Category: मौसम

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 781.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 781.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 781.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 16 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1705.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 417.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 735.4 मिमी, बलरामपुर में 1099.2 मिमी, जशपुर में 602.4 मिमी, कोरिया में 772.7 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 786.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 666.2 मिमी, बलौदाबाजार में 814.6 मिमी, गरियाबंद में 754.6 मिमी, महासमुंद में 555.7 मिमी, धमतरी में 724.8 मिमी, बिलासपुर में 707.0 मिमी, मुंगेली में 779.7 मिमी, रायगढ़ में 650.0 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 439.2 मिमी, जांजगीर-चांपा में 772.2 मिमी, सक्ती 639.8 कोरबा में 985.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 744.3 मिमी, दुर्ग में 501.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 724.3 मिमी, राजनांदगांव में 825.0 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 923.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 574.9 मिमी, बालोद में 846.9 मिमी, बेमेतरा में 452.4 मिमी, बस्तर में 858.3 मिमी, कोण्डागांव में 793.3 मिमी, कांकेर में 1035.3 मिमी, नारायणपुर में 918.3 मिमी, दंतेवाड़ा में 1001.1 मिमी और सुकमा जिले में 1077.8 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 756.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 756.5 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 756.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 12 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1698.3 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 377.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 687.1 मिमी, बलरामपुर में 1022.2 मिमी, जशपुर में 573.6 मिमी, कोरिया में 717.3 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 744.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 658.5 मिमी, बलौदाबाजार में 790.9 मिमी, गरियाबंद में 732.9 मिमी, महासमुंद में 545.3 मिमी, धमतरी में 705.8 मिमी, बिलासपुर में 695.0 मिमी, मुंगेली में 725.7 मिमी, रायगढ़ में 633.5 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 419.2 मिमी, जांजगीर-चांपा में 719.7 मिमी, सक्ती 608.2 कोरबा में 962.5 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 691.2 मिमी, दुर्ग में 485.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 597.6 मिमी, राजनांदगांव में 812.6 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 915.9 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 559.3 मिमी, बालोद में 835.6 मिमी, बेमेतरा में 433.7 मिमी, बस्तर में 838.1 मिमी, कोण्डागांव में 786.2 मिमी, कांकेर में 1005.5 मिमी, नारायणपुर में 914.2 मिमी, दंतेवाड़ा में 997.0 मिमी और सुकमा जिले में 1073.3 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • मौसम विभाग का बड़ा अपडेट, 12 अगस्त से मानसून पड़केगा जोर, इस जिले के लिए चेतावनी जारी

    मौसम विभाग का बड़ा अपडेट, 12 अगस्त से मानसून पड़केगा जोर, इस जिले के लिए चेतावनी जारी

    बिलासपुर।

    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पिछले 2 दिन से बारिश न होने के चलते एक बार फिर उमस भरी गर्मी बढ़ गई है। यहां का अधिकतम तापमान बढ़ कर 33.0 डिग्री, तो न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। हालांकि कल यानी 12 अगस्त से मानसून के रफ्तार पड़कने की संभावना है।

    आज भी बारिश की संभावना

    मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसारउत्तरी छत्तीसगढ़ व आसपास क्षेत्र में स्थित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक विस्तारित है। लिहाजा रविवार को जिले में कुछ स्थानों में गरज-चमक केे साथ बारिश की संभावना है। जबकि 11 अगस्त के बाद जिले में बारिश का जोर कम होने की आशंका है।

    दिनभर धूपछांव वाली स्थिति रही

    शनिवार को सुबह से शाम तक धूपछांव वाली स्थिति रही। बीच-बीच में कभी कड़ी धूप निकलती रही तो कभी काली घटाएं छाने से लग रहा था मानों बारिश होने वाली है। पर ऐसा नहीं हुआ। देर रात तके बादल छाए रहने के बाद भी बूंदाबांदी तक नहीं हुई। यही स्थिति पिछले दो दिन से बनी हुई है।

    यही वजह है कि दो दिन पहले तक जहां अधिकतम तापमान 25 तो न्यूनतम 22 से 23 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, वो फिर से बढ़ गया है। शनिवार को अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री, तो न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उमस भरी गर्मी की वजह से लोग एक बार फिर दिन भर कूलर व एसी चलाने मजबूर हैं।

    प्रमुख शहरों के तापमान पर एक नजर

    स्थान अधिकतम न्यूनतम

    बिलासपुर 33.0 25.4

    पेंड्रा 30.7 22.2

    अंबिकापुर 30.8 23.6

    रायपुर 32.0 25.5

    जगदलपुर 28.3 23.8

    दुर्ग 32.4 24.2

    राजनांदगांव 31.5 24.0

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 732.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 732.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 732.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 08 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1655.3 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 345.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 642.2 मिमी, बलरामपुर में 913.7 मिमी, जशपुर में 544.9 मिमी, कोरिया में 685.1 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 676.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

    इसी प्रकार, रायपुर जिले में 651.7 मिमी, बलौदाबाजार में 787.0 मिमी, गरियाबंद में 712.7 मिमी, महासमुंद में 543.8 मिमी, धमतरी में 700.4 मिमी, बिलासपुर में 687.7 मिमी, मुंगेली में 714.4 मिमी, रायगढ़ में 600.0 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 408.4 मिमी, जांजगीर-चांपा में 706.0 मिमी, सक्ती 585.8 कोरबा में 868.6 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 674.7 मिमी, दुर्ग में 481.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 579.3 मिमी, राजनांदगांव में 790.2 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 903.8 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 539.0 मिमी, बालोद में 829.5 मिमी, बेमेतरा में 432.0 मिमी, बस्तर में 823.5 मिमी, कोण्डागांव में 774.8 मिमी, कांकेर में 992.2 मिमी, नारायणपुर में 898.9 मिमी, दंतेवाड़ा में 970.0 मिमी और सुकमा जिले में 1061.8 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • छत्तीसगढ़ में अब तक 581.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    छत्तीसगढ़ में अब तक 581.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

    रायपुर ।

    राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 581.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 01 अगस्त सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1399.8 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 235.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 359.7 मिमी, बलरामपुर में 544.1 मिमी, जशपुर में 389.7 मिमी, कोरिया में 402.7 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 388.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

        इसी प्रकार, रायपुर जिले में 501.3 मिमी, बलौदाबाजार में 648.8 मिमी, गरियाबंद में 614.7 मिमी, महासमुंद में 452.8 मिमी, धमतरी में 633.6 मिमी, बिलासपुर में 560.3 मिमी, मुंगेली में 588.3 मिमी, रायगढ़ में 474.7 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 267.0 मिमी, जांजगीर-चांपा में 522.2 मिमी, सक्ती 437.9 कोरबा में 694.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 498.3 मिमी, दुर्ग में 364.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 468.9 मिमी, राजनांदगांव में 669.2 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 795.6 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 435.8 मिमी, बालोद में 751.8 मिमी, बेमेतरा में 358.8 मिमी, बस्तर में 678.4 मिमी, कोण्डागांव में 674.8 मिमी, कांकेर में 868.6 मिमी, नारायणपुर में 763.3 मिमी, दंतेवाड़ा में 795.8 मिमी और सुकमा जिले में 943.4 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

  • 1, 2, 3, 4 अगस्त तक दिखेगा मौसम का रौद्र रूप, भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी

    1, 2, 3, 4 अगस्त तक दिखेगा मौसम का रौद्र रूप, भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी

    रायपुर।

    प्रदेश में मानसून के पहले चरण की बारिश होकर थम चुकी है। वहीं सावन की पहली बारिश में मानसून का कोटा पूरा हो गया है। बल्कि सामान्य से 4 फिसदी बारिश ज्यादा हुई है। वहीं अगस्त के पहले सप्ताह में मानसून का सेकंड फेज शुरू होने वाला है। जिले लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी किया है।

    बता दें कि मानसून के पहले चरण में रायपुर, दुर्ग समेत अन्य जिलों में अच्छी बारिश की झड़ी लगी रही। इसके बाद मानसून कमजोर पड़ गया, जिससे मंगलवार को दिन में धूप निकली और फिर बदली छा गई। हालांकि इससे उमस में हल्का इजाफा हुआ। मौसम विभाग ने कहा है कि बुधवार से बारिश के सेकंड फेज की शुरुआत हो सकती है, जिससे 4 अगस्त तक प्रबल वर्षा की संभावना बनेगी।

    बारिश का क्षेत्र दुर्ग

    इन दिनों मानसून से बारिश का प्रमुख क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ है, इसलिए दुर्ग जिले को लेकर कोई भी अलर्ट जारी नहीं किया गया है। हालांकि जिले के एक-दो स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जरूर जताई गई है।

    हवा की दिशा में हुआ बदलाव

    मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि ऊपरी हवा पर बन रहे साइक्लोन के असर से मानसून के सिस्टम में परिवर्तन आए हैं। हवा की दिशा में बदलाव हुआ है, जिससे बारिश के लिए अब दक्षिण छत्तीसगढ़ के जिले शामिल होंगे।

    दुर्ग जिले में यहां हुई ज्यादा बारिश

    जिले में 1 जून से 30 जुलाई तक 352.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। अब तक सर्वाधिक वर्षा 589.7 मिमी पाटन तहसील में हुई है। न्यूनतम 237.7 मिमी बोरी तहसील में दर्ज की गई है। इसके अलावा दुर्ग में 317.4 मिमी, धमधा में 252.3 मिमी, भिलाई 3 में 315.4 मिमी और अहिवारा में 404.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।

    सरगुजा संभाग सूखा

    जून की तुलना में जुलाई में झमाझम बारिश हुई। यही कारण है कि मंगलवार तक प्रदेश में सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि सरगुजा संभाग सूखा है। प्रदेश में 30 जून तक 30 फीसदी कम पानी गिरा था। मौसम विभाग के अनुसार 31 जुलाई को प्रदेश में अच्छी बारिश होगी। पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में 1070 से 1100 मिमी के आसपास बारिश होती है। ये कोटा सीजन में पूरा होने की संभावना है। 1 व 2 अगस्त से प्रदेश में व्यापक वर्षा होगी। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होगी।

  • 10 दिनों की बारिश में लबालब गंगरेल डैम, कभी भी खोला जा सकता है बांध का गेट

    10 दिनों की बारिश में लबालब गंगरेल डैम, कभी भी खोला जा सकता है बांध का गेट

    धमतरी।

    10 दिनों की बारिश से छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ा गंगरेल बांध का जलस्तर सुधर गया है. लगातार कैचमेंट एरिया से पानी की आवक बनी हुई है. गंगरेल बांध अब 80 फीसदी भर चुका है. जिससे गंगरेल डेम का गेट कभी भी खोला जा सकता है. 32 टीएमसी वाले बांध में 27 टीएमसी से ज्यादा पानी भर गया है. प्रति सेकंड 35 हजार क्यूसेक से ज्यादा का पानी आ रहा है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुनादी और बाढ़ से निबटने तैयारी में प्रशासन जुटी हुई है.

    गंगरेल डैम में पानी ओवरफ्लो: 22 जुलाई तक सूखे की मार झेल रहा छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा धमतरी का गंगरेल बांध अब अपनी क्षमता से 80 फीसदी भर गया है. गंगरेल बांध खतरे के निशान से महज 2 मीटर नीचे है. कैचमेंट एरिया कांकेर, चारामा से पानी की आवक के अनुसार गंगरेल बांध के गेट को कभी भी खोलकर महानदी में पानी बहाया जा सकता है. खतरे को ध्यान में रखकर जल संसाधन विभाग द्वारा महानदी किनारे बसे गांव को अलर्ट किया है. इधर रुद्री बैराज को पहले ही खाली किया जा रहा है. रुद्री बैराज के गेट नंबर 5 और 6 को खोलकर महानदी में 3 हजार क्यूसेक पानी बहाया जा रहा है.

    छत्तीसगढ़ के सभी बांधों में पानी लबालब: गंगरेल समेत माडमसिल्ली, सोंढूर और दुधावा बांध अब जल्द ही लबालब भरने वाला हैं. बांध के कैचमेंट एरिया में रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिसका पानी बांधों में पहुंच रहा है. बांध के कंट्रोल रूम के मुताबिक गंगरेल बांध में सोमवार शाम 6 बजे फिर आक्क बढ़ी. बांध में 16400 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी. जिससे जलस्तर 346.80 मीटर पर पहुंच गया. 26.123 टीएमसी भर चुका था. गंगरेल बांध का जलस्तर क्षमता 348.70 मीटर है, जिसके मुताबिक भरने में अब महज 2 मीटर यानि 6 टीएमसी पानी की और जरूरत है. बांध में आवक और बरसात के बचे 2 महीने को ध्यान में रखकर इसी हफ्ते गंगरेल बांध का गेट खुलने की उम्मीद है. अभी पेन स्टाक गेट से 1100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

    गंगरेल के खोले जा सकते हैं गेट: इस मामले पर अपर कलेक्टर जीआर मरकाम ने बताया कि लगातार गंगरेल बांध की स्थिति में सुधार हुई है. बांध भरने वाला है. गंगरेल बांध के गेट खोलने के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है. कभी भी गेट खोला जा सकता है.

  • आफत की बारिश से गांवों का टूटा संपर्क, एसडीआरएफ की टीम को करना पड़ा रेस्क्यू

    आफत की बारिश से गांवों का टूटा संपर्क, एसडीआरएफ की टीम को करना पड़ा रेस्क्यू

    कोरबा

    क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से बगदेवा, पथरापाली, खैराडुबान और पोड़ी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. जिसके कारण ग्राम कोरबी सहित कई गांव से संपर्क टूट गया है. खोन्द्रा जंगल का वर्षा जल के कारण बगदेवा पुल में जलस्तर धीरे-धीरे खतरे के निशान को छूने लगा है. ग्रामीणों ने बताया कि वर्षा क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. बगदेवा से कोरबी जाने के लिए एक मात्र सडक़ है जिसके पुल पर करीब आठ फीट ऊपर पानी बह रहा है.

    तेज बारिश से कई गांव का संपर्क टूटा : कोरबा जिले के अंतिम छोर में स्थित बगदेवा में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. यहां बाढ़ जैसे हालात बन गए और कई मकानों में पानी भर गया. इसकी सूचना पर डायल 112 और एसडीआरएफ की टीम के मौक़े पर पहुंची. यहां देखा गया कि कौशल्या बाई के मकान में करीब चार फिट पानी भर गया था. पानी धीरे धीरे निकल जायेगा सोच कर घर अन्य सदस्यों के साथ छत में चले गए थे. यहां बाढ़ में फंसे कौशल्या पोर्ते के परिवार की 2 वृद्ध महिला और 3 वर्षीय नवजात शिशु को समेत परिवार को टीम ने रेस्क्यू किया.

    बाढ़ में फंसे मछउआरों को किया रेस्क्यू : इसी तरह जान जोखीम में डालकर बीती रात मछली पकड़ने पहुंचे 9 ग्रामीण पाली क्षेत्र के खारुन नदी व अन्य बरसाती नालो में जल भराव के कारण गांव खैरडुबान में फंस गए थे. रात के वक्त ग्रामीण यहां मछली पकड़ने पहुंचे थे. इन 9 ग्रामीणों का पाली थाने के स्टाफ सहित एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया. इस दौरान बाढ़ में फंसे ग्रामीण विजय कुमार पोर्ते, इंद्रपाल आयाम, हरिराम जगत, विश्राम सारुता व अन्य को सुरक्षित रेस्क्यू कर बाहर निकाल गया.

    पाली में जल सैलाब ने किया हलाकान : झमाझम हुई बारिश ने पाली विकासखंड के विभिन्न में जमकर नुकसान पहुंचाया है. मुनगाडीह के पुराना पुल से 10 फीट ऊपर पानी बहने से हाहाकार मच गया ग्राम पोटापानी के आश्रित मोहल्ला बरहामुड़ा स्थित तालाब का तटबंध टूटने से आसपास खेतों में पानी भर गया. वहीं पाली मुख्य मार्ग स्थित पुराना बस स्टैंड के पास की पांच से अधिक दुकानों में पानी घुस गया. इससे दुकानों में रखा सामान खराब हो गया है. प्रशासन द्वारा बाढ़ से हुए नुकसान के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है.

    खैराडुबान और पोड़ी गांव में चलाया गया रेस्क्यू : भारी वर्षा से कोरबा जिले के पाली ब्लॉक अंतर्गत खैराडुबान और पोड़ी गांव में बने बाढ़ की स्थिति के पश्चात् कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जिला सेनानी पीबी सिदार ने बताया कि एसडीआरएफ की उपस्थिति में बाढ़ में फंसे 09 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर निकाला गया. ग्रामीणों को तेज बहाव वाले स्थानों पर न जाने की सलाह दी गई. कुछ ग्रामीणों को पानी के तेज बहाव से बचने के लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ी.

  • सावन के कड़े तेवर, पूरा इलाका हुआ पानी-पानी

    सावन के कड़े तेवर, पूरा इलाका हुआ पानी-पानी

    कोरबा।

    जरूरत से ज्यादा गर्मी का एहसास लोगों को अषाढ़ ने कराया। किसानों के साथ आम लोग परेशान हुए। इस दौरान में बारिश एक तरह से गायब रही। वहीं सावन की शुरुआत होने के साथ मौसम के तेवर बदल गए। आज लगातार दूसरे दिन बारिश का अंदाज राहत के साथ परेशानी भरा रहा। सभी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण अब समीकरण बदले हैं।सुबह बच्चों को स्कूल जाने में भारी बारिश का सामना करना पड़ा वही लोग ऑफिस और दफ्तर जाने के लिए भी रेनकोट और छत्ता का सहारा लेना पड़ा। मंगलवार की दोपहर से रात 8:00 बजे तक झमाझम बारिश हुई उसके बाद कुछ समय के लिए बूंदाबांदी शुरू हुई फिर उसके बाद देर रात झमाझम बारिश शुरू हुई और सुबह तक पानी गिरता रहा। इस बारिश से सडक़ के गधों पर पानी ही अपनी नजर आया वहीं खेतों में जल भराव से एक और किसानों को काफी राहत भी मिली है क्योंकि काफी लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण फसल प्रभावित भी हो सकता था किसानों की माने तो अत्यधिक बारिश से भी फसल नुकसान हो सकता है अधिक जल भराव के कारण फसल नष्ट भी हो जाता है।लगातार हो रहे हैं बारिश के कारण भी नदी नाले उफान पर आने लगे हैं बालको क्षेत्र में कई ऐसे छोटे बड़ी नाली नाला है जहां पानी का तेज बहाव देखने को मिल रहा है। शहरी क्षेत्र में भी कई ऐसे जगह हैं जहां झमाझम बारिश के कारण लोगों को कीचड़ का सामना करना पड़ रहा है। हसदेव नदी किनारे भी बेस बस्ती राताखार, इमली डुग्गू, मोती सागर पारा बस्ती के लोग अधिक बारिश होने के बाद चिंता में डूब जाते हैं क्योंकि नदी किनारे होने के कारण दम से पानी छोडऩे के बाद कई घर प्रभावित हो जाते हैं।

    चोरनई नदी लबालब, ग्रामीण कर रहे अलर्ट
    सावन की शुरुआत होने के साथ मौसम के तेवर में अचानक बड़ा बदलाव हुआ है। कोरबा जिले के हर इलाके में बारिश की उपस्थिति दर्ज हुई। आसपास के इलाके के साथ-साथ नदी नालों में पानी पानी हो गया है। देवपहरी क्षेत्र की चोरनई नदी में इसके कारण जल स्तर काफी बढ़ गया है। ग्रामीणों ने दूसरे क्षेत्र से आने वाले लोगों को सतर्क किया है ताकि अनहोनी से बचा जा सके। कोरबा जिले की सीमा से निकलकर अपने साथ कई सहायक नदियों का पानी ग्रहण करने वाली चोरनई नदी बड़े हिस्से के लिए जीवन रेखा मानी जाती है। आसपास की आबादी के साथ-साथ वहां की कृषि की जरूरत की पूर्ति इस नदी का पानी पूरा करता है। पहाड़ी क्षेत्र से उद्गम होने और बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र की उपलब्धता होने के कारण इस नदी में साल के 12 महीने अच्छा पानी रहता है। गर्मी के दिनों में जरूर कुछ अंतर होता है लेकिन कुल मिलाकर नदी अपने स्वरूप से लोगों को आकर्षित करती है। देवपहरी से नरोत्तम कुमार ने बारिश के वीडियो ग्रैंड न्यूज़ को उपलब्ध कराए हैं। गोविंद झुनझा जलप्रपात के पास चोरनई नदी में आई पानी की विशाल मात्रा लोगों को बताने के लिए पर्याप्त है कि इसके नजदीक जाना माना है। दूर से ही इस नजारे को देखा जाए और खुश हुआ जाए।बताया गया कि वन विभाग के कर्मचारियों के अलावा स्थानीय लोगों की ओर से भी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मौजूदा स्थिति में पर्यटन प्रेमियों को संभावित खतरे से बचाया जा सके।

  • सावन की पहली झड़ी में गंगरेल बांध लबालब, प्रदेश में आज कल झमाझम बारिश की चेतावनी

    सावन की पहली झड़ी में गंगरेल बांध लबालब, प्रदेश में आज कल झमाझम बारिश की चेतावनी

    धमतरी।

    20 जुलाई तक जिले के चारों बांध डेड स्टोरेज में थे। यानी इन बांधों में 10 से 15 फीसदी ही जलभराव था। 21 से 23 जुलाई के बीच 3 दिनों की झड़ी ने बांधों को बड़ी राहत दी है। जिले के चारों बांधो में 13. 562 टीएमसी पानी की आवक हुई।

    सबसे ज्यादा गंगरेल में 8.410 टीएमसी, मुरुमसिल्ली में 2.179 टीएमसी, दुधावा में 1.641 टीएमसी और सोंढूर में 1.332 टीएमसी पानी पहुंचा। हालांकि अभी भी इन बांधों को पूरा भरने में अच्छी बारिश की जरूरत है, लेकिन धीरे-धीरे ही सही पर बांधों की हालत सुधर जरूर रही है। चारों बांधों में पानी की अभी भी आवक जारी है। गंगरेल में 66 हजार क्यूसेक, मुरुमसिल्ली में 15 हजार 682 क्यूसेक, दुधावा में 5 हजार 194 और सोंढूर में 3 हजार 565 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है।

    अबतक 503 मिमी औसत वर्षा

    धमतरी जिले में जून सूखा बीता। जुलाई के 20 दिन खंड वर्षा के चलते अच्छी बारिश नहीं हुई। शनिवार से बारिश का दौर शुरू हुआ, जो अभी भी जारी है। रुक-रुककर हो रही बारिश से किसानों सहित आम नागरिकों ने राहत की सांस ली है। अच्छी बारिश से अबतक जिले में 503.4 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। नगरी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। बेलरगाव, कुकरेल के बाद धमतरी अच्छी बारिश के मामले में चौथे नंबर पर है। कुरूद में अबतक 374 मिमी, मगरलोड में 382 मिमी औसत बारिश हुई है।

    बारिश के 3 सिस्टम सक्रिय

    मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने कहा कि एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण झारखंड और सके आसपास स्थित है, तथा यह 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, सीकर, ग्वालियर, खजुराहो, रांची, दीघा से उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। एक विंड शियर जोन 22 डिग्री उत्तर में 3.1 किमी से 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में 24 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।