Category: बिग न्यूज़

  • चीन में कोरोना से फिर हड़कंप, Apple फैक्ट्री में लॉकडाउन के डर से दीवारें फांदकर भाग रहे कर्मचारी

    चीन में कोरोना से फिर हड़कंप, Apple फैक्ट्री में लॉकडाउन के डर से दीवारें फांदकर भाग रहे कर्मचारी

    बीजिंग, 31 अक्टूबर 2022 /
    लॉकडाउन के चलते फैक्ट्री के अंदर न फंसे रह जाएं इस डर से लोग दीवारें फांद कर भाग रहे हैं। चीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आने वाले महीनों में Apple के प्रमुख डिवाइस का उत्पादन धीमा हो सकता है। चीन में कोविड-19 पर काबू पाने के लिए शहरों में बार-बार लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन की पाबंदियों से चीन के लोग इस कदर परेशान हैं कि वे इससे बचने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डालने को तैयार हैं। ताजा मामला चीन में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी एप्पल फैक्ट्री का है। मध्य चीनी शहर झेंग्झौ (Zhengzhou) में बनी iPhone फैक्ट्री में कोरोना लॉकडाउन और संक्रमण के डर से घबराए हुए श्रमिक पलायन कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते फैक्ट्री के अंदर न फंसे रह जाएं इस डर से लोग दीवारें फांद कर भाग रहे हैं। चीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आने वाले महीनों में Apple के प्रमुख डिवाइस का उत्पादन धीमा हो सकता है। फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप इस प्लांट चलाता है। इसने रविवार को अपने घर वापस जाने के इच्छुक श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था करने का वादा किया था। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि लोग पैदल ही भाग रहे हैं। खबर ये है कि पाबंदियों से बचने के लिए इस फैक्ट्री के कर्मचारी दिवारें फांदकर भाग रहे हैं। सोशल मीडिया पर जारी वायरल वीडियो में देख सकते हैं कि एप्पल के कर्मचारी फैक्ट्री की बाउंड्रीबॉल और कटीली फेंसिंग फांदकर वहां से किसी भी तरह निकल रहे हैं। इस दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं। वे घायल हालत में वहां से भाग रहे हैं। चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी एप्पल फैक्ट्री में 2 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। यह चीन के सेंट्रल हेनान प्रांत के Zhengzhou City में स्थित है। अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि फैक्ट्री के अंदर कुछ समय से हालात बिगड़ते जा रहे थे जिसके बाद लोग वहां से भागने को मजबूर हुए हैं। शहर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद फैक्ट्री पर लॉकडाउन का साया मंडरा रहा है।

    चीन में लॉकडाउन को लेकर सख्त नियम हैं। मुट्ठी भर मामले होने पर भी शहर के शहर सील कर दिए जाते हैं। लोगों को बार बार कोविड टेस्ट कराना पड़ता है। अब लॉकडाउन की दहशत से एप्पल आईफोन बनाने वाली फैक्टरी में काम कर रहे कर्मचारी और मजदूर किसी भी तरह वहां भागकर अपने घर पहुंचना चाहते हैं। लोग 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी पैदल चलकर घर जा रहे हैं।

  • शिकंजे में मोरबी ब्रिज के गुनहगार

    शिकंजे में मोरबी ब्रिज के गुनहगार

    गांधीनगर, 31 अक्टूबर 2022 /
    हादसे के बाद इन सभी लोगों से इस हादसे को लेकर पूछताछ की गई थी। अब यह खबर सामने आ रही है कि पूछताछ के बाद पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है और 5 लोग अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं। गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस ने ब्रिज हादसे के गुनहगारों की धर-पकड़ तेज कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले यह खबर आई थी कि इस हादसे के बाद पुलिस ने सोमवार को 9 लोगों को हिरासत में लिया था। इन सभी लोगों से इस हादसे को लेकर पूछताछ की गई थी। अब यह खबर सामने आ रही है कि पूछताछ के बाद पुलिस ने इन सभी 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले जिन 9 लोगों को हिरासत में लिये जाने की खबर सामने आई थी उनमें पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं। इसके अलावा पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से भी पूछताछ की बात सामने आई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किये गए आरोपियों में ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, 2 टिकट क्लर्क, 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 रिपेयरिंग कांट्रेक्टर शामिल हैं। गुजरात में मोरबी शहर के बी डिवीजन क्षेत्र में रविवार को झूला पुल टूटने से मच्छू नदी में गिरने से अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है तथा अन्य कई लोग घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। अभी भी नदी में लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि मच्छू नदी पर बना झूलता पुल कल शाम अचानक टूट गया, जिसके कारण कई लोग नदी में गिर गए। इसके बाद वहां कोहराम मच गया था। रविवार को हादसे के बाद सोमवार को भी राहत कार्य चल रहा था।

    मोरबी ब्रिज के धाराशायी होने के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। यह पुल पिछले कुछ महीनों से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से महज 5-7 दिन पहले ही यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। आखिर मरम्मती के बाद यह पुल इतनी जल्दी कैस टूट गया? यह भी कहा जा रहा है कि इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता है लेकिन इसपर रविवार को 400-500 लोग पहुंचे थे। आखिर किसने इतने लोगों को इस पुल पर आने की इजाजत दी है। इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। एसआईटी इस मामले में अपनी जांच भी शुरू कर चुकी है। ऐसी आशंका है कि अभी इस मामले में कई अन्य गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

  • एचडब्ल्यूसी मंदिर हसौद पर लक्ष्मी पूजा के दिन हुए प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

    एचडब्ल्यूसी मंदिर हसौद पर लक्ष्मी पूजा के दिन हुए प्रसव, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

    रायपुर 30 अक्टूबर 2022/

    दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के अवसर पर भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क रहा। इस दौरान जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी तक में इमरजेंसी सेवाएं चालू रही जिसके फलस्वरूप हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मंदिर हसौद में दीपावली के दिन 2 सामान्य प्रसव कराये गए।
    हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर मंदिर हसौद की प्रभारी डॉक्टर विजयलक्ष्मी अनंत ने बताया: ‘’ विभाग द्वारा दीपावली त्यौहार को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी । जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को त्यौहार के समय में भी अलर्ट मोड पर रखा गया था। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए और बर्न केस के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, ताकि आपात स्थिति से आसानी से निपटा जा सके। केंद्र में दीपावली के दिन दो प्रसव कराए गए । वहीं 23 अक्टूबर को 3, 25 अक्टूबर को 5 और 26 अक्टूबर को 3 प्रसव कराए गए है ।“
    ज्ञात रहे मंदिर हसौद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बीती छमाही में जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हुए प्रसव में सबसे अधिक संस्थागत प्रसव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है । बीती छमाही में सेंटर में 356 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं ।
    प्रसूता कृति विश्वकर्मा कहती हैं: “अचानक शाम में प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद घरवाले और मितानिन दीदी मुझे लेकर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर मंदिर हसौद लेकर आये जहां मेरा सामान्य प्रसव कराया गया। साथ ही शासकीय सुविधाओं का लाभ भी मिला ।“
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के जिला मीडिया प्रभारी गजेन्द्र डोंगरे ने बताया: ‘’शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरगांव में लक्ष्मी पूजा के दिन 5 प्रसव, पीएचसी उरला में 24 अक्टूबर को 1 प्रसव, और 25 अक्टूबर को 4 प्रसव, हुए हैं वहीं सीएचसी धरसीवां में 3 सफल प्रसव कराए गए है ।“
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार चौधरी ने बताया: ‘’दीपावली के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के दृष्टिगत जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों को यह निर्देश जारी किए गए थे कि इमरजेंसी सेवाएं पूरी सतर्कता के साथ 24 घंटे उपलब्ध रखें। साथ ही सभी सीएचसी और पीएचसी पर पर्याप्त साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान और जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता अनिवार्य रूप से रखने को कहा गया था । जिला अस्पताल में बर्न वार्ड को भी अलर्ट रखा गया, साथ ही नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया था।“

  • सोमेन चटर्जी को असंगठित कर्मकार मंडल में सदस्य बनने पर कार्यकर्ताओ के चेहरे पर खुशी

    सोमेन चटर्जी को असंगठित कर्मकार मंडल में सदस्य बनने पर कार्यकर्ताओ के चेहरे पर खुशी

    रायपुर 30 अक्टूबर 2022/

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आयोग,निगम,मंडल,बोर्ड और प्राधिकरणों के रिक्त पदों पर की नियुक्तियां काँग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमेन चटर्जी जैसे सक्रिय कार्यकर्ता,संघर्ष के साथी को छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा मंडल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा सदस्य बनाने पर कार्यकर्ताओ के चेहरे पर दिखी खुशी।डॉ. विकास पाठक एवं समस्त कार्यकर्ताओ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि काँग्रेस पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो छोटे से भी छोटे कार्यकर्ताओ को महत्व देती है।जिस प्रकार से आज विभिन आयोग,निगम,मंडल,बोर्ड और प्राधिकरणों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हुई है इसमे सभी कार्यकर्ताओं को महत्व दिया गया है।संघर्ष को सफलता मिली है।सोमेन चटर्जी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि काँग्रेस के हर कार्यकर्ताओ को पार्टी महत्व देती है इसका उदाहरण आज हुई नियुक्तियों में बखूबी देखा जा  सकते हैं।

     

  • महामहिम काहे पगलाने!

    महामहिम काहे पगलाने!

    रायपुर 30 अक्टूबर 2022/

    अब क्या महामहिम गुस्सा भी नहीं हो सकतेॽ केरल के महामहिम आरिफ मोहम्मद खान साहब ने गुस्सा करने के सिवा और कुछ किया हो, तो कोई कह देॽ कहने को सरकार उनकी है‚ फिर भी सरकार को बर्खास्त करने की बात छोड़ दो‚ एक बाबू तक को बर्खास्त नहीं किया। न किसी को बर्खास्त किया‚ न किसी को जेल में डलवाया‚ फिर भी इल्जाम है‚ राजाओं की तरह मनमानी करने का! बेचारे को करने के नाम पर मन से गुस्सा तो करने दोगे या उसे भी मनमानी करना कहोेगे!! और अगर अगले को मन से कुछ करने ही नहीं देना है‚ तो घर का नाम राज निवास क्यों रखा हुआ है– सिर्फ तरसाने के लिएॽ

    और खान साहब तो अपने मन से गुस्सा भी नहीं हो रहे हैं। गुस्सा हो रहे हैं, क्योंकि मलयाली उन्हें गुस्सा दिला रहे हैं। मलयाली और उस पर लाल झंडे वाले‚ अच्छे-खासे महामहिम की मिट्टी पलीद कर के रख दी है। उनके रहते हुए उनकी पार्टी का चुनाव में सफाया किया, सो किया‚ महामहिम का सारा डर ही लोगों के दिल से निकाल दिया है। मुंह से सब महामहिम कहते हैं‚ पर मजाल है जो छोटा-सा बच्चा तक डरता हो।

    बताइए‚ बूढ़े इरफान हबीब साहब ने प्रोफेसरी के चक्कर में पब्लिक के सामने महामहिम की बात काट दी। फिर भी न गिरफ्तारी, न मुकदमा‚ सरकार ने अगले को यूं ही निकल जाने दिया। और अब तो मंत्री तो मंत्री‚ वीसी से लेकर छात्र नेता तक‚ कोई भी महामहिम को संविधान का पाठ पढ़ाकर चला जाता है। अदालत तक का भरोसा नहीं रहा। थोक में वीसीओं का इस्तीफा मांगा‚ तो रुकवा दिया। मंत्री से इस्तीफा मांगा‚ तो पिनरायी ने संविधान दिखा दिया। इस नाफरमानी पर महामहिम को गुस्सा नहीं आएगा, तो क्या प्यार आएगा!

    महामहिम को गुस्सा आता है क्योंकि वे महामहिम हैं। बेशक‚ केरल ही नहीं, बंगाल‚ ओडिशा‚ पंजाब‚ तेलंगाना‚ तमिलनाडु‚ राजस्थान‚ दिल्ली, छत्तीसगढ़ –जहां परायी सरकारें हैं‚ मोदी जी के बैठाए महामहिमों को गुस्सा आता है। पर क्यों न आए गुस्सा। महामहिम मोदी जी की सरकारें उनके महामहिमों की‚ फिर ये पराए सीएम वगैरह कहां से चुनकर आ गए‚ बीच में टांग अड़ाने के लिए। एमपी–महाराष्ट्र की तरह‚ हर जगह पराए सीएम हटा भी नहीं सकते‚ सो गुस्सा तो बनता है।

  • क्या भारत जुड़ेगा इस न्याय संगत एनेर्जी ट्रांज़िशन की साझेदारी में

    क्या भारत जुड़ेगा इस न्याय संगत एनेर्जी ट्रांज़िशन की साझेदारी में

    रायपुर 30 अक्टूबर 2022/

    कुछ ही दिनों में दुनिया के नीति निर्माता ईजिप्ट के शर्म अल शेख में संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन, सीओपी 27, में मिल कर पूरी पृथ्वी पर जलवायु कार्यवाही के लिए कुछ अहम फैसले लेंगे। और ठीक उससे पहले पिछले कुछ समय से G7 और उसके सहयोगियों ने वियतनाम, इंडोनेशिया और भारत को कोयले से दूर होने के लिए अरबों डॉलर की पेशकश की है। लेकिन अभी तक इस दिशा में खास बढ़त नहीं देखीगयी।
    इस पेशकश को जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन पार्टनरशिप (JETP) कहा जाआ रहा है और इसका उद्गम हुआ था पिछली सीओपी के बाद, जब दक्षिण अफ्रीका के कोयला उद्योग को बंद कर एक न्यायसंगत एनेर्जी ट्रांज़िशन को बढ़ावा देने के लिए 8.5 बिलियन डॉलर की पेशकश की गयी।
    मामले पर वैश्विक मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो G7 की वियतनाम और इंडोनेशिया के साथ चर्चा उस बिंदु तक आगे बढ़ गई है, जहां लगभग $ 5 बिलियन और $ 10 बिलियन की प्रारंभिक नकद पेशकश की गई है।
    वहीं भारत के साथ बातचीत अब तक आगे नहीं बढ़ी है। ऐसा पता चल रहा है कि भारत सरकार अभी इसके बारे में सोच रही है।
    क्या रहेगा भारत का JETP पर रुख?
    अगर भारत अगले कुछ दिनों में इस पेशकश को स्वीकार लेता है तो इसकी घोषणा नवंबर में मिस्र के शर्म अल शेख में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (COP27) में की जा सकती है।
    बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत को इस साझेदारी में शामिल होने के लिए G7 की भारत द्वारा कोयले की खपत कम करने की शर्त को स्वीकार करना चाहिए?
    भारत कोयले को लेकर पहले भी अपनी स्थिति साफ़ कर चुका है। साथ ही, पिछले साल ग्लासगो में सीओपी 26 के दौरान, भारत ने विकासशील देशों के लिए ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों में से एक, कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के कठिन लक्ष्यों का विरोध भी किया था।
    भारत उन विकासशील देशों में शामिल था जिन्होंने ग्लासगो संधि में कोयले के उपभोग को ख़त्म करने के लिए प्रयोग हुई भाषा का विरोध किया। अंततः यूके, यूएस, चीन, और यूरोपीय संघ के बीच हुए आपसी समझौते से संधि की भाषा को भारत की मंशा के अनुरूप फिर से लिखा गया।
    उसके बाद, पिछले साल दिसंबर में, राज्यसभा में उठे एक सवाल पर जवाब देते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि कोयला भारत में ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत बना रहेगा। मंत्रालय ने एक प्रतिक्रिया में कहा कि “पर्याप्त भंडार के साथ ऊर्जा का एक किफायती स्रोत होने के कारण, निकट भविष्य में कोयला ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में बना रहेगा।
    इसके दृष्टिगत अब यह देखना रोचक रहेगा कि क्या भारत JETP में शामिल होता है या नहीं। ध्यान रहे, G7 के साथ भारत पर संयुक्त राष्ट्र से भी इस दिशा में आगे बढ्ने का दबाव है।
    यूएन ने भी बनाया है भारत पर दबाव
    अपनी हाल की भारत यात्रा में और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की एमिशन गैप रिपोर्ट के शुभारंभ के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने G7 के इस प्रस्ताव का कई बार उल्लेख किया। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत से इस साझेदारी में शामिल होने का आग्रह भी किया।
    बीती 19 अक्टूबर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई में अपने भाषण के दौरान उन्होने कहा, “विकसित देशों की इस संदर्भ में बड़ी भूमिका है। यही वजह है कि मैंने भारत सहित तमाम देशों का आह्वान किया है कि वह रिन्यूबल ऊर्जा की तैनाती में तेजी लाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं को बनाने के लिए एक साथ बढ़े। और इसीलिए मैं JETP की स्थापना का स्वागत करता हूं।”
    उसके बाद, एमिशन्स गैप रिपोर्ट को लॉंच करते हुए भी उन्होने JETP पर अपना रुख़ दोहराया और भारत की भूमिका पर रौशनी डाली। उन्होने कहा, “उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को भी आगे बढ़ कर आना होगा और कुछ अधिक करना होगा। JETP की मदद से कोयले पर निर्भर अर्थव्यवस्थाओं को क्लीन और ग्रीन एनेर्जी का रुख़ करने में मदद मिलगे। फिलहाल यह साझेदारियां भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम में आगे बढ़ रही हैं।”
    है क्या JETP?
    जस्ट एनेर्जी ट्रांज़िशन पार्टनर्शिप य JETP की अवधारणा पिछले साल सीओपी 26 में शुरू हुई थी जब फ्रांस, जर्मनी, यूके, यूएस और ईयू मिल कर दक्षिण अफ्रीका को तकनीकी और आर्थिक मदद दे कर डीकारबनाइज़ या कार्बन मुक्त करने के लिए एक साथ आगे आए। इस साझेदारी के तहत, यह देश अगले तीन से पाँच सालों में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय जलवायु कार्यक्रम को लागू करने में मदद के लिए $ 8.5 बिलियन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस सहयोग की मदद से इन देशों का उद्देश्य है कि दक्षिण अफ्रीका अपनी अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करे, कोयले से दूर जाये, और एक कम उत्सर्जन वाली क्लीन और ग्रीन ऊर्जा व्यवस्था का विकास कर सके।
    विशेषज्ञ की राय
    लप्पीनरांता युनिवेर्सिटी ऑफ टेक्नालजी, फ़िनलैंड, शोधार्थी और एनेर्जी ट्रांज़िशन एक्सपर्ट, मनीष राम कहते हैं,“मुझे लगता है कि यह भारत के लिए एक शानदार अवसर है जिस पर उसे गंभीरता से विचार करना चाहिए। भारत का कोयले के लिए ऐसा मोह समझ से परे है। चीन भारत से 4-5 गुना अधिक कोयले की खपत करता है, लेकिन भारत न जाने क्यों कोयले के उपभोग का वैश्विक चेहरा बनने पर आमादा सा दिखता है।“ मनीष आगे समझाते हैं कि, “रणनीतिक रूप से भारत G7 के सामने भारत कि स्थिति बढ़िया है। भारत को इस सहयोग के लिए तब ही हामी भरनी चाहिए जब G7 इसमें वित्त पोषण के साथ भारत में उत्पादन पर भी राज़ी हो। ऐसा इसलिए ज़रूरी है क्योंकि एनेर्जी ट्रांज़िशन के न्यायसंगत या जस्ट होने के लिए उसमें रोजगार पैदा करने और सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ाना बेहद ज़रूरी है। और इसी वजह से घरेलू उत्पादन पर भारत को ज़ोर देना चाहिए।
    ध्यान रहे, एक विचारधारा ऐसी भी है जो कहती है कि यह सब कुछ दरअसल एक बड़े भूराजनीतिक खेल का हिस्सा है। दरअसल यूक्रेन में युद्ध के चलते G7 भारत को अपने पक्ष में करना चाहेगा। फिलहाल खनिजों के मामले में चीन इस समय सबसे मजबूत स्थिति में है। ऐसे में G7 देशों के लिए कम लागत पर निर्माण करने के लिए भारत एक बढ़िया विकल्प है। शायद यह भी एक वजह हो सकती है G7 द्वारा भारत को इस साझेदारी के लिए लुभाने का।
    मनीष का मानना है, “G7 से मिली आर्थिक मदद से न सिर्फ़ भारतीय अर्थव्यवस्था को काफ़ी लाभ होगा, ऊर्जा की लागत कम होगी, बल्कि साथ ही स्थानीय रोजगार बनेंगे और भारत के पर्यावरण पर भी इसका बढ़िया असर देखने को मिलेगा।”

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में दाऊ वासुदेव चंद्राकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में दाऊ वासुदेव चंद्राकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

    रायपुर;30 अक्टूबर 2022\ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में दाऊ वासुदेव चंद्राकर की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

    उल्लेखनीय है कि दाऊ वासुदेव चंद्राकर ने आजीवन किसानों और मजदूरों के हित मे काम किया। वे किसानों और मजदूरों को संगठित करने के साथ उनके उत्थान के लिए सक्रिय रहे। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। छत्तीसगढ़ की सभ्यता और संस्कृति को उन्होंने बढ़ावा देने का काम किया।

  • आदिवासियों का आरक्षण छीनने पर कांग्रेस की पोल खुली : भाजपा

    आदिवासियों का आरक्षण छीनने पर कांग्रेस की पोल खुली : भाजपा

    रायपुर,30 अक्टूबर 2022\ भाजपा नेताओं ने भूपेश सरकार द्वारा के. पी. खांडे को राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसके पीछे भूपेश बघेल की मिलीभगत और षड्यंत्र से आदिवासियों को छलने और जातियों को आपस में लड़ाने का गंदा खेल खेला जा रहा है।

    प्रेस वार्ता के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता  विक्रम उसेंडी,केदार कश्यप,लता उसेंडी व विकास मरकाम ने कहा
    विगत दिनों आदिवासियों का 32% आरक्षण भूपेश सरकार की “ऐच्छिक नाकामी” के परिणाम स्वरूप माननीय उच्च न्यायालय से अपास्त घोषित हुआ। यह सभी जानते है कि 32% आरक्षण को निरस्त घोषित करने के पक्ष में, पैरोकारी करने वाले एक मुख्य पक्षकार केपी खांडे जी है। 32% आरक्षण को निरस्त घोषित कराने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। जिसका इनाम देते हुए भूपेश सरकार ने उन्हें राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। यह आदिवासियों के गाल पर करारा तमाचा नही तो और क्या है? ये भूपेश सरकार की दोहरी और दोगली नीति उदाहरण और प्रमाण नही तो क्या है? प्रदेश में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को लड़ाकर अंग्रेजो वाली तरकीबें अपनाना बंद कीजिए भूपेश जी। “फूट डालो राज करो” की आपकी नीति उजागर हो चुकी है।

    भाजपा नेताओं ने भूपेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा भूपेश जी एक तरफ आप आदिवासी हितैषी और पक्षधर होने का ढोंग करते हो, दूसरी तरफ आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार छीनने के लिए जिम्मेदार लोगों को आप पुरस्कृत करते है। आदिवासी समाज को ठगते हुए, झांसा देते हुए आपको शर्म आनी चाहिए।

    इससे पूर्व भूपेश बघेल सरकार ने ओबीसी समाज को 27% आरक्षण देने का ड्रामा किया। बाद में अपने ही करीबी कुणाल शुक्ला को माननीय हाईकोर्ट में खड़ा करके उस पर स्टे लगवा दिया, और फिर बाद में कुणाल शुक्ला को भूपेश सरकार ने पुरस्कार देते हुए कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष नियुक्त कर ओबीसी समाज के गाल पर करारा तमाचा मारा था।

    भाजपा नेताओं ने भूपेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहते है भूपेश जी छत्तीसगढ़ की एक जाति को दूसरे जाति से लड़ाने का यह गंदा खेल खेलना बंद कीजिए। के पी खांडे को पुरुष्कार स्वरूप राज्य अनुसूचित जाति आयोग के रूप नियुक्त करना यह प्रमाणित करता है कि आदिवासियों का 32% आरक्षण छीनकर आदिवासी हितों को चोट पहुंचाने में आपकी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। अब आपकी पोल खुल चुकी है।

    भाजपा नेताओं ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी आदिवासियों से नफरत करती हैं और मोहरा बनाकर लोगों का इस्तेमाल करके आदिवासियों को, उनकी संस्कृति को खत्म करना चाहते हैं उनके अधिकारों को छीन कर उन्हें खून के आंसू रुलाना चाहते हैं।

  • पार्टी लाइन से बाहर बयानबाजी और सोशल मीडिया में टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई

    पार्टी लाइन से बाहर बयानबाजी और सोशल मीडिया में टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई

    रायपुर,30 रायपुर 2022। पार्टी लाईन से हटकर बयानबाजी, सोशल मीडिया में पोस्ट / अर्नगल टिप्पणी, वरिष्ठ नेताओं के प्रोटोकाल / सम्मान का उल्लंघन करने वाले कार्यकर्ताओं / पदाधिकारियों पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री संगठन अमरजीत चावला ने सभी जिलाध्यक्षों व ब्लाक अध्यक्षों को पत्र लिखा है। कोई पदाधिकारी/कार्यकर्ता अनुशासनहीता करता है, तो उस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा गया है।

    अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, एआईसीसी सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. चंदन यादव की उपस्थिति में 28 अक्टूबर 2022 को राजीव भवन, रायपुर में सम्पन्न प्रदेश पोलिटिकल अफेयर कमेटी की प्रथम बैठक में निर्णय लिया गया है की पार्टी लाईन से हटकर बयानबाजी, सोशल मीडिया में पोस्ट / अर्नगल टिप्पणी, वरिष्ठ नेताओं के प्रोटोकाल / सम्मान का उल्लंघन करने वाले कार्यकर्ताओं / पदाधिकारियों पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाएगा।

  • यह कानून का राज है या नक्सलियों का जंगलराज- भाजपा

    रायपुर 30 अक्टूबर 2022/

     

    रायपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा आये दिन तथाकथित जनअदालत लगाकर निर्दोष आदिवासियों की सिलसिलेवार निर्मम हत्या की कड़ी में एक बार फिर बीजापुर जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र के कोतापल्ली में ग्रामीण की हत्या पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार नहीं चाहती कि नक्सलवाद खत्म हो।

    प्रदेश भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कांग्रेस और नक्सलियों के बीच संबंध होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी कांग्रेस पार्टी के एक पदाधिकारी नक्सलवादियों का इलाज कराने तेलंगाना पहुंचे थे और वहां महिला व पुरुष नक्सलियों के साथ पकड़े गए। कांग्रेस उन नक्सलियों की मददगार बनी हुई है, जो बर्बरता से छत्तीसगढ़ के बेकसूर, भोले भाले आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं। इससे पहले शहीदी सप्ताह में भी 12000 नक्सलियों ने रैली निकालकर अपनी ताकत दिखाई थी। 6 महीने तक उस आयोजन की तैयारी चली। लेकिन कांग्रेस सरकार आंख मूंद कर सोती रही। बच्चों के सामने पिता की जो निर्मम हत्या हुई है, जिस तरह नक्सली जब चाहे, ग्रामीणों का अपहरण कर उनकी हत्या कर रहे हैं, उसके लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।

    प्रदेश भाजपा प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और उसकी राज्य सरकार के मुखिया कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में कानून का राज है। कांग्रेस बताये कि नक्सली अपनी अदालत लगाकर लोगों को मौत की सजा सुना रहे हैं और हत्या कर रहे हैं तो क्या छत्तीसगढ़ में यही कानून का राज है? जनता ने ऐसे जंगल राज के लिए कांग्रेस को राज्य की जिम्मेदारी नहीं सौंपी है। कांग्रेस और नक्सलियों के रिश्ते की जांच बहुत जरूरी हो गई है।