Category: बिग न्यूज़

  • पुल टूटा नहीं, बस लोहे की रस्सियां खुल गयीं

    पुल टूटा नहीं, बस लोहे की रस्सियां खुल गयीं

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    ये लो, कर लो बात। अब पीएम जी का अच्छा पहनना-ओढऩा भी इन भारत विरोधी विपक्षियों की आंखों में खटकने लगा। कह रहे हैं कि मोरबी के झूलते पुल के चक्कर में मौत की बांहों में झूल गए करीब डेढ़ सौ लोगों के लिए पीएम जी के आंसुओं को सच्चा तो हम भी मानना चाहते थे, पर पीएम जी का डिजाइनर हैट बीच में आ गया। वैसे तो पीएम जी को त्रासदी के अगले ही दिन, तीन आयोजनों में, चार अलग-अलग ड्रेसों में फोटो भी नहीं खिंचाने चाहिए थे। पर बाकी पोशाकें तो चलो फिर भी हजम कर ली जाएं, पर हैट लगाकर दु:ख नहीं जताना चाहिए था। कह रहे हैं कि जहां हैट-टाई-कोट का चलन है, वहां भी दु:ख जताने के लिए हैट उतार कर नंगा सिर झुकाते हैं। फिर यहां तो हैट भी शौकिया था; मोदी जी को कम से कम शोक के मौके पर हैट का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए था!

    हमें अच्छी तरह से पता है कि हैट का तो बहाना है, पीएम जी के सुंदर दीखने पर ही विपक्षियों का निशाना है। इन्हें दिक्कत इससे है कि जो सत्तर साल में नहीं हुआ, अमृत काल में हर रोज हो रहा है; नये इंडिया का पीएम किसी गरीब देश का पीएम नहीं, विकासशील देश का पीएम नहीं, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पीएम की पोशाकों में चमक रहा है। विश्व के सबसे ताकतवर देशों के राजनेता भी पहली बार न सिर्फ हमारे पीएम की पोशाकों की तारीफ करने लगे हैं, बल्कि उन्होंने तो इसका पता लगाने के लिए जासूस तक छोड़े हुए हैं कि मोदी जी के ड्रेस डिजाइनर कौन हैं, क्या उनके ड्रेस डिजाइनर उन्हें भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं?

    पीएम चमक रहा है यानी देश चमक रहा है। पीएम की चमक-दमक में ही तो देश की चमक है, देश का गौरव है। मोदी जी के इन विरोधियों ने भारत को इतने समय तक गरीब बनाए रखा था कि ये मान ही नहीं सकते हैं कि पीएम सजेगा-धजेगा,l तभी नये इंडिया का पीएम लगेगा।

    रही हैट की बात, तो मोदी जी को हैट का शिष्टाचार सिखाने की अशिष्टता कोई नहीं करे। वैसे भी शोक में सिर नंगा कर के झुकाने की पश्चिमी रिवायत का हम आंख मूंदकर पालन क्यों करते रहेंगे और कब तक? यह कोई नहीं भूले कि मोदी जी ने अमृत काल का उद्घाटन करते हुए, लाल किले से जिन पांच प्रणों का एलान किया था, उनमें एक प्रण विदेशी प्रभावों से पूरी तरह से मुक्ति का भी है। अब तक नहीं होने से क्या हुआ, कम से कम अब इस विदेशी रिवायत से भी मुक्ति का समय आ गया है कि शोक में सिर नंगा कर के दिखाना होगा। हम अब अपने ही तरीके से शोक जताएंगे, हैट पहनकर ही आंसू गिराएंगे; कोई रोक सकता हो, तो रोक ले।

    और हैट-हैट का शोर मचाकर, इसका कनैक्शन सूट-बूट की सरकार से जोडऩे की कोशिश कोई नहीं करे। और यह तो सरासर झूठा प्रचार ही है कि मोदी जी ने शोक जताने के मौके पर हैट पहना था। मौका शोक जताने का तो था ही नहीं। मोरबी वालों को तो खुश होना चाहिए कि मोदी जी ने उनका विशेष ख्याल किया और खुशी के मौके पर भी अपने भाषण में, दु:ख का संदेश घुसा दिया। वर्ना मौका तो पुराने वाले सरदार साहब के जन्मदिन पर, एअर शो के जरिए उन्हें सलामी देने का था। मोदी जी ने तो हैट को भी अपने सिर पर सिर्फ इसलिए जगह दी थी कि एअर शो और हैट की अच्छी मैचिंग है। दोनों एक ही जगह से जो आए हैं। वर्ना मोदी जी को पगडिय़ों की आत्मनिर्भरता का कितना शौक है, यह तो सभी जानते ही हैं। जितनी तरह की पगडिय़ां मोदी ने आठ साल में पहन कर और फोटो खिंचाकर उतार दी हैं, उतनी तो नेहरू जी ने सोलह साल में देखी भी नहीं होंगी। खैर पगड़ी हो तो और हैट हो तो, मोदी जी शोक में अपना गंजा सिर हर्गिज नहीं दिखाएंगे। आखिर, पीएम की सुदर्शनीयता में ही, देश का गौरव है।

    और जो विरोधी, देश की शोभा बढ़ाने के लिए पीएम के जरा से सजने-धजने में मीन-मेख निकालने से बाज नहीं आते हैं, उनसे पीएम के शोक में मोरबी जाने के मौके पर, वहां का अस्पताल चमकाए जाने को पसंद करने की उम्मीद कोई कर ही कैसे सकता है। मार तमाम शोर मचाए जा रहे हैं कि त्रासदी के घायलों की परवाह करना छोडक़र, अस्पताल वाले पीएम जी की अगवानी की तैयारियों में जुटे हैं। रातों-रात सफाई, मरम्मत, सब पर ध्यान है, बस घायलों की ही तरफ किसी का ध्यान नहीं है।

    शोक की यह शोबाजी तो, घायलों और उनके परिवार वालों की तकलीफें ही बढ़ाने वाली है, वगैरह। लेकिन, यह सब शुद्ध नकारात्मकता है। वर्ना सिंपल सी बात है। मोदी जी घायलों को देखने अस्पताल जाएंगे, तो उनके साथ कैमरे जाएंगे या नहीं? कैमरे कितने भी मोदी जी पर ही फोकस्ड रहें, मरीज, अस्पताल वगैरह भी किसी न किसी फ्रेम में तो आएंगे या नहीं? सब साफ-सुथरा बल्कि चमचमाता हुआ नहीं होगा, तो क्या सारी दुनिया में भारत की, गरीब देश की छवि ही नहीं चली जाएगी? विपक्ष वाले चाहें तो भी, मोदी जी ऐसा हर्गिज नहीं होने देंगे। फ्रेम में चाहे सिर्फ वही रहें, पर दुनिया में भारत की छवि संपन्न देश की बनाकर रहेंगे।

    रही मोरबी के झूला पुल के टूटने की बात, तो मोदी जी की डबल इंजन सरकार ने पहले ही एलान कर दिया है कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। पीएम जी के आंसुओं के बाद, सच पूछिए तो इसकी जरूरत ही नहीं थी। हाथी के पांव में सब का पांव। फिर भी डबल इंजन ने जीरो टॉलरेंस कहा ही नहीं, कर के भी दिखाया है। पुल की मरम्मत करने वाले मजदूरों से लेकर, टिकट देने वालेे क्लर्कों और चौकीदारों तक सब को, पीएम जी के पहुंचने से पहले ही हवालात की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। आने वाले दिनों में और भी पकड़े जा सकते हैं, झूलते पुल को हिलाने वाले। केंद्रीय जांच एजेंसियां भी चुनाव से ठीक पहले षडयंत्र के एंगल से जांच करेंगी। कोई दोषी बचकर जाने नहीं पाएगा। बस प्लीज, झूलते पुल की मरम्मत कराने वालों, पुल के रखरखाव-संचालन का ठेका लेने वालों, पुल ठेके पर देने वालों का नाम, इस सब में खामखां में कोई नहीं घसीटे। डबल इंजन सरकार को तो हर्गिज नहीं।

    वैसे भी यह तो कहना ही गलत है कि मोरबी का झूलता पुल टूटने से इतनी मौतें हुई हैं। पुल तो टूटा ही इसलिए कि उसके टूटने से इतनी मौतें होनी लिखी थीं। वैसे यह भी कहा जा सकता है कि पुल टूटा नहीं है, बस लोहे की रस्सियां खुल गयी हैं, जिनसे पुल बंधा था। आइंदा पुलों की रस्सियां वगैरह बांधे रखने के लिए, क्या नये-पुराने सभी पुलों के दोनों सिरों पर, हनुमान जी की तस्वीर नहीं लगा सकते हैं? अर्थव्यवस्था से लेकर दवा तक, अमृत काल में देवी-देवताओं ने अपने आशीर्वाद की जरूरत ही इतनी बढ़ा दी है कि मोदी जी भी क्या करेें!

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बड़ी घोषणा, सभी ज़िला मुख्यालय में की जाएगी छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा की स्थापना

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बड़ी घोषणा, सभी ज़िला मुख्यालय में की जाएगी छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा की स्थापना

    रायपुर,02 नवम्बर 2022\ तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पहले दिन राजधानी रायपुर के साइंस कालेज मैदान में जबरदस्त माहौल देखने को मिला। महोत्सव के पहले दिन विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही विदेशी कलाकारों ने अपने नृत्य कौशल से सभी को अचंभित किया। वहीँ राज्यपाल अनुसूइया उइके एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर राज्य अलंकरण समारोह का शुभारंभ किया।इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा की स्थापना की घोषणा की

    राज्य अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज राज्य स्थापना दिवस समारोह और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही आज प्रदेश में धान ख़रीदी की शुरुआत हुई। आज राज्योत्सव के मौके पर राज्य अलंकरण समारोह का भी आयोजन किया जा रहा है। अलंकरण समारोह के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों का सम्मान करके हम स्वयं गौरवान्वित महसूस करते हैं, इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलती है।

    छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का तीसरी बार आयोजन हो रहा है। प्रतिवर्ष इसमें प्रतिभागी के तौर पर शामिल होने वाले राज्य और देशों की संख्या बढ़ रही है। आदिम संस्कृति प्रकृति के साथ, प्रकृति की रक्षा करते हुए अपनी ज़रूरतों को पूरा करती है। आदिम संस्कृति के जीवनशैली से प्रेरणा लेकर हम आगे बढ़ेंगे तो पर्यावरण की रक्षा कर पाएँगे। दुनियाभर के आदिम संस्कृति में एकरूपता दिखती है। यह वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को दर्शाता है।

    सीएम बघेल ने आगे कहा कि राज्य अलंकरण समारोह समाज के ऐसे व्यक्ति जो विभिन्न क्षेत्रों में निःस्वार्थ सेवा करते हैं उन्हें दिया जा रहा है। अलंकरण समारोह के माध्यम से सम्मान करके हम स्वयं गौरान्वित महसूस करते हैं। आप सभी के कृतित्व से समाज को प्रेरणा मिलती है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव पूरी दुनिया में सिर्फ छत्तीसगढ़ में होता है आदिम संस्कृति प्रकृति का संरक्षण करते हुए आगे बढ़ती है। नृत्य कला देखकर लगा कि सभी आदिवासियों की कला में बहुत समानता है। आज छत्तीसगढ़ के मंच पूरी दुनिया की आदिवासी संस्कृति को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

    देखें कार्यक्रम का LIVE प्रसारण 

    https://twitter.com/ChhattisgarhCMO/status/1587440590672654336
  • भारतीय जनता पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस को गौरव दिवस के रूप में मनाया गया

    भारतीय जनता पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस को गौरव दिवस के रूप में मनाया गया

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    छत्तीसगढ़। आज भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में राज्य स्थापना दिवस को परम श्रधेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की पुण्य स्मृति में छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के रूप मनाया गया। जिसमे अंतर्गत आज भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पूरे राज्य भर सभी बूथों में में गौरव दिवस मनाया गया। प्रत्येक ग्रांम पंचायत के अटल चौक पर अटल जी के छाया चित्र पर दीपप्रज्वलन कर माल्यार्पण किया गया व सभी जगह नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया तथा वक्ताओं ने श्रधेय अटल जी के जीवनी एवं उनके राजनीति जीवन के बारे मे विस्तार पूर्वक रोशनी डाली ।


    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने
    छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर आज अपने संसदीय क्षेत्र बिलासपुर के जयराम नगर रेलवे स्टेशन एवं उसलापुर रेलवे स्टेशन पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर द्वारा आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर नवनिर्मित फूट ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा दीनदयाल जी के अंत्योदय के सिद्धांत कि अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुचे उसे साकार करने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की, वे जानते थे कि राज्य बनने के पश्चात कांग्रेस को सत्ता मिलेगी व भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ेगा परंतु उन्होंने बिना किसी भेदभाव के जनहित में छत्तीसगढ़ का निर्माण किया ऐसे त्यागी पुरुष विरले ही होते हैं।
    ग्राम बोड़सरा अटल चौक में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मा. नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण चंदेल सम्मिलित हुए तथा ग्राम वासियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी ने जो सपना लेकर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था, भाजपा के 15 वर्ष के शासन में वह सपना साकार होता दिख रहा था। परंतु अभी कांग्रेस के 4 वर्षों के शासन ने विकास की रेल रोक दी । उन्होंने कहा कि जनता के हित में इस अन्यायी शासन के खिलाफ लड़कर जनता को उनका हक दिलाना ही अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
    राजधानी रायपुर में वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं के साथ अटल जी को याद किया उन्होंने कहा कि भाजपा सपने नहीं दिखाती है संकल्प लेती है और संकल्प को पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाती है। चाहे कश्मीर से धारा 70 हटाने के बात हो या प्रभु श्री राम जी के जन्म स्थल पर भव्य मंदिर निर्माण की बात हो। चुनावी सभा में अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का वचन दिया था और सरकार में आते ही उसे पूरा कर अपना वादा निभाया।
    भाजपा रायपुर जिला ने जिलाध्यक्ष जयंती पटेल की उपस्थिति में दीपोत्सव मना कर व महिला मोर्चा द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की रंगोली बनाकर राज्य निर्माण के लिए अटल जी को धन्यवाद दिया।
    मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर जी ने ग्राम वासियों के साथ छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के लिए अटल जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें धन्यवाद अर्पित किया।

  • LS3 का अंतर्जातीय विवाह समारोह में मातेश्वरी साहू एवं मनोहर मीरज ने किया आदर्श विवाह

    LS3 का अंतर्जातीय विवाह समारोह में मातेश्वरी साहू एवं मनोहर मीरज ने किया आदर्श विवाह

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    जनवादी ,प्रगतिशील, मानवतावादी उद्देश्यों व कार्यक्रमों को संचालित करने वाली संस्था —
    “लोक समता शिक्षण समिति”[LS3][पं.क्र.-1221096058 ]द्वारा जातिवादी भेदभाव ,धार्मिक पाखंड ,दिखावा-फ़िजुलखर्च विरोधी एवं संवैधानिक आजाद ख्यालात से संवैधानिक आदर्श विवाह करने का अभियान चलाया जा रहा है ।

    LS3 के इस अभियान के अंतर्गत अंतर्जातीय विवाह के लिए सुश्री मातेश्वरी साहू उम्र 21 वर्ष एवं श्री मनोहर मीरज उम्र 22 वर्ष [दोनों मूल निवासी ग्राम- कोठार पोस्ट- पिपरिया, थाना- पिपरिया, तहसील-कवर्धा, जिला- कबीरधाम (छ.ग.)] से हलफ़नामायुक्त आवेदन LS3 को प्राप्त हुआ।* इस आवेदन का तथ्यान्वेषण पश्चात सभी बातें कानून सम्मत पाये जाने पर उनका विवाह दि. 01-11-2022 को LS3 आफिस बिलासपुर [छ.ग.]में सम्पन्न हुआ। इस समारोह में श्री लखन सुबोध [Ls3 के संरक्षक एवं GSS प्रमुख] ने भारतीय संविधान ग्रंथ को साक्षी मानकर उन्हें वैवाहिक शपथ दिलाया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से श्री रफिक खान (सुप्रसिद्घ संगीत,नाटक डायरेक्टर), श्री बी.सी. जाटव (SBI के पूर्व सीनीयर मैनेजर एवं बामसेफ नेता),श्री दिलीप गुप्ता,सुश्री रुखमणी मानिकपुरी के साथ वर-वधु पक्ष से श्री गंगाप्रसाद,श्री रामाधार साहू,श्री गजेन्द्र सतनामी,श्री बद्री साहू, श्री लालचंद मीरज,श्री गोपाल गोंड़,सुश्री खजानाबाई,सुश्री रेखा साहू आदि समारोह में उपस्थित रहे।

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  • वर्ल्‍ड एनर्जी आउटलुक 2022: वैश्विक ऊर्जा संकट खोल सकता है स्‍वच्‍छ ऊर्जा उत्पादन और खपत के रास्ते

    वर्ल्‍ड एनर्जी आउटलुक 2022: वैश्विक ऊर्जा संकट खोल सकता है स्‍वच्‍छ ऊर्जा उत्पादन और खपत के रास्ते

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    आईईए के वर्ल्‍ड एनर्जी आउटलुक (World Energy Outlook) के ताजा संस्‍करण के मुताबिक युक्रेन पर रूस की सैन्‍य कार्रवाई के कारण उत्‍पन्‍न हुआ वैश्विक ऊर्जा संकट गहरे और लम्‍बे वक्‍त तक बरकरार रहने वाले बदलावों की वजह बन रहा है। इन परिवर्तनों में ऊर्जा प्रणाली में अधिक टिकाऊ और सुरक्षित रूपांतरण को तेज करने की क्षमता रखते हैं।

    आज का ऊर्जा संकट अभूतपूर्व व्‍यापकता और जटिलता भरा झटका दे रहा है। गैस, तेल और बिजली के बाजारों में इसके सबसे बड़े झटके महसूस किये जा रहे हैं। तेल के बाजार में खासी खलबली के बाद आईईए के सदस्‍य देशों द्वारा गैर-समानांतर स्‍तर पर दो तेल स्‍टॉक जारी करने पड़े ताकि और अधिक गम्‍भीर दिक्‍कतों को टाला जा सके। वर्ल्‍ड एनर्जी आउटलुक (डब्‍ल्‍यूईओ) 2022 में आगाह किया गया है कि अविश्वसनीय भू-राजनीतिक और आर्थिक चिंताओं के साथ ऊर्जा बाजार बेहद कमजोर बने हुए हैं और यह संकट वर्तमान वैश्विक ऊर्जा प्रणाली की नजाकत और अस्थिरता का एहसास कराता है।

    डब्‍ल्‍यूईओ के विश्‍लेषण से कुछ वर्गों द्वारा किये जा रहे उन दावों के समर्थन में बहुत कम सुबूत मिलते हैं कि जलवायु सम्‍बन्‍धी नीतियों और नेट जीरो से जुड़े संकल्‍पों के कारण ऊर्जा के दामों में वृद्धि हुई है। सबसे ज्‍यादा प्रभावित क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा की ज्‍यादा हिस्‍सेदारी का सम्‍बन्‍ध बिजली की कम कीमतों से है और अधिक दक्षतापूर्ण घरों और विद्युतीकृत ऊष्‍मा ने कुछ उपभोक्‍ताओं के लिये महत्‍वपूर्ण राहत दी, अलबत्‍ता ये नाकाफी है। सबसे ज्‍यादा बोझ गरीब परिवारों पर पड़ रहा है जो अपनी आमदनी का बड़ा हिस्‍सा बिजली पर खर्च करते हैं।

    उपभोक्‍ताओं को संकट से बचाने की कोशिश के तहत उठाये जाने वाले अल्‍पकालिक कदमों के साथ-साथ अनेक सरकारें अब दीर्घकालिक कदम भी उठा रही हैं। कुछ सरकारें तेल और गैस आपूर्ति को बढ़ाने और उनका विविधीकरण करने की कोशिश कर रही हैं जबकि अनेक अन्‍य अपने यहां ढांचागत बदलावों के तेज करने के प्रयास में लगी हैं। सबसे उल्‍लेखनीय कदमों में अमेरिका का इंफ्लेशन रिडक्‍शन एक्‍ट, यूरोपीय संघ को फिट टू 55 पैकेज और आरई पावर ईयू, जापान का ग्रीन ट्रांसफॉर्मेशन (जीएक्‍स) कार्यक्रम और कोरिया का अपने ऊर्जा मिश्रण में परमाणु और अक्षय ऊर्जा की हिस्‍सेदारी को बढाने का लक्ष्‍य तथा चीन और भारत के अक्षय ऊर्जा सम्‍बन्‍धी महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य शामिल हैं।

    पूरी दुनिया में ताजा नीतियों से निर्मित माहौल पर आधारित डब्‍ल्‍यूईओ के स्‍टेटेड पॉलिसीज सिनैरिया में इन नये कदमों से वर्ष 2030 तक वैश्विक स्‍तर पर स्‍वच्‍छ ऊर्जा निवेश को बढ़ाकर दो ट्रिलियन डॉलर से ज्‍यादा करने में मदद मिलेगी, जो आज के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्‍यादा होगी। बाजार पुनर्संतुलित हो रहे हैं, ऐसे में आज के संकट से कोयले को मिल रही बढ़त दरअसल अस्‍थायी है क्‍योंकि परमाणु ऊर्जा द्वारा समर्थित अक्षय ऊर्जा में स्‍थायी रूप से वृद्धि हो रही है। परिणामस्‍वरूप, वर्ष 2025 में वैश्विक स्‍तर पर उत्‍सर्जन अपने उच्‍च स्‍तर पर पहुंच जाएगा। ठीक उसी वक्‍त दुनिया के विभिन्‍न देश रूस-यूरोप के प्रवाह के टूटने के कारण अंतर्राष्‍ट्रीय ऊर्जा बाजार 2020 के दशक में एक गहन पुनर्रचना से गुजरेंगे।

    आईईए के अधिशासी निदेशक फातिह बिरोल ने कहा “युक्रेन में रूस की सैन्‍य कार्रवाई के परिणामस्‍वरूप ऊर्जा बाजार और नीतियां बदल गयी हैं। न सिर्फ अभी के लिये बल्कि आने वाले दशकों तक इसका असर बाकी रहेगा। यहां तक कि आज की नीतियों के तहत भी ऊर्जा की दुनिया हमारी आंखों के सामने नाटकीय रूप से बदल रही है। दुनिया भर की सरकारों द्वारा इस पर दी जा रही प्रतिक्रियाएं इसे एक अधिक स्‍वच्‍छ, ज्‍यादा किफायती और अधिक सुरक्षित ऊर्जा प्रणाली बनाने के लिहाज से ऐतिहासिक और निश्‍चयात्‍मक टर्निंग प्‍वाइंट साबित करेंगी।”

    पहली बार, आज की प्रचलित नीति व्‍यवस्‍था के आधार पर एक डब्‍ल्‍यूईओ परिदृश्य (इस मामले में, घोषित नीतियां परिदृश्य) में शिखर या उससे कुछ कम (plateau) प्रदर्शित करने वाले हर जीवाश्म ईंधन की वैश्विक मांग है। इस परिदृश्‍य में अगले कुछ सालों में कोयले का इस्‍तेमाल कम हो जाएगा, इस दशक के अंत तक प्राकृतिक गैस की मांग स्थिर हो जाएगी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती बिक्री का मतलब है कि इस सदी के मध्‍य तक कुछ कम होने से पहले 2030 के दशक के मध्‍य में तेल की मांग खत्‍म हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि जीवाश्म ईंधन की कुल मांग 2020 के मध्य से 2050 तक एक बड़े तेल क्षेत्र के जीवनकाल के उत्पादन के बराबर वार्षिक औसत से लगातार घट रही है। डब्‍ल्‍यूईओ के अधिक जलवायु-केंद्रित परिदृश्यों में गिरावट बहुत तेज तथा अधिक स्पष्ट है।

    18वीं सदी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत से ही जीडीपी के साथ-साथ वैश्विक स्‍तर पर जीवाश्‍म ईंधन का इस्‍तेमाल भी बढ़ा है :

    इस वृद्धि को पलट देना ऊर्जा इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। घोषित नीतियों के परिदृश्य में वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में जीवाश्म ईंधनकी हिस्सेदारी 2050 तक लगभग 80% से गिरकर 60% से अधिक हो जाएगी। वैश्विक स्‍तर पर कार्बन डाई ऑक्‍साइड का उत्सर्जन प्रति वर्ष 37 बिलियन टन के उच्च बिंदु से 2050 तक 32 बिलियन टन तक धीरे-धीरे वापस आ जाता है। यह वर्ष 2100 तक वैश्विक औसत तापमान में लगभग 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ जुड़ा होगा, जो गंभीर जलवायु परिवर्तन प्रभावों से बचने के लिए पर्याप्त नहीं है। सभी जलवायु प्रतिज्ञाओं पर पूरी तरह से अमल दुनिया को सुरक्षित भविष्‍य की ओर ले जाएगी, लेकिन आज की प्रतिज्ञाओं और वैश्विक तापमान में लगभग 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के स्थिरीकरण के बीच अब भी एक बड़ा अंतर है।

    आज सोलर पैनल, वायु, इलेक्ट्रिक वाहन और बैट्री के इस्‍तेमाल की बढ़ती दर अगर बरकरार रही तो इससे स्‍टेटेड पॉलिसीज सिनैरियो में अनुमानित गति से ज्‍यादा रफ्तार से रूपांतरण होगा। हालांकि इसके लिये सहयोगात्‍मक नीतियों की जरूरत होगी। न सिर्फ शुरुआती बढ़त बनाये बाजारों में बल्कि पूरी दुनिया में भी। बैट्री, सोलर पीवी और इलेक्‍ट्रोलाइजर समेत कुछ प्रमुख प्रौद्योगिकियों की आपूर्ति श्रंखलाओं में उन दरों से वृद्धि हो रही है जो व्‍यापक वैश्विक महत्‍वाकांक्षा का समर्थन करती हैं। अगर सोलर पीवी के लिये घोषित सभी निर्माण विस्‍तार योजनाएं परवान चढ़ीं तो निर्माण क्षमता वर्ष 2030 में घोषित प्रतिज्ञा परिदृश्य में तैनाती के स्तर से लगभग 75% अधिक होगी। हाइड्रोजन उत्‍पादन के लिये इलेक्‍ट्रोलाइजर के मामले में सभी घोषित परियोजनाओं की क्षमता में सम्‍भावित वृद्धि करीब 50 प्रतिशत होगी।

    इस साल के डब्‍ल्‍यूईओ के मुताबिक ऊर्जा निवेश में भारी वृद्धि करने के लिये अधिक मजबूत नीतियों की आवश्‍यकता होगी। यह निवेश भविष्‍य में कीमतों में होने वाली वृद्धि और भंगुरता के जोखिमों को कम करने लिये जरूरी होगा। वर्ष 2015-2020 की अवधि में कम कीमतों की वजह से ऊर्जा क्षेत्र में हुआ कम निवेश ऐसे खराब हालात के लिये जिम्‍मेदार रहा जिन्‍हें वर्ष 2022 में देखा जा रहा है। अगर स्‍टेट्स पॉलिसीज सिनेरियो में वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़कर दो ट्रिलियन डॉलर तक हो जाता है तो वर्ष 2050 के नेट जीरो एमिशंस के लिये उसी तारीख तक चार ट्रिलियन डॉलर से ज्‍यादा के निवेश की जरूरत होगी। इससे ऊर्जा क्षेत्र में नये निवेशकों को आकर्षित करने की जरूरत भी रेखांकित होती है। विकसित अर्थव्‍यवस्‍थाओं और उभरती हुई विकासशील अर्थव्‍यवस्‍था के बीच साफ ऊर्जा पर निवेश के स्‍तरों में व्‍याप्‍त चिंताजनक विभाजन को कम करने के लिये प्रमुख अंतर्राष्‍ट्रीय प्रयासों की अब भी फौरी जरूरत है।

    डॉक्‍टर बिरोल ने कहा “स्वच्छ ऊर्जा के लिए पर्यावरणीय मामले को सुदृढ़ करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन लागत-प्रतिस्पर्धी और सस्ती स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के पक्ष में आर्थिक तर्क अब मजबूत हैं – और ऐसा ही ऊर्जा सुरक्षा का मामला भी है। आज की आर्थिक, जलवायु और सुरक्षा प्राथमिकताओं के संरेखण ने केन्‍द्र को दुनिया के लोगों और धरती के लिए बेहतर परिणाम की ओर ले जाना शुरू कर दिया है।”

    “सभी को एक मंच पर लाना जरूरी है। खासतौर पर ऐसे वक्‍त जब ऊर्जा और जलवायु पर भू-राजनीतिक टूटन और ज्‍यादा साफ नजर आने लगी है। इसका मतलब है कि नयी ऊर्जा अर्थव्‍यवस्‍था में देशों का एक व्‍यापक गठजोड़ सुनिश्चित करने के प्रयासों को दोगुना करना होगा। हो सकता है कि अधिक सुरक्षित और सतत ऊर्जा प्रणाली सुनिश्चित करना आसान नहीं हो। मगर आज के संकट ने यह बिल्‍कुल साफ कर दिया है हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत क्‍यों है।”

    क्‍लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने कहा ‘‘दुनिया भर में ऊर्जा की कमजोरियों को उजागर करने वाली वैश्विक फॉल्टलाइन्स अक्षय ऊर्जा के तेजी से उत्थान की उन आवश्यकता को रेखांकित करती हैं जो कि डीकार्बनाइजेशन के केंद्र में होगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगी कि अर्थव्यवस्थाएं और भी अनिश्चित समय में बढ़ती रहें। भारत एक अनोखी स्थिति में खड़ा है। वह इस बात को सुनिश्चित कर सकता है कि सभी नए विकास कार्य अक्षय ऊर्जा से किये जाएं। युद्ध की शुरुआत के बाद से भारत सहित पूरी दुनिया में कोयले की कुल खपत बढ़ रही है। यह ध्‍यान करना उत्साहजनक है कि भारत अपनी अक्षय ऊर्जा उत्‍पादन की गति को निरंतर जारी रखे हुए है और यहां पीवी प्रौद्योगिकी फल-फूल रही है। हालांकि इसे अपने लक्ष्यों को पूरा करने और उत्सर्जन में काफी कमी लाने के लिए गैर-जीवाश्म ऊर्जा को दोगुना करने की जरूरत होगी, जो वर्तमान में आठ गीगाटन होने का अनुमान है। वर्ष 2050 के लिये सीओ2 पिछले वर्ष के आउटलुक से कम है। मुख्य रूप से भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में की गयी नेट जीरो उत्सर्जन सम्‍बन्‍धी प्रतिज्ञाओं के कारण।’’

    रूस अब तक जीवाश्म ईंधन का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है, लेकिन यूक्रेन पर इसका आक्रमण वैश्विक ऊर्जा व्यापार की आमूल-चूल पुनर्रचना को प्रेरित कर रहा है, जिससे वह बहुत कमतर स्थिति में आ गया है। रूस के यूरोप से जुड़े जीवाश्म ईंधन पर आधारित सभी व्यापार संबंधों को अंततः यूरोप की नेट जीरो के सिलसिले में व्‍यक्‍त की गयी महत्वाकांक्षाओं के कारण पिछले डब्‍ल्‍यूईओ परिदृश्यों में कम कर दिया गया था, लेकिन अपेक्षाकृत कम लागत पर रूस की क्षमता का मतलब था कि इसने केवल धीरे-धीरे अपनी जमीन खोयी है। मगर अब यह दरार इतनी तेजी से आयी है जिसकी कुछ ही लोगों ने कल्‍पना की होगी। इस साल डब्‍ल्‍यूईओ के किसी भी परिदृश्‍य में रूस के जीवाश्‍म ईंधन का निर्यात वर्ष 2021 के स्‍तरों के बराबर कभी नहीं हो पायेगा। प्राकृतिक गैस के मामले में रूस का खासतौर पर एशियाई बाजारों में पुनर्रेखण चुनौतीपूर्ण होगा। अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर व्‍यापार के दौर से गुजरने वाली ऊर्जा में रूस की हिस्‍सेदारी वर्ष 2021 में 20 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2030 में स्‍टेट पॉलिसीज सिनैरियो में घटकर 13 प्रतिशत पर आ गिरी है। वहीं, अमेरिका और मध्‍य एशिया की हिस्‍सेदारी बढ़ी है।

    गैस उपभोक्ताओं के लिए आगामी उत्तरी गोलार्ध की सर्दी एक खतरनाक क्षण और यूरोपीय संघ की एकजुटता के लिए एक इम्‍तेहान साबित होगी। वर्ष 2023-24 की सर्दी और भी कठिन हो सकती है। मगर दीर्घकालिक नजरिये से देखें तो रूस की हाल की कार्रवाइयों का एक प्रभाव यह भी है कि गैस की तेजी से बढ़ती मांग अब खात्‍मे की कगार पर है। स्‍टेटेड पॉलिसीज सिनैरियो में ऐसे परिदृश्‍य में जब गैस का सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल हुआ, वर्ष 2021 से 2030 के बीच गैस की मांग में पांच प्रतिशत से भी कम वृद्धि होगी और फिर वर्ष 2050 तक यह एक समान बनी रहेगी। विकासशील अर्थव्‍यवस्‍थाओं वाले देशों में गैस के इस्‍तेमाल का सिलसिला धीमा पड़ा है। खासतौर पर दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में। इससे एक रूपांतरणकारी ईंधन के तौर पर गैस की साख को धक्‍का लगा है।

    डॉक्‍टर बिरोल ने कहा “हो रहे बड़े बदलावों के बीच, उत्सर्जन को कम करते हुए विश्वसनीयता और सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए एक नए ऊर्जा सुरक्षा प्रतिमान की जरूरत है। यही वजह है कि इस साल का डब्‍ल्‍यूईओ 10 सिद्धांत उपलब्‍ध कराता है जिससे नीतिनिर्धारकों को ऐसी अवधि के माध्‍यम से रास्‍ता दिखाने में मदद मिल सकती है, जब जीवाश्‍म ईंधन में गिरावट और विस्‍तार लेती स्‍वच्‍छ ऊर्जा प्रणालियां सह-अस्तित्‍व में हैं। क्‍योंकि चूंकि उपभोक्ताओं के वास्‍ते आवश्यक ऊर्जा सेवाओं को वितरित करने के लिए दोनों प्रणालियों को ऊर्जा संक्रमण के दौरान अच्छी तरह से काम करने की जरूरत होती है। जैसे-जैसे दुनिया आज के ऊर्जा संकट से आगे बढ़ रही है, उसे उच्च और अस्थिर महत्वपूर्ण खनिज कीमतों या अत्यधिक केंद्रित स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला से उत्पन्न होने वाली नई कमजोरियों से बचने की जरूरत है।

  • छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का हुआ शुभारम्भ

    छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का हुआ शुभारम्भ

    रायपुर 2 नवंबर 2022/
    केन्द्रीय सतर्कता आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भष्टाचार के उन्मूलन हेतु सतर्कता जागरूकता सप्ताह दिनांक 31 अक्टूबर से 06 नवम्बर 2022 के दौरान मनाया जा रहा है | इस वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह “”भ्रष्टाचार मुक्त भारत – विकसित भारत” विषय के साथ मनाया जा रहा है | छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, प्रधान कार्यालय रायपुर में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारम्भ श्री अरविन्द मित्तल महाप्रबंधक (सतर्कता) द्वारा सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाकर किया गया | इस अवसर पर संस्था प्रमुख की तरफ से सत्यनिष्ठा की शपथ श्री अजय कुमार निराला महाप्रबंधक (परिचालन) द्वारा ली गयी | इस दौरान बैंक के महाप्रबंधक (प्रशासन) श्री विजय कुमार अग्रवाल, श्री जी.एन मूर्ति (सहायक महाप्रबंधक), श्री सतीश कश्यप (सहायक महाप्रबंधक) श्री मनोज उस्तान, श्री सुभास नायडू, श्री शिशिर शुक्ला, श्रीमती चित्रलेखा साहू, सुरजीत जुनेजा, श्री डी.के धुव्र, श्री विपिन चंदेल,श्री संजय गोयल, श्री बेदी, श्री राकेश कुमार मिश्रा, श्रीमती मेघा श्रीवास्तव, श्री यशवंत अग्रवाल, श्री नवीन शर्मा ,श्री सुधीर पाल, अभिलाष अवस्थी,सहित बैंक के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे |

  • पुनर्वास केंद्र में ट्रांसजेंडर समुदाय ने मनाई दिवाली

    पुनर्वास केंद्र में ट्रांसजेंडर समुदाय ने मनाई दिवाली

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    *रायपुर*- सरोना स्थित तृतीय लिंग पुनर्वास केंद्र गरिमा गृह में दीवाली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. समुदाय के बच्चों ने पटाखे फोड़े, मिठाइयां बांटी और गरिमा गृह के परिसर में दीप दीप जलाकर राज्य की खुशियों के लिए प्रार्थना की. समुदाय की रानी शेट्टी कहती है कि किसी भी त्योहार के बारे में सबसे अच्छी बात ,जो सबसे आकर्षक लगता है वह यह है कि या धर्म, जातियता और सभी बंधनों को पार करता है चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो । आगे किरण बताती है की धूमधाम से मनाई जाने वाली दिवाली को रोशनी का त्योहार के रूप में

    जाना जाता है धीरे-धीरे हमारे खूबसूरत देश का हर कोना रोशनी से जगमगाता है दीयों से, आसमान में पटाखों की चमक के साथ और सबसे तेज मुस्कान के साथ और कहती है सभी बुराई आतंक में पृथ्वी से भाग जाती है आखिर कौन सी बुराई खुशी की आवाज का विरोध कर सकती है !मनीषा अपना अनुभव साझा करती है और कहती है दिवाली के आगमन के साथ एक विस्फोट होता है शुद्ध आनंद का, प्रेम का, पारिवारिक बंधनों का, मित्रता का पुराना और नया , हर पल खास हो जाता है चाहे वह घर की सफाई ,खरीदारी या सजाने की पूरी प्रक्रिया हो अच्छाई के इस त्यौहार को मनाने के लिए । हर कोई एक साथ आता है कभी-कभी दुनिया के अलग-अलग कोनों से। सभी तृतीय लिंग समुदाय के सदस्यों ने सबके लिए मंगल कामना की ,सब के जीवन से अंधकार दूर हो जाए इसके लिए प्रार्थना की , सबके जीवन में रोशनी और खुशियां ही खुशियां आए ये दुआ की । इस उत्सव में छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से भी तृतीय लिंग समाज के लोग शामिल हुए ।

  • नाटक के लिए तीन चीजें जरूरी हैं : ट्रेनिंग, अभ्यास एवं डिसीप्लेन – तनवीर अख्तर

    नाटक के लिए तीन चीजें जरूरी हैं : ट्रेनिंग, अभ्यास एवं डिसीप्लेन – तनवीर अख्तर

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    अलवर। भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा),अलवर द्वारा प्रसिद्ध अभिनेता एवं इप्टा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ए. के.हंगल के 10वें स्मृति दिवस पर 26 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘ए. के.हंगल और अभिनय में सृजन’ था।

    कार्यक्रम को दो भागों में आयोजित किया गया। प्रथम भाग में, इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह का निधन 23 अगस्त को हो गया था। यह कार्यक्रम उन्हीं को समर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। जिसमें इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला।

    दूसरे भाग में शुरुआत में अलवर इप्टा के पूर्व महासचिव राजेश भारद्वाज ने अतिथियों एवं वेबिनार में पूरे भारत से जुड़े प्रबुद्ध जनों का स्वागत किया।
    विषय प्रवर्तन करते हुए राष्ट्रीय इप्टा के उपाध्यक्ष तनवीर अख्तर ने कहा कि नाटक के लिए तीन चीजें जरूरी हैं:- ट्रेनिंग, अभ्यास एवं डिसीप्लेन। इन तीन बातों का जो अभिनेता अनुसरण करेगा, वही सृजनात्मक हो सकेगा।

    मुंबई से प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व निर्माता रमेश तलवार ने ए.के.हंगल के साथ की गई फिल्मों, नाटक तथा उनकी सोच – शख्सियत के विषय में विस्तार से चर्चा की। नाटक पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नाटक को रिएक्शनरी नहीं होना चाहिए।
    मुंबई इप्टा की अध्यक्षा एवं ख्यातनाम अभिनेत्री ‘ये जो है ज़िंदगी’, ‘ससुराल गेंदा फूल’ में अभिनय करने वाली सुलभा आर्या ने कहा कि उनका और हंगल साहब का साथ 50 साल तक रहा। उन्होंने हंगल साहब से सीखा कि ‘अभिनय सिर्फ़ अभिनय नहीं है, उस करैक्टर को जीना है।’ उन्होंने अभिनय के साथ-साथ सोशल अवेयरनेस की भी बात की।

    ‘वागले की दुनिया’ सीरियल से प्रसिद्धि पाने वाले मशहूर अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, मुंबई ने हंगल साहब के साथ फिल्म और नाटक के रिहर्सल करते समय के संस्मरण सुनाए और कहा कि एक्टर को सोशल, विचारों को आदान प्रदान करने वाला तथा समय की पाबंदी रखने वाला होना चाहिए।

    मुंबई इप्टा के महासचिव एवं ‘ओम शांति ओम’, ‘कहानी’ आदि फिल्मों में अभिनय करने वाले मशहूर अभिनेता मसूद अख्तर ने हंगल साहब को याद करते हुए कहा कि हंगल साहब आज हमारे बीच नहीं है, परंतु उनकी यादें, हिदायतें एवं विचार आज भी जिंदा है।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय इप्टा के महासचिव राकेश ने कहा कि नाटक साझी संस्कृति और साझी विरासत को जोड़ने एवं संजोने का काम करता है। जीवन को बहुत से नजदीक देखने वाला कलाकार ही अच्छा अभिनय कर सकता है।

    इस कार्यक्रम की खास उपलब्धि यह रही कि कई श्रोताओं ने प्रश्न पूछे, जिनके रमेश तलवार ने जवाब दिए।
    कार्यक्रम का संचालन अलवर इप्टा की महासचिव डॉ. सर्वेश जैन ने किया। अंत में अलवर इप्टा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार का तकनीकी पक्ष कादंबरी, कार्तिक एवं स्वाति ने संभाला।

  • दीपावली मिलन समारोह संपन्न मिलन समारोह में हर वर्ग के लोग हुए शामिल

    दीपावली मिलन समारोह संपन्न मिलन समारोह में हर वर्ग के लोग हुए शामिल

    रायपुर 2 नवंबर 2022/
    रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल के द्वारा दीपावली मिलन समारोह का आयोजन 29 अक्टूबर शनिवार को शाम 5:00 बजे से महिला समृद्धि बाजार, पुरानी बस्ती में किया गया है । दिवाली मिलन समारोह में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता ,विभिन्न समाजसेवी संगठनों के प्रमुख एवं मीडिया के साथी भी शामिल हुए ।


    कन्हैया फैंस क्लब के राजेश त्रिवेदी ने उक्त आशय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर पर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं, नागरिकों के साथ ही शहर के विशिष्ट जनो, प्रदेश के विभिन्न निगम , मंडल,आयोग के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति प्रदान कर एक दूसरे को दीपावली की बधाई दी ।
    मिलन समारोह में रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के निर्वाचित मनोनीत पदाधिकारियों का सम्मान भी किया गया । युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ,महामंत्री कोमल अग्रवाल, रायपुर दक्षिण विधानसभा के अध्यक्ष समीर भट्ट, महासचिव मोहम्मद सिद्दीक, रायपुर जिला महासचिव राहुल तिवारी, प्रदेश महासचिव मोहम्मद शानू रजा, एनएसयूआई के भूपेंद्र साहू ,राजिक खान ,देव निर्मलकर ,प्रदेश महासचिव एनएसयूआई बब्बी सोनकर ,तुषार पांडे सहित अन्य पदाधिकारियों को शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया । अतिथियों के लिए स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की व्यवस्था की गई थी । श्री अग्रवाल ने सभी सम्मानित जनों का दीपावली मिलन समारोह में पधारने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया ।

  • संविदा कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव में भी नहीं मिला नियमितीकरण का सौगात कर्मचारियों में काफी निराशा

    संविदा कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव में भी नहीं मिला नियमितीकरण का सौगात कर्मचारियों में काफी निराशा

    रायपुर 2 नवंबर 2022/

    बेमेतरा:- छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों एवं मंडलों में कार्यरत अनियमित/ संविदा कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव में भी निराशा हाथ लगी हमारे प्रदेश के बहुत ही लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय भूपेश बघेल जी के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न विभागों में वर्तमान में कार्य कर रहे संविदा आधार पर सभी कर्मियों को लगभग 45000 संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा 1 नवंबर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नियमितीकरण का बहुत ही आशा थी किंतु 1 नवंबर छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव के मुख्य कार्यक्रम में भी संविदा कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री के द्वारा किसी भी प्रकार की नियमितीकरण संबंधी घोषणा नहीं होने से बहुत ही निराश हुए हैं ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार के घोषणा पत्र में बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में स्पष्ट लिखा हुआ है की सभी समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जाएगा साथ ही समय-समय पर कांग्रेश के वरिष्ठ नेता एवं मंत्रियों द्वारा सार्वजनिक मंच पर साथ ही फेसबुक एवं ट्विटर पर बोला जा रहा है कि बहुत ही जल्दी छत्तीसगढ़ शासन के सभी विभागों में योजना परियोजना में निगम मंडल में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जाएगा इसी आस में सभी कर्मचारी नियमितीकरण तक का इंतजार कर रहे हैं ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी कांग्रेस की सरकार वाले राज्य राजस्थान उड़ीसा बिहार पंजाब जैसे राज्यों में संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण का तोहफा दिया जा चुका है छत्तीसगढ़ सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री एवं बहुत ही संवेदनशील एवं कार्य कुशल के धनी मुख्यमंत्री हैं सभी संविदा कर्मचारियों का अपेक्षा है की कांग्रेश अपने घोषणा के अनुसार छत्तीसगढ़ में सर्व विभागों में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को आगामी बजट सत्र से पहले एवं शीतकालीन सत्र में नए वर्ष 2023 में संविदा कर्मियों को नियमितीकरण का तोहफा और सौगात देकर अपने वादा को पूर्ण करेंगे उपरोक्त जानकारी संजय तिवारी छ ग राज्य एड्स नियंत्रण कार्यक्रम प्रदेश अध्यक्ष, पूरन दास जिला संयोजक सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ जिला बेमेतरा एवं संगठन के पदाधिकारी द्वारा संयुक्त बयान जारी कर जानकारी दिया गया जिसमें प्रमुख रुप से हैं तेजराम साहू जिला प्रवक्ता, डॉ विपिन सोनी,एवं डॉ श्रद्धा शर्मा,मनीष शर्मा, डॉक्टर डोमन यादव, प्रमोद साहू, डॉक्टर निलेश देवांगन संयोजक सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ एवं समस्त कर्मचारी अधिकारी द्वारा दिया गया ।