस्सा अभी भी पानी में डूबा हुआ है। हावड़ा, हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कई गांव अभी भी कमर अथवा घुटने तक पानी में डूबे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन बाढ़ पीडि़तों तक राहत पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल कर रहा है। बीमारों को नावों से ही अस्पताल ले जाया जा रहा है। इस वक्त करीब 500 राहत शिविरों में 10,000 से ज्यादा लोगों ने शरण ले रखी है।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 1077.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 1077.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 1077.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 16 सितम्बर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2280.3 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 569.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा जिले में 570.7 मिमी, सूरजपुर में 1015.8 मिमी, बलरामपुर में 1531.2 मिमी, जशपुर में 889.0 मिमी, कोरिया में 981.5 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 995.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

      इसी प्रकार, रायपुर जिले में 908.9 मिमी, बलौदाबाजार में 1124.4 मिमी, गरियाबंद में 1017.2 मिमी, महासमुंद में 852.4 मिमी, धमतरी में 977.0 मिमी, बिलासपुर में 933.0 मिमी, मुंगेली में 1046.7 मिमी, रायगढ़ में 964.6 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 623.3 मिमी, जांजगीर-चांपा में 1129.4 मिमी, सक्ती 948.4 मिमी, कोरबा में 1307.8 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1101.3 मिमी, दुर्ग में 629.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 849.3 मिमी, राजनांदगांव में 1074.3 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1195.1 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 813.5 मिमी, बालोद में 1126.3 मिमी, बस्तर में 1219.9 मिमी, कोण्डागांव में 1115.6 मिमी, कांकेर में 1360.0 मिमी, नारायणपुर में 1337.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 1462.8 मिमी और सुकमा जिले में 1620.0 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • दिल्ली-यूपी में बारिश से हाहाकर, राजस्थान के 50 गांवों पर आया संकट; IMD ने जारी किया अलर्ट

    दिल्ली-यूपी में बारिश से हाहाकर, राजस्थान के 50 गांवों पर आया संकट; IMD ने जारी किया अलर्ट

    नई दिल्ली। 

    उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पिछले 24 से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण यूपी सरकार ने स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं दिल्ली में भी लगातार बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया है। आईएमडी ने दिल्ली में आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तराखंड में 13 सितंबर को भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।

    इन राज्यों में ऑरेंज अलर्ट
    नतीजतन, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल उड़ीसा, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा आज ऑरेंज अलर्ट पर हैं। बांग्लादेश के ऊपर ‘कम दबाव’ क्षेत्र के कारण उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने मानसून के बारे में एक तात्कालिक चेतावनी जारी की और कहा कि मौजूदा मौसम प्रणाली अगले नौ घंटों तक उत्तर भारत के क्षेत्र को प्रभावित करेगी।

    राजस्थान में बारिश के चलते पार्वती बांध के दस गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा

    धौलपुर व आसपास के इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते पार्वती बांध के दस गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। पार्वती बांध के गेट खुलने से 50 गांवों में संकट आ खड़ा हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार मध्य प्रदेश पर बना ‘दबाव’ आज दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहुंच गया है। केंद्र ने बताया कि अगले 24 घंटे में इसके उत्तर की ओर बढ़ने और कमजोर होकर ‘वेल मार्क लो प्रेशर’ बनने की संभावना है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को भी दिन भर बादल छाए रहेंगे। वहीं, कई इलाकों में बारिश होती रहेगी। हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होने और 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है। अधिकतम तापमान 31 जबकि न्यूनतम 21 डिग्री रह सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक वीकेंड से बारिश का दौर खत्म हो सकता है।

    अगले सप्ताह से लौटना शुरू हो सकता है दक्षिण-पश्चिम मानसून

    दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले सप्ताह से देश से लौटना शुरू होने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 से 25 सितंबर के बीच देश से लौटना शुरू हो सकता है। यह आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है।

  • धमतरी जिले में अब तक 885 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    धमतरी जिले में अब तक 885 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    धमतरी।

    जिले में एक जून से अब तक 885.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार धमतरी तहसील में 818.3 मि.मी., कुरूद तहसील में 775.1 मि.मी., मगरलोड में 678 मि.मी., नगरी तहसील में 1178.4 मि.मी., भखारा में 649.5 मि.मी., कुकरेल तहसील में 929.6 मि.मी. और बेलरगांव तहसील में 1168.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई।

    जिले में आज की औसत वर्षा 37.5 मि.मी. दर्ज की गई है। इसमें धमतरी तहसील में 42.3 मि.मी., कुरूद तहसील में 40.3 मि.मी., मगरलोड में 28.2 मि.मी., नगरी में 36.8 मि.मी., भखारा में 13.7 मि.मी., कुकरेल तहसील में 35 मि.मी. और बेलरगांव तहसील में 66.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 960.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 960.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 960.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 08 सितम्बर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2028.3 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 505.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा जिले में 532.2 सूरजपुर जिले में 933.6 मिमी, बलरामपुर में 1370.5 मिमी, जशपुर में 810.2 मिमी, कोरिया में 950.4 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 950.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

        इसी प्रकार, रायपुर जिले में 779.5 मिमी, बलौदाबाजार में 971.9 मिमी, गरियाबंद में 931.3 मिमी, महासमुंद में 739.4 मिमी, धमतरी में 847.9 मिमी, बिलासपुर में 871.7 मिमी, मुंगेली में 981.7 मिमी, रायगढ़ में 907.8 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 562.9 मिमी, जांजगीर-चांपा में 1051.6 मिमी, सक्ती 891.2 मिमी, कोरबा में 1261.2 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1037.7 मिमी, दुर्ग में 556.8 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 764.0 मिमी, राजनांदगांव में 908.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 1030.9 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 663.8 मिमी, बालोद में 957.4 मिमी, बस्तर में 1066.5 मिमी, कोण्डागांव में 957.0 मिमी, कांकेर में 1130.4 मिमी, नारायणपुर में 1078.0 मिमी, दंतेवाड़ा में 1272.8 मिमी और सुकमा जिले में 1405.1 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 921.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 921.6 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 921.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 1 सितम्बर सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1933.8 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 500.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा जिले में 508.5, सूरजपुर जिले में 920.3 मिमी, बलरामपुर में 1332.2 मिमी, जशपुर में 795.7 मिमी, कोरिया में 934.3 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 931.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 746.4 मिमी, बलौदाबाजार में 951.3 मिमी, गरियाबंद में 888.4 मिमी, महासमुंद में 727.1 मिमी, धमतरी में 791.7 मिमी, बिलासपुर में 846.6 मिमी, मुंगेली में 956.7 मिमी, रायगढ़ में 892.3 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 539.9 मिमी, जांजगीर-चांपा में 999.1 मिमी, सक्ती 858.2 मिमी, कोरबा में 1226.1 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 977.5 मिमी, दुर्ग में 545.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 739.9 मिमी, राजनांदगांव में 874.5 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 982.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 649.4 मिमी, बालोद में 912.7 मिमी, बस्तर में 970.7 मिमी, कोण्डागांव में 872.8 मिमी, कांकेर में 1078.4 मिमी, नारायणपुर में 1024.3 मिमी, दंतेवाड़ा में 1200.5 मिमी और सुकमा जिले में 1305.2 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 811.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 811.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 811.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 21 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1740.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 443.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 811.0 मिमी, बलरामपुर में 1170.0 मिमी, जशपुर में 656.1 मिमी, कोरिया में 826.6 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 820.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 693.0 मिमी, बलौदाबाजार में 837.4 मिमी, गरियाबंद में 778.7 मिमी, महासमुंद में 585.5 मिमी, धमतरी में 735.4 मिमी, बिलासपुर में 734.0 मिमी, मुंगेली में 793.9 मिमी, रायगढ़ में 724.6 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 461.5 मिमी, जांजगीर-चांपा में 812.6 मिमी, सक्ती 679.4 मिमी, कोरबा में 1016.0 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 762.0 मिमी, दुर्ग में 520.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 642.8 मिमी, राजनांदगांव में 837.4 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 935.1 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 597.2 मिमी, बालोद में 857.6 मिमी, बेमेतरा में  468.2 मिमी, बस्तर में 890.1 मिमी, कोण्डागांव में 809.8 मिमी, कांकेर में 1041.4 मिमी, नारायणपुर में 944.2 मिमी, दंतेवाड़ा में 1028.1 मिमी और सुकमा जिले में 1119.4 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।