Category: भोपाल

  • सहायक शिक्षक निलंबित

    सहायक शिक्षक निलंबित

    विदिशा।

    अपने कर्तव्य स्थल से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर शासकीय हाई स्कूल खरी के सहायक शिक्षक अनूप कुमार जैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए जा चुके है।

    जिला शिक्षा अधिकारी आरके ठाकुर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार सहायक शिक्षक अनूप कुमार जैन 27 मई 2022 से अपने कर्तव्य स्थल पर अनुपस्थित है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश तहत जैन के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है। निलंबित सहायक शिक्षक अनूप जैन को पांच दिवस के भीतर अपना पक्ष जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर प्रतिवाद प्रस्तुत करने हेतु ताकिद किया गया है। अनुपस्थिति की दशा में विभागीय कार्यवाही करते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही के लिए स्वंय उत्तरदायी होंगे।

  • 14 करोड़ 22 लाख रूपये से अधिक मूल्य की विभिन्न सामग्रियाँ जब्त

    14 करोड़ 22 लाख रूपये से अधिक मूल्य की विभिन्न सामग्रियाँ जब्त

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया है कि लोकसभा निर्वाचन-2024 की आदर्श आचार संहिता 16 मार्च से प्रभावशील होने के बाद पुलिस एवं अन्य एन्फोर्समेंट एजेंसियों द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि 21 मार्च तक 14 करोड़ 22 लाख 98 हजार 274 रूपये मूल्य की विभिन्न सामग्रियाँ जब्त की गयी हैं। इनमें 3 लाख 11 हजार 371 लीटर मदिरा जब्त की गयी है। इसका मूल्य 4 करोड़ 3 लाख 85 हजार 101 रूपये है।

    इसी तरह 2 करोड़ 43 लाख 97 हजार 378 रूपये मूल्य के 3 हजार 236 किलोग्राम ड्रग्स और 60 लाख 21 हजार रूपये मूल्य की 90 किलोग्राम से अधिक कीमती धातुएँ जब्त की गई हैं। साथ ही 6 करोड़ 41 लाख 66 हजार 395 रूपये मूल्य की अन्य सामग्रियाँ (रेडीमेड, गारमेंटस् आदि) और 73 लाख 28 हजार 400 रूपये नगद जब्त किये गये हैं।

  • प्रदेश के 52 जिलों में ईवीएम का प्रथम रेंडमाइजेशन पूरा

    प्रदेश के 52 जिलों में ईवीएम का प्रथम रेंडमाइजेशन पूरा

    भोपाल

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनपुम राजन ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन- 2024 के संदर्भ में मध्यप्रदेश के 52 जिलों में प्रथम रेंडमाइजेशन पूरा हो गया है। 18 जिलों में ईवीएम की प्रथम रेंडमाइजेशन प्रक्रिया शुक्र‌वार को संपन्न हुई। इससे पूर्व 21 मार्च को 34 जिलों में रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया पूरी की गई थी। उन्होंने बताया कि ईवीएम रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधियों तथा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों की अधिकृत उपस्थिति में हुई। रेंडमाइजेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन मशीनों को विधानसभा क्षेत्रवार अलॉट कर दिया गया है। ईवीएम को विधानसभा क्षेत्र के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रख दिया गया है।

    आज इन जिलों में हुई प्रथम रेंडमाइजेशन प्रक्रिया

    इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, धार, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा, पन्ना, गुना एवं शहडोल जिले में 22 मार्च को प्रथम चरण का ईवीएम रैंडमाइजेशन सम्पन्न कराया गया।

  • मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ का किया निरीक्षण

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ का किया निरीक्षण

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश अनुपम राजन ने शुक्रवार को राज्यस्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ और सोशल मीडिया प्रकोष्ठ का निरीक्षण किया। राजन ने कहा कि चुनाव से संबंधित विशेष घटनाओं की जानकारी तुरंत भेजें। उन्होंने कहा कि घटनाओं की वस्तुस्थिति की जानकारी तुरंत मीडिया में जानी चाहिए।

    राजन ने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम मे किये जा रहे प्रचार के व्यय की जानकारी उपलब्ध करायें। उन्होंने सोशल मीडिया में किये जा रहे प्रचार में मॉनिटरिंग की विस्तार से जानकारी ली।

    मध्यप्रदेश में 16 मार्च से लोकसभा निर्वाचन 2024 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। लोकसभा निर्वाचन के दौरान पेड न्यूज संबंधी मामलों, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय अखबारों में प्रकाशित एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल में प्रसारित और सोशल मीडिया में चल रही खबरों की 24 घंटे सतत् मॉनिटरिंग/रिकॉर्डिंग की जा रही है। राज्य स्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ, राज्य नोडल अधिकारी, आयुक्त जनसम्पर्क संदीप यादव के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा है। न्यूज मॉनिटरिंग एवं पेड न्यूज के मामलों सहित अन्य सभी कार्यों के लिये अपर संचालक जनसम्पर्क डॉ. एच.एल. चौधरी को मुख्य नोडल अधिकारी बनाया गया है।

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, निर्वाचन सदन, अरेरा हिल्स, भोपाल में राज्यस्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ (स्टेट लेवल एमसीएमसी सेल) कार्य कर रहा है। इस प्रकोष्ठ में जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम तीन पारियों में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबरों की सतत् निगरानी कर रही है। यह कार्य प्रतिदिन तीन पारियों में सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 से रात्रि 10 बजे तक और रात्रि 10 से अगले दिन सुबह 6 बजे तक निर्बाध रूप से निरन्तर किया जा रहा है। राज्य स्तरीय सोशल मीडिया मॉनीटरिंग प्रकोष्ठ नर्मदा भवन में संचालित है।

    समाचार पत्र, पत्रिकाओं में प्रकाशित समाचारों एवं मीडिया रिपोर्ट्स की कतरनों के संधारण कार्य के लिए भी सुबह 6 से शाम 6 बजे तक के लिए अधिकारी, कर्मचारी तैनात किये गये हैं। तीनों पारियों के लिये आकस्मिक एवं वैकल्पिक व्यवस्था के लिए रिजर्व अधिकारी और कर्मचारी भी तैनात किये गये हैं। इस दौरान संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मनोज खत्री भी उपस्थित रहे।

  • मदरसा बोर्ड के परीक्षा आवेदन ऑनलाइन 23 अप्रैल तक भरे जायेंगे

    मदरसा बोर्ड के परीक्षा आवेदन ऑनलाइन 23 अप्रैल तक भरे जायेंगे

    मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड की हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी (उर्दू माध्यम) परीक्षा सत्र-2024 के लिये आवेदन-पत्र अधिकृत अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन भरे जाने की दिनांक 23 अप्रैल, 2024 तक बढ़ा दी गई है।

    उल्लेखनीय है कि पूर्व में ऑनलाइन आवेदन की दिनांक 25 मार्च, 2024 तक निर्धारित की गई थी। आवेदन-पत्र डाक द्वारा कार्यालय मदरसा बोर्ड में प्राप्त होने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल, 2024 निर्धारित की गई है।

  • इंदौर जिले के सभी 15 विश्राम गृह भवनों का अधिग्रहण

    इंदौर जिले के सभी 15 विश्राम गृह भवनों का अधिग्रहण

    इन्दौर।

    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों, संगठनों और निर्वाचन कार्य में संलग्न कार्यकर्ताओं और व्यक्तियों की निर्वाचन संबंधी गतिविधियां प्रारंभ हो गई है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत जिले के सभी विश्राम भवनों को अधिग्रहित करने के आदेश जारी किए हैं।

    जारी आदेश के अनुसार रेसीडेंसी कोठी, सर्किट हाउस, ओल्ड रेस्ट हाउस, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस, सोयाबीन अनुसंधान केंद्र गेस्ट हाउस, मान परियोजना गेस्ट हाउस, एनएचडीसी स्कीम नंबर 78 विश्राम भवन, वन मंडल गेस्ट हाउस नवरतन बाग, मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के गेस्ट हाउस पोलो ग्राउंड, एचआरडीसी गेस्ट हाउस देवी अहिल्या विश्व विद्यालय तथा भारतीय स्टेट बैंक गेस्ट हाउस माणिक बाग रोड और जिले के सांवेर, देपालपुर, महू तथा हातोद में स्थित विश्राम गृहों का अधिग्रहण किया गया है। इसके साथ ही 3 सभागृह जिनमें रविन्द्र नाट्य गृह, लता मंगेशकर आडिटोरियम तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग का हॉलीडे होम्स शामिल है को भी अधिग्रहित किया गया है।

          विश्राम गृह भवनों के नियंत्रणकर्ता अधिकारी नियम और निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। उन्हें कहा गया है कि विश्राम गृहों का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। विश्राम गृह परिसर में निर्वाचन की आदर्श आचरण संहिता का पालन करवाना होगा। जिला दंडाधिकारी की अनुमति के बिना विश्रामगृह किसी अन्य को आवंटित नहीं किया जाएगा। विश्रामगृह की विद्युत, पेयजल, सफाई, आवश्यक फर्नीचर/क्रॉकरी और और खानसामा व स्टाफ संबंधी अन्य व्यवस्थाएं नियंत्रक अधिकारी द्वारा परिसर में सुनिश्चित की जाएगी। जिला दंडाधिकारी द्वारा प्रदत्त एवं समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। अनुविभागीय दंडाधिकारी संबंधित नियंत्रणकर्ता के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र के विश्राम गृहों पर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

  • इंदौर जिले को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (साईलेन्स झोन) घोषित किया गया

    इंदौर जिले को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (साईलेन्स झोन) घोषित किया गया

    इन्दौर ।

    भारत निर्वाचन आयोग की लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा के साथ ही इंदौर जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आशीष सिंह ने इंदौर जिले की राजस्व सीमाओं को आगामी आदेश तक कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (साईलेन्स झोन) घोषित किया हैं।

    इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार सम्पूर्ण इंदौर जिले में शान्तिपूर्ण एवं निष्पक्ष निर्वाचन सम्पन्न कराने , कानून व्यवस्था व लोकशांति बनाये रखने के लिये रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे तक लाउड स्पीकर एवं ध्वनि विस्तारक यंत्रों का सार्वजनिक उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। सक्षम अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा ध्वनि प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण) नियम 2000 के प्रावधान का अनुसरण कर ध्वनि मानक 10 डेसीबल या कुल क्षमता का 1/4 वाल्यूम में से जो कम हो पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। वाहन पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग की स्थिति में वाहन का पंजीयन, वैद्य ड्रायविंग लायसेंस, बीमा, फिटनेस आदि दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। यदि चलित वाहन में लाउड स्पीकर का प्रयोग किया जाता है तो उपयोग में लाये जाने वाले मार्ग अथवा क्षेत्र का विवरण प्रस्तुत करना भी आवश्यक होगा। शासकीय विश्राम भवन, न्यायालय, चिकित्सालय, कलेक्ट्रेट, जेल, विद्यालय, शासकीय कार्यालय, पुलिस थाना, बैंक, दूरसंचार तथा अन्य क्षेत्र जो अन्यथा घोषित किए जाये आदि से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की अनुमति प्रदान नही की जायेगी। किसी भी आम सभा, जुलूस या चलित वाहन में ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग की अनुमति कम से कम 48 घंटे पूर्व संबंधित सक्षम अधिकारी से प्राप्त करना होगी। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों/राजनैतिक दलों के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 तथा मध्यप्रदेश कोलाहाल नियंत्रण 1985 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्‍डात्मक कार्रवाई की जायेगी।

          ध्वनि विस्तार यंत्र के प्रयोग की अनुमति हेतु अधिकारियों को ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग की अनुमति प्रदान करने हेतु सक्षम अधिकारी नियुक्त किये गये है। इसके लिये सम्पूर्ण जिले के लिए अपर जिला दण्डाधिकारी को अधिकृत किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।

  • मुख्यधारा से भटके हुए बच्चों को मुख्यधारा में किया जाये पुन: शामिल

    मुख्यधारा से भटके हुए बच्चों को मुख्यधारा में किया जाये पुन: शामिल

    इंदौर।

    मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की खण्डपीठ इंदौर में सामुदायिक सहायता केन्द्र के हितधारकों की दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। यह कार्यशाला उच्च न्यायालय की खण्डपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी इन्दौर एवं मीडिएशन मॉनीटरिंग सब कमेटी के चेयरपर्सन न्यायाधिपति विवेक रूसिया के निर्देशन में आयोजित की गई।

    कार्यक्रम के पहले दिन न्यायाधिपति विवेक रूसिया द्वारा मार्मिक कहानी का उदाहरण देते हुए प्रतिभागियों को भगवान के दोस्त कहकर संबोधित करते हुए कहा गया कि आप मुख्यधारा से भटके हुए बच्चे, जिनके साथ अपराध हुआ है या जो अपराध में लिप्त हैं उनको उनके समाज एवं परिवार में वापस लाने का कार्य करें ।

    न्यायाधिपति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी द्वारा सामुदायिक सहायता केन्द्र के हितधारकों को संबोधित करते हुए कहा गया कि इन्दौर जिले में नव उ‌द्घाटित सामुदायिक सहायता केंद्र इस बात का परिचायक है कि यदि हम सब दृढ़ निश्चय से बालकों का हाथ थामेंगे तो हम एक बेहतर इन्दौर की कल्पना कर सकेंगे जिसमें हर बालक के अधिकारों का संरक्षण होगा और प्रत्येक बालक का सर्वांगीण विकास होगा।

    कार्यक्रम के दुसरे दिन श्रम विभाग, तकनीकी एवं कौशल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं विकलांगता कल्याण विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, शहरी एवं आवासीय विकास विभाग, जनजातीय कल्याण विभाग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कमजोर एवं जोखिम वाले बच्चों की सहायता विषय के अन्तर्गत समन्वित हस्तक्षेप के प्रति अंतर-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के महत्व को समझना तथा विभागीय योजनाओं की समझ एवं उपलब्ध सहायता के संबंध में जानकारी दी गई ।

    अमरजीत कुमार सिंह टेक्निकल कंसल्टेंट यूनिसेफ , गुरुमुख सिंह लांबा सीनियर टेक्निकल कंसल्टेंट जुवेनाइल जस्टिस कमेटी म०प्र० उच्च न्यायालय जबलपुर,  अर्धा तिवारी ट्रेनर एवं फेशिलिटेटर, डॉ. मो. शमीम भूतपूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश, समरेश सिंह सचिव जुवेनाइल जस्टिस कमेटी म०प्र० उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा तकनीकी सत्र का संचालन किया गया ।

    दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र को प्रशासनिक न्यायाधिपति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी द्वारा संबोधित किया गया एवं धन्यवाद प्रस्ताव नवीन पाराशर ओ.एस.डी/ रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर द्वारा किया गया । उक्त कार्यक्रम में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अजय प्रकाश मिश्र, ओ.एस.डी/ रजिस्ट्रार नवीन पाराशर, समरेश सिंह सचिव जुवेनाईल जस्टिस कमेटी म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर, अमरजीत कुमार सिंह टेक्निकल कंसल्टेंट यूनिसेफ, गुरुमुख सिंह लांबा सीनियर टेक्निकल कंसल्टेंट जुवेनाईल जस्टिस कमेटी म०प्र० उच्च न्यायालय जबलपुर, अर्धा तिवारी ट्रेनर एवं फैशिलिटेटर, अदिति मेहता प्रशिक्षक एवं मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ, डॉ. मो. शमीम भूतपूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गिरिबाला सिंह भूतपूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विधिक सहायता अधिकारी मनीष कौशिक, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इन्दौर, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, जनजातीय विभाग, तकनीकी एवं कौशल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं विकलांगता कल्याण विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, शहरी एवं आवासीय विकास विभाग आदि के प्रमुख, म०प्र० उच्च न्यायालय के कर्मचारी, विधिक सेवा समिति के कर्मचारियों के साथ 22 समुदाय के प्रबुद्धजन सम्मिलित हुए।

  • इन्दौर जिले के शहरी एवं ग्रामीण सम्पूर्ण क्षेत्रों को किया गया जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

    इन्दौर जिले के शहरी एवं ग्रामीण सम्पूर्ण क्षेत्रों को किया गया जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

    इन्दौर। 

    मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) में निहित प्रावधानों के तहत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आशीष सिंह ने इन्दौर जिले के शहरी एवं ग्रामीण सम्पूर्ण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। जिले में निरन्तर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा 6(1) के अन्तर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर 18 मार्च 2024 से 30 जून 2024 तक प्रतिबंध लगाया गया है।

    संबंधित राजस्व, पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन/बोरिंग का प्रयास करेगी उक्त मशीनों को जप्त कर संबंधित पुलिस थाना क्षेत्र में एफ.आई.आर दर्ज कराने का अधिकार होगा। समस्त अपर कलेक्टरों को उनके क्षेत्रान्तर्गत अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु अधिकृत किया गया है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-3 या धारा-4 के उपबंध का उल्लंघन करने पर 2 हजार रूपये के जुर्माने तथा दो वर्ष तक के कारावास या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर यह आदेश लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य लोकसभा निर्वाचन 2024 की लागू आचार संहिता का पालन किये जाने की शर्त पर कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतों की आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अन्तर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा।

  • अवैध नगदी व शराब सहित अन्य संदेहास्पद सामग्री जब्त करें – कलेक्टर चौहान

    अवैध नगदी व शराब सहित अन्य संदेहास्पद सामग्री जब्त करें – कलेक्टर चौहान

    ग्वालियर।

    अवैध धन, शराब व अन्य मादक पदार्थ सहित ऐसी सभी प्रकार की संदेहास्पद सामग्री इत्यादि के परिवहन की बारीकी से जाँच करें, जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सकता हो। साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार त्वरित कार्रवाई करें और समस्त कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग कराएँ। इस आशय के निर्देश कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने एफएसटी (फ्लाइंग स्क्वॉयड), एसएसटी (स्थैटिक टीम), वीएसटी (वीडियो सर्विलांस टीम) एवं वीवीटी (वीडियो व्यूविंग टीम) के संयुक्त प्रशिक्षण में दिए। कलेक्टर चौहान ने कहा कि कार्रवाई के समय टीम के सभी सदस्यों का व्यवहार सौम्य और शालीन होना चाहिए। लेकिन संदेहास्पद सामग्री पकड़ी जाने पर कार्रवाई पूरी सख्ती से की जाए।

    कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने रविवार को बाल भवन में आयोजित हुए इस प्रशिक्षण के बाद हरी झण्डी दिखाकर जीपीएस युक्त वाहनों सहित विभिन्न एफएसटी को संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिये रवाना किया। जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन – तीन एफएसटी गठित की गई हैं। हर एसएसटी का गठन जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी व पुलिस अधिकारी को शामिल कर किया गया है। साथ ही हर टीम में एक वीडियोग्राफर भी रखा गया है।

    प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर चौहान एवं पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि एसएसटी एवं एफएसटी में शामिल सभी अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय बनाकर और पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। स्थल पूरी कार्रवाई की निष्पक्षता के साथ वीडियो रिकॉर्डिंग कराएँ और संबंधित को की गई कार्रवाई की लिखित में जानकारी दें। कलेक्टर चौहान ने कहा कि एफएसटी को सी-विजिल एप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का हर हाल में 100 मिनट के भीतर निराकरण करना है। इसलिए टीम के सभी सदस्य अपने मोबाइल फोन पर नियमित रूप से सी-विजिल एल का अवलोकन करते रहें।

    पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि स्टेशन, बस स्टैण्ड व एयरपोर्ट पर भी संबंधित एफएसटी नजर रखें। कोई भी संदेहास्पद सामग्री जब्त होने से बचना नहीं चाहिए।

    संयुक्त प्रशिक्षण में सभी टीमों के सदस्यों का आपस में परिचय कराया गया। साथ ही सभी दलों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की जानकारी देकर विस्तारपूर्वक प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर अपर जिला दण्डाधिकारी अंजू अरूण कुमार व टी एन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र वर्धमान एवं जिले के सभी एसडीएम व एआरओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एस बी ओझा द्वारा सभी दलों को प्रशिक्षित किया गया।

    50 हजार से ज्यादा संदेहास्पद नगदी जब्त करें, नगदी 10 लाख से ज्यादा तो आयकर विभाग को भी सूचित करें

    प्रशिक्षण के दौरान एफएसटी व एसएसटी में शामिल अधिकारियों को बताया गया कि चैकिंग के दौरान यदि किसी वाहन में 50 हजार रूपए से ज्यादा संदेहास्पद नगदी मिले तो उसे विधिवत जब्त करें। यदि 10 लाख रूपए से ज्यादा नगदी मिलती है तो उसकी सूचना तत्काल आयकर विभाग को दी जाए। इसके अलावा यदि किसी वाहन में एक जैसी ऐसी संदेहास्पद सामग्री मिले, जिससे वोटर को लुभाया जा सकता हो तो उसे भी जब्त किया जाए। इस प्रकार की समस्त कार्रवाईयों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अवश्य करें। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि यदि 50 हजार से अधिक नगदी परिवहन के संबंध में किसी पर स्पष्ट दस्तावेज हैं तो उसे परेशान न किया जाए। लेकिन 10 लाख से अधिक नगदी हो तो आयकर विभाग को अवश्य सूचित करें।

    संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम का पालन भी कराएँ

    कलेक्टर रुचिका चौहान ने सभी एफएसटी दल को निर्देश दिए कि वे संपत्ति विरूपण अधिनियम का पालन भी कराएँ। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आचार संहिता लागू होने के 72 घंटे के भीतर सभी तरह की परिसम्पत्तियों से हर हाल में पोस्टर व बैनर हटवाए जाने हैं। साथ ही दीवार लेखन मिटाया जाना है। इस काम को गंभीरता से अंजाम दिलाएँ।