कोलकाता 20 फरवरी, 2024 /
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में सत्ताधारी TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) के नेता शाहजहाँ शेख के गुंडों पर स्थानीय महिलाओं ने उत्पीड़न एवं यौन शोषण का आरोप लगाया। राशन घोटाले की जाँच के लिए पहुँचे ED अधिकारियों पर हमला कराने के बाद से ही शाहजहाँ शेख फरार है। पीड़ित महिलाओं की आवाज़ उठाने पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने ‘रिपब्लिक बांग्ला’ टीवी न्यूज़ चैनल के पत्रकार को लाइव कैमरे पर रिपोर्टिंग के दौरान ही गिरफ्तार कर लिया। मीडिया का गिरोह विशेष इस पर चुप है।
अब देश भर में पत्रकार सन्तु पान की गिरफ़्तारी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। ‘DD न्यूज़’ के पत्रकारों अशोक श्रीवास्तव और प्रखर श्रीवास्तव के अलावा कई अन्य संस्थानों के मीडियाकर्मी मंगलवार (20 फरवरी, 2024) को ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI)’ में जुटे और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने ‘ममता बनर्जी की तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘पत्रकार को रिहा करो’, ‘संदेशखाली का सच दिखाते रहेंगे’, ‘ना डरेंगे, ना झुकेंगे’ और ‘ममता दीदी, तानाशाही बंद करो’ लिखे हुए प्लाकार्ड्स ले रखे थे।
‘प्रेस क्लब, कोलकाता’ ने भी इस संबंध में बयान जारी किया है। संस्था ने कहा है कि पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर वो चिंतित है। साथ ही सन्तु पान को रिहा करने की माँग भी की। संस्था ने कहा कि पत्रकार के खिलाफ लगे आरोपों की जाँच हो, लेकिन अपना काम करते समय उसकी गिरफ़्तारी सही नहीं है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी पूछा है कि आखिर शाहजहाँ शेख कहाँ है? पश्चिम बंगाल के राज्यपाल CV आनंद बोस ने कहा कि मीडिया को दबाने का कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शनकारी बुद्धिजीवियों ने कहा कि अभी ये भूल जाने का वक्त है कि कौन किस खेमे में खड़ा है, सबको संदेशखाली पर बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई गुंडा किसी घर की सुंदर स्त्रियों को उठाए और पुलिस उसके साथ मिली हो, ये आतंक हमने सिर्फ आज तक फिल्मों में देखा है। उधर सन्तु पान को कस्टडी में भेज दिया गया है। बंगलुरु में भी इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा है कि ये गलत है।
संगठन ने ऐलान किया है कि रविवार (21 फरवरी, 2024) को न सिर्फ जंतर-मंतर से लेकर बंग भवन तक हेली रोड के माध्यम से मार्च निकाला जाएगा, बल्कि भारी विरोध प्रदर्शन भी होगा। ‘दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (DJA)’ भी पूरी तरह इसमें NUJI के साथ है। दोनों संगठनों ने कहा है कि मीडिया को दबा कर पश्चिम बंगाल में अघोषित आपातकाल लगाया जा रहा है। NUJI की 3 सदस्यीय जाँच कमिटी पश्चिम बंगाल जाएगी और इस प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।