भोपाल: दीपावली को देखते हुए राज्य सरकार ने कर्मचारियों को अक्टूबर का वेतन 28 अक्टूबर (सोमवार) से देने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभागों द्वारा कोषालय में वेतन के बिल लगाए जा चुके हैं। संविदा और आउटसोर्स वाले कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों की तरह अग्रिम वेतन दिया जाएगा। उधर, चार लाख से अधिक पेंशनरों को अग्रिम पेंशन देने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। पेंशनर्स एसोसिएशन भी दीपावली के पहले पेंशन की मांग कर रहा है। सोमवार को इस पर भी निर्णय होने की उम्मीद है। प्रदेश में सात लाख से अधिक नियमित अधिकारी-कर्मचारी हैं। पहली तारीख को सभी को वेतन मिलता है। 31 अक्टूबर को दीपावली पर्व को देखते हुए मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने 28 अक्टूबर को ही वेतन देने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को इसके अनुसार समय रहते कोषालय में वेतन के बिल लगाने के निर्देश दिए हैं।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी स्थानीय निकाय, सार्वजनिक उपक्रम, विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थाओं से भी कहा है कि वे अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए अग्रिम वेतन देने के संबंध में निर्णय लें। संविदा और आउटसोर्स वाले कर्मचारियों को भी अग्रिम वेतन देने की तैयारी है। उधर, पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी का कहना है कि पेंशनरों के साथ लंबे समय से भेदभाव हो रहा है। महंगाई राहत देने में भी विलंब किया जाता है और एरियर देने पर भी कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।
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MP के 7 लाख कर्मचारियों के खाते में सैलरी आज, अग्रिम पेंशन देने पर अभी असमंजस
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव से केन्द्रीय मंत्री चौहान ने की भेंट
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री चौहान के साथ किसानों के कल्याण तथा प्रदेश में संचालित ग्रामीण विकास योजनाओं के संबंध में विस्तृत सार्थक चर्चा हुई।
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वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में पक्षी अवलोकन एवं नेचर कैम्प पर्यावरण-संरक्षण के लिये शपथ ली
भोपाल।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में छात्र-छात्राओं में वन वन्य-प्राणियों एवं पर्यावरण के प्रति जागरूकता तथा प्रकृति संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने की दृष्टि से भोपाल शहर एवं उसके आस-पास के ग्रामों के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिये आयोजित एक दिवसीय पक्षी अवलोकन एवं नेचर कैम्प में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कस्तूरबा टी.टी. नगर भोपाल की 49 छात्राओं एवं 3 शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
उक्त पक्षी अवलोकन एव नेचर कैम्प मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड के सहयोग से आयोजित किये जा रहे हैं। कार्यक्रम में स्रोत व्यक्ति रूप में ए.के. खरे से.नि उप वनसंरक्षक एवं पक्षीविद के रूप में मो. खालिक भोपाल बर्डस उपस्थित रहे। विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को पक्षी दर्शन, तितली, वन्य-प्राणी दर्शन, स्थल पर विद्यमान वानिकी गतिविधियों की जानकारी, वन, वन्य-प्राणी व पर्यावरण से संबंधित रोचक गतिविधियाँ कराई गई एवं जानकारी प्रदान कर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया गया। जैव विविधता एवं उसके संरक्षण के बारे में छात्राओं को विषय-विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की गई।
इस दौरान प्रतिभागियों को विनोद जाटव द्वारा कपड़े से तुरंत थैला तैयार करना बताया गया। साथ ही तितलियों के लार्वा, प्यूपा को दिखाकर तितली की लाईफ साईकल को समझाया गया। बाघ, तेंदुआ भालू, मगर, घडियाल, चीतल साभर, नीलगाय आदि वन्य-प्राणियों का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर मिशन लाईफ अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के लिये उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा शपथ भी ली गई। तितली की लाईफ साईकल के रेखांकित चित्र रंग भरने के लिये सभी छात्राओं को वितरित किये गये। इस दौरान सचालक वन विहार मीना अवधेशकुमार शिवकुमार, सहायक संचालक वन विहार एस के सिन्हा एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शैक्षिक डिजिटल बस का किया शुभारंभ
भोपाल।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान भोपाल के लाल परेड ग्राउंड से शैक्षिक डिजिटल बस का शुभारंभ किया और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने डिजिटल बस की कार्यप्रणाली को जाना और छात्रों से संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में डिजिटल बस छात्रों के लिये उपयोगी साबित होगी।
राज्य शिक्षा केंद्र की सहयोगी संस्था एसआरएफ फाउंडेशन द्वारा संचालित डिजिटल बस में 20 कम्प्यूटर के साथ इंटरनेट की सुविधा भी है। डिजिटल बस विद्यालयीन छात्रों को स्मार्ट शिक्षा कार्यक्रम के तहत विषय आधारित जानकारी उपलब्ध करायेगी। छात्रों को स्मार्ट शिक्षा प्रदान करने डिजिटल बस राजधानी भोपाल के चयनित विद्यालयों में निरंतर भ्रमण करेगी। डिजिटल बस शुभारंभ अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी एसआरएफ फाउंडेशन के पदाधिकारी और विद्यार्थी मजूद रहे।
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सावन में एमपी के यात्रियों के लिए खबर, भोपाल-रीवा के बीच चलेगी नई ट्रेन
भोपाल।
भोपाल और रीवा के बीच एक नई ट्रेन शुरू होने जा रही है. भोपाल से रीवा के बीच यह ट्रेन 2 अगस्त से शुरू होगी. फिलहाल इस नई ट्रेन को सप्ताह में दो दिन शुक्रवार और रविवार को भोपाल से रवाना होगी. भोपाल से यह ट्रेन रात 10 बजकर 30 मिनट पर रवाना होगी और सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर रीवा पहुंचेगी. भोपाल विधायक भगवान दास सबनानी ने रेल मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही इस नई ट्रेन की सूचना दी है. उन्होंने कहा कि इस नई ट्रेन से रीवा जाने वाले यात्रियों को अब काफी राहत मिलेगी.
यह रहेगा इस नई ट्रेन का शेड्यूल
भोपाल से रीवा के बीच चलने वाले इस नई ट्रेन का रेल मंत्रालय ने शेड्यूल जारी कर दिया है. भोपाल से रीवा के बीच यह नई ट्रेन सप्ताह में दो दिन शुक्रवार और रविवार, जबकि रीवा से भोपाल के लिए यह ट्रेन शनिवार और सोमवार को चलेगी. भोपाल से रीवा के बीच यह ट्रेन रात 10 बजकर 30 मिनट पर भोपाल रेलवे स्टेशन से रवाना होगी. इसके बाद यह रानीपति रेलवे स्टेशन, इटारसी, जबलपुर, सतना होते हुए सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर रीवा पहुंचेगी. रीवा से भोपाल के लिए यह ट्रेन रात 11 बजे रवाना होगी. जो सतना, जबलपुर, इटारसी और रानी कमलापति रेलवे स्टेशन होते हुए भोपाल मुख्य स्टेशन सुबह 9 बजकर 15 मिनिट पर पहुंचेगी.
हफ्ते में दो दिन चलेगी ये ट्रेन
यह ट्रेन अभी सप्ताह में दो दिन चलेगी. भोपाल से रीवा के बीच 540 किलोमीटर का सफर करीब 10 घंटे में पूरा होगा. भोपाल से बीजेपी विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि ‘विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों ने भोपाल-रीवा के बीच नई ट्रेन चलाए जाने की मांग उठाई थी. एक चुनाव कार्यक्रम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे, तब लोगों ने कहा था कि भोपाल-रीवा के बीच सिर्फ एक ही ट्रेन है. इस वजह से इसमें लंबी वेटिंग होती है. तब रेल मंत्री ने नई ट्रेन शुरू करने का आश्वासन दिया था.
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बर्ड्स ऑफ़ भोपाल पुस्तक का किया विमोचन
उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि विकास की गति तेज करने के साथ पर्यावरण के साथ सामंजस्य बहुत महत्वपूर्ण है। आगामी पीढ़ी को विभिन्न प्राकृतिक संसाधन जल, वायु, मृदा आदि अच्छी अवस्था में मिले यह वर्तमान पीढ़ी की ज़िम्मेदारी है। विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सतत कार्य करना जलवायु परिवर्तन की समस्या के दौर में अहम है और अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में सतत कार्य कर रही है। उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भोपाल में द नेचर वालंटियर संस्था द्वारा भोपाल में पाई जाने वाली बर्ड्स की विभिन्न प्रजातियों की प्रामाणिक जानकारी पर आधारित पुस्तक “बर्ड्स ऑफ़ भोपाल” का विमोचन किया। उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी स्वर्गीय पी.एम. लाड को समर्पित की गयी है। स्वर्गीय लाड ने बर्ड कंज़र्वेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने पुस्तक की एक प्रति स्वर्गीय लाड की पत्नी कमला लाड को भेंट की। पुस्तक में भोपाल में पाई जाने वाली स्थानीय बर्ड्स और प्रवासी बर्ड्स को मिलाकर बर्ड्स की 312 प्रजातिओं को डॉक्यूमेंट किया गया है।विकास की राह में पर्यावरण संरक्षक पथ-प्रदर्शक का कार्य करते हैंउप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों के लिए अधोसंरचना विकास के लिए प्राकृतिक संपदा को कई बार परिहार्य कारणों से क्षति पहुँचती है तो शासन ने प्रावधान किए हैं कि उसकी भरपाई की जाये। सरकार इस दिशा में संवेदनशील है। उप-मुख्यमंत्री ने टीएनवी सहित समस्त ऐसे नेचर वालंटियर और संस्थान जो पर्यावरण संरक्षण दिशा में कार्यरत हैं, उनकी सराहना करते हुए कहा कि विकास की राह में पर्यावरण संरक्षकों के द्वारा ढाल की तरह पथ-प्रदर्शक का कार्य किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर नागरिक की सहभागिता आवश्यक हैं। जन-जागरूकता के लिए सतत प्रयास महत्वपूर्ण हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला, वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, पद्म पुरस्कृत एवं टीएनवी के प्रेसिडेंट भालू मोंधे एवं वरिष्ठ पत्रकार एवं टीएनवी के वाईस प्रेसिडेंट अभिलाष खांडेकर सहित टीएनवी के पदाधिकारी, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे प्रबुद्धजन और वालंटियर्स उपस्थित रहे।
भोपाल में है “इंटरनेशनल बर्ड्स फेस्टिवल” की क्षमता
प्रमुख सचिव पर्यटन शुक्ला ने भोपाल में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के बर्ड्स फेस्टिवल के आयोजन की क्षमताओं और संभावनाओं को रेखांकित किया और इस दिशा में जन-जागरूकता लाने के लिए स्वयंसेवी संगठनों से प्रयास करने का आह्वान किया। वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा तैयार वन्य-प्राणियों, जैव-विविधता पर आधारित पुस्तकों से प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध होती है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में अत्यंत उपयोगी है। वरिष्ठ पत्रकार एवं टीएनवी के वाईस प्रेसिडेंट अभिलाष खांडेकर ने “बर्ड्स ऑफ़ भोपाल” पुस्तक के निर्माण में योगदान देने वाले ओरिंथोलॉजिस्ट और प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शासन से सहयोग के विभिन्न विषयों का उल्लेख किया।
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मुख्यमंत्री ने अमरवाड़ा में 127 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन एवं लोकार्पण
भोपाल।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है रोजगार के अवसर बढा़ने के लिये महाकौशल सहित पूरे प्रदेश में उद्योगों की श्रृंखला स्थापित की जाएगी। इससे युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दो लाख भर्तियां करने की तैयारी की जा रही है। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिये रहने, खाने एवं कोचिंग की फ़ीस भी देने की व्यवस्था की जायेगी। ज़िला प्रशासन ऐसे विद्यार्थियों की सूची तैयार करें। उनके सपनों को साकार करने में सरकार मदद करेगी। कार्यक्रम में विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये गये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा कृषि उपज मंडी प्रागंण में आयोजित 127 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों एवं किसानों के हितों की रक्षा की गारंटी प्रदेश सरकार की है। जनता से किये वादे पूरे करने की शुरुआत हो गई है।
मुख्यमंत्री ने छिन्दवाड़ा जिले को प्रदेश का मोर-मुकुट बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र को प्रकृति ने खूब संवारा है। छिन्दवाड़ा और पांढुर्णा की नैसर्गिक सुंदरता मन मोह लेती है। आज आभार रैली में लोगों का जनसैलाब देखकर लगता है कि होली एवं दीपावली का त्यौहार मन रहा है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, खजुराहो सांसद वी.डी.शर्मा, सांसद विवेक बंटी साहू, अमरवाड़ा विधायक कमलेश प्रताप शाह, बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, नगर निगम महापौर विक्रम अहके सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने एक पेड़ मां के नाम अभियान में आम का पौधा भी लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली विभिन्न योजनाएँ यथावत संचालित होती रहेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए नवीन योजनायें लाई जाएगी। इन सबके लिए प्रदेश सरकार का बजट अब पूर्व के बजट से 20 प्रतिशत से अधिक रखने का लक्ष्य है। इनमें सभी वर्गों का ध्यान रखा जाएगा। आने वाले 5 वर्षों में बजट दोगुना किया जाएगा। किसान सम्मान निधि के लाभ से छूटे किसानों को किश्त देनें,जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य भी सरकार के द्वारा किया जा रहा है। अन्नदाता किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलें,हर किसान के खेत तक पानी पहुँचे इसके लिए बांध बनाने की योजना भी शुरू हो चुकी है। डूब प्रभावित क्षेत्र में आने वाली भूमि के किसानों को भी मुआवज़ा देने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र कल्याण के लिये प्रधानमंत्री जन-मन योजना से अब पक्के मकान बनाकर दिए जा रहें हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना में जिन हितग्राहियों की किश्त शेष है, उसे भी सरकार द्वारा भरा जाएगा।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में प्रदेश के श्रदालुओं को देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों के साथ-साथ प्रदेश में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण करवाया जाएगा। इनमें उज्जैन के महाकाल मंदिर,राम राजा की नगरी ओरछा, मैहर के माँ शारदा माता मंदिर, दतिया का पीताम्बरा पीठ शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा है कि अमरवाड़ा विधायक ū शाह द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए जो माँगे की गई है उन्हें पूरा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि राजस्व महाअभियान 2.0 में 18 जुलाई से 31 अगस्त तक लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण का कार्य कैंपों का आयोजन कर प्रारंभ किया जा रहा है। इस महाअभियान का उद्देश्य राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों को दुरूस्त करना है। राजस्व महाअभियान 1.0 में प्रदेश में लगभग 30 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य में डबल इंजन की सरकार द्वारा हितग्राहीमूलक योजनाओं का बेहतर तरीक़े से संचालन किया जा रहा है। रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव का आयोजन 20 जुलाई को जबलपुर में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने इस संबंध में छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बालाघाट एवं सिवनी जिले के उद्योगपतियों से वर्चुअली चर्चा भी की। विधायक शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा ज़िले को दी गई सौग़ातों के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में जिला आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य श्री शेषराव यादव, नगरपालिका अध्यक्ष अमरवाड़ा प्रीति नितिन तिवारी, पूर्व विधायक टीकाराम चंद्रवंशी, नथनशाह, संतोष पारिक सहित अन्य विशिष्ट जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में हितग्राही उपस्थित रहे।
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कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर में 27 दिवसीय मशरूम ग्रोवर एवं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन
भोपाल/
एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) एवं कौशल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में, भाकृअनुप – अटारी, कानपुर के समन्वयन से, कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर में मशरूम ग्रोवर एवं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक पर विगत 27 दिनों से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों में कार्यकुशलता एवं दक्षता का सृजन करना था। इसमें कौशल विकास, रोजगार के अवसरों का सृजन, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और साझेदारी को प्रोत्साहित करना शामिल था।
मुख्य अतिथि सहायक विकास अधिकारी, पंचायत, खैराबाद, संजय कुमार सिंह ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल हमारी फसलों की उत्पादकता और स्थिरता में वृद्धि होती है, बल्कि पर्यावरण और मानव समाज का भी समग्र कल्याण होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष सहकारी संघ लिमिटेड, मानपुर अतुल गुप्ता ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, द सेकसरिया शुगर फैक्ट्री, बिसवां के गन्ना विकास अधिकारी प्रमोद तोमर ने किसानों के लाभ के लिए प्रशिक्षण की उपयोगिता पर जोर दिया।
वर्मी कम्पोस्टिंग प्रशिक्षण के समन्वयक और मृदा वैज्ञानिक सचिन प्रताप तोमर ने प्रशिक्षण के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण की समन्वयक और गृह वैज्ञानिक डॉ. रीमा ने मशरूम से जुड़े रोजगार प्रारम्भ करने हेतु प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया ।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. आनंद सिंह ने किसानों के क्षमता विकास पर केंद्र के प्रयासों पर जोर दिया। डॉ. शिशिर कांत सिंह ने कृषि में केंचुआ और केंचुआ खाद के महत्व पर विस्तार से वार्ता की।
कार्यक्रम का संचालन प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन शैलेन्द्र सिंह, प्रसार वैज्ञानिक ने किया।
इस 27 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और उद्यमी बनने के लिए प्रेरित भी किया।
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प्रधानमंत्री का आह्वान देश ही नहीं दुनिया को नई दिशा देने का प्रयास
भोपाल।
केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरूवार को इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र में हुए वृहद पौध-रोपण अभियान में अपनी माँ स्व. माधवी राजे सिंधिया की याद में पौध-रोपण किया। उन्होंने त्रिवेणी के रूप में बरगद, नीम एवं पीपल के पौधे रोपे। इंदौर में इस अभियान के तहत 51 लाख पौधों का रोपण किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री श्सिधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिये “एक पेड़ माँ के नाम” लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि बीती दो सदी में मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं के लिये प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया है। इस वजह से पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का संकट खड़ा हो गया है। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि सदियों से भारत भूमि, नदियों, पर्वतों और वनों की रक्षा करता आया है। उन्होंने कहा कि एक पेड़ काटना यानी जीवन के एक क्षण के काटने के समान है। अब जरूरत है कि देश का प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक पौधा रोपे और उसकी सुरक्षा का संकल्प लें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रकृति ने हमें ईको सिस्टम दिया है, इसके संरक्षण का दायित्व प्रत्येक व्यक्ति का है। वृहद पौध-रोपण अभियान से इंदौर का ग्रीन कवर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पौध-रोपण से हरियाली के साथ भूमि के जल स्तर में वृद्धि होगी। मंत्री वियजवर्गीय ने कहा कि जब हम धरती माँ से जीवन जीने के लिये कुछ पाते हैं, तो उसे लौटाने का दायित्व भी प्रत्येक व्यक्ति का है।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि “एक पेड़ माँ के नाम अभियान” में इंदौर में 51 लाख पौध-रोपण किया जा रहा है। यह देश के लिये मिसाल बनेगा। इंदौर की पहचान क्लीन सिटी के रूप में देश में होती है। अब इंदौर को ग्रीन सिटी के रूप में भी पहचान दिलाई जायेगी। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि आज के पौध-रोपण स्थल को स्व. माधवी राजे सिंधिया की याद में उपवन के रूप में विकसित किया जाएगा। कार्यक्रम में स्थानीय सांसद शंकर लालवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय, विधायक रमेश मेंदोला, वर्मा, गोलू शुक्ला सहित बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।
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जूनोसिस रोग खेत के जानवरों से मनुष्यों में फैल सकते हैं
भोपाल/
सावधान – जूनोसिस संक्रामक रोग हैं जो जानवरों और मनुष्यों के बीच फैल सकते हैं, जैसे रेबीज, एंथ्रेक्स, इन्फ्लूएंजा (H1N1 और H5N1), निपाह, COVID-19, ब्रुसेलोसिस और तपेदिक। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक सहित विभिन्न रोगजनकों के कारण होते हैं।
हालांकि, सभी पशु रोग जूनोटिक नहीं होते हैं। कई रोग मानव स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा किए बिना पशुधन को प्रभावित करते हैं। ये गैर-जूनोटिक रोग प्रजाति-विशिष्ट हैं और मनुष्यों को संक्रमित नहीं कर सकते हैं। उदाहरणों में खुरपका और मुँहपका रोग, पीपीआर, लम्पी स्किन डिजीज, क्लासिकल स्वाइन फीवर और रानीखेत रोग शामिल हैं। प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों और जानवरों के अनावश्यक भय और कलंक को रोकने के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कौन सी बीमारियाँ जूनोटिक हैं।
भारत में सबसे बड़ी पशुधन आबादी है, जिसमें 536 मिलियन पशुधन और 851 मिलियन मुर्गी हैं, जो क्रमशः वैश्विक पशुधन और मुर्गी आबादी का लगभग 11% और 18% है। इसके अतिरिक्त, भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और विश्व स्तर पर अंडों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
केरल में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF)
हाल ही में, केरल के त्रिशूर जिले के मदक्कथरन पंचायत में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) का पता चला था। ASF की रिपोर्ट सबसे पहले मई 2020 में असम और अरुणाचल प्रदेश में भारत में आई थी। तब से, यह बीमारी देश के लगभग 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुकी है। विभाग ने 2020 में ASF के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार की। वर्तमान प्रकोप के लिए, राज्य AH विभाग द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित किए गए हैं, और 5 जुलाई, 2024 को उपरिकेंद्र के 1 किमी के दायरे में सूअरों को मार दिया गया। कुल 310 सूअरों को मार दिया गया और उन्हें गहरे दफनाकर उनका निपटान किया गया। कार्य योजना के अनुसार आगे की निगरानी उपरिकेंद्र के 10 किमी के दायरे में की जानी है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ASF जूनोटिक नहीं है और मनुष्यों में नहीं फैल सकता है। वर्तमान में, ASF के लिए कोई टीका नहीं है।