Category: एजुकेशन न्यूज़

  • पीएमश्री स्कूल में गढ़ा जा रहा है छत्तीसगढ़ का स्वर्णिम भविष्य

    पीएमश्री स्कूल में गढ़ा जा रहा है छत्तीसगढ़ का स्वर्णिम भविष्य

    रायपुर ।

     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा स्कूली बच्चों के समग्र विकास के प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं। राज्य में पीएमश्री योजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य के 341 स्कूलों में शिक्षा और अध्ययन-अध्यापन का माहौल बेहतर हो रहा है। पीएमश्री योजना में शामिल राजनांदगांव जिले के 11 स्कूलों का न सिर्फ कायाकल्प हुआ है, बल्कि वहां अध्ययन-अध्यापन को लेकर बेहतर माहौल बना है।प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएमश्री योजना अंतर्गत स्कूली बच्चों के भविष्य को गढऩे एवं तराशने का कार्य किया जा रहा है। पीएमश्री योजना में शामिल राजनांदगांव जिले की डुन्डेरा शासकीय प्राथमिक शाला, इस योजना की सफलता की एक बानगी मात्र है। पीएमश्री योजना के माध्यम से इस शाला के कायाकल्प को देखकर ही सुखद अनुभूति होती है। इसका एहसास यहां के स्कूली बच्चों के चेहरे पर आई मुस्कान को देखकर सहज ही होता है।पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला डुन्डेरा में पढ़ने वाले बच्चों की मुस्कान स्कूल के खुशनुमा माहौल को बयान करती है। सर्वसुविधायुक्त स्कूल की परिकल्पना प्राथमिक शाला डुंडेरा में सार्थक हुई है, जहां न केवल बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है बल्कि बच्चों को पीएमश्री पौष्टिक आहार भी दिया जा रहा है। पीएम श्री योजना के तहत लगभग 4 लाख 15 हजार रूपए की राशि से पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला डुन्डेरा का कायाकल्प किया गया है। इस स्कूल को ग्रीन स्कूल की तर्ज पर विकसित किया गया है। स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण के लिए स्कूल परिसर में पौधे रोपित किए गए हैं। स्कूल के फर्श पर सुन्दर टाइल्स लगाए गये है। दीवारों पर ज्ञानवर्धक खूबसूरत पेटिंग बनाई गई हैं।

    पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला डुन्डेरा में बच्चों के लिए संगीत, विभिन्न खेल गतिविधियां तथा व्यक्तित्व विकास हेतु अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए वाटर फिल्टर लगाया गया है। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर कराया जाता है। स्कूल में 109 बच्चे अध्ययनरत है। यहां स्मार्ट क्लास, खेल मैदान, म्यूजिक क्लास रूम, मध्यान्ह भोजन की सुविधा है।स्कूल में पीएमश्री मुस्कान पुस्तकालय भी है, जहां दीवारों में उकेरी गई पेंटिग तथा प्रेरक पंक्तियां बच्चों को पाठ्य पुस्तकों को पढऩे के लिए प्रेरित करती हैं। लाईब्रेरी में मिसाईल मैन एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पंक्तियां एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है, जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाईब्रेरी के बराबर होता है, जैसी प्रेरणादायक पंक्तियां लिखी हुई है। स्कूल में बच्चों के लिए पर्याप्त खेल सामग्री एवं म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध है। सोमवार से शनिवार तक दोपहर 1 बजे भोजन दिया जाता है, साथ ही बच्चों को खेल सामग्री भी प्रदान की जाती है। उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 11 पीएमश्री स्कूल हैं, जहां बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री   विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नई पहल की जा रही है। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 5वीं तक बच्चों को स्थानीय भाषा-बोली में शिक्षा दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के 341 स्कूलों में पीएमश्री योजना शुरू की गई है, जिसके तहत इन स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के तहत स्कूलों में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे आधुनिक विषयों को भी पढ़ाया जाएगा। पीएमश्री स्कूल अंतर्गत आदिवासी बहुल इलाकों में भी स्कूलों को अपग्रेड किया रहा है, जिससे इन क्षेत्रों के बच्चों को भी आधुनिक, ज्ञानपरक और कौशल युक्त शिक्षा मिल रही है।

  • श्रमिकों के बच्चे पढ़ेंगे अब बड़े स्कूलों में, अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की प्रक्रिया 1 नवंबर से, श्रमवीरों के लिए तीन नई योजना पर मुहर

    श्रमिकों के बच्चे पढ़ेंगे अब बड़े स्कूलों में, अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की प्रक्रिया 1 नवंबर से, श्रमवीरों के लिए तीन नई योजना पर मुहर

    रायपुर।

    प्रदेश के 28 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए विष्णुदेव सरकार तीन नई योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। तीन नई योजनाओं का अनुमोदन आज शुक्रवार को श्रम मंत्री सह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल  लखन लाल देवांगन की अध्यक्षता में हुई नवा रायपुर के मण्डल कार्यालय में आयोजित संचालक मंडल की तृतीय बैठक में लिया गया।प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना की प्रक्रिया की शुरुआत 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर होगी। इसी तरह निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों को उच्च शिक्षा आईआईटी, जेईई, नीट, सीए की परीक्षा के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना की शुरुआत होगी। साथ ही प्रदेश के 26.68 लाख निर्माणी श्रमिकों और उनके बच्चों को कौशल उन्नयन हेतु निर्माण मजदूर परिवार सशक्तिकरण योजना भी प्रारंभ की जाएगी। बैठक में श्रम विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, वित्त विभाग की विशेष सचिव शीतल वर्मा, बीओसी की सचिव सविता मिश्रा, मुख्य निरीक्षक सह श्रमायुक्त एसएस पैकरा सहित अन्य उपस्थित रहे।

    * अन्य जिलों में शुरू होगी श्रम अन्न योजना*

    संचालक मंडल की बैठक में श्रम मंत्री सह अध्यक्ष श्री लखन लाल देवांगन ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की श्रमिक सम्मेलन में घोषणा अनुरूप शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना अंतर्गत सभी जिलों में योजना शुरू करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में 09 जिलों में कुल 33 भोजन केंद्र संचालित हैं।

    सभी निर्माण श्रमिकों का होगा स्वास्थ्य परीक्षण

    बोर्ड की बैठक में निर्माणी श्रमिकों और उनके परिवार जनों के निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराएं जाने पर भी मुहर लगी। स्वास्थ्य विभाग, ईएसआईसी से भी परीक्षण कराएं जाने का निर्णय लिया गया। इससे 26 लाख से अधिक अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगी।

    अब बिना पंजीकृत श्रमिकों के मृत्यु पर भी मंडल देगा 1 लाख रूपए

    मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत बूथ पंजीकृत निर्माण श्रमिक को कार्यस्थल में दुर्घटना मृत्यु पर 5 लाख रूपए, स्थाई दिव्यांगत में ढाई लाख, सामान्य मृत्यु पर उनके वैध उत्तराधिकारी को एक लाख रूपए की राशि दी जाती है, लेकिन अपंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मृत्यु उपरांत राशि देना का प्रावधान नहीं है। बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे श्रमिक की कार्यस्थल पर अगर मृत्यु होती है तो उनके परिवार को एक लाख की सहायता राशि दी जाएगी। 21 अक्टूबर को जिला महासमुन्द के श्रमिक परमानंद ध्रुव की ऊंचाई से गिर कर मौत हो गई थी। मृतक श्रमिक अपंजीकृत श्रमिक है। बोर्ड की बैठक में मृतक की पत्नी को एक लाख रूपये सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया।

  • छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ी

    छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ी

    रायपुर  ।

    पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2024-25 में ऑनलाइन पंजीयन के लिए अदिवासी विकास विभाग ने समय में बढोत्तरी की है। अब विद्यार्थी 1 नवंबर से 31 दिसंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेगें। जिले में संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग , पालीटेक्नीक, आईटीआई आदि कालेजों में अध्ययनरत ऐसे छात्र जिनका प्रवेश विलंब से हुआ है या जिनका परीक्षा परिणाम विलंब से घोषित हुआ है। ऐसे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पंजीयन के लिए समय में बढोत्तरी की गई है।

    ड्राफ्ट प्रापोजल लॉक के लिए 15 जनवरी 2025 और सेन्सन ऑर्डर लॉक के लिए 31 जनवरी 2025 तक निर्धारित की गई है। इस संबंध में रायपुर जिला अंतर्गत संचालित समस्त शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई आदि के संस्था प्रमुख छात्रवृत्ति प्रभारी एवं उनमें अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विभाग द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति  की पात्रता रखते है उन्हें सूचना दी गई है। निर्धारित तिथियों के पश्चात् शिक्षा सत्र 2024-25 की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ऑनलाइन आवेदन हेतु पोर्टल बंद कर दिया जाएगा। साथ ही ड्राफ्ट प्रापोजल लॉक और सेन्सन ऑर्डर लॉक करने का अवसर प्रदान नही किया जाएगा।  इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए सहायक संचालक आदिवासी विकास कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है।

  • मैट्स विश्व विद्यालय में बिजनेस आइडिया प्रतियोगिता आयोजित

    मैट्स विश्व विद्यालय में बिजनेस आइडिया प्रतियोगिता आयोजित

    रायपुर।

    आज मैट्स विश्वविद्यालय के स्टार्टअप नेक्सस क्लब के द्वारा बिजनेस आइडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग के स्टार्टअप क्लब और प्रबंधन विभाग के मार्केटिंग क्लब द्वारा संयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर फर्स्टअप स्पेस स्टार्टअप हब के संस्थापक  करण डागा थे उन्होंने विद्यार्थियों को स्टार्टअप बिजनेस की बारीकियां से अवगत करवाया कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया कार्यक्रम में मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति   गजराज पगारिया, कुलपति प्रोफेसर डॉ के पी यादव, महानिदेशक  प्रियेश पगारिया, कुलसचिव गोकुलानंद पांडा ने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए प्रेरित किया कार्यक्रम में बहुत सारे बिजनेस आइडिया प्रस्तुत किए गए और प्रतिभागियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र वितरित किए गए कार्यक्रम का समापन समूह चित्र और धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

  • मुख्यमंत्री नोनीबाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से रूबीना को उच्च शिक्षा के लिए मिली मदद

    मुख्यमंत्री नोनीबाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से रूबीना को उच्च शिक्षा के लिए मिली मदद

    रायपुर ।

    दुर्ग शहर की रहने वाली निर्माणी श्रमिक ज़रीना बेगम की बिटिया रूबीना अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी करने के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त कर राजस्थान की एक ऑटोमोबाइल कंपनी में इंटर्नशिप भी पूरी कर ली है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से ताल्लुक रखने वाली जरीना को उच्च शिक्षा हासिल करने और कैरियर बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना मददगार बनी है।मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों के मेधावी बच्चों को, 10वीं कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने पर 5 हजार रूपए से लेकर 12 हजार 500 रूपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों के बच्चे जो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 में स्थान प्राप्त करते हैं, उन्हें एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि तथा दोपहिया वाहन क्रय करने के लिए एक लाख रूपए का अनुदान भी दिए जाने का प्रावधान है। व्यवसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु शैक्षणिक शुल्क हॉस्टल एवं मेस फीस के साथ-साथ स्टेशनरी के लिए 2 हजार रूपए प्रतिवर्ष दिए जाने का प्रावधान है। यदि किसी निर्माणी श्रमिक का मेधावी बच्चा विदेश में अध्ययन के लिए चयनित होता है तो अध्ययन हेतु वास्तविक व्यय अथवा अधिकतम 50 लाख रूपए की सहायता राशि दी जाती है।

    निर्माणी श्रमिक जरीना बेगम ने जब अपनी बिटिया की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री नोनीबाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन करने हेतु श्रमिक सहायता केन्द्र से संपर्क किया, तो उन्हें नहीं पता था कि इस योजना अंतर्गत क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। निर्माणी श्रमिक जरीना के आवेदन पर उसे बिटिया के आगे की शिक्षा के लिए योजना अंतर्गत मिली मदद से उसका सपना हकीकत में तब्दील हुआ और उसकी बेटी के हौसले को एक नया पंख मिल गया।
    श्रमिक माता-पिता के संघर्ष और त्याग को ध्यान में रखते हुए रुबीना ने खुद को पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया। रुबीना स्नातक होने के बाद, कौशल विकास कार्यक्रम और राजस्थान में एक ऑटो वाहन कंपनी में अल्पकालिक इंटर्नशिप की। राजस्थान में रहना और काम करना रुबीना के लिए जीवन बदलने वाला अनुभव बन गया। रुबीना ने कहा, मुझे एहसास हुआ कि शिक्षा हमारे जैसे गरीब परिवारों के लिए एक नई और बेहतर दुनिया के द्वार खोलती है। रूबीना की इच्छा मास्टर डिग्री हासिल करना है और वह अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से जुटी है।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जशपुर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का किया वर्चुअली लोकार्पण और भूमिपूजन

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जशपुर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का किया वर्चुअली लोकार्पण और भूमिपूजन

    रायपुर ।

     

    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के अवसर पर आज प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग से जशपुर जिले में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सुखरापारा, विकासखंड पत्थलगांव का वर्चुअली लोकार्पण किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री  मोदी ने ग्राम ढुढरूडांड़, विकासखंड कांसाबेल और विकासखंड फरसाबहार में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का वर्चुअली भूमिपूजन भी किया। आदिवासी विद्यार्थियों की अच्छी शिक्षा के लिए प्रधानमंत्री  मोदी ने झारखंड से देश में वर्चुअली तौर पर 1726.2 करोड़ की लागत के 40 एकलव्य आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण और 1108.2 करोड़ की लागत के 25 भवनों का शिलान्यास भी किया। इनमें से छत्तीसगढ़ के 04 एकलव्य आवासीय भवनों का लोकार्पण और 03 का शिलान्यास शामिल है। सरगुजा  विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक   गोमती साय ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सुखरापारा का प्रतीकात्मक तौर पर लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय परिसर में एक पेड़ मां के नाम के सार्थक सन्देश के साथ आम का पौधा का रोपण भी किया।

    झारखंड से वर्चुअली तौर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लोगों को आज की परियोजनाओं के लिए बधाई दी और कहा की महात्मा गांधी की जनजातीय कल्याण के प्रति दृष्टि और विचार हम सबके लिए काफी महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी ने माना कि भारत तभी आगे बढ़ सकता है जब जनजातीय समाज तेजी से आगे बढ़े।प्रधानमंत्री  मोदी ने कहा कि आज झारखंड की पावन धरती से 80 हजार करोड़ से अधिक लागत की विकास कार्याे का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये योजनाएं आदिवासी समाज के विकास के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों के प्रति प्राथमिकता का प्रमाण है।

    नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लासेस, लैब जैसी सुविधाएं होंगी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में

    एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सुखरापारा पत्थलगांव के निर्माण के लिए 37.50 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई  है। अभी 19.40 करोड़ की लागत से  पहले फेज का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में 10 वीं तक की पढ़ाई विद्यालय में संचालित की जाएगी। दूसरे फेज का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद 12 वीं तक की पढ़ाई शुरू होगी। विद्यालय को आधुनिक तरीके से बनाया गया है। यहां पर छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्ट क्लासेस, लैब, हॉस्टल की सुविधा होगी। इसी तरह ढुढरूडांड़, विकासखंड कांसाबेल में 36.60 करोड़ और विकासखंड फरसाबहार में  36.59 करोड़ की लागत से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। इस अवसर पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सुखरापारा में  सुनील गुप्ता,  सुनील अग्रवाल,  हरजीत सिंह भाटिया, जिला पंचायत सीईओ  अभिषेक कुमार, पत्थलगांव एसडीएम   आकांक्षा त्रिपाठी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जशपुर  संजय सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और अन्य लोग मौजूद थे।

  • कलेक्टर आकाश छिकारा की पहल से 31 हजार 369 स्कूली छात्र-छात्राओं का स्कूल में ही बना निःशुल्क जाति प्रमाण पत्र

    कलेक्टर आकाश छिकारा की पहल से 31 हजार 369 स्कूली छात्र-छात्राओं का स्कूल में ही बना निःशुल्क जाति प्रमाण पत्र

       जांजगीर-चांपा । 

    कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा उत्कृष्ट जांजगीर-चांपा कार्यक्रम के तहत जिले में शिक्षा स्तर में बढ़ोतरी और शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम के लिए विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में जाति प्रमाण पत्र प्रदाय अभियान के तहत स्कूल के छात्र छात्राओं को जाति प्रमाण पत्र प्रदान करने जिले में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। कलेक्टर आकाश छिकारा द्वारा स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु विशेष रूचि लेते हुए सभी स्कूलों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप विगत चार माह में 31 हजार 369 बच्चों का स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। इस हेतु सभी स्कूलों में जाति प्रमाण पत्र हेतु एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया व संकुल स्तर पर कैंप आईडी दिया गया है। कैंप आईडी के माध्यम से आवेदन करने पर कोई शुल्क देय नहीं होता, जिससे छात्रों का जाति प्रमाण पत्र निशुल्क जारी हो रहा है।

    शासकीय कामकाज और अन्य कार्यों मे जाति प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। विद्याथियों के जाति प्रमाण पत्र बनने से पालकों को भटकना नहीं पड़ रहा है। जिले में स्कूली छात्र-छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र हेतु 5 चरणों की कार्ययोजना बनाकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें ट्रेनिंग एण्ड टारगेट आईडेंटिफिकेशन करना है जिसके अंतर्गत जिले के सभी स्कूलों के एक शिक्षक को जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए नोडल बनाया गया है तथा उनको आवश्यक दस्तावेज तथा ऑनलाईन एंट्री के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया, साथ ही प्रत्येक स्कूल के पहली से 12 वीं तक के ऐसे छात्रो का चिन्हांकन किया गया जिनका जाति प्रमाण पत्र बनाया जाना है। स्कूलों में ब्लैंक फार्म उपलब्ध कराना और फॉर्म का सरलीकरण करना है जिसके अंतर्गत स्कूली छात्रो के जाति प्रमाण पत्र हेतु कलर कोडेड प्री-पिं्रटेड आवेदन फॉर्म तैयार किया गया तथा फॉर्म का सरलीकरण किया गया ताकि केवल आवश्यक जानकारी ही ली जाए। लक्ष्य के अनुसार प्रथम चरण में 50 हजार आवेदन फॉर्म प्रिंट कराकर स्कूलों को उपलब्ध कराया गया। ऑनलाईन एंट्री हेतु संकुल स्तर पर कैम्प आईडी बनाया गया है। रिक्यूर्ड डॉक्यूमेंट्स को स्कूलों में उपलब्ध कराना एवं अप्रुअल लेवल पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियो को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है ताकि समय सीमा में आवेदनों का निराकरण हो सके।

    विगत चार माह में बना 31 हजार 369 स्कूली बच्चों का स्थाई जाति प्रमाण पत्र

    विगत चार माह में जिले के तहसील पामगढ़ में 10349, तहसील नवागढ़ में 2006, तहसील जांजगीर में 3575, तहसील अकलतरा 4298, तहसील चांपा में 1200, तहसील बलौदा में 4410, तहसील शिवरीनारायण में 827, तहसील बम्हनीडीह में 2043, तहसील सारागांव में 2661 स्कूली बच्चों का स्थाई जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

  • जिले के सभी स्कूलों में आयोजित हुआ मेगा पालक – शिक्षक सम्मेलन

    जिले के सभी स्कूलों में आयोजित हुआ मेगा पालक – शिक्षक सम्मेलन

           जांजगीर-चांपा ।

      शिक्षकों एवं पालकों के बीच समन्वय बढ़ाने, शिक्षा के गुणवत्ता का उन्नयन करने के लिए आज जिले के सभी स्कूलों में  मेगा पालक-शिक्षक सम्मलेन का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में कलेक्टर आकाश छिकारा आज पीएम स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 जांजगीर में आयोजित पालक शिक्षक सम्मेलन में शामिल हुए। कलेक्टर छिकारा ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जो न केवल बच्चों को ज्ञान प्रदान करे, बल्कि उन्हें अच्छा नागरिक बनाएं। उन्होंने छात्रों को समय के अनुरूप चलते हुए कड़ी मेहनत करने प्रोत्साहित किया। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों में शिक्षा का स्तर बढ़ने में जितना शिक्षकों का योगदान रहता है उतना ही पालकों कि योगदान जरुरी है। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई का नियमित आंकलन करने तथा स्कूल की बैठक में नियमित रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

      कलेक्टर ने कहा कि शासन के मंशानुरूप शिक्षक एवं पालकों के बीच बेहतर समन्वय, शिक्षा की गुणवत्ता एवं बच्चों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित  करने के लिए पीटीएम आयोजित किया जा रहा है। जैसे पालक घर में अपने बच्चों की देखभाल करते है, वैसे ही शिक्षक स्कूल में विद्यार्थियों की देखभाल करते हैं और दोनों के ही समन्वय से बच्चों का बेहतर विकास सुनिश्चित होता है। कलेक्टर ने अभिभावकों से बच्चों के टेस्ट परिणाम व पढ़ाई के संबंध में विस्तार से चर्चा की और अभिभावकों से कहा कि वे प्रतिदिन अपने बच्चों से संवाद करें, बच्चों से पूछे की आज क्या सीखा? बच्चे जब विद्यालय से घर पहुंचे तब अभिभावक उनसे जरूर यह पूछें कि उन्होंने आज विद्यालय में क्या पढ़ा और आज क्या सीखा, इसकी जानकारियां बच्चों से अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि प्रतिमाह शिक्षकों से मिलकर पूछें बच्चा कैसे पढ़ाई कर रहा है। बच्चों के रूचि वाले क्षेत्र में बेहतर करने के लिए उन्हे प्रोत्साहित करें। पीटीएम में पलकों ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ स्कील भी सिखाएं जिससे बच्चों में मानसिक विकास शारीरिक विकास भी हो सके। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर दुर्गा प्रसाद अधिकारी, सयुंक्त कलेक्टर  ज्ञानेंद्र सिंह ठाकुर, डीएमसी श्री आर के तिवारी सहित पालकगण, छात्र-छात्राएं एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

  • शासकीय उच्च.मा.विद्यालय सरोरा के छात्रों को मिला हिन्दी सेवा सम्मान

    शासकीय उच्च.मा.विद्यालय सरोरा के छात्रों को मिला हिन्दी सेवा सम्मान

    रायपुर।

    दिनांक 23 सितम्बर, रविवार को राजधानी रायपुर के शासकीय ग्रन्थालय परिसर में सांस्कृतिक विभाग छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध संस्था वक्ता मंच द्वारा हिन्दी पखवाड़ा दिवस समारोह आयोजित किया गया था। जिसका मूल उद्देश्य था कि हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में पहचान मिले। जिसमें सरोरा रायपुर के अंतर्राष्ट्रीय काव्य रत्न पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक  कमलेश कुमार साहू (संस्कृत)के मार्गदर्शन में शासकीय उच्च.मा.विद्यालय सरोरा रायपुर की छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतिभागी छात्राओं में कक्षा ग्यारहवीं (कला संकाय) की कु.भावना साहू, कु. हेमलता साहू , कु.निधी साहू तथा कक्षा नवमी के छात्र डीगेश कुमार साहू,रीमा साहू (कक्षा दसवी) को हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।

    इन छात्रों ने हिन्दी पखवाड़ा दिवस समारोह में हिन्दी विषय में बेटी है पिता की कंधे की शान, देशभक्ति कविता, पर्यावरण आदि विषयों पर बहुत ही सुन्दर वक्तव्य दिया। साहित्यिक क्षेत्र में हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित होकर इन छात्रों ने विद्यालय के साथ साथ सरोरा नगर को गौरवान्वित किया है। इस अवसर पर
    जी. एन. धीवर जी लेखाधिकारी शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ ,
    टी.के.भोई जी मुख्य यातायात पुलिस प्रशिक्षक रायपुर यातायात , वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते जी,संयोजक शुभम साहू
    छत्तीसगढ़ राज्य के सेनानी डॉ. उदयभान सिंह चौहान तथा सैकड़ों की संख्या में साहित्यकार,गीतकार के उपस्थित थे।

  • कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा विधिक सहायता प्रकोष्ठ और आउटलॉड इंडिया के सहयोग से मौलिक अधिकारों पर जागरूकता सत्र आयोजित किया गया

    कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा विधिक सहायता प्रकोष्ठ और आउटलॉड इंडिया के सहयोग से मौलिक अधिकारों पर जागरूकता सत्र आयोजित किया गया

    रायपुर।

    14 सितंबर 2024 को, कलिंगा विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने लीगल एड सेल और आउटलॉड इंडिया के सहयोग से माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक छात्रों के लिए मौलिक अधिकारों पर एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया। यह कार्यक्रम दो स्थानों पर आयोजित किया गया, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, राखी, नया रायपुर में सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, तथा स्वामी आत्मानंद विद्यालय, अभनपुर में दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक।शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय  में आयोजित सत्र की शुरुआत स्कूल के प्रिंसिपल और कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों द्वारा स्वागत भाषण से हुई।   रंजन कुमार रे (प्रभारी लीगल एड सेल) और   इतिश्री उपाध्याय, सहायक प्रोफेसर, विधि संकाय, कलिंगा विश्वविद्यालय ने सत्र को संबोधित किया और मौलिक अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डाला बीएएलएलबी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा   संस्कृति साहू ने लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करते हुए मौलिक अधिकारों पर मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। इसके बाद   तनिष्का राव, बीबीएएलएलबी तीसरे सेमेस्टर की छात्रा  और   वंशिका चंद्राकर, बीएएलएलबी तीसरे सेमेस्टर की छात्रा द्वारा आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में प्रश्नोत्तरी और रोल-प्ले शामिल थे। बीएएलएलबी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा  अनुराधा शर्मा के नेतृत्व में एक समूह गतिविधि में केस स्टडीज पर चर्चा और प्रस्तुति शामिल थी, जबकि बीएएलएलबी तृतीय सेमेस्टर के छात्र अंकित साहू ने मानवाधिकार उल्लंघन पर एक समूह चर्चा का नेतृत्व किया।   रंजन कुमार रे ने समापन भाषण दिया, जिसमें उन्होंने   इतिश्री उपाध्याय के साथ मिलकर मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत किया।

    स्वामी आत्मानंद स्कूल में आयोजित दूसरे सत्र की शुरुआत भी इसी प्रकार की संरचना के साथ हुई, जिसमें स्कूल के प्रधानाचार्य और कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने स्वागत भाषण दिया।   रंजन कुमार रे (प्रभारी लीगल एड सेल) और   इतिश्री उपाध्याय ने सत्र के लक्ष्यों को रेखांकित किया।  संस्कृति ए. साहू ने मुख्य प्रस्तुति दी, जिसके बाद सुश्री तनिष्का राव और   वंशिका चंद्राकर के नेतृत्व में एक संवादात्मक सत्र आयोजित हुआ।   अनुराधा शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित समूह गतिविधि में विद्यार्थियों को उनके अधिकारों पर व्यावहारिक चर्चा में शामिल किया गया, जबकि  अंकित साहू ने वर्तमान समय में मौलिक अधिकारों की प्रासंगिकता पर समूह चर्चा का संचालन किया। सत्र का समापन  रंजन कुमार रे और   इतिश्री उपाध्याय के वक्तव्य के साथ हुआ, जिसमें सत्र के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।

    कलिंगा विश्वविद्यालय के सम्मानित नेतृत्व – जिसमें कुलसचिव डॉसंदीप गांधी, शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता डॉराहुल मिश्रा और विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) अजीमखान बीपठान शामिल हैं – शिक्षा और कानूनी साक्षरता के माध्यम से सशक्तिकरण के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं।   सलोनी त्यागी श्रीवास्तव (प्रभारी विभागाध्यक्ष, विधि संकाय)