Category: मौसम

  • प्री-मानसून के बीच देशभर में मौसम की लुकाछिपी, कहीं आंधी-बारिश से मिली राहत तो कहीं झुलसा रही तेज धूप

    प्री-मानसून के बीच देशभर में मौसम की लुकाछिपी, कहीं आंधी-बारिश से मिली राहत तो कहीं झुलसा रही तेज धूप

    नई दिल्ली।

    उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को भीषण गर्मी का दौर जारी रहा और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। दिल्ली के नरेला में अधिकतम तापमान 44 डिग्री और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 15 जून को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, झारखंड और पंजाब में लू से लेकर गंभीर लू की चेतावनी जारी की है।इसके अलावा, आईएमडी ने कहा कि आज जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में लू चलने की संभावना है। इससे पहले शुक्रवार को आईएमडी ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले चार दिनों में बिहार, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आगे बढ़ने वाला है।

    मौसम बुलेटिन के अनुसार, हिमाचल प्रदेश और जम्मू संभाग में आने वाले सोमवार तक, मध्य प्रदेश में रविवार तक और छत्तीसगढ़ में आज लू चलने की संभावना है। और मौसम विभाग ने आज कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 44-46 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। उत्तर प्रदेश को लेकर मौसम विभाग ने कहा है कि 18 जून तक अभी की तरह सभी जिलों में दिन में और रात में गर्म हवाएं चलेंगी। अभी तक मौसम विभाग का आकलन था कि 29 जून तक कानपुर में मानसून दस्तक दे सकता है, लेकिन रेमल चक्रवात की वजह से जो मानसून तेजी से उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रहा था, वह अब पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच अटक गया है। इस वजह से गर्म हवाओं की रफ्तार तेज हो गई है। इस बीच, राजस्थान में आज मौसम का मिजाज बदला है।

    यहां मौसम में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, कभी बादल तो कभी तेज धूप देखने को मिल रहा है। वहीं, कई जिलों में आंधी और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबादी देखने को मिल रही है। अनुमान जताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्री-मानसून बारिश देखने को मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में बादल छाने और बूंदाबांदी के आसार है लेकिन भीषण गर्मी और उमस से जून के अंतिम सप्ताह में राहत मिलने के आसार हैं। आईएमडी ने राजस्थान के 17 जिलों में आंधी-बारिश की चेतावनी (येलो अलर्ट) जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक, इन जिलों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

  • उत्तर प्रदेश में 18 जून तक कम होगी गर्मी की लहर, मानसून से राहत मिलेगी

    उत्तर प्रदेश में 18 जून तक कम होगी गर्मी की लहर, मानसून से राहत मिलेगी

    उत्तर प्रदेश के निवासी 18 जून तक चिलचिलाती गर्मी से कुछ राहत की उम्मीद कर सकते हैं। क्योंकि मौसम रिपोर्ट  के  अनुसार स्थितियों में बदलाव आने वाला है। राज्य के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है, जिसमें पूर्वी प्रयागराज में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वाराणसी, बहराइच, हमीरपुर, बुलंदशहर, लखनऊ, हरदोई और बरेली जैसे शहरों में भी तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है।

    इस कारण बढ़ रही गर्मी: यह लंबे समय से जारी हीट वेव इंडो-गैंगेटिक मैदानों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, हाल के वर्षों में देखी गई सबसे गंभीर हीट वेव में से एक रही है। इस लगातार गर्मी के पीछे का कारण लगातार शुष्क मौसम, साफ आसमान और गर्म, शुष्क पश्चिमी हवाएं हैं। ये हवाएं सिंध, बलूचिस्तान और थार रेगिस्तान के शुष्क क्षेत्रों से आती हैं, जिससे गर्मी और बढ़ जाती है।

    18 जून के बाद बदलेगा मौसम: हालांकि, अब राहत की उम्मीद है। 18 जून से मौसम में बदलाव की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के आस-पास के क्षेत्रों में एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की उम्मीद है। इसके अलावा इस परिसंचरण से उत्तराखंड की ओर एक ट्रफ बढ़ेगा, जो उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इससे आर्द्रता में वृद्धि होगी, जिससे मानसून के धीरे-धीरे आने का मार्ग बनेगा। मानसून पहले पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश में पहुंचेगा और फिर 20 या 21 जून तक उत्तर पश्चिमी भागों की ओर बढ़ेगा।

    बारिश देगी गर्मी से राहत: भीषण गर्मी से राहत बारिश के रूप में आएगी। 18 जून से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है। 20 जून तक राज्य के मध्य भागों में भी छिटपुट बारिश होने की संभावना है। ये बहुप्रतीक्षित मानसूनी बारिश न केवल भीषण गर्मी से राहत लाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश में जल स्थिति में भी काफी सुधार करेगी। राज्य के सूखे क्षेत्रों को अंततः अच्छी बारिश मिलेगी, जिससे मिट्टी की नमी बढ़ेगी और जल की कमी पूरी होगी।

  • आगामी 2 से 3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल

    आगामी 2 से 3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल

    नई दिल्ली।

    देश भर में मौसम प्रणाली:

    मानसून की उत्तरी सीमा 20.5N/60E, 20.5N/63E, 20.5 डिग्री E/70 डिग्री उत्तर । नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम, 19.5E/88N, 21.5E/89.5 N, 23/89.5 N, 23E/89.5N और इस्लामपुर से होकर गुज़र रही है।

    अगले 2 से 3 दिनों के दौरान महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी इलाकों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।

    मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर लगभग 72 डिग्री पूर्व से अक्षांश 32 डिग्री उत्तर के उत्तर में देशांतर पर बनी हुई है।

    बिहार के मध्य भागों पर एक और चक्रवाती परिसंचरण है।

    पूर्वोत्तर असम पर एक चक्रवाती परिसंचरण है।

    एक द्रोणिका उत्तर-पश्चिम बिहार से उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और दक्षिण असम होते हुए नागालैंड तक फैली हुई है।

    दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवाती परिसंचरण है।

    तेलंगाना से तटीय आंध्र प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों तक समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किलोमीटर ऊपर एक ट्रफ बनी हुई है।

    पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल

    पिछले 24 घंटों के दौरान, कोंकण और गोवा, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई।

    तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, उत्तरी तमिलनाडु, पूर्वोत्तर भारत, तेलंगाना और जम्मू और कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश हुई।

    लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, केरल, दक्षिण भारत कर्नाटक, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हल्की बारिश हुई।

    दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में हल्की से बहुत हल्की बारिश हुई।

    पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और झारखंड के कुछ हिस्सों में लू से लेकर भीषण लू की स्थिति रही।

    पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, दक्षिण बिहार और उत्तरी ओडिशा में लू की स्थिति रही।

    अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि

    अगले 24 घंटों के दौरान, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, दक्षिण छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा, सिक्किम और असम में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है।

    लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण गुजरात और जम्मू कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।

    दक्षिण मध्य प्रदेश, ओडिशा, दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों, दक्षिण-पूर्व राजस्थान, उत्तर छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और रायलसीमा में हल्की बारिश हो सकती है।

    पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में लू से लेकर भीषण लू की स्थिति संभव है।

    पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में लू चलने की संभावना है।

  • आज शाम फिर बारिश और आंधी तूफान की चेतावनी

    आज शाम फिर बारिश और आंधी तूफान की चेतावनी

    रायपुर।

    छत्तीसगढ़ वासियों को भीषण गर्मी से राहत मिल चुकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि नौतपा खत्म होने के बाद से ही मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में अब मानसून ने भी दस्तक दे दी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मानसून सुकमा के रास्ते छत्तीसगढ़ पहुंचा है। मौसम विभाग ने कहा कि, बस्तर संभाग में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। भारी बारिश की चेतावनी देते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में आज तेज आंधी-तूफ़ान के साथ भारी बारिश होने की संभावना जताई है।

    मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है। राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां आज भी बादल छाए रह सकते हैं। इस बार मानसून के समय से पहले पहुंचने पर प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम विभाग ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और बस्तर संभाग के जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। आने वाले 24 घंटे में प्रदेश के तापमान में बदलाव देखने को मिलेगा। रायपुर, बस्तर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग में आने वाले 2 दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बस्तर संभाग में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

  • आर्थिक राजधानी में धंस गई सड़क, मुंबई समेत महाराष्ट्र में भारी बारिश

    आर्थिक राजधानी में धंस गई सड़क, मुंबई समेत महाराष्ट्र में भारी बारिश

    महाराष्ट्र ।

     महाराष्ट्र में मॉनसून एंटर कर चुका है। इसके साथ ही आर्थिक राजधानी मुंबई में भी बारिश ने दस्तक दे दी है। भारी बारिश के कारण अब सड़क यातायात प्रभावित होने लगा है। भारी बारिश के कारण मुंबई से Ahmedabadजाने वाले नेशनल हाईवे की सड़क धंस गई है। सड़क के धंसने से यातायात प्रभावित हुआ है। सड़क धंसने के कारण यात्रियों को आवाजाही में काफी समस्या हो रही है।गौरतलब है कि मुंबई और उसके पड़ोसी इलाकों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण पारा काफी नीचे आया है। आम जनता को बारिश के बाद गर्मी से राहत मिली है। लोग उमस से भी पीछा छुड़ा पाए है। बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया है।

    वहीं भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के पालघर जिले में सड़क का एक हिस्सा धंस गया। इस कारण अहमदाबाद हाईवे पर 4 घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। सड़क का हिस्सा जब धस तब pipeline ठीक करने का काम हो रहा था इसी बीच हादसा हो गया। इस दौरान काफी देर तक लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहे जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।

  • भारत में भीषण लू: जल संकट और मौतों के साथ टूटा गर्मी का रिकॉर्ड

    भारत में भीषण लू: जल संकट और मौतों के साथ टूटा गर्मी का रिकॉर्ड

    रायपुर।

    पिछले महीने भारत के उत्तरी और मध्य भागों में 26 मई से 29 मई के बीच एक अभूतपूर्व लू का प्रकोप देखने को मिला। नई दिल्ली में तापमान का एक रिकॉर्ड स्तर, 49.1°C, दर्ज किया गया। देश के 37 से अधिक शहरों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चढ़ गया। लू से संबंधित बीमारियों की चेतावनी जारी की गई और कम से कम 24 लोगों की मौत की खबरें हैं।हालांकि, शुरुआत में 53.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज होने की खबरें आई थीं, लेकिन बाद में पता चला कि यह खराब सेंसर के कारण गलत था। फिर भी, भारत और दक्षिणी पाकिस्तान में हुई लू लहर ने रिकॉर्ड ऊंचाई छू ली। नई दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस से 49.1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।

    शहर में पानी की कमी को देखते हुए, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि पानी की बर्बादी करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति भी कम कर दी गई। जल मंत्री आतिशी ने बताया कि नल से गाड़ियां धोने और टंकियों को ओवरफ्लो होने से रोकने के लिए 200 टीमों को तैनात किया जाएगा।लोगों को गर्मी से राहत पाने के लिए एयर कंडीशनर, कूलर और पंखों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसके चलते दिल्ली में बिजली की मांग रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है।पृष्ठीय दाब असामान्यताओं से भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों और दक्षिणी पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण ऋणात्मक (चक्रवात) असामान्यता का पता चला है। तापमान संबंधी आंकड़े बताते हैं कि उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिणी पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में तापमान विसंगतियों में +5°C तक की वृद्धि हुई है। वर्षा डेटा उस क्षेत्र के बड़े हिस्से में वर्षा की अनुपस्थिति को दर्शाता है। वहीं पवन गति का डेटा कम से मध्यम हवाओं को दर्शाता है।

    जलवायु परिवर्तन और लू का संबंध

    जलवायु परिवर्तन पैनल (IPCC) की छठी आकलन रिपोर्ट भारत में लू और जलवायु परिवर्तन के बीच स्पष्ट संबंध को इंगित करती है। जलवायु परिवर्तन विभिन्न तरीकों से भारत में लू की घटनाओं में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण गर्म होना लू सहित गर्मी से संबंधित घटनाओं की आवृत्ति, तीव्रता और अवधि को बढ़ा देता है।जलवायु परिवर्तन से भूमि की स्थिति में परिवर्तन होने की आशंका है, जो क्षेत्रों में तापमान और वर्षा को प्रभावित कर सकता है। इससे बर्फ के आवरण में कमी और बोरियल क्षेत्रों में एल्बिडो (सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करने की क्षमता) कम होने के कारण सर्दियों में गर्मी बढ़ सकती है, जबकि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वृद्धि हुई वर्षा के साथ बढ़ते मौसम के दौरान गर्मी कम हो सकती है। वैश्विक तापमान और शहरीकरण लू के दौरान शहरों और उनके आसपास गर्मी को बढ़ा सकते हैं, जिसका रात के तापमान पर दिन के तापमान की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ता है।20वीं शताब्दी के बाद से एशिया में सतही हवा के तापमान में वृद्धि देखी गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में लू के खतरे को बढ़ावा मिला है। विशेष रूप से भारत में, लू की आवृत्ति और अवधि बढ़ी है, जो हिंद महासागर बेसिन-व्यापी गर्म होने और लगातार एल निनो घटनाओं से जुड़ी है, जिससे कृषि और लोगों की परेशानी पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। भारत जैसे पहले से ही गर्म शहरों में वैश्विक तापमान और जनसंख्या वृद्धि का मिश्रण गर्मी के संपर्क में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। शहरी ताप द्वीप समूह शहरों के तापमान को उनके आसपास के वातावरण की तुलना में बढ़ा देते हैं।

    **क्लाईमेटमीटर विश्लेषण**

    क्लाईमेटमीटर यह विश्लेषण करता है कि मई में भारत में हुई तीव्र गर्मी जैसी घटनाएं वर्तमान (2001-2023) की तुलना में अतीत (1979-2001) में किस प्रकार भिन्न थीं। विश्लेषण से पता चलता है कि वर्तमान जलवायु में अतीत की तुलना में इस क्षेत्र में समान घटनाएं कम से कम 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म तापमान उत्पन्न करती हैं। वहीं वर्षा में कोई खास बदलाव नहीं देखने को मिला है। पवन गति में दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में 4 किमी/घंटा तक की तेज हवाएं चलने का संकेत मिला है। यह भी पाया गया कि अतीत में ऐसी घटनाएं आमतौर पर नवंबर और दिसंबर में हुआ करती थीं, जबकि वर्तमान जलवायु में ये ज्यादातर फरवरी और मई में हो रही हैं। शहरी क्षेत्रों में बदलावों से पता चलता है कि नई दिल्ली, जालंधर और लरकाना वर्तमान में अतीत की तुलना में 1 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म हैं। यह निष्कर्ष भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा 53.2 डिग्री सेल्सियस की गलत रीडिंग को हटाने के बाद समायोजित रीडिंग के अनुरूप है। विश्लेषण में ये भी पाया गया कि पेसिफिक डेकेडल ओसिलेशन (PDO) जैसी प्राकृतिक जलवायु परिवर्तनशीलता के स्रोतों ने इस घटना को प्रभावित किया हो सकता है। इसका मतलब है कि हम जो बदलाव देख रहे हैं, वे ज्यादातर मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकते हैं।

    निष्कर्ष

    इन सब के आधार पर, यह निष्कर्ष निकलता है कि भारत में मई में पड़ी लू जैसी घटनाएं पहले देखी गई सबसे गर्म लू से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म थीं। शोधकर्ता भारत में मई महीने की लू को एक अनोखी घटना के रूप में देखते हैं, जिसकी विशेषताओं को ज्यादातर मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

    विशेषज्ञों के विचार

    डेविड फरान्डा, CNRS, फ्रांस ने कहा: “क्लाईमेटमीटर के निष्कर्ष इस बात को रेखांकित करते हैं कि फॉसिल फ्यूल के जलने के कारण भारत में लू असहनीय तापमान सीमा तक पहुँच रही है।” उन्होंने आगे कहा, “50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने वाले तापमान के लिए भारतीय महानगरों को अनुकूलित करने के लिए कोई तकनीकी समाधान नहीं हैं। हमें अब CO2 एमिशन को कम करने और उप-क्षेत्रों के बड़े क्षेत्रों में महत्वपूर्ण तापमान सीमाओं को पार करने से बचने के लिए अभी से कार्य करना चाहिए।”जियानमार्को मेंगाल्डो, NUS, सिंगापुर ने कहा: “क्लाईमेटमीटर के निष्कर्ष प्राकृतिक परिवर्तनशीलता और जलवायु परिवर्तन के बीच जटिल परस्पर क्रिया को दर्शाते हैं, जिसमें बाद वाला उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सिनेप्टिक-मौसम-पैटर्न परिवर्तनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो निकट भविष्य में लू को काफी बढ़ा सकता है।”

  • मानसून में आ रही तेजी; अगले पांच दिन उत्तर भारत में कुछ जगहों पर लू और बूंदाबांदी संभव

    मानसून में आ रही तेजी; अगले पांच दिन उत्तर भारत में कुछ जगहों पर लू और बूंदाबांदी संभव

    नई दिल्ली ।

    लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान में तपते पूरे उत्तर भारत को अब जल्द ही राहत मिलने लगेगी। 25 जून तक उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। इस बार मानसून तय समय से चल रहा है। फिलहाल, दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत को तर करते हुए मानसूनी बारिश महाराष्ट्र के दक्षिणी हिस्से को छू रही है। अगले सप्ताह तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और गुजरात में भी मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, फिलहाल अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वी भारत, उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू चलने की संभावना है।

    इसके अलावा शुक्रवार के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि उत्तर-पश्चिम भारत में गरज के साथ बारिश हो सकती है। वहीं, आठ जून को महाराष्ट्र और कर्नाटक के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली सहित एनसीआर में हल्की बारिश के साथ धूल भरी आंधी या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। साथ ही 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना है। एनसीआर में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।

  • झुलसती गर्मी से मिलेगी राहत, जानें देशभर में कहां और कब गरजेंगे बादल, पढ़ें पूरी अपडेट

    झुलसती गर्मी से मिलेगी राहत, जानें देशभर में कहां और कब गरजेंगे बादल, पढ़ें पूरी अपडेट

    दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों को जल्द ही झुलसती गर्मी से राहत मिलने की संभावना है. IMD के द्वारा जारी की गई ताजा अपडेट के मुताबिक, अगले 4-5 दिनों के दौरान भारत के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है, जिसके चलते तापमान में कमी देखने को मिल सकती है.

    भारत के विभिन्न राज्यों में बीते कुछ दिनों से भीषण गर्मी का कहर जारी है. लेकिन देखा जाए तो मानसून 2024 के चलते देश के अलग-अलग राज्यों को जल्द ही इस तपिश गर्मी से राहत मिल सकती है. अनुमान है कि दिल्ली, हरियाणा समेत अन्य कई राज्यों में बारिश होने से तापमान में कमी दर्ज की जा सकती है.

    अगले 7 दिनों के दौरान इन राज्यों में होगी बारिश

    मौसम विभाग के द्वारा जारी की गई ताजा अपडेट के अनुसार, आज से अगले 7 दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है. पंजाब, हरियाणा में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ भारी बारिश होने की संभावना है.  उत्तर प्रदेश, राजस्थान में आज धूल भरी आंधी चलने की संभावना है.

    IMD का यह भी कहना है कि इन दिनों मानसून 2024 के चलते केरल तट पर तेज पश्चिमी हवाएं चलने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसका प्रभाव माहे, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी देखने को मिल सकता है, जिसके चलते अगले 5 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और रायलसीमा में हल्की बारिश से लेकर भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है.

    मौसम विभाग के मुताबिक, 06-08 जून, 2024 के दौरान कोंकण, गोवा में आंधी, बिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इसके अलावा इन दिनों बिहार और झारखंड में भारी बारिश हो सकती है. वही, अगले 5 दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गरज, बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है.

    इन राज्यों में लू व गर्मी का कहरमौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में अभी कुछ दिन और गर्मी का कहर जारी रह सकता है. इसके अलावा इन दिनों दिल्ली समेत अन्य कुछ राज्यों में लू चलने की भी चेतावनी जारी की है. IMD की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है. ठीक इसी प्रकार से अन्य राज्यों में तापमान बना रह सकता है.

  • अगले 4-5 दिनों के दौरान इन राज्यों में होगी भारी बारिश, जानें अपने यहां का मौसम

    अगले 4-5 दिनों के दौरान इन राज्यों में होगी भारी बारिश, जानें अपने यहां का मौसम

     मौसम विभाग के मुताबिक केरल एंव माहे में 2 जून को भारी से बहुत भारी बारिश होने की बहुत संभावना है, जबकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और झारखंड में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी.

    दक्षिण-पश्चिम मानसून, जो कि सालाना बारिश में लगभग 70 प्रतिशत का योगदान देता है. देश के कई राज्यों में दस्तक दे चुका है जिस वजह से कई राज्यों में इन दिनों प्री-मानसून बारिश हो रही है. जो कि उन किसान भाइयों और बहनों के लिए खुशखबरी है जो इस खरीफ सीजन में धान समेत अन्य खरीफ फसलों की बुवाई के लिए तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, अभी भी कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां मानसून का बेसब्री से इंतजार है और वहां के लोग अभी भी हीट वेव का सामना कर रहे हैं.

    आईएमडी यानी भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में लगातार चल रही हीट वेव की स्थिति में अगले दो दिनों में कमी आने की संभावना है, जबकि अगले 4-5 दिनों के दौरान, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. ऐसे में आइए IMD के अनुसार विस्तार जानते हैं अगले 24 घंटों के दौरान देशभर में कैसा रहेगा मौसम-

    पंजाब, हरियाणा और दिल्ली का मौसम

    मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, अलग-अलग स्थानों, उत्तराखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में आज हीट वेव की स्थिति होने की संभावना है.

    उत्तराखंड और झारखंड का मौसम

    मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड और झारखंड के लोगों को अभी गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. इन दोनों राज्यों के अलग-अलग स्थानों में 3 जून, 2024 को हीट वेव की स्थिति होने की संभावना है.

    राजस्थान का मौसम

    मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम राजस्थान के लोगों को अभी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है. यहां के अलग-अलग स्थानों में 4 और 5 जून, 2024 को हीट वेव चलने की संभावना है.

    अरुणाचल प्रदेश, असम एंव मेघालय का मौसम

    मौसम विभाग के मुताबिक, असम एंव मेघालय में 2-5 जून 2024 के दौरान भारी (64.5-115.5 मिलीमीटर) से लेकर बहुत भारी बारिश (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है. जबकि अरुणाचल प्रदेश में 2 और 3 जून 2024 को भारी (64.5-115.5 मिलीमीटर) से लेकर बहुत भारी बारिश (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है.

    केरल, पश्चिम बंगाल एंव सिक्किम का मौसम

    मौसम विभाग के मुताबिक केरल एंव माहे में 2 जून 2024 को भारी (64.5-115.5 मिलीमीटर) से बहुत भारी बारिश (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है. जबकि उप-हिमालय पश्चिम बंगाल एंव सिक्किम में 2 जून 2024 को भारी (64.5-115.5 मिलीमीटर) से लेकर बहुत भारी बारिश (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की बहुत संभावना है.

  • तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश, चक्रवात ‘रेमल’ खतरनाक तूफान में तब्दील, ममता ने की ये अपील, शाह ने दी जानकारी

    तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश, चक्रवात ‘रेमल’ खतरनाक तूफान में तब्दील, ममता ने की ये अपील, शाह ने दी जानकारी

    कोलकाता

    बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हुआ चक्रवात ‘रेमल’ आधी रात को लैंडफाल करेगा। इसे लेकर बंगाल में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। कोलकाता एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। राज्य के तटीय इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 12 टीमों को तैनात किया गया है। नौसेना व भारतीय तटरक्षक बल भी अलर्ट पर है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, चक्रवात इस समय बंगाल की खाड़ी से 270 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व दिशा में है। इसके रविवार आधी रात को बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में स्थित सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपूपाड़ा के बीच के तटवर्ती इलाकों से होकर गुजरने का पूर्वानुमान है। इसके प्रभाव से बंगाल के विभिन्न जिलों में अति भारी बारिश की आशंका है। 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। कोलकाता समेत बंगाल के विभिन्न जिलों के आसमान में रविवार सुबह से ही बदली छाई हुई है औऱ तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई है। बीच-बीच में बारिश भी हो रही है। चक्रवात के बाबत राज्य सचिवालय नबान्न में कंट्रोल रूम खोला गया है। राहत सामग्रियों, जरूरी दवाओं व अन्य सभी जरुरी चीजों का भंडारण किया गया है। प्रभावित होने वाले लोगों के लिए राहत शिविरों की भी पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गई है। समुद्र में मछुआरों को 27 मई तक नहीं जाने और वहां मौजूद मछुआरों को तुरंत लौटने की पहले ही हिदायत दी जा चुकी है।
    मौसम विभाग ने रविवार व सोमवार को बंगाल और उत्तरी ओड़िशा के तटीय जिलों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी है। बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन दो जिलों में बड़े नुकसान की आशंका है।
    कोलकाता और दक्षिण 24 परगना में तेज हवाओं के साथ बारिश जारी
    पश्चिम बंगाल के कोलकाता और दक्षिण 24 परगना में तेज हवाओं के साथ बारिश जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात रेमल कुछ और समय तक लगभग उत्तर की ओर और फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता रहेगा और आज सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा।
    चक्रवात के बांग्लादेश और आसपास के बंगाल के तटों तक पहुंचने के बाद 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, तटीय इलाकों में 27 और 28 मई को मध्यम दर्जे से लेकर भारी वर्षा होगी।
    रेमल तूफान पश्चिम बंगाल से लगभग 80 किमी दक्षिण की ओर
    भारत के मौसम विभाग ने बताया है कि चक्रवाती तूफान रेमल कैनिंग (पश्चिम बंगाल) से लगभग 80 किलोमीटर दक्षिण की ओर है। यह बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर रहा है, उत्तर की ओर बढ़ रहा है और धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में लैंडफॉल की प्रक्रिया जारी है और अगले दो घंटों तक जारी रहेगी।